Mars and Venus Conjunction | मंगल-शुक्र की युति, होगा, धन, सुख व प्रेम संबंधों को लाभ

मंगल-शुक्र की युति

कुंडली के विभिन्न भावों में मंगल-शुक्र की युति- ज्योतिष शास्त्र की महत्वपूर्ण दुनिया में, ग्रहों का संरेखण बहुत महत्वपूर्ण होता है। कुंडली में मंगल और शुक्र की युति एक ऐसी युति है जो प्रेमियों के बीच जिज्ञासा पैदा करती है। अक्सर हम सभी विचार करते हैं कि क्या परिणाम मिलते हैं जब मंगल व शुक्र एक साथ होते हैं या जब वे कुंडली के एक ही भाव में होते हैं। तो आज ‘मंगल भवन के इस लेख में हम लाल ग्रह मंगल व प्रेम व सौंदर्य के ग्रह शुक्र की युति के बारे में विस्तार से पढेंगे। तो आइए लेख में आगे पढ़ें-

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वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब कुंडली में मंगल व शुक्र एक साथ आते हैं, तो यह एक शक्तिशाली ब्रह्मांडीय ऊर्जा को उत्पन्न करते है। इसके साथ दोनों ग्रहों के इस संयोजन को प्रेम और जुनून के संलयन का प्रतीक माना जाता है, जो स्त्री और पुरुष की ऊर्जा को सम्मिलित कर एक गतिशील मिश्रण बनाता है। ज्योतिष में, शुक्र ग्रह को प्रेम, रिश्ते, सौंदर्य और सद्भाव का प्रतिनिधि कहा जाता है, जबकि मंगल ग्रह जुनून, मुखरता और इच्छा का प्रतीक होता है। जब ये दोनों ग्रह एक साथ युति में आते हैं, तो यह जुनून और स्नेह दोनों से भरे गहन रोमांटिक रिश्तों को जन्म दे सकता है।

इसके अलावा शुक्र और मंगल की युति वाले जातक चुंबकीय और आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। जिनसे सहज ही सब आकर्षित होकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। मंगल व शुक्र का यह संयोजन जातकों को प्रेम, संवेदनशीलता और मुखरता के सम्मिश्रण के लिए एक अच्छा व संतुलित दृष्टिकोण प्रदान करता है। हालांकि, कुछ अशुभ प्रभावों के चलते यह चुनौतियां भी ला सकता है, क्योंकि मंगल की भावुक प्रकृति, शुक्र ग्रह की सामंजस्यपूर्ण प्रकृति के साथ कुछ टकराव की स्थिति भी बना सकती है , जिसके परिणाम में संबंधों में कभी-कभी टकराव या छोटे-मोटे झगड़े हो सकते है।

अनुभवी ज्योतिष आचार्यों के मतानुसार, मंगल व  शुक्र की युति जातक को गणित में अत्यधिक गणनात्मक बनाती है। आधुनिक समय में ऐसे व्यक्ति कंप्यूटर या अन्य गणनात्मक चीजों के विशेषज्ञ हो सकते हैं। शुक्र व मंगल का संयोजन में  जातक का विवाह शीघ्र होने के योग बनते हैं या ऐसे जातक कम उम्र में ही स्त्री सुख प्राप्त कर लेते है। अशुभ प्रभाव से जातक जुए-सट्टे जैसी बुरी आदतों का शिकार हो सकता है। ऐसे जातक को डांस, हिप हॉप या रॉक संगीत में अच्छी रुचि हो सकती है। साथ ही वें युद्ध जीतने की विभिन्न कलाओं से निपूर्ण होते हैं। यदि किसी स्त्री की कुंडली में इस युति का प्रभाव है तो, जातक का पति बहुत आकर्षक होता है, व विवाह के बाद धनवान बन सकता है। 

इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र में यह भी बताया गया है कि, यदि किसी भाव में मंगल व शुक्र साथ में हो तो यह ‘धन शक्ति राजयोग’ का निर्माण करते हैं। जो कि कई राशियों के लिए लाभदायक व बहुत शुभ योग माना जाता है। गणना के अनुसार ग्रहों के राशि परिवर्तन से कई बार कुछ ऐसे अद्भुत राजयोगों का निर्माण होता है, जो जातक के जीवन में आ रही समस्या को दूर कर सौभाग्य में वृद्धि करते हैं। इन्हीं राजयोग में से एक राजयोग है ‘धन शक्ति राज योग’ जो कि बहुत ही शुभ व महत्वपूर्ण योग होता है। 

