कुंडली के विभिन्न भावों में मंगल-बुध की युति- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल और बुध ग्रह की युति जातकों के लिए अनुकूल सिद्ध हो सकती है। कुंडली के किसी भाव में यदि मंगल व बुध का संयोजन है तो ऐसे जातक आध्यात्मिक विचार वाले व ज्योतिष और धर्म से जुड़े होते हैं, और यह संयोजन जातकों को एक अच्छा समय देने के लिए शानदार साबित हो सकता है।
वैसे तो, गणना के मुताबिक बुध और मंगल को शत्रु ग्रह माना जाता है। ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संचार, चतुराई और मित्र का कारक कहा गया है। इसके साथ ही, मंगल ग्रह, ऊर्जा, भाई, भूमि, बल, साहस, शौर्य, पराक्रम का कारक होता है। तो, जब कोई ग्रह कमजोर या नीच के भाव में होता है तो जातक के जीवन पर बहुत परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इसके अलावा कुंडली में मंगल व बुध के कारण दोष भी उत्पन्न हो सकते हैं जो कि कई परेशानियों का कारण बन सकते हैं।
कुंडली में मंगल-बुध की युति के प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मंगल के साथ बुध की युति में, मंगल ग्रह क्रियाशीलता, आक्रामकता और दृढ़ संकल्प की व बुध ग्रह बुद्धि, तार्किक सोच, अच्छे विचार की भूमिका में प्रभाव देते हैं। अतः जब क्रिया रुपी मंगल ग्रह बुद्धि व वाणी प्रधान कारक के साथ जुड़ता है, तो यह जातक को उसके कार्य-उन्मुख तरीके से बात करने से लेकर दूसरों को अपने लिए काम करने हेतु मजबूर करने की क्षमता और संचार की शक्ति का विकास करता है।
इसके साथ ही मंगल और बुध की युति बुद्धिमानी से संवाद करने की क्षमता के साथ साहस व चतुराई के बल पर विजय पाने का एक मिश्रण कहलाती है, जो कुंडली में इस युति के प्रभाव में, जातक को तेज बुद्धि वाला, अपने आयामों में त्वरित निर्णय के साथ विश्लेषणात्मक बनाता है। किसी भी जातक की कुंडली में यह सभी गुण मंगल-बुध युति की शक्ति के आधार पर आते हैं।
ज्योतिष में: मंगल और बुध का महत्व
ज्योतिष में मंगल ग्रह को क्रोध, साहस और पहल के रूप में संदर्भित किया गया है। जो किसी विशेष स्थिति पर जीत हासिल करने के लिए शक्ति के साथ कार्य करने की इच्छा को दर्शाता है। इसके साथ ही, यह किसी भी जातक की इच्छा शक्ति, ऊर्जा और घटना या व्यक्ति के प्रति कार्य करने की क्षमता को भी दर्शाता है।
वहीं ज्योतिष के अनुसार, बुध अच्छे संचार कौशल के साथ बुद्धिमत्ता और हास्य का प्रतिनिधित्व करता है। जिसके प्रभाव में जातक के पास परिस्थितियों के आधार पर सही निर्णय लेने की सोच व क्षमता होती है। इस पूर्वानुमान की गणना वैदिक ज्योतिष के द्वारा चंद्र राशि पर आधारित होता है।
कुंडली में मंगल-बुध की युति: सकारात्मक प्रभाव
कुंडली में, मंगल व बुध के सकारात्मक संयोजन से जातक को भाषण, लेखन, आक्रामकता के माध्यम से तकनीकी संचार में अच्छी रुचि प्राप्त होती है। क्योंकि बुध भाषा, भाषण व लेखन का प्रतिनिधित्व करता है, और मंगल आक्रामकता के साथ मजबूत व दृढ़ इच्छा शक्ति, लड़ने की क्षमता, सहनशीलता व जीतने की शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। इन गुणों के साथ जातक को बुद्धिमान और तार्किक भाषण व बातचीत करने की अद्भुत क्षमता प्राप्त होती है जो की उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में अच्छे वकील और प्रवक्ता बना सकती है। इसके अलावा मंगल व बुध के शुभ प्रभाव से जातक सॉफ्टवेयर इंजीनियर, या आईटी इलेक्ट्रॉनिक्स में संचार इंजीनियर बनने के अवसर प्राप्त हो सकते है। मंगल व बुध के अच्छे प्रभाव से जातक को अपनी समृद्धि के लिए व्यक्तिगत या व्यावसायिक मोर्चे पर बुद्धिमानी के साथ श्रेष्ठ वाणी से कार्य करने की बुद्धि मिलती है।
नकारात्मक प्रभाव
