Virgo Yearly Horoscope 2025 | कन्या राशि वार्षिक राशिफल 2025, जीवन के महत्वपूर्ण संयोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कन्या राशिफल 2025 के मुताबिक, यह कन्या राशि के लिए व्यापार\व्यवसाय में कोई महत्वपूर्ण अनुबंध मिलने की संभावना की ओर संकेत दे रहा है
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कन्या राशिफल 2025 के मुताबिक, यह कन्या राशि के लिए व्यापार\व्यवसाय में कोई महत्वपूर्ण अनुबंध मिलने की संभावना की ओर संकेत दे रहा है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, साल 2025 में शनि ग्रह की अनुकूल दृष्टि से मकर राशि के जातकों को अपनी मेहनत के अनुसार श्रेष्ठ परिणाम प्राप्त होंगे।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, वृश्चिक राशिफल 2025 की गणना में, वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह साल किसी वरदान से कम नहीं होगा। साथ ही, इस राशि के जातकों के जीवन में सभी काम बनने के योग दिखाई दे रहे हैं। क्योंकि, साल 2025 में,
राशि चक्र में इस राशि को सबसे अलग होने की संज्ञा प्राप्त है। इस राशि का प्रतीक चिन्ह एक तराजू के जैसा है, जो, पूर्णता, सुंदरता और संतुलन को इंगित करता है
सिंह राशिफल 2025 की गणना में, सिंह राशि के जातकों के लिए यह आने वाला साल बहुत ही अच्छा रहने वाला है। उनके जीवन में नए परिवर्तनों के साथ नयी सफलता
सनातन धर्म में छठ पूजा और महापर्व का विशेष महत्व है। इस पर्व को सभी बहुत ही उत्साह के साथ मनाते हैं। यह व्रत मुख्य रूप से सूर्य देव और छठी माता की पूजा-अर्चना का पर्व है, जो कि, माताओं द्वारा संतान की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए विधि पूर्वक किया जाता है
हिंदू धर्म में, करवा चौथ का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है! यह पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण पर्व होता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और सुखी-संपन्न वैवाहिक जीवन की कामना करते हुए उनके लिए निर्जला व्रत करती हैं
प्रतिवर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन दीपावली का पावन पर्व मनाया जाता है। दिवाली के इस पवित्र दिन पर माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश जी का पूजन किया जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं दिवाली के शुभ अवसर पर माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा क्यों की
ज्योतिष शास्त्र में, बुध ग्रह को जातक के संचार कौशल, विचारशीलता, तर्क वितर्क, क्षमताओं और बुद्धि, वाणी का कारक माना जाता है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्म कुंडली का पांचवा भाव संतान और ज्ञान का भाव कहलाता है। इसके साथ ही, यह भाव बात को ग्रहण करने की मानसिक स्थिति को भी दर्शाता है! यानी जातक किस प्रकार किसी विषय के बारे में जानने की रुचि रखते हैं।