 यदि कुंडली के पहले यानी लग्न भाव में मंगल व शुक्र की युति हो तो यह जातक को आर्थिक परेशानी देने वाली होती है। व्यापार में भी बहुत समस्या रहेगी। जो जातक नौकरी में हैं उन्हें अधिकारी वर्ग का सहयोग मिलेगा, लेकिन कृषि क्षेत्र में लाभ की स्थिति कुछ विशेष नहीं रहेगी। साथ ही यह माता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता दे सकती है। किसी अनजान व्यक्ति के साथ मेलजोल बढ़ाने से व्यापार को लाभ मिल सकता है।

यदि दूसरे भाव में शुक्र और मंगल की युति हो तो यह जातक के व्यापार\व्यवसाय के शुभ फल देने वाली होगी। नौकरीपेशा जातकों के लिए सहकर्मियों से परेशानी होगी। साथ ही जातक को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी रहेगी। किसी पुराने पड़ोसी से समस्या का सामना करना पड़ सकता है, अतः धैर्य रखने की सलाह दी जाती है। युति के शुभ संयोग से माता-पिता की तीर्थ यात्रा का योग बन सकता है। जातक को माता से अच्छा सहयोग मिलेगा। 

कुंडली में यदि तीसरे भाव में मंगल और शुक्र की युति बन रही हो तो; ऐसे जातक को नौकरी में आगे बढ़ने के कई अच्छे अवसर मिलते हैं। व्यापार\व्यवसाय में भी अच्छा लाभ मिलेगा। परिवार में बहन को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा। ऐसे जातकों को जीवनसाथी का अच्छा साथ व सहयोग मिलता है, जो आपकी बहन की परेशानियां दूर करने में भी सहायक सिद्ध होगा। संतान पक्ष का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। 

यदि जन्म कुंडली के चौथे भाव में मंगल व शुक्र की युति हो तो यह जातक के लिए कोर्ट-कचहरी या कानूनी मामलों को लेकर समस्या दे सकते हैं। व्यापार में मध्यम लाभ होगा। नौकरी में तरक्की तो होगी, लेकिन स्थान परिवर्तन के योग बन रहे हैं। व्यापार \व्यवसाय में साझेदारी के साथ कार्य करने का अवसर मिलेगा परंतु ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि में सोच-समझकर कार्य करें नहीं तो परेशानी उठानी पड़ सकती है। जीवनसाथी भी आपके धन अर्जन में सहायक होगा। घर-परिवार में कोई मांगलिक या शुभ कार्य के भी योग बन रहे हैं।  

यदि कुंडली के पांचवे भाव में मंगल के साथ शुक्र की युति हो तो ऐसे जातक को संतान सुख की प्राप्ति होती है। व्यापार\व्यवसाय में सफलता के साथ-साथ समस्या आ सकती है अतः सतर्क रहें। नौकरी में कार्यस्थल पर सहकर्मियों से अच्छा सहयोग मिलेगा। इसके साथ ही जातक को पैतृक संपत्ति का भी सुख मिल सकता है, परिवार में कोई नए मेहमान के आने का भी योग है। 

कुंडली के छठे भाव में मंगल व शुक्र की युति से प्रभावित जातक, अपने प्रेम सम्बन्ध व राजनीति के मामलों में सफल होते हैं। व्यापार में भी अच्छा लाभ मिलता है। नौकरी परिवर्तन हो सकता है। जातक के पिता पक्ष के स्वास्थ्य में सुधार होगा साथ ही पारिवारिक अनबन हो सकती है। माता पक्ष से अच्छा सहयोग प्राप्त होगा। 

कुंडली के सातवें भाव में मंगल व शुक्र की युति होने पर यह जातक के जीवनसाथी से अच्छा तालमेल बढ़ाने में सहायक होता है। किसी करीबी मित्र से दूर हो सकते हैं। जातक  व्यापार\व्यवसाय में अच्छा लाभ कमाएँगे। पारिवारिक संबंधों में कुछ मतभेद होने की आशंका है। संतान संबंधी सुख मिलेगा। माता पक्ष को अचानक स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है। 

