Sun in 6th house | कुंडली में छठे भाव में सूर्य ग्रह की भूमिका से होगी कुशलता व सुरक्षात्मक वृद्धि

सूर्य ग्रह

Sun in 6th house

जन्म कुंडली में छठे भाव में सूर्य ग्रह(Sun in 6th house)     

छठे भाव में सूर्य ग्रह का स्थान होना, जातक को प्रभावशाली व्यक्तित्व और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्रदान करता है। हालांकि, सूर्य की अशुभ स्थिति के कारण जातक को अस्थमा, तंत्रिका तंत्र, हृदय रोग, डिप्थीरिया, ब्रोंकाइटिस आदि जैसी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।

वैदिक ज्योतिष की गणना कहती है कि, कुंडली का छठा भाव जातक के स्वास्थ्य और कल्याण से संबंधित होता है। जिसमें जातक के स्वास्थ्य और व्यापक रूप में जीवन की प्रतिकूलताओं का सामना करने की क्षमता का निर्माण भी सम्मिलित होता है। हम सभी अपने जीवन में गलतियां, चुनौतियों और कमियों का सामना करते हैं। इसके साथ ही हम उन कठिनाइयों और चुनौतियों से कैसे निपटते हैं, यह हमारे व्यक्तित्व के आधार पर संदर्भित किया जाता है।

इन्हीं सब का अनुसरण कुंडली के इस छठे भाव में शामिल होता है, जो हमें जीवन की कठिनाइयों और चुनौतियों से निपटने में सहायक होता है। इसके अलावा, छठा भाव जातक के डर के बारे में भी होता है। तो, जिसकी कुंडली के छठे भाव में सूर्य ग्रह स्थित होते है, वह दूसरों की तुलना में दिन-प्रतिदिन जीवन की गतिविधियों में अधिक शामिल होता है।

‘मंगल भवन’ के अनुभवी ज्योतिष विशेषज्ञ आचार्य श्री शुभम जी जोशी ने हमें इस लेख में कुंडली के छठे भाव में सूर्य ग्रह की उपस्थिति से होने वाले प्रभावों का वर्णन तथा कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है जो कि प्रभावित जातक के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होगी- तो आइए अब इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते है-

छठे भाव में सूर्य के कारण प्रभावित क्षेत्र

  1. संबंध/ रिश्ते
  2. व्यापार/व्यवसाय
  3. आर्थिक स्थिति
  4. दूसरों के प्रति व्यवहार 
  5. स्वास्थ्य तथा नैतिक कार्य

छठे भाव में सूर्य ग्रह: सकारात्मक प्रभाव

चूँकि कुंडली का छठा भाव जातक के कष्टों को दूर करने और कुशलता व सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी होता है। अतः छठे भाव में सूर्य की उपस्थिति जातक को बहुत सतर्कता प्रदान करती है। वे अपने स्वास्थ्य के बारे में बहुत सावधानी बरतते  हैं, यही कारण है कि वे किसी भी बड़ी बीमारी से पीड़ित नहीं होते।

इसके अलावा, छठा भाव में जातक के लगातार प्रयासों के बाद स्थिति की उच्च या जिम्मेदार स्तर तक बड़ी संख्या में वृद्धि और उन्नति के संकेत भी मिलते है। ऐसे जातक अपने कार्य के प्रति बहुत दृढ़ और समर्पित होते हैं। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य छठे भाव में विराजमान होते है, वे अपने कौशल को विकसित कर  रोज़गार के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ते रहते है। 

ऐसे जातक अपने व्यक्तिगत मूल्य और महत्व को बढ़ाने में सक्षम होते हैं। अन्य लोगो के तुलना में इनकी एक अलग पहचान होती है, और उनसे बेहतर प्रदर्शन करने में विश्वास रखते हैं, जिससे उन्हें बहुत अधिक सम्मान और प्रशंसा भी मिलती है।  

इसके साथ ही सामान्यतः छठे भाव में सूर्य से प्रभावित जातकों में अहंकार की भावना नहीं होती है। वे अन्य लोगों के साथ आसानी से घुल मिल जाते हैं और स्वभाव से भी बहुत शांत होते हैं और वे सभी के साथ  किसी काफी अच्छी तरह से मिलते हैं।

छठे भाव में सूर्य ग्रह के नकारात्मक प्रभाव

कुंडली के छठे भाव में सूर्य की उपस्थिति वाले जातक में अपने दैनिक क्रियाकलापों और अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक केंद्रित होते है। जबकि उन्हें इन सब बातों के बारे में न होकर आत्म-सुधार पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ऐसे जातकों को अपना शारीरिक और मानसिक रूप से विश्लेषण करना चाहिए और अपनी कमियों और कमजोरियों को दूर करने हेतु प्रयास करना चाहिए। जिससे कि दूसरों को प्रेम और उनकी सेवा करने के गुणों का विकास होगा।

छठे भाव में सूर्य की स्थिति जातक को नियोक्ता के रूप में काफी कठोर बना सकती हैं। ऐसे जातक का बहुत मांग करने वाला हो सकता है और इनके अधीनस्थ भी उनके साथ काम करना अधिक पसंद नहीं करेंगे। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य छठे भाव में बैठे होते है करियर ज्योतिष के अनुसार वे एक कर्मचारी के रूप में भी मांग करने वाले और अपने अधिकारों के प्रति बहुत सजग होते हैं।

