शुक्र ग्रह को ज्योतिष में भौतिक सुख तथा सांसारिक सुख का कारक माना जाता है। कुंडली में यह प्रेम, लाइफ पार्टनर और कामुक विचारों का कारक ग्रह होता है। जातक की कुंडली में यदि शुक्र शुभ भाव में विराजित रहता है तो उस जातक को जीवन में समस्त प्रकार के भौतिक संसाधनों का आनंद प्राप्त होता है। इसके विपरीत यदि कुंडली में शुक्र पीड़ित अवस्था में है तो जातक को आर्थिक कष्ट,पत्नी से दुःख, मधुमेह और सांसारिक भोग विलास में कमी आने लगती है। वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को शांत करने हेतु कई प्रकार से दान, पूजा-पाठ और रत्न धारण किये जाते हैं।
विद्वानों के माध्यम से सुझाए गए इन उपायों में शुक्रवार का व्रत, मां दुर्गा सप्तशती का पाठ, अक्षत एवं श्वेत वस्त्र का दान इत्यादि के प्रावधान विशेष हैं। यदि आप भी अपनी शुक्र की स्थिति मजबूत कर, उनके शुभ परिणामों को प्राप्त करना चाहते हैं तो ये उपाय आपके लिए कारगर सिद्ध होंगे।
शुक्र ग्रह से संबंधित कुछ विशेष उपाय:
पोषक एवं जीवन शैली से जुड़े शुक्र ग्रह शांति के उपाय
- शुक्र ग्रह सुखों का कारक होता है अतः चमकीले श्वेत व पिंक रंग के वस्त्रों को धारण करें।
- अपनी जीवन संगिनी तथा अन्य महिलाओं का आदर करें।
- कलात्मक एवं रोचक गतिविधियों में रुचि लें।
- अपने चरित्र को दूसरों के प्रति सहज चरित्रवान रखें।
- प्रतिदिन गौ माता को रोटी खिलाएं।
प्रातः काल किए जाने वाले शुक्र ग्रह शांति के उपाय
- प्रातः समय पवित्र हो माँ लक्ष्मी अथवा मां दुर्गा की पूजा करें एवं उन्हें प्रसाद अर्पित करें।
- संभवत अपने नजदीकी परशुराम भगवान के मंदिर जाकर उनकी विधिवत पूजा व अर्चना करें।
- मां लक्ष्मी का प्रिय श्री सूक्त का पाठ करना शुभ फलदायी होता है।
शुक्र ग्रह के लिये पूजा एवं व्रत
शुक्र देव से शुभ फल की प्राप्ति हेतु आप शुक्रवार का व्रत धारण कर सकते हैं। इसके लिए प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो, भगवान शिव अथवा मां लक्ष्मी के समक्ष व्रत धारण करने का संकल्प कर श्रद्धापूर्वक वृत्त करें।
शुक्र ग्रह शांति हेतु दिए जाने वाले दान
ज्योतिष में शुक्र देव को प्रसन्न करने हेतु शुक्र से सम्बंधित वस्तुएं जैसे- हीरा, चांदी, अक्षत , मिश्री, श्वेत वस्त्र, दही, सफेद चंदन, इत्र, खीर इत्यादि का दान करना श्रेष्ठ माना जाता है। इन वस्तुओं को शुक्रवार वाले दिन शुक्र के शुभ नक्षत्र (भरानी, पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा) में दान करना चाहिए।
शुक्र ग्रह से सम्बंधित रत्न
ज्योतिष की दृष्टि से शुक्र की कृपा प्राप्त करने हेतु जातक को हीरा धारण करने की सलाह दी जाती है। वृषभ और तुला दोनों राशि शुक्र की राशि मानी जाती हैं अतः इन राशि के जातकों के लिए हीरा रत्न धारण करना लकी होता है।
श्री शुक्र यंत्र
शुक्र देव के प्रतीक स्वरूप इस तांबे के शुक्र यंत्र को विधिवत पूजा तथा अभिमंत्रित कर श्रद्धापूर्वक शुक्रवार वाले दिन शुक्र के होरा एवं शुभ नक्षत्र के समय स्थापित करें। इसके शुभ परिणाम में जातक को अपने व्यवसाय में खूब सफलता प्राप्त होगी एवं धन में वृद्धि होगी।
शुक्र हेतु जड़ी
शुक्र ग्रह को शांत करने हेतु ज्योतिष में अरंड मूल अथवा सरपंखा मूल धारण करना शुभ बताया गया है इस जड़ी को आप शुक्रवार वाले दिन शुक्र के शुभ नक्षत्र में शुक्र देव का स्मरण कर,धारण कर सकते हैं।
शुक्र हेतु रुद्राक्ष
शुक्र देव को प्रसन्न करने तथा जीवन में सफलता प्राप्त करने हेतु ज्योतिष में छः मुखी/तेरह मुखी रुद्राक्ष को धारण करना शुभ फलदायी होता है।
तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करने हेतु मंत्र:
- “ॐ ह्रीं नमः”
- “ॐ रं मं यं ॐ”
शुक्र ग्रह मंत्र
- “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः”
- “ॐ शुं शुक्राय नमः”
शुक्र ग्रह की पूजा के साथ-साथ यदि शुक्र के बीज मंत्रों का उच्चारण किया जाए तो, जल्दी ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इन मंत्रों को कम से कम 16000 बार उच्चारण करना चाहिए। कलयुग में इस मंत्र को 64000 बार जप करने से जीवन में आर्थिक संपन्नता, प्रेम और सुंदरता में वृद्धि होती है।
कुछ सवाल व उनके जवाब – FAQ
Q- कुंडली में शुक्र ग्रह क्या फल प्रदान करते हैं?
An- कुंडली में शुक्र मजबूत भाव में बैठे हैं तो, जातक को सभी तरह की सुख समृद्धि व भौतिक सुख-सुविधा जीवन में प्राप्त होती है।
Q- शुक्र ग्रह के शत्रु व मित्र ग्रह कौन-कौन से है?
An- बुध और शनि ग्रह, मित्र ग्रह तथा सूर्य और चंद्रमा इसके शत्रु ग्रह माने जाते हैं।
Q- क्या धरती से शुक्र ग्रह को देखा जा सकता है?
An- हां, शुक्र ग्रह को देखा जा सकता है।
Q- शुक्र ग्रह दशा क्या होती है?
An- शुक्र की महादशा का फल जातक की कुंडली में उनके स्थान(नीच व उच्च) की स्थिति पर निर्भर करती है।