Venus in 10th house |  कुंडली के दसवें भाव में शुक्र ग्रह देंगे नैतिक आचरण तथा शांतिपूर्ण स्वभाव

शुक्र ग्रह

शुक्र ग्रह: वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कुंडली के दशम यानी दसवें भाव में, विराजमान शुक्र, जातक को शारीरिक सुंदरता प्रदान करता है  इसके साथ ही ऐसे जातक आकर्षक व्यक्तित्व के धनी होते है। ज्योतिष की दृष्टि में ये जातक स्वभाव से बहुत शांत और मिलनसार होते हैं। ऐसे जातक विवादों से बचने का प्रयास करते हैं। आमतौर पर इस भाव में शुक्र के प्रभाव से जातकों का नैतिक आचरण अच्छा ही रहेगा।

शुक्र ग्रह को प्रेम, सौंदर्य, परिष्कार, कामुकता आदि का कारक ग्रह माना जाता है। वहीं कुंडली का दसवां भाव काम, व्यवसाय, प्रसिद्ध, सम्मान आदि को सूचित करता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब शुक्र ग्रह किसी जातक की कुंडली के दसवें भाव में आते हैं तो, ऐसे जातक अपने पेशे में उच्च पद पर आसीन हो सकता है और साथ ही उन्हें बहुत लोकप्रियता भी मिलती है। क्युकी इन, जातकों में प्रशंसा पाने की तीव्र इच्छा होती है।

इसके अलावा, कुंडली के दशम भाव से व्यवसाय, पिता मान सम्मान, कर्म प्रशासन नौकरी, अधिकार कीर्ति व नेतृत्व का भी ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। इस भाव में शुक्र से प्रभावित जातक प्रभावशील सामाजिक रूप से प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध होते हैं। दसवां भाव ‘कर्म’ का भाव का होने से जातक कर्म को अत्यधिक महत्व देने वाले होते हैं। इसके साथ ही शुक्र ग्रह, सुंदरता तथा स्त्री का का कारक ग्रह है। इसलिये शुक्र के प्रभाव में, जातक सुंदरता बढ़ाने के साधनों जैसे- आभूषण,  फैशन, कपडे, महिलाओं की खूबसूरती बढ़ाने हेतु मेकअप व श्रृंगार की वस्तुओं जैसे आभूषण फैशन युक्त कपड़े के शौकीन होते हैं।

साथ ही शुक्र ग्रह, कला, सुख-सुविधा व भौतिक साधनों जैसे- महंगी वस्तु, सजावट का सामान आदि का  कारक ग्रह भी माना जाता है। दशम भाव को व्यवसाय का भाव भी कहा जाता है।

Table of Contents

दसवें भाव में शुक्र ग्रह से प्रभावित क्षेत्र

  • शौक\ रुचियाँ
  • काम,व्यवसाय और पेशा
  • सामाजिक ख्याति 
  • दूसरों के प्रति व्यवहार 

दसवें भाव में शुक्र ग्रह के सकारात्मक प्रभाव

कुंडली के दसवें भाव में शुक्र ग्रह के प्रभाव वाले जातक सदैव  केंद्र के ध्यान बनने की चाह रखते हैं, साथ ही वें अच्छी सामाजिक प्रसिद्धि और अपने शौक से एक अच्छा करियर बनाना पसंद करते हैं। अन्य लोग उन्हें ढोंगी मान सकते हैं क्योंकि वे उच्च जीवन शैली जीने के विश्वास करते हैं और प्रभावशाली लोगों के साथ मिलना व रहना पसंद करते हैं। अन्य लोग उनके आकर्षक तरीके को सम्मान जनक नजरिए से नहीं देखते हैं, हालांकि इनमें से कुछ दूर से प्रशंसक भी होते हैं, क्योंकि उनके बारे में एक अच्छी छवि दूसरों के सामने उभरकर आती है जो आकर्षक भी है और दिलचस्प भी है। 

