Sun in 9th house | कुंडली के नौवें भाव में सूर्य ग्रह देते हैं आदर सत्कार की भावना व धार्मिकता

सूर्य ग्रह

कुंडली के नौवें भाव में सूर्य ग्रह(Sun in 9th house): महत्ता   

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली के नौवें भाव में सूर्य की स्थिति वाले जातकों को धन का श्रेष्ठ सुख मिलता है और ऐसा जातक देवताओं (भगवान) और ब्राह्मणों-पुरोहितों का आदर करता है। सूर्य ग्रह के नौवें भाव में प्रभाव से जातक अपने गुरुजनों का आदर करने वाला व उनमें श्रद्धा तथा सत्कार की भावना रखने वाला होता है। नौवें भाव में स्थित सूर्य जातक को प्रसिद्धि के साथ-साथ धर्म का कारक भी बनाता है। 

वैदिक ज्योतिष की गणना में,  कुंडली का नौवां भाव ‘धर्म’ भाव के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो नौवां भाव जातक की धार्मिक प्रवृत्ति, धार्मिकता, अच्छे कर्म, नैतिक कार्य , उच्च मूल्यों के अभ्यास और आध्यात्मिकता में रुचि का ज्ञान प्रदान करता है। इसके साथ ही नौवां भाव यह भी दर्शाता है कि, क्या जातक पारंपरिक और धार्मिक कार्यों को महत्व देता है या उनके प्रति प्रश्न करेगा। 

इसके अलावा कुंडली का नौवां भाव जातक के भाग्य और उच्च शिक्षा की संभावनाओं को भी पूर्ण करने वाला होता है। नौवें भाव से यह भी निर्धारित किया जाता है कि जातक को उसके भाग्य का कितना साथ प्रापर होगा। इसलिए जिनकी कुंडली के नौवें भाव में सूर्य होता है वे आध्यात्मिकता में रुचि रखते हैं और बहुत भाग्यशाली भी हो सकते हैं।

‘मंगल भवन’ के अनुभवी ज्योतिष विशेषज्ञ आचार्य श्री शुभम जी जोशी ने हमें इस लेख में कुंडली के नौवें भाव में सूर्य ग्रह की उपस्थिति से होने वाले प्रभावों का वर्णन तथा कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है जो कि प्रभावित जातक के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होगी- तो आइए अब इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते है-

नौवें भाव में सूर्य ग्रह से प्रभावित क्षेत्र

  • रिश्ते तथा प्रेम सम्बन्ध 
  • जीवन के प्रति दृष्टिकोण
  • नैतिक कार्य और प्रणाली
  • सामाजिक जीवन 

सूर्य ग्रह नौवें भाव में: शुभ प्रभाव

यदि किसी जातक की कुंडली के नौवें भाव में सूर्य ग्रह विराजमान हो तो. ऐसे जातक विदेशी भाषा या संस्कृत भाषा सीखने में रुचि रखते हैं। ऐसे जातक धार्मिक और सदाचारी स्वभाव के धनी होते हैं। सूर्य के प्रभाव में इन जातकों को आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों के प्रति अधिक झुकाव होता है। ऐसे जातक एक निश्चित विचार को स्वीकार कर जीवन पर्यन्त उस पर चलते हैं, यद्यपि उसके बारे में उन्हें पूर्ण रूप से आश्वस्त होना चाहिए।

इसके अलावा, नौवें भाव में सूर्य ग्रह की उपस्थिति वाले जातक अपने रिश्तेदारों, जीवनसाथी और व्यावसायिक भागीदारों के प्रति बहुत मित्रता और सौहार्दपूर्ण व्यवहार रखते हैं। ऐसे जातक बहुत उदार होते हैं और इन्हें अपने क़रीबी लोगों द्वारा अत्यंत पसंद भी  किया जाता है। ऐसे जातक एक बार यदि किसी व्यक्ति के साथ घनिष्ठता को अपना लें तो फिर उस पर सदैव कायम रहते हैं; जिससे मजबूत संबंध बना रहता है।

चूंकि इन जातकों की रूचि, दार्शनिक कर्मों की ओर अधिक रहती हैं, इसलिए ये जातक जीवन की सच्चाई को तलाशने में लगे रहते हैं। उन्हें जीवन के अस्तित्व के अंतिम उद्देश्य की खोज रहती है। ये जातक उत्सुक होते हैं और अपने आसपास की दुनिया की खोज करते रहते हैं, जिससे कि ये और अधिक जानने और समझने के लिए निकट और दूर के स्थानों की यात्रा करने के लिए भी प्रेरित हो सके। 

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इसके अलावा, नौवें भाव में सूर्य ग्रह की उपस्थिति वाले जातक अपने आसपास के वातावरण में शांति इच्छा रखते हैं। यहाँ तक की वे ऐसा करने के लिए स्वयं भी दूसरों से साथ शांतिपूर्ण और सोहद्रा पूर्ण व्यवहार भी करते हैं। नौवें भाव में सूर्य ग्रह की स्थिति वाले जातक बहुत आशावाद और सकारात्मक विचारों वाले होते हैं। 

इनके पास एक आकर्षक उत्साह होता है, जो उन्हें बहुत प्रभावी तरीके से समस्याओं का समाधान खोजने में सहायता करता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार नावें भाव में सूर्य ग्रह का विरजमान होना, जातक के लिए बड़ी संख्या में लोगों के जीवन को प्रभावित और प्रेरित करने का स्त्रोत हो सकता है।

