कुंडली के दसवें भाव में सूर्य ग्रह करते हैं बुद्धि तथा प्रसिद्धि का संचार

सूर्य ग्रह

जन्म कुंडली के दसवें भाव में सूर्य ग्रह (Sun in 10th house): भूमिका   

जन्म कुंडली के दसवें भाव में सूर्य ग्रह का होना जातक के लिए अनुकूल परिणाम देता है। इसके शुभ प्रभाव से जातक, बुद्धिमान, विद्वान और प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं। ऐसे जातकों का आत्मविश्वास बहुत मजबूत होता है। इन जातकों को अपने कार्यक्षेत्र में भी बड़ी सफलता मिलती है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कुंडली के दसवें भाव को ‘कर्म’ भाव के रूप में जाना जाता है। यह जातक के द्वारा किए जाने वाले कार्य और पेशे से संबंधित होता है। कुंडली में दसवें भाव का जांचने पर जातक के जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं और उससे जुड़े सवालों के जवाब मिलते हैं, जैसे कि ये जातक अपने कार्य में कैसे होते हैं ; चाहे  एक नौकरी करने वाले हों या व्यवसाय , इसके साथ ही वें अपने कार्य में कितने सफल होंगे। 

इसके साथ ही, कुंडली का दसवां भाव जातक की धन कमाने के मार्गों की क्षमताओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है। ज्योतिष के अनुसार कुंडली के दसवें भाव यानी लाभ के इस भाव में सूर्य का प्रभाव जातक के लिए अच्छे ग्रहों के प्रभावों में से एक माना जाता है, और कुछ स्थितियों में, यह जातक को प्रसिद्धि, सम्मान और बड़ी सफलता दिला सकती है।

मंगल भवन’ के अनुभवी तथा ज्योतिष शास्त्र में विशेषज्ञ आचार्य श्री शुभम जी जोशी ने हमें इस लेख में कुंडली के दसवें भाव में सूर्य ग्रह की उपस्थिति से होने वाले शुभ व अशुभ प्रभावों का वर्णन तथा कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है जो कि प्रभावित जातक के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होगी- तो आइए अब इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते है-

दसवें भाव में सूर्य ग्रह 

  • सकारात्मक प्रभाव

ज्योतिष की गणना में, कुंडली के दसवें भाव में सूर्य की उपस्थिति से जातक अत्यधिक सफल पेशेवर हो सकते हैं। दसवें भाव में सूर्य के प्रभाव के कारण इन जातकों की बुद्धि बहुत तीव्र होती है और ये जातक अपने कार्य में सफलता हासिल करते हैं। सूर्य ग्रह इन जातकों को उच्च शीर्ष पर रहने का इच्छुक बनता है और ये जातक इन उच्चाईयों को प्राप्त करने हेतु कड़ी मेहनत भी करते हैं। इसके साथ ही इन लोगों के, अपने निर्धारित किए हुए लक्ष्यों और महत्वाकांक्षाओं में सफल होने की अधिक संभावना भी होती है। ऐसे जातक सदैव अपने और अपने परिवार के लिए उच्च जीवन शैली का चुनाव करते हैं।

इसके साथ ही, ऐसे जातक अपनी सफलता और अनुभव को अपने किसी बहुत करीब या खास व्यक्ति के साथ साझा करते हैं। ऐसे जातकों को अपने मित्र के रूप में एक सही साथी की आवश्यकता होती हैं। दसवें भाव में सूर्य से प्रभावित जातक यह भी चाहते हैं कि उनके साथी भी उच्च लक्ष्य और हर परिस्थिति में सफलता हेतु सक्षम होने चाहिए। दसवें भाव में सूर्य की स्थिति से जातक बहुत गतिशील और हमेशा उच्च लक्ष्यों हेतु प्रगतिशील होते है।

ऐसे जातक अपने के लिए उन्मुख होते हैं परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि ये अपने पारिवारिक जीवन की उपेक्षा करते हैं बल्कि इसके विपरीत, ये अपने परिवार को बहुत अधिक महत्व देते हैं। ज्योतिष के अनुसार कुंडली के दसवें भाव में सूर्य की उपस्थिति के कारण वास्तव में, ये जातक अपनी संतान को अपनी बनाई हुई विरासत पर स्थापित करना चाहते हैं, ताकि उनकी, अपनी संतान के साथ एक अच्छी बॉन्डिंग हो।

दसवें भाव में सूर्य के प्रभाव से इन जातकों में नेतृत्व गुण और प्रबंधकीय क्षमताएं अधिक विकसित होती हैं। ये अपनी टीम को भी सफलता और गौरव दिलाने वाले होते हैं। इस भाव में सूर्य से प्रभावित जातक किसी पेशेवर विकास में पर्याप्त अवसर प्राप्त करते हैं। इसके साथ ही समय और परिस्थिति यह भी तय करेंगी कि वे इन संभावनाओं को पूरा करने में सक्षम हैं भी या नहीं।