कुंडली के दसवें भाव वाले जातकों को, अपने आकर्षण, सुंदरता, या प्रेमपूर्ण तरीके के लिए सराहनीय प्रशंसा प्राप्त होती है, लेकिन इन जातकों को, दूसरों के द्वारा स्वयं के लिए उनकी सोच के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता है। इस भाव में शुक्र ग्रह के कुछ जातक अपने काम या अपनी छवि को बढ़ने के लिए “विवाहित” होते हैं। जिससे की उनके वैवाहिक जीवन पर कुछ असर पड़ सकता है। इसके अलावा, ये जातक संपर्क बनाने और सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन में अपनी श्रेष्ठ भूमिका निभाते हैं।

कुंडली के इस भाव में शुक्र ग्रह की स्थिति वाले जातक की यह सोच भी होती है कि उनका साथी उनके धन और भौतिक संपत्ति की सराहना करे। ये जातक, अपनी स्थिति का भरपूर आनंद लेते हैं और प्रशंसा प्राप्त करने के लिए इसे दूसरों के समक्ष प्रदर्शित भी करते हैं। हालांकि, इन जातकों को आकर्षक या भड़कीली वस्तुओं और इशारों को नापसंद करने की आदत भी होती हैं।

दशम भाव में शुक्र ग्रह से प्रभावित जातकों के  पास सबसे अच्छी व बेहतरीन चीजें होती हैं जो उनकी जीवनशैली के आनंद को दोगुना कर देती हैं। यह उनके आकर्षण और आत्मविश्वासी तरीके को दिखाने का ही एक हिस्सा है। ऐसे जातक एक मजबूत व्यक्तित्व का प्रदर्शन करते हैं और उनकी सहनशीलता अविश्वसनीय होती है। 

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कुंडली के दसवें भाव में शुक्र ग्रह से प्रभावित जातक किसी भी संबंध बनाने में समय लेते हैं। यही कारण है कि ऐसे लोग अक्सर तब तक गंभीर प्रतिबद्धता नहीं लेते, जब तक कि वे अपने  करियर में पूर्ण रूप से सफल और स्थापित नहीं हो जाते।  वे अपना संसार शुरू करने से पहले एक ठोस घर और एक सुरक्षित घोंसला बनाना चाहते हैं। उनकी धीमी और स्थिर गति में समय तथा अधिक मेहनत लगती है। परन्तु एक बार अपने रास्ते पर चलने का फैसला करने के बाद कोई भी उनका मन नहीं बदल सकता है।

जिन जातकों की कुंडली के दसवें भाव में शुक्र ग्रह का स्थान होता है, ऐसे जातकों को पहली बार देखने या मिलने पर वें थोड़े अलग महसूस हो सकते हैं। लेकिन जो लोग एक बार इन लोगो को ठीक प्रकार से जान व समझ लेते हैं फिर वें उनके लिए आस-पास रहते हैं, वे उन्हें भरोसेमंद, ठोस और देखभाल करने वाले व्यक्ति की श्रेणी में पाते हैं,  जो अपने परिवार के सदस्यों की बहुत अच्छी देखभाल करते हैं और अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाने में सक्षम होते हैं। इस तरह की विश्वसनीयता इस जातकों के अपने बंधन को मजबूत करने में बहुत मदद करती है।

दसवें भाव में शुक्र ग्रह के नकारात्मक प्रभाव

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कुंडली के दसवें भाव में शुक्र ग्रह से प्रभावित जातकों को  सावधान रहना होगा कि उनकी मान्यता की आवश्यकता उस विशेष व्यक्ति को खोजने के रास्ते में नहीं आती है। हर कोई इस प्रकार की स्थिति के बारे में उतना चिंतित नहीं है जितना कि वे हो जाते हैं। अत: इन जातकों को बहुत अधिक अपेक्षाएं नहीं रखनी चाहिए। बल्कि उन्हें समान रुचियों वाले किसी सामान्य व्यक्ति को ढूंढना चाहिए इसके बाद के बाकी काम स्वतः हो होते चले जाएंगे।