कुंडली के आठवें भाव में मंगल व शुक्र की युति होने पर ऐसे जातक की पारिवारिक उन्नति होती है। व्यापार\व्यवसाय अच्छा चलेगा व नौकरीपेशा जातकों को पदोन्नति मिलेगी। कृषि क्षेत्र से जुड़े जातकों को सामान्य लाभ होगा। माता को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी रहेगी। पिता के स्वास्थ्य में सुधार होगा। भाई की आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। जीवनसाथी को रोजगार में दिक्कत आएगी।। 

यदि कुंडली के नौवें भाव में मंगल व शुक्र का संयोजन बन रहा हो तो ऐसे जातक सफलता के साथ जीवन का आनंद लेते हैं साथ ही सभी प्रकार के भौतिक सुखों को भोगने वाला होता है। व्यापार\व्यवसाय में सफलता मिलेगी। नौकरी करने वाले जातकों को पदोन्नति मिलेगी। किसी बड़े अधिकारी वर्ग के साथ कार्य करने की भी संभावना बन रही है। लेकिन;ज्योतिष के अनुसार इन जातकों को वाहन चलाते समय विशेष रूप से सावधानी बरतनी होगी; नहीं तो दुर्घटना के शिकार हो सकता है। 

कुंडली के दसवें भाव में मंगल व शुक्र की युति हो तो जातक का रोजगार अच्छा रहेगा है। व्यापार में सफलता मिलेगी. नौकरी में सहकर्मियों से सहयोग मिलेगा। माता की ओर से धार्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे। पिता की आर्थिक उन्नति होगी।

मंगल-शुक्र की युति

यदि कुंडली के ग्यारहवें भाव में मंगल की युति हो तो जातक को समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। युति के अशुभ प्रभाव में  व्यापार\व्यवसाय में परेशानी हो सकती है। नौकरी में सामान्य जीवन रहेगा। संतान के विवाह के योग बनेंगे। जीवनसाथी को रोजगार में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। ससुराल पक्ष से सहयोग प्राप्त होगा। 

यदि बारहवें भाव में शुक्र और मंगल की युति हो तो व्यक्ति को व्यापार में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। नौकरी में सहकर्मियों से परेशानी होगी। आपको स्वयं स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां रहेंगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। संतान को रोजगार में उन्नति मिलेगी। जातक किसी धार्मिक स्थान से भी जुड़ सकते हैं। 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि कुंडली में ग्रहों का संयोग बनता है तो यह जातक के जीवन में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। मंगल व शुक्र की युति में मंगल का प्रभाव थोड़ा अधिक हो सकता है। यदि इन दोनों ग्रहों की स्थिति बहुत मजबूत हो तो यह जातक में मोह-वासना की तीव्रता हो जाती है और जातक का स्वयं पर नियंत्रण रखना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा ग्रहों की युति का प्रभाव कुंडली के अलग-अलग भावों में प्रभाव के आधार पर परिणाम देते हैं।


Q. क्या शुक्र व मंगल की युति अच्छी है?

An. हाँ, शुक्र-मंगल की युति अच्छी मानी जाती है।

Q. शुक्र किस राशि पर शासन करता है?

An. ज्योतिष के अनुसार, शुक्र तुला और वृषभ राशि पर शासन करता है।

Q. क्या मंगल शुक्र की युति विवाह के लिए अच्छी है?

An. ज्योतिष में, शुक्र ग्रह को प्रेम, रिश्ते, सौंदर्य और सद्भाव का प्रतिनिधि कहा जाता है, जबकि मंगल ग्रह जुनून, मुखरता और इच्छा का प्रतीक होता है। जब ये दोनों ग्रह एक साथ युति में आते हैं, तो यह जुनून और स्नेह दोनों से भरे गहन रोमांटिक रिश्तों को जन्म दे सकता है। कुंडली में मंगल और शुक्र की युति एक ऐसी युति है जो प्रेमियों के बीच जिज्ञासा पैदा करती है।

Q. कुंडली में, मंगल व शुक्र की युति से कौन सा योग बनता है?

An. ज्योतिष शास्त्र में यह भी बताया गया है कि, यदि किसी भाव में मंगल व शुक्र साथ में हो तो यह ‘धन शक्ति राजयोग’ का निर्माण करते हैं। जो कि कई राशियों के लिए लाभदायक व बहुत शुभ योग माना जाता है।

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