कुंडली में नकारात्मक मंगल व बुध का संयोजन आक्रामकता, भ्रम की स्थिति और अंधेरे का निर्माण करने वाला होगा, जो बुद्धि और कार्यों के संचालन को अवरुद्ध कर जातक को व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों मोर्चों पर अपने लिए समस्या ही समस्या प्रदान करेगा। किसी भी जल राशि (कर्क व मीन) में मंगल व बुध की युति से जातक के लिए बहुत कठिनाई उत्पन्न होती है क्योंकि नीच का मंगल खुद को बचाने के लिए आत्म-रक्षात्मक तंत्र बनाता है और की गई कड़ी कार्रवाई उनके लिए एक बड़ी समस्या बन जाती है। इसके साथ ही ज्योतिष के अनुसार, बुद्धि और कर्म के असंतुलन की तीव्रता, कुंडली में युति के स्थान पर भी निर्भर करती है।
कुंडली के विभिन्न भावों में मंगल-बुध की युति
पहले भाव में मंगल-बुध की युति
पहले भाव में बुध और मंगल की युति के कारण जातक को स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान ज्योतिष की सलाह में, वाहन चलाने से बचें। साथ ही वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं। इस दौरान लेन-देन भी नहीं करना चाहिए क्योंकि निवेश से हानि होने की आशंका है। जितना हो अपने जीवनसाथी के साथ समय व्यतीत करें, व धन सोच-समझकर व्यय करें।
दूसरे भाव में बुध-मंगल की युति
कुंडली के दूसरे भाव में बुध और मंगल की युति जातक को आक्रामक स्वभाव का बनाती है। ऐसे जातक की बोलने की क्षमता अच्छी होती है। इस दौरान जातक को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही पारिवारिक मामलों में कुछ परेशानी की स्थिति हो सकती है व भाई-बहनों के साथ विवाद हो सकता है।
तीसरे भाव में बुध- मंगल की युति
कुंडली के तीसरे भाव में बुध और मंगल की युति से प्रभावित जातक साहसी होते हैं। ऐसे जातक का स्वभाव ऊर्जा युक्त होता है। परिवार में संपत्ति को लेकर कानूनी विवाद हो सकता है। साथ ही ऐसे जातक समाज में बहुत प्रसिद्धि हासिल करते है। कार्यस्थल पर किसी सहकर्मी से कुछ परेशानी हो सकती है। अतः शांत रहने का सुझाव दिया जाता है।
चौथे भाव में बुध-मंगल की युति
ज्योतिष के अनुसार, कुंडली के चौथे भाव में बुध और मंगल की युति के कारण जातक, आक्रामक व तीव्र स्वभाव का हो सकता है। उनका माता पक्ष से मतभेद हो सकता है। साथ ही स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां व त्वचा संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। फालतू खर्च से जातक को आर्थिक परेशानी हो सकती है। यदि कोई जातक राजनीति के क्षेत्र से जुड़ा है तो इस दौरान अच्छी सफलता मिलेगी।
पांचवें भाव में बुध-मंगल की युति
कुंडली के पांचवे भाव में बुध और मंगल की युति के कारण जातक एक अच्छा वक्ता हो सकता है। उनकी मौखिक रूप से सीखने की क्षमता श्रेष्ठ होती है। प्रेम संबंध में व संतान प्राप्ति में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान मित्रों और रिश्तेदारों से विवाद हो सकता है। वैवाहिक जीवन में पत्नी से विवाद के कारण रिश्ते खराब हो सकते हैं।
छठे भाव में बुध-मंगल की युति
कुंडली के छठे भाव में बुध और मंगल की युति से जातक, साहसी और ऊर्जावान होते है। ऐसे जातक अपने शत्रुओं से सदैव जीत हासिल करते हैं, शत्रु उनके समक्ष टिक नहीं पाता। मुकदमे संबंधी मामलों में सफलता मिलेगी। आर्थिक स्थिति अच्छी होगी। साथ ही जातक को शिक्षा के संबंध में परेशानी हो सकती है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
सातवें भाव में बुध- मंगल की युति
कुंडली के सप्तम भाव में बुध और मंगल की युति से व्यक्ति में तीव्र सोचने की क्षमता होती है। प्रेम संबंधों में ब्रेकअप हो सकता है। वैवाहिक जीवन में, पत्नी से विवाद के कारण मतभेद हो सकता है। व्यापार में वृद्धि हो सकती है। इस अवधि में आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
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आठवें भाव में बुध-मंगल की युति