दसवें भाव में शुक्र वाले जातकों को विशेष रूप से शुक्र के अशुभ प्रभाव में होने पर अन्य लोगों से सावधान रहना चाहिए। उनमें से कुछ केवल अपने पैसे या मतलब हेतु ही इनके करीब आना चाहते हैं। इन लोगों को गहरी और पूर्ण साझेदारी करने में कोई दिलचस्पी नहीं होती है। परन्तु यह सत्य है कि इस भाव में शुक्र के प्रभाव में जातक अन्य लोगों की प्रशंसा के लिए लालायित रहते हैं। लेकिन साथ ही वें स्वयं की ख़ुशी को भी महत्व देना चाहते हैं। इन जातकों के प्रियजन या संबंधी इस बात को अच्छे से समझते हैं और उनकी सच्ची प्रशंसा भी करते हैं। हालाँकि, मूल निवासी इसे हमेशा दूसरों से प्राप्त नहीं कर सकते हैं।

दसवें भाव में शुक्र ग्रह का करियर तथा व्यवसाय पर होने वाले प्रभाव 

ज्योतिष के अनुसार दसवें भाव में, शुक्र ग्रह से प्रभावित जातक अपने भाग्य पर विश्वास नहीं करते हैं साथ ही ऐसे जातक बहुत रचनात्मक तथा बुद्धिमान होते हैं और अपनी ऊर्जा का प्रयोग सही दिशा में लगाना भी बहुत अच्छे से जानते हैं इन जातकों हेतु निम्न करियर संबंधी सुझाव उपयुक्त माने जाते हैं-

शुक्र के शुभ प्रभाव से ये जातक एक अच्छे गायक या संगीतकार बन सकते हैं। इसके अलावा इन जातकों को उच्च पड़ की सरकारी नौकरी में भी अच्छे अक्सर तथा पद मिल सकते हैं। इसके सत्रह ही ऐसे जातक किसी बैंक में अधिकारी या किसी अच्छी कंपनी में सीईओ के पद पर भी आसन हो सकते हैं। इसके साथ ही ये जातक एक श्रेष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता भी बन सकते हैं।

दसवें भाव में शुक्र का मित्र राशि में प्रभाव

  • कुंडली के दसवें भाव में शुक्र ग्रह के अपनी मित्र राशि में स्थित होने के कारण जातक को व्यवसाय में सफलता व लाभ मिलता है। इसके साथ ही उसे पिता से स्नेह व सहयोग भी प्राप्त होता है।

दशम भाव में शुक्र का शत्रु राशि में प्रभाव  

  • दसवें भाव में शुक्र ग्रह, अपनी शत्रु राशि में स्थित होने से जातक को व्यवसाय में कठिनाई व समस्या दे सकता है। साथ ही उसके पिता से मतभेद व मनमुटाव होने की संभावना रहती हैं।

दसवें भाव में शुक्र का स्वराशि, उच्च व नीच राशि में प्रभाव

  • दसवें भाव में शुक्र ग्रह, वृषभ या तुला में स्थित होने से जातक को व्यवसाय में अत्यधिक सफलता, लाभ व यश प्राप्त करवाता है। साथ ही उसे, उसके पिता का सहयोग प्राप्त होता है।
  • दसवें भाव में शुक्र, अपनी उच्च राशि मीन में स्थित होने से जातक को स्त्रियों के प्रयोग की वस्तुओं जैसे- मेकअप या कपड़े से सम्बंधित व्यापार से लाभ व धन प्राप्त होता है। वह समाज में सम्मान  और प्रसिद्धि प्राप्त करता है। 
  • इसके साथ भी दशम भाव में शुक्र, अपनी नीच राशि कन्या में स्थित होने से जातक के पिता से तनावपूर्ण संबंध को उत्पन्न कर सकता है। ऐसे जातक कई प्रकार के व्यवसाय करना चाहता है लेकिन सभी व्यवसायों में सफलता प्राप्त नहीं होती।
शुक्र ग्रह

शुक्र ग्रह से संबंधित कुछ विशेष उपाय

ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम करने हेतु, कुछ विशेष व आसान से उपाय बताए गए हैं जिससे कि जातक को उनके अशुभ प्रभाव से समस्या का सामना नहीं करना पड़े-