इसके अलावा कुंडली में छठे भाव में सूर्य वाले लोग एक संपूर्ण कार्यप्रणाली पर विश्वास करते हैं इसलिए वे आशा करते हैं कि उनका बॉस भी एक समझदार और सराहनीय व्यक्ति हो। परन्तु यह स्थिति हमेशा नहीं होती और यह बात जातकों को परेशान कर सकती हैं। 

इसके साथ ही कुंडली के छठे भाव में सूर्य की उपस्थिति के कारण जातक अपने कर्तव्य के प्रति बहुत जागरूक तो होते हैं परन्तु इन्हें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने कर्तव्य का पालन करते हुए किसी प्रकार से शोषित न हों। और अपनी स्वतंत्रता बनाए रखनी चाहिए तथा अपने विचारों और सुझावों को प्रभावी रूप से स्पष्ट रखना चाहिए। ऐसे जातकों को पारस्परिक मुद्दों की बजाय अपने कार्य पूरा करने की दिशा में मन को एकाग्र करना चाहिए।

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छठे भाव में सूर्य ग्रह: व्यवसाय तथा करियर पर प्रभाव

कुंडली के छठे भाव में सूर्य ग्रह से प्रभावित जातक को प्रशासनिक क्षेत्रों तथा सरकार और जनता के लिए कार्यरत होने पर अच्छी सफलता और लोकप्रियता मिलती है। ऐसे जातक एक कुशल पुलिस, अधिकारी, रेलवे अधिकारी, आईपीएस आदि बन सकते हैं। 

सूर्य के इस भाव में शुभ प्रभाव से जातक को कोयले या खनन उद्योगों से धन की प्राप्ति हो सकती है।  साथ ही  इस भाव का सूर्य जातक को राजनीति के कार्यों में भी  सफलता दिलाता है। इसके अलावा ऐसे जातक चिकित्सा के क्षेत्र में एक लोकप्रिय सर्जन या व्याख्याता बन सकते हैं।    

सूर्य ग्रह
कुंडली में छठे भाव में सूर्य ग्रह

छठे भाव में सूर्य ग्रह: वैवाहिक जीवन पर प्रभाव 

सूर्य के प्रभाव में इन जातकों का वैवाहिक जीवन समग्र रूप से शांतिपूर्ण रहेगा।  कभी-कभी जीवन साथी का स्वास्थ्य खराब होने से तनाव हो सकता है इसके साथ व्यवस्थित विवाह जातक के लिए शुभ फलदायी होगा और सामाजिक रूप से भी सौहार्दपूर्ण रूप से सर्वश्रेष्ठ माना जाएगा।   

निष्कर्ष

कुंडली के छठे भाव में सूर्य के प्रभाव के कारण जातक हमेशा भयभीत और असुविधाजनक स्थितियों से लड़ते रहते हैं और अपने जीवन में कुशलता और सुरक्षा हासिल करने की कोशिश करते रहते हैं। वे अपने स्वास्थ्य और कल्याण को बहुत महत्व देते हैं। ऐसे जातक एक बहादुर सेनानी और जागरूक नायक की तरह जो अपने और अपने संबंधियों के जीवन को बेहतर बनाने के हेतु प्रयासरत रहते हैं।

Must Read: कुंडली के अन्य भाव में सूर्य ग्रह के प्रभाव

सूर्य ग्रह प्रथम भाव में बढ़ाएगा आत्मविश्वासकुंडली में दूसरे भाव का सूर्य देगा धन-संपत्ति
कुंडली के तीसरे भाव का सूर्य ग्रहचौथे भाव में सूर्य की शुभ स्थिति
कुंडली के पांचवे भाव में सूर्य
कुंडली के सातवें भाव में सूर्य ग्रहकुंडली के आठवें भाव में सूर्य करेंगे संवेदनशील
नौवें भाव में सूर्य ग्रह देते हैं आदर सत्कारदसवें भाव में सूर्य ग्रह करते हैं बुद्धि तथा प्रसिद्धि का संचार
कुंडली के ग्यारहवें भाव में सूर्य ग्रह का प्रभावकुंडली के बारहवें भाव में सूर्य ग्रह

सूर्य ग्रह छठे भाव से संबंधित कुछ सवाल तथा उनके जवाब – FAQ


Q- कुंडली के छठे भाव में सूर्य ग्रह क्या फल देते हैं?

 An- छठा भाव में सूर्य ग्रह जातक को मजबूत बनाता है और उसे इन सभी समस्याओं को दूर करने में सक्षम बनाता है।

Q- क्या, छठे भाव में सूर्य के कारण जातक का करियर प्रभावित होता है?

An- हां, शुभ स्थिति में सूर्य ग्रह के कारण जातक के करियर पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है।

Q- ज्योतिष में छठे भाव को अशुभ क्यों कहा जाता है?

An- ज्योतिष में, छठे भाव, बाधाओं, शत्रु, चुनौतियों, ऋण आदि का प्रतिनिधित्व करता है। अतः  स्वाभाविक रूप से इस भाव में अशुभ ग्रहों के कारण कुछ जातक के प्रतिकूल प्रभावों पर असर होता है।

Q- क्या, छठे भाव में सूर्य ग्रह शुभ फल देते हैं?

An- ज्योतिष के अनुसार छठे भाव में सूर्य ग्रह जातक को शुभ फल देते हैं

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