सूर्य ग्रह नौवें भाव में : नकारात्मक प्रभाव

जिन जातकों की कुंडली के नौवें भाव में सूर्य ग्रह बैठे हो तो ऐसे जातक अन्य लोगों के केवल अच्छी या सकारात्मकता को ही देखते हैं; उनके नकारात्मक पहलुओं को देखने में रुचि नहीं रखते। यदि कोई दूसरा व्यक्ति इनकी सकारात्मकता को स्वीकार नहीं करता है, तो वह उनसे अच्छा और उदार व्यवहार भी नहीं कर पाता। जिससे कि इनकी आत्मा को ठेस पहुंच सकती है, और विश्वास को भी प्रभावित या ख़त्म कर सकता है।

इसके अलावा, सिरी के कुछ अशुभ प्रभावों के कारण ये जातक अपने विचारों के बारे में कुछ अभिमानी हो सकते हैं। उनका झुकाव हमेशा अपने धर्म ओर अधिक रहता है। इनका मानना हो सकता है कि केवल इनके विचार ही सही और वास्तविक हैं। जिससे इन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि ये दूसरों के साथ समस्याओं का विषय हो सकता है। जो इनके मन की शांति को भंग कर सकता है। 

ऐसे जातकों को ज्योतिष समाज में अपनी स्थिति के बारे में बहुत सावधान रहने की सलाह देते हैं। इन्हें सदैव इस बात को सुनिश्चित करना चाहिए कि आसपास के क्षेत्र में कोई भी उन्हें नकारात्मक रूप में न देखे। इन जातकों के पास अपने व्यक्तित्व को विकसित करने और सफलता की ऊंचाइयों को प्राप्त करने की श्रेष्ठ क्षमता होती है,  लेकिन फिर भी उन्हें और भी बेहतर तरीके से अपने जीवन और भविष्य की योजना के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है।

सूर्य ग्रह
कुंडली के नौवें भाव में सूर्य ग्रह

नौवें भाव में सूर्य ग्रह के कारण अन्य प्रभाव 

ज्योतिष के अनुसार नौवें भाव में, सूर्य ग्रह से प्रभावित जातक को अपने पैतृक संपत्ति से संबंधित विवाद के  मामलों को सावधानी पूर्वक सुलझाने की सलाह दी जाती है अन्यथा धोखा मिलने की संभावना हो सकती है। इसके अलावा नौवें भाव में सूर्य वाले जातक दान तथा परोपकार के मामलों में अधिक उदारता नहीं दिखाते हैं। कभी-कभी ऐसे जातक स्थिति का फायदा उठाने में भी माहिर होते हैं लेकिन जब उधार या कर्ज की बात हो तो वें अपना शानदार प्रदर्शन करते हैं जिससे उन्हें किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े।

निष्कर्ष

अंत में यह निष्कर्ष प्राप्त होता है कि, कुंडली के नौवें भाव में सूर्य की उपस्थिति वाले जातक न्याय प्रिय, धार्मिक और सदाचारी स्वभाव के होते हैं। ये बहुत सकारात्मक और उत्साहित प्रवृत्ति के भी होते हैं। इसके अलावा, सूर्य के शुभ प्रभाव होने से ये भाग्यशाली भी होते हैं, क्योंकि कई अवसरों पर भाग्य उनका समर्थन करता है। 

इन जातकों को विदेशी भाषा और संस्कृति सीखने में रुचि होती हैं। हालांकि, यह इनके भविष्य की योजनाओं और इनके करियर की संभावनाओं को प्रभावित करती हैं। इसके अलावा, ज्योतिष की सलाह में इन जातकों को अपने अहंकार के किसी भी रूप के खिलाफ विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि यह व्यक्ति के जीवन में समस्या दे सकता है।

Must Read: कुंडली के अन्य भाव में सूर्य ग्रह के प्रभाव

सूर्य ग्रह प्रथम भाव में बढ़ाएगा आत्मविश्वासकुंडली में दूसरे भाव का सूर्य देगा धन-संपत्ति
कुंडली के तीसरे भाव का सूर्य ग्रहचौथे भाव में सूर्य की शुभ स्थिति
कुंडली के पांचवे भाव में सूर्यकुंडली में छठे भाव में सूर्य ग्रह की भूमिका
कुंडली के सातवें भाव में सूर्य ग्रहकुंडली के आठवें भाव में सूर्य करेंगे संवेदनशील
दसवें भाव में सूर्य ग्रह करते हैं बुद्धि तथा प्रसिद्धि का संचार
कुंडली के ग्यारहवें भाव में सूर्य ग्रह का प्रभावकुंडली के बारहवें भाव में सूर्य ग्रह

सूर्य ग्रह नौवें भाव से संबंधित कुछ सवाल तथा उनके जवाब – FAQ

Q- सूर्य ग्रह कौन से भाव में शुभ फल देता है?

An- कुंडली के प्रथम भाव में सूर्य ग्रह शुभ फल देने वाला होता है। पहला भाव सूर्य का ही होता है, इसलिए सूर्य का इस भाव में होना बहुत लाभकारी माना जाता है।

Q- कुंडली के नौवें भाव में सूर्य ग्रह के होने से क्या मतलब होता है?

An- कुंडली के नौवें भाव में सूर्य ग्रह के प्रभाव के कारण जातक शारीरिक और बौद्धिक रूप से अपने विस्तार करने की आवश्यकता से प्रेरित होते हैं। ऐसे जातक यात्रा और विदेशी स्थानों में रुचि रखते हैं, और यह जानने की कोशिश करते हैं कि दुनिया का सार क्या है।

Q- नौवें भाव का स्वामी कौन सा ग्रह है?

An- नौवें भाव पर धनु और बृहस्पति ग्रह का शासन होता है।

Q- क्या, नौवें भाव में सूर्य ग्रह का होना शुभ होता है?

An- नौवें भाव सूर्य का होना जातक के लिए शुभ फलदायी होता है।

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