  1. अपने घर में आँगन में तुलसी का पवित्र पौधा रोपित करें व नियमित रूप से पूजन करें। 
  2. ज्योतिष की सलाह से हीरा रत्न धारण करें विशेष रूप से मीन और वृश्चिक लग्न को छोड़कर। 
  3. संभवतः क्रीम या सफेद रंग के कपड़े या जूते का प्रयोग करें। 
  4. शुक्रवार के दिन, एक सफेद गाय पालें और रोजाना चारा खिलाए । संभव हो तो बछड़े वाली सफेद गाय का दान भी कर सकते हैं। 
  5. अपने इष्टदेव की मूर्ति चांदी की बनवा कर रखें और चांदी का सिक्का हमेशा अपने पास रखें। आप चांदी की चेन, अंगूठी या आभूषण शुक्रवार को धारण भी कर सकते हैं । 
  6. सफेद पुष्प, मिश्री, कपूर, अभ्रक और 27 दाने चरी को एक सफेद कपड़े में बांधकर अपने घर में रखें। 
  7. घर में सुगंधित श्वेत पुष्प के पौधों को लगाएं एवं पुष्प का उपयोग करें। 
  8. दही का दान भी सदैव शुक्रवार को करें, साथ ही शुक्रवार को स्वच्छ सफेद कपड़े इस्त्री कर धारण करें साथही  सुंगधित इत्र आदि का प्रयोग भी कर सकते हैं। 
  9. नशीले पदार्थ सिगरेट, तंबाकू और शराब का सेवन नहीं करें। 
  10. पांच कन्याओं को पांच शुक्रवार सफेद मिश्री वाली खीर खिलाए व  स्त्रियों का सम्मान करें। 
  11. धन की देवी मां लक्ष्मी का विधिवत पूजन करें व मंदिर में देशी घी का दिया जलाएं।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि, कुंडली के दसवें भाव में शुक्र वाले जातक अपने कार्यक्षेत्र या कार्य स्थान में उच्च पद पर आसीन हो सकते हैं। ऐसे लोग अन्य लोगों के सामने काफी लोकप्रिय भी हो सकते हैं। हालांकि, उन्हें इस बारे में ज़्यादा चिंता या सोच-विचार नहीं करना चाहिए कि दूसरे उनके बारे में क्या सोचते या बोलते हैं।  दसवें भाव में यदि ग्रहों की स्थिति शुभ हो तो, ऐसे जातक अपने जीवन में बहुत सफलता हासिल करते हैं तथा साथ ही ऐसे लोग काफी बुद्धिमान व आध्यात्मिक कार्यों में कुशल भी होते हैं।

कुंडली के दसवें भाव में शुक्र ग्रह से सम्बंधित- सामान्यप्रश्न- FAQ


Q- क्या कुंडली के दसवां भाव शुक्र के लिए अच्छा है?

An- दशम भाव काम, व्यवसाय,  प्रसिद्धि, सम्मान आदि का कारक होता है। जब शुक्र दशम भाव में हो तो जातक पेशे में उच्च पद पर आसीन हो सकता है व बहुत लोकप्रियता प्राप्त करता है। इन जातकों में प्रशंसा पाने की तीव्र इच्छा भी होती है।

Q- दसवें भाव के लिए कौन सा ग्रह सबसे अच्छा है?

An- कुंडली के दसवें भाव में स्थित सूर्य या मंगल जातक को उद्यमशील, वीर और लोकप्रिय बनाता है यदि दशमेश भी शुभ राशि और भाव में हो, दशम भाव में शुभ ग्रह जातक को प्रशंसनीय कार्यों में संलग्न करता है लेकिन उसमें शनि, राहु या केतु ग्रह स्थित हो तो कोई बुराई या अयोग्य कर्म करता है।

Q- दशम भाव में शुक्र क्या फल देता है?

An- दशम भाव में स्थित शुक्र आपके शरीर को सुंदर बनाता है और आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान करता है। इसके साथ ही इन जातकों का स्वभाव शांत और मिलनसार होगा।

Q- कुंडली में दसवें भाव का स्वामी कौन है?

An- दसवें भाव का स्वामी ग्रह शनि ग्रह होते हैं जिसमें करियर बहुत मेहनत वाला होगा लेकिन यह स्थिर रहेगा क्योंकि शनि मजबूत स्थिति में है।

Q- शुक्र के लिए कौन सी राशि अच्छी है?

An- शुक्र दो राशियों वृषभ और तुला का स्वामी है। यह मीन राशि में 27 डिग्री पर गहराई से ऊंचा है। इसका मूल त्रिकोण तुला राशि में होता है।

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