Sun in 3rd house | कुंडली के तीसरे भाव का सूर्य ग्रह लाएंगे स्वभाव में चंचलता

सूर्य ग्रह

Sun in 3rd house

कुंडली के तीसरे भाव में सूर्य ग्रह: महत्व 

वैदिक ज्योतिष की गणना के अनुसार, कुंडली का तीसरा यानी तृतीय भाव जातक की सहजता को संदर्भित करता है। इस भाव में संचार और पत्रकार के सभी नियमों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इस भाव में हमारा दूसरों के साथ कैसे जुड़ना और विचारों का आदान-प्रदान कैसे करना है यह निहित होता है। कुंडली में इस भाव का शासन टेलीफोन, मीडिया, टीवी, रेडियो, डाक, सोशल मीडिया, टेलीग्राफ़ी, आदि जैसे संचार के विभिन्न तरीकों पर होता है। इस भाव में सूर्य ग्रह की उपस्थिति से जातक का स्वभाव बातूनी होता है। कुंडली के तीसरे भाव में सूर्य ग्रह से प्रभावित जातक यात्रा करना बहुत पसंद करते हैं, जिससे उन्हें संतुष्टि और तृप्ति भी मिलती है।

ज्योतिष विशेषज्ञ आचार्य श्री शुभम जी जोशी ने हमें इस लेख के अंतर्गत कुंडली के तीसरे भाव में सूर्य ग्रह की भूमिका का वर्णन तथा कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है जो कि प्रभावित जातक के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी- तो आइए अब इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते है-

तीसरे भाव में सूर्य ग्रह से प्रभावित क्षेत्र

  • व्यापार/व्यवसाय
  • दूसरों के प्रति नजरिया 
  • उच्च शिक्षा और सीखना 
  • स्वयं के प्रति भाव और दृष्टिकोण

तीसरे भाव में सूर्य ग्रह के शुभ प्रभाव

आइए, अब सूर्य ग्रह के तीसरे भाव में शुभ प्रभावों की बात करते हैं जिनमें ऐसे जातकों के व्यक्तित्व की मुख्य विशेषता यह होती है कि ये निःस्वार्थ स्वभाव के होते हैं होती है और सभी की मदद करते हैं। जो इनमें जन्म से ही होती है। ऐसे जातकों के अंदर यह बहुत स्वाभाविक रूप से होता है। इसके साथ ही, ऐसे जातक अपने परिवार तथा अपने मित्रों के बहुत खास और करीब होते हैं। ये उनकी सहायता के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। तीसरे भाव में सूर्य से प्रभावित जातक का मस्तिष्क बहुत विकसित और तीव्र होता है। इनकी बौद्धिक क्षमता भी बहुत तेज तथा महत्वाकांक्षा उच्च होती हैं। इन जातकों की मजबूत दृढ़ इच्छाशक्ति भी अत्यधिक संपन्न होती हैं, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनाती है। 

तीसरे भाव में यदि सूर्य ग्रह शुभ प्रभाव देने वाले हो तो ऐसे जातक सभी बाधाओं और समस्याओं के चलते भी आगे बढ़ते रहते हैं। ये जातक अपने विचारों और पसंद के मामलों में भी बहुत स्पष्ट होते हैं और उनकी यही स्पष्टता इनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है। ये जो कुछ भी चाहते हैं उसे हासिल करना भी इन्हें भली-भांति आता है। इसके साथ ही जिन जातकों की कुंडली में सूर्य तीसरे भाव में सूर्य स्थित होता है, वे ज्ञान और बुद्धिमत्ता को बहुत प्राथमिकता देते हैं। 

तीसरे भाव में सूर्य की उपस्थिति से प्रभावित जातक सदैव नई चीजें सीखने और प्रयोग करने के लिए प्रयासरत रहते हैं। साथ ही ऐसे जातकों का अलग-अलग स्थानों और संसार को, देखने का एक अलग दृष्टिकोण होता है हालांकि इन्हें घूमना और अलग-अलग विचारों को खोजने में रूचि होती है। तीसरे भाव में सूर्य की स्थिति में जातक गणित और विज्ञान के बजाय नाटक और कला प्रदर्शन के प्रति अधिक झुकाव रखते हैं। इसलिए, उनके जीवन के प्रति व्यावहारिक पहलुओं को देखने का नजरिया भी अलग होता है।

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तीसरे भाव सूर्य ग्रह के अशुभ प्रभाव

तीसरे भाव में जहां सूर्य ग्रह शुभ प्रभाव देते हैं वहीं कुछ अशुभ प्रभाव भी देते हैं जिससे उन्हें सावधान रहने की आवश्यकता है। ज्योतिष के अनुसार ऐसे जातकों की बौद्धिक क्षमता तो बहुत अच्छी होती है, लेकिन उन्हें अत्यधिक घमंड और अधीरता से बचना चाहिए। उनकी यह विशेषता होती है कि, उन्हें लगता है कि वे हमेशा सही होते हैं। ये जातक उनके और उनके आसपास के लोगों के बीच ग़लतफ़हमियाँ पैदा कर सकते है। वे हमेशा उन लोगों के साथ सहज संबंध नहीं रख पाते हैं, जो उनके करीब होते हैं।

