जानें, कुंडली के ग्यारहवें भाव में सूर्य ग्रह का प्रभाव कैसा होगा शुभ या अशुभ

सूर्य ग्रह

कुंडली के ग्यारहवें भाव में सूर्य (Sun in 11th house): महत्व    

ज्योतिष के अनुसार, यदि किसी जातक की जन्म कुंडली के ग्यारहवें भाव सूर्य ग्रह शुभ फल देने की स्थिति में हो तो, ऐसे जातक शाकाहारी और पुरे परिवार का मुखिया होते हैं। जातक के तीन पुत्र संतान होने साथ-साथ वह सरकार के माध्यम से लाभ प्राप्त करेगा। इसके अलावा ग्यारहवें भाव में बैठा सूर्य यदि शुभ नहीं है और चंद्रमा पांचवें भाव में है और साथ ही सूर्य पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि भी नही है तो वह जातक की आयु कम होती है।

कुंडली में ग्यारहवां भाव, जिसे ‘लाभ’  भाव भी कहा जाता है। यह भाव जातक की आय और लाभ का एक मजबूत संकेतक होता है। यह जातक की कमाई, लाभ, इच्छाएं और धन प्राप्ति के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इसके साथ जातक की इच्छाएं पूरी होंगी या नहीं, इसका फैसला भी कुंडली के इस भाव में द्वारा ही किया जाता है ज्योतिष के अनुसार ग्यारहवें भाव सामाजिक गतिविधियों में जातक की रूचि को संदर्भित करता है। यह तय करता है कि समाज या दूसरी जगह आपके शुभचिंतक होंगे या नहीं। 

यदि किसी जातक की कुंडली के ग्यारहवें भाव में सूर्य ग्रह विराजमान होते हैं, तो इसका अर्त्ढ़ यह है कि ऐसे जातक अपने सपनों को साकार करने हेतु सक्षम होते हैं, जिसमें इन्हें मित्रों का भी साथ मिलता है।

इसके अलावा ग्रहों की शुभ व अशुभ स्थति के कारण भी जातक के जीवन में उतार-चड़ाव आते रहते हैं। 

ज्योतिष विशेषज्ञ आचार्य श्री शुभम जी जोशी ने हमें इस लेख में कुंडली के ग्यारहवें भाव में सूर्य ग्रह की उपस्थिति से होने वाले प्रभावों का वर्णन तथा कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है जो कि प्रभावित जातक के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होगी- तो आइए अब इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते है-

ग्यारहवें भाव में सूर्य ग्रह के कारण प्रभावित क्षेत्र

  • पारिवारिक संबंध
  • धन तथा आर्थिक स्थिति 
  • दूसरों के प्रति व्यवहार 
  • धार्मिक और अध्यात्म के प्रति दृष्टिकोण

ग्यारहवें भाव में सूर्य ग्रह: प्रभाव 

  • शुभ प्रभाव

ज्योतिष के अनुसार, ग्यारहवें भाव में सूर्य की स्थिति से प्रभावित जातक किसी प्रकार का अधिकार या सत्ता प्राप्त करने के लिए दूसरों का दिल जितने के प्रयास में रहते हैं। ऐसे जातक अन्य लोगों के साथ बहुत ही मिलनसार और मित्रता पूर्ण रहते हैं, और आसानी से मित्र बनाने में सक्षम होते हैं। इसके साथ ही, इनकी संगठनात्मक शक्ति भी बहुत तीव्र और श्रेष्ठ होती है। सूर्य के शुभ प्रभाव से इन जातकों की आर्थिक स्थिति संपन्न होती है और लंबे व स्वस्थ जीवन का आनंद लेते हैं। ग्यारहवें भाव में सूर्य की स्थिति वाले जातक आदर्शवादी स्वभाव का पालन करते हैं। इनका सपना होता है कि सामंजस्यपूर्ण भविष्य का निर्माण कर सकें। ऐसे जातक दृढ़ता और खुशी की शक्ति में विश्वास करते हैं। 

सूर्य की कृपा द्रष्टि के साथ ये जातक दुनिया को बदलने का प्रयास करते हैं  और इसे दूसरों के रहने हेतु बेहतर स्थान बनाने की चाह रखते हैं। इसके अलावा, ग्यारहवें भाव में सूर्य वाले जातक स्वभाव से दयालु और सौम्य दिल के होते हैं। ये दूसरों के दर्द और तकलीफ को महसूस कर सकते हैं और उनकी स्थिति को समझ सकते हैं। साथ ही ऐसे जातक दूसरों के प्रति सहानुभूति पूर्ण व्यवहार रखते हैं और इनके मानवीय, गुणों के कारण ये धर्मार्थ समूहों और संगठनों में शामिल होने की दक्षता रखते हैं। ग्यारहवें भाव को ज्योतिष में लाभ अर्जित करने के लिए उत्तरदायी माना जाता है और सामाजिक गतिविधियों में भी ऐसे जातकों की अच्छी भागीदारी होती है। इस भाव में ये दो कारक जातक के भाग्य के साथ दृढ़ता से जुड़े होते हैं और तभी इनका लाभ भी सुनिश्चित होता है। 

  • अशुभ प्रभाव

कुंडली के ग्यारहवें भाव में सूर्य के प्रभाव से जातक किसी व्यक्ति विशेष के बजाय समूह को महत्वपूर्ण मानते हैं तथा वे दूसरों के कल्याण के कार्यों में अधिक लगे होते हैं। जबकि आदर्श रूप से, स्वार्थ और दूसरों के कल्याण के बीच संतुलन का होना अनिवार्य होता है। हालांकि, ग्यारहवें भाव में सूर्य ग्रह के होने से जातक का, समाज को अधिक महत्व देना कभी-कभी उनके स्वयं के व्यक्तिगत हितों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है, जो उनके पारिवारिक सदस्यों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचा सकता है। 