कुंडली के आठवें भाव में बुध और मंगल की युति से जातक को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती है। रिश्तेदारों और भाई-बहनों के बीच अनबन हो सकती है। पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद हो सकता है। कानूनी दिक्कतों के कारण संपत्ति का नुकसान हो सकता है। दांपत्य जीवन सामान्य रहता है।
नौवें भाव में बुध-मंगल की युति
कुंडली के नौवें भाव में बुध और मंगल की युति जातक को भाग्यशाली, प्रसिद्ध और धनवान बना सकती है। युति के शुभ प्रभाव से जातक धार्मिक प्रवृत्ति में आगे रहता है। इस दौरान पिता पक्ष से मतभेद हो सकता है। व्यवसाय में अच्छी सफलता आपको प्रसिद्धि के मार्ग पर ले जाएगी। शुभ प्रभाव से जातक को विदेश यात्रा के भी अवसर मिल सकते हैं।

दसवें भाव में बुध- मंगल की युति
कुंडली के दसवें भाव में बुध और मंगल की युति जातक को प्रभावशाली व्यक्तित्व प्रदान करती है। ऐसे जातक को आपको समाज में नाम और प्रसिद्धि मिल सकती है। जातक पेशेवर जीवन में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। जातक को पैतृक संपत्ति मिल सकती है। इस दौरान व्यक्ति मानसिक तनाव से ग्रस्त हो सकता है।
ग्यारहवें भाव में बुध-मंगल की युति
ग्यारहवें भाव में बुध और मंगल की युति जातक को आकर्षक होने का गुण प्राप्त होता है। ऐसे जातक की मानसिक शक्ति अच्छी होती है साथ ही ये जातक धोखा देने संबंधी मामलों में माहिर होते हैं। इन जातकों को व्यापारिक गतिविधियों में अच्छी सफलता मिल सकती है। साथ ही आर्थिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।
बारहवें भाव में बुध-मंगल की युति
कुंडली के बारहवें भाव में बुध और मंगल की युति जातक को बुद्धिमान बनाती है। ऐसे जातक का जीवन के प्रति भौतिकवादी दृष्टिकोण होता है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मंगल और बुध की युति वैवाहिक जीवन के लिए शुभ नहीं मानी जाती है। जिससे वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं। जातक का अपनी पत्नी से विवाद या झगड़ा हो सकता है।
निष्कर्ष
यदि किसी जातक की कुंडली में मंगल और बुध एक ही भाव में एक साथ बैठे हैं तो यह भाई-बहन व जातक के व्यवसाय और नौकरी दोनों मामलों में लाभ दायक होती है। ऐसे जातक को अध्ययन क्षेत्र में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
कुल-मिलाकर कुंडली के बारह भावों में बुध व मंगल की युति मिलाजुला परिणाम देने वाली होती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न–FAQ
Q. कुंडली में मंगल व बुध के संयोजन का क्या प्रभाव होता है?
An. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मंगल के साथ बुध की युति में, मंगल ग्रह क्रियाशीलता, आक्रामकता और दृढ़ संकल्प की व बुध ग्रह बुद्धि, तार्किक सोच, अच्छे विचार की भूमिका में प्रभाव देते हैं। अतः जब क्रिया रुपी मंगल ग्रह बुद्धि व वाणी प्रधान कारक के साथ जुड़ता है, तो यह जातक को उसके कार्य-उन्मुख तरीके से बात करने से लेकर दूसरों को अपने लिए काम करने हेतु मजबूर करने की क्षमता और संचार की शक्ति का विकास करता है।
Q. क्या मंगल व बुध शत्रु ग्रह हैं?
An. हां, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल व बुध शत्रु ग्रह होते हैं।
Q. मंगल व बुध की युति वैवाहिक जीवन के लिए कैसे मानी जाती है?
An. मंगल व बुध की युति भाई-बहन व जातक के व्यवसाय और नौकरी दोनों मामलों में लाभदायक होती है। वैवाहिक जीवन के लिए यह युति कुछ विशेष परिणाम नहीं देती है।
Q. क्या, मंगल व बुध का संयोजन जातक के धन संबंधी मामलों में अच्छा होता है?
An. हां, मंगल और बुध की युति, बुद्धिमानी से संवाद करने की क्षमता के साथ साहस व चतुराई के बल पर विजय पाने का एक मिश्रण कहलाती है, जो कुंडली में इस युति के प्रभाव में, जातक को तेज बुद्धि वाला, अपने आयामों में त्वरित निर्णय के साथ विश्लेषणात्मक बनाता है। जिससे जातक एक अच्छा वक्ता बन सकता है।
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