तीसरे भाव में सूर्य की उपस्थिति से जातक दूसरों की सहायता के कारण कोई भी संकट में आ सकते हैं। जिसे कुछ लोग हस्तक्षेप के रूप में देख सकते है इसलिए उन्हें सावधान रहने की आवश्यकता है। दूसरों की मदद करने का सबसे अच्छा उपाय है कि जब आवश्यक हो तब ही मदद करें। तीसरे भाव में स्थित सूर्य के अशुभ प्रभाव के कारण जातकों को अपनी शैक्षिक योग्यता और बौद्धिक क्षमताओं को प्रदर्शित करते समय सतर्क रहने की आवश्यकता है और इसे दिखावे के रूप में प्रदर्शित न करें। अगर वे इस पक्ष पर ध्यान नहीं देते हैं, तो इससे उनकी प्रतिष्ठा को हानि उठानी पड़ सकती है।

तीसरे भाव में सूर्य ग्रह का करियर तथा वैवाहिक जीवन पर प्रभाव 

  • करियर

ज्योतिष की दृष्टि में तीसरे भाव में सूर्य के प्रभाव के कारण ऐसे जातक प्राधिकारी वर्ग, सरकार से सम्मान, प्रशंसा या प्रधानता हासिल कर सकते हैं। सूर्य के शुभ प्रभाव से ये जातक किसी सरकारी या प्रशासनिक सेवा में नौकरी और लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही तीसरे भाव में सूर्य से प्रभावित जातक बहुत साहसी होते हैं और अपने जीवन में आने वाले कष्टों को बहुत ही धैर्यपूर्वक व समझदारी से सुलझाने का प्रयास करते हैं। ये जातक अपने कार्य के प्रति समर्पित और अनुशासित होने के कारण सैन्य-सेवा में भी सम्मिलित हो सकते हैं।

सूर्य ग्रह
कुंडली के तीसरे भाव का सूर्य ग्रह
  • वैवाहिक जीवन

तीसरे भाव में सूर्य के प्रभाव के कारण ये जातक अपने विवाह के बाद अधिक धार्मिक आचरण को अपना लेते हैं। उनका भाग्योदय विवाह के बाद होने के कारण उन्हें अपने जीवन सभी प्रकार के भौतिक व सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा सूर्य की उपस्थिति जातक के संतान पक्ष के लिए भी बहुत शुभ मानी जाती है। तीसरे भाव में सूर्य के प्रभाव के कारण जातक अपने संबंधों के प्रति निष्ठावान तथा विश्वसनीयता का भाव रखने वाले होते हैं।

  • निष्कर्ष

ज्योतिष में चूँकि तीसरा भाव संचार तथा विचारों का भाव माना जाता है  इसलिए, जब सूर्य ग्रह इस भाव में विराजमान होता है, तो जातक बहुत बातूनी और स्पष्टवादी स्वभाव का हो जाता है। कभी-कभी, ये लोग कुछ ऐसा भी कह जाते है, जो दूसरों को अच्छा न लगे और यह उनके लिए कष्टकारी भी हो सकता है। इस प्रकार,ज्योतिष की सलाह में उन्हें इन मामले में सावधान रहने की आवश्यकता है।

Must Read: कुंडली के अन्य भाव में सूर्य ग्रह के प्रभाव

सूर्य ग्रह प्रथम भाव में बढ़ाएगा आत्मविश्वासकुंडली में दूसरे भाव का सूर्य देगा धन-संपत्ति
चौथे भाव में सूर्य की शुभ स्थिति
कुंडली के पांचवे भाव में सूर्यकुंडली में छठे भाव में सूर्य ग्रह की भूमिका
कुंडली के सातवें भाव में सूर्य ग्रहकुंडली के आठवें भाव में सूर्य करेंगे संवेदनशील
नौवें भाव में सूर्य ग्रह देते हैं आदर सत्कारदसवें भाव में सूर्य ग्रह करते हैं बुद्धि तथा प्रसिद्धि का संचार
कुंडली के ग्यारहवें भाव में सूर्य ग्रह का प्रभावकुंडली के बारहवें भाव में सूर्य ग्रह

सूर्य ग्रह तीसरे भाव से संबंधित कुछ सवाल तथा उनके जवाब – FAQ


Q- तीसरे भाव में सूर्य ग्रह का क्या फल होता है?

An- तीसरे भाव में सूर्य से प्रभावित जातक विवाह के बाद अधिक धर्मार्थ हो जाते हैं। विवाह के बाद इनके भाग्य में वृद्धि होने के कारण, वाहन जैसे विलासिता के सुख-साधन और शांति प्रदान करता है।

Q- कुंडली में तीसरे भाव का स्वामी कौन होता है?

An- कुंडली में  तीसरे भाव का स्वामी ग्रह बुध होता है और कारक ग्रह मंगल है।

Q- क्या, कुंडली में तीसरे भाव का सूर्य संतान पक्ष के लिए अच्छा होता है?

An- हां, कुंडली में तीसरे भाव का सूर्य संतान पक्ष के लिए अच्छा होता है।

Q- तीसरे भाव का सूर्य जातक के करियर हेतु कैसा होता है?

An- तीसरे भाव में सूर्य ग्रह के होने से जातक का करियर किसी प्रशासनिक सेवा में कार्यरत हो सकता है।

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