ज्योतिष के अनुसार ग्यारहवें भाव में सूर्य की उपस्थिति वाले जातक पर यदि सूर्य का अच्छा पहलू है, तो उनके समूह के अन्य सदस्यों के साथ अच्छे व सहज संबंध होने की संभावना होती है। इसके विपरीत दूसरी ओर, यदि सूर्य का पहलू इस भाव अनुकूल नहीं है, तो इससे समूह के अन्य सदस्यों के साथ संघर्ष, गलतफहमी, और विवाद की स्थिति होने की संभावना हो सकती है। 

यदि इस भाव में सूर्य से प्रभावित जातक अपने आसपास के लोगों से जुड़ने में असमर्थ हैं, तो वे उन लाभों को प्राप्त नहीं कर पाएंगे जो उनके लिए उपलब्ध हैं। यदि ग्यारहवें भाव में सूर्य की स्थिति ठीक न हो तो  जातक अपने आसपास के लोगों के साथ अच्छे संबंधों बनाने में असमर्थ होते हैं, जिससे की उनके मन में एक निराशाजनक भाव आ सकते हैं, जो दूसरों की तुलना में स्वयं को अधिक चोट पहुंचाता है।

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ग्यारहवें भाव में सूर्य ग्रह का स्वास्थ्य पर प्रभाव 

ज्योतिष की गणना के अनुसार, आमतौर पर सूर्य जातक के स्वास्थ्य या शरीर के किसी भाग को तब कष्ट नहीं देते हैं। जब तक कि वें किसी अशुभ ग्रह के संपर्क में न हो परन्तु कभी-कभी कुंडली में सूर्य के प्रतिकूल प्रभाव के कारण जातक को तेज बुखार, त्वचा संबंधी रोग या रक्त प्रणाली से संबंधित छोटे-मोटे कष्ट हो सकते हैं। इसके अलावा सामान्यतः सूर्य ग्रह जब मंगल, शुक्र, शनि या राहु के संपर्क में न हो; तब तक महिलाओं को किसी प्रकार से कोई शारीरिक कष्ट नहीं देते हैं। 

सूर्य ग्रह
कुंडली के ग्यारहवें भाव में सूर्य ग्रह
  • निष्कर्ष

अब बाटी करते हैं निष्कर्ष कि तो, यह बहुत अच्छी बात है कि इस भाव में सूर्य से प्रभावित जातक अच्छाई और खुशी में विश्वास करते हैं। हालांकि, इनको व्यावहारिक वास्तविकता का भी ध्यान में रखना चाहिए; क्योंकि यह उन्हें उनकी अच्छाई से दूर करने के लिए नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने हेतु होता है कि वें ये अपने मूल्यों और नैतिकता का पालन करते हुए वास्तविकता में भी यकीन करें। इनके विचार तभी वास्तविकता में परिवर्तित होंगे जब वें उन्हें व्यावहारिक जीवन से जोड़ कर रखेंगे।

Must Read: कुंडली के अन्य भाव में सूर्य ग्रह के प्रभाव

सूर्य ग्रह प्रथम भाव में बढ़ाएगा आत्मविश्वासकुंडली में दूसरे भाव का सूर्य देगा धन-संपत्ति
कुंडली के तीसरे भाव का सूर्य ग्रहचौथे भाव में सूर्य की शुभ स्थिति
कुंडली के पांचवे भाव में सूर्यकुंडली में छठे भाव में सूर्य ग्रह की भूमिका
कुंडली के सातवें भाव में सूर्य ग्रहकुंडली के आठवें भाव में सूर्य करेंगे संवेदनशील
नौवें भाव में सूर्य ग्रह देते हैं आदर सत्कारदसवें भाव में सूर्य ग्रह करते हैं बुद्धि तथा प्रसिद्धि का संचार
कुंडली के बारहवें भाव में सूर्य ग्रह

सूर्य ग्रह ग्यारहवें भाव से संबंधित कुछ सवाल तथा उनके जवाब – FAQ


Q- क्या, ग्यारहवें भाव में सूर्य ग्रह अच्छा होता है?

An- कुंडली के ग्यारहवें भाव में सूर्य का होना, हालांकि यह बहुत अनुकूल स्थिति नहीं है, लेकिन यह स्थिति जातक को एक अच्छा नेता बनाती है। इस भाव में सूर्य जातक को लंबी आयु और ढेर सारा धन-संपदा का आशीर्वाद देता है।

Q- कुंडली में ग्यारहवें भाव का स्वामी कौन होता है?

An- कुंडली में ग्यारहवें भाव का स्वामी शनि होता है और कारक गुरु ग्रह है।

Q- कुंडली में ग्यारहवें भाव क्या दर्शाता है?

An- कुंडली में ग्यारहवें भाव को ‘लाभ’ का भाव कहा जाता है। इस प्रकार यह भाव जातक के जीवन के विभिन्न चरणों के दौरान होने वाले मुनाफे को दर्शाता है।

Q- क्या, ग्यारहवें भाव में सूर्य ग्रह जातक को कष्ट देते हैं?

An- नहीं, ग्यारहवें भाव में सूर्य ग्रह जातक अधिक कष्ट नहीं देते हैं।

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