इस भाव में सूर्य इन जातकों को सहनशील बनाता है और इनके अंदर एक बहुत बड़ी सहनशक्ति होती है, जो जीवन के विविध और कठिन क्षेत्रों में मदद करती है। ज्यादातर अपने करियर और व्यावसायिक  लक्ष्यों को अग्रसर करने के लिए ये जातक अपने उच्च ऊर्जा स्तर का उपयोग, रचनात्मक और उत्पादक गतिविधियों में करते हैं। ऐसे जातक अपने व्यावसायिक उद्देश्यों को पूरा करने और सफलता प्राप्त करने के लिए अपने सुखों और सुविधाओं का भी त्याग करने में पीछे नहीं हटते हैं।

  • नकारात्मक प्रभाव

ज्योतिष के अनुसार कुंडली के दसवें भाव में सूर्य से प्रभावित जातकों को सर्वप्रथम यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उनका अहंकार उनके व्यवसाय या काम के रास्ते में न आए। विशेषकर तब, जब वें  अपने कार्यस्थल पर दूसरों के साथ काम कर रहे हो, तो यह बहुत कठिन होता है। उनकी स्वयं की राय अच्छी या बहुत अच्छी हो सकती है, लेकिन इसका अर्थ यह बिल्कुल भी नहीं होता है कि, दूसरों के विचार और राय गलत हों। ऐसे जातकों का यदि इनमें अहंकार की भावना बढ़ जाए तो यह इनकी सफलता में बाधक हो सकता है। इन्हें अपने पारस्परिक समस्याओं की अपेक्षा अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना की आवश्यकता है। 

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दसवें भाव में सूर्य ग्रह का आमदनी तथा आय के मार्ग पर प्रभाव  

कुंडली में दसवें भाव में विशेष रूप से जातक की आमदनी और धन कमाने के तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त कि जाती है। दसवें भाव में  सूर्य का यह स्थान जातक को सरकारी नौकरी भी दे सकता है। सूर्य के आशीर्वाद से इन जातकों को सरकार से संबंधित कार्यों में उच्च अधिकार प्राप्त होंगे। जब सूर्य अपनी स्वयं की राशि सिंह में उच्च स्थान का होता है, तो परिणाम और भी अधिक प्रभावित हो सकता है। दसवें भाव में सूर्य जातक को सामाजिक कार्यों, संचार और उपलब्धियों के लिए असीमित लोकप्रियता दिलाने वाली होती है। 

सूर्य ग्रह
  • निष्कर्ष

निष्कर्ष के तौर पर हम कह सकते हैं कि, ऐसे लोग का करियर अनुकूलता लिए होता है। इनके अपने स्वयं के व्यवसाय में श्रेष्ठ फल की संभावना होती है। इसके साथ ही ये अपने परिवार के सदस्यों का पर्याप्त ध्यान रखते हैं। वास्तव में, ऐसे जातक अपनी सफलता और अनुभवों को अपने परिवार और  विशेष रूप से अपने जीवन साथी के साथ साझा करते हैं। इन जातकों की अपनी संतान के साथ एक अच्छी बॉन्डिंग होने की संभावना होती है। ज्योतिष की सलाह में अपने कार्यस्थल पर उनको दूसरों के विचारों और मतों को भी महत्व देने और समझने की आवश्यकता  पर ध्यान देना चाहिए।

Must Read: कुंडली के अन्य भाव में सूर्य ग्रह के प्रभाव

सूर्य ग्रह प्रथम भाव में बढ़ाएगा आत्मविश्वासकुंडली में दूसरे भाव का सूर्य देगा धन-संपत्ति
कुंडली के तीसरे भाव का सूर्य ग्रहचौथे भाव में सूर्य की शुभ स्थिति
कुंडली के पांचवे भाव में सूर्यकुंडली में छठे भाव में सूर्य ग्रह की भूमिका
कुंडली के सातवें भाव में सूर्य ग्रहकुंडली के आठवें भाव में सूर्य करेंगे संवेदनशील
नौवें भाव में सूर्य ग्रह देते हैं आदर सत्कार
कुंडली के ग्यारहवें भाव में सूर्य ग्रह का प्रभावकुंडली के बारहवें भाव में सूर्य ग्रह

सूर्य ग्रह दसवें भाव से संबंधित कुछ सवाल तथा उनके जवाब – FAQ


Q- कुंडली में दसवें भाव के सूर्य का क्या अर्थ होता है?

An-कुंडली के दसवें भाव सूर्य वाले जातकों में नेतृत्व के गुण और प्रबंधकीय क्षमता श्रेष्ठ होती है। ये अपनी टीम को भी सफलता और गौरव दिलाने वाले होते हैं। इस भाव में सूर्य से प्रभावित जातक किसी पेशेवर विकास में पर्याप्त अवसर प्राप्त करते हैं।

Q- क्या, कुंडली के दसवें भाव में सूर्य ग्रह जातक को कोई बीमारी दे सकता है?

An-कुंडली के दसवें भाव का सूर्य ग्रह जातक को कोई गंभीर बीमारी नहीं देता है।

Q- दसवें भाव में स्वामी ग्रह कौन होते हैं?

An-दसवें भाव का स्वामी ग्रह शनि होता है और कारक भी शनि है।

Q- कुंडली का दसवां भाव खाली हो तो क्या होता है?

An-दसवां भाव खाली होने पर ऐसे जातक, आशातीत रूप से पद-प्रतिष्ठा प्राप्त नहीं कर पाता है। ऐसे जातक को बार-बार कर्ज लेने की नौबत आती है और चुका नहीं पाने के कारण कर्ज में डूबता जाता है।

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