सूर्य ग्रहण,तथा सूर्य ग्रह से संबंधित समाधान

Surya Grahan

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सूर्य ग्रहण

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य और राहु जातक की कुंडली के किसी भाव में एक साथ आते हैं तो ‘सूर्य ग्रहण’ योग का निर्माण करते हैं। किसी भी जातक की जन्म कुंडली में सूर्य ग्रहण दोष या सूर्य ग्रहण योग एक बहुत ही हानिकारक प्रभाव का करक होता है, यानी किसी भी जातक की कुंडली में जब राहु किसी भी ग्रह के साथ विराजमान होता  है; जैसे  उदाहरण के लिए, यदि राहु चंद्रमा के साथ बैठा है तो “राहु चंद्रमा या चंद्र ग्रहण दोष” कहलाता है।

ज्योतिष शास्त्र में सौरमंडल के सभी ग्रहों में सूर्य ग्रह को राजा की उपाधि दी गई है। सूर्य के प्रभाव से जातक मान-प्रतिष्ठा एवं सफलता प्राप्त करता है। जातक की कुंडली में सूर्य ग्रह सरकारी पद एवं विभिन्न क्षेत्रों में उच्च सेवा का कारक ग्रह माना गया है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार जन्म कुंडली में सूर्य की शुभ स्थिति जातक के जीवन में उन्नति लेकर आती है इसके विपरीत सूर्य की अशुभ स्थिति के प्रभाव से जातक के मान-सम्मान की हानि,  पितृ पक्ष को कष्ट,  उच्च पद प्राप्ति में बाधा,  ह्रदय और नेत्र संबंधी रोग होते हैं। 

हमारे विद्वान ज्योतिषियों ने सूर्य ग्रह की शांति एवं सूर्य देव को प्रसन्न करने हेतु अनेक उपायों को बताया गया है। जैसे- सूर्य मंत्र, सूर्य यंत्र और सूर्य नमस्कार सहित अनेक सुझाव जिनको करने से लाभ प्राप्त होता है। प्रतिदिन स्नान आदि से निवृत एवं शुद्ध होकर नियमित रूप से सूर्य मंत्र का जाप करने और सूर्य नमस्कार करने से जातक में एक विशेष सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

Surya Grahan

सूर्य ग्रह से संबंधित कुछ विशेष उपाय: 

पोषक एवं जीवन शैली से जुड़े सूर्य ग्रह शांति के उपाय

  • जातक के लिए लाल और केसरिया रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होगा।
  • अपने पिता जी, शासकीय एवं उच्च अफसरों का सम्मान करें।
  • सूर्योदय पूर्व उठकर, अपनी नग्न आँखों से उगते हुए सूर्य के दर्शन करने से विशेष लाभ होगा।

प्रातः काल किए जाने वाले सूर्य शांति के उपाय

  • भगवान विष्णु के मंदिर या घर पर ही विधि-विधान से सेवा करे।
  •  प्रतिदिन सुबह के समय सूर्य देव को जल अर्पित करें एवं सूर्य देव को नमस्कार करें।
  •  प्रातः समय अपने नजदीकी राम मंदिर जाकर भगवान राम की उपासना करें।
  •  शक्तिशाली आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।

सूर्य देव के लिये पूजा एवं व्रत

शास्त्रों में सप्ताह का रविवार वाला दिन सूर्य देव को समर्पित है। अतः जातक सूर्य को प्रसन्न करने हेतु रविवार का व्रत धारण कर सकते हैं। सूर्य देव के पूजन हेतु जातक सुबह स्नान कर सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें सकते हैं। इस जल में लाल रोली, लाल फूल मिलकर सूर्य भगवान को अर्पित करें।

सूर्य शांति हेतु दिए जाने वाले दान

ज्योतिष में सूर्य देव को अर्पित वस्तुएं जैसे तांबा, गेहूं, मसूर दाल, गुड़ लाल फूल, माणिक्य रत्न और लाल चंदन का दान करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इन वस्तुओं के दान से जातक को धन हानि नहीं होगी और साथ ही जातक स्वस्थ एवं रोग मुक्त रहता है। इन वस्तुओं का दान जातक को प्रातः 10 बजे के पूर्व रविवार वाले दिन सूर्य के शुभ नक्षत्रों में (उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, कृतिका ) में करना श्रेष्ठ होता है।   

सूर्य ग्रह से सम्बंधित रत्न

 ज्योतिष में सूर्य ग्रह के लिए जातक, रूबी माणिक्य को शुभ घड़ी तथा विधि से धारण कर सकता है। यदि किसी जातक की सूर्य राशि सिंह है तो, माणिक्य रत्न धारण करने से जातक को अवश्य लाभ होगा। 

सूर्य यंत्र

शास्त्रों में,  सूर्य यंत्र की विधि पूर्वक साधना-पूजा करने से कभी असफलता का सामना नहीं करना पड़ता। इस सूर्य यंत्र को रविवार वाले दिन सूर्य  के शुभ होरा एवं निश्चित नक्षत्र में शुभ चौघडिये में धारण करना चाहिए।

सूर्य हेतु जड़ी

 ज्योतिष शास्त्र में, सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने हेतु बेल की मूल को धारण करना शुभ होता है। इस जड़ को आप विधि पूर्वक पूजन के पश्चात् रविवार के दिन सूर्य देव के शुभ नक्षत्र में धारण करना चाहिए।

सूर्य हेतु रुद्राक्ष

सूर्य देव के लिए एक मुखी या बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक होता है। इसके प्रभाव से जातक के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। 

एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लिए मंत्र:

  • “ॐ ह्रीं नमः”
  • “ॐ ऐं हं श्रों ये।।”

तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने हेतु मंत्र:

  • “ॐ क्लीं नमः”।
  • “ॐ रें हूं ह्रीं हूं।।”

बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने हेतु मंत्र:

  • “ॐ क्रों श्रों रों नमः”
  • “ॐ ह्रीं श्रीं घृणि श्रीं।”

सूर्य मंत्र

  • “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः”
  • “ॐ घृणि सूर्याय नमः!” 

 सूर्य देव के पूजन के पश्चात् सूर्य के इन बीज मंत्र को 7000 बार जाप करने से जातक में सकारात्मकता का अनुभव होता है। कलयुग में इन मंत्रों के उच्चारण मात्र से सूर्य देव की प्राप्त की सकती है।

कुछ सवाल व उनके जवाब -FAQ

Q- वर्ष 2023 में सूर्य ग्रहण कब लगेगा?

An- वर्ष 2023 में सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर शनिवार को लगने वाला है।

Q- सूर्य ग्रहण का सूतक काल कितने समय का होता है?

An- ज्योतिष में सूतक काल सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पूर्व प्रारंभ हो जाता है।

Q- सूर्य ग्रहण के समय पूजा- पाठ करना चाहिए या नहीं?

An- नहीं ,सूर्य ग्रहण के समय पूजा-पाठ करना वर्जित माना जाता है; परन्तु आप मंत्रों का उच्चारण कर सकते हैं।

Q- ग्रहण के दौरान सूर्य को नग्न आँखों से देखा जा सकता है या नहीं?

An- नहीं, ग्रहण के दौरान सूर्य को नग्न आंखों से बिल्कुल भी नहीं देखना चाहिए। इससे आपकी आंखों की रेटिना पर बुरा प्रभाव होता है।

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