विवाह के लिए, शुभ नक्षत्र का मिलान- हमारे पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, विवाह के समय सबसे अधिक महत्वपूर्ण स्थान शुभ नक्षत्रों के मिलान का होता है। वैवाहिक जीवन की शुभता के लिए नक्षत्रों का एक साथ शुभ स्थिति में आना भी सुखी दांपत्य का आधार होता है। ज्योतिष की प्रमुख गणना भी यही कहती है कि, जब हम उस नक्षत्र से मिलते हैं; जो हमारा अच्छा सहयोगी और मित्र है। तो इस स्थिति में हमारे कई गुण और अवगुण उस नक्षत्र के साथ मिलकर एक अच्छा व शुभ संयोग बना सकते हैं। इसके साथ ही यह भी आवश्यक है कि यदि, किसी जातक को सही नक्षत्रों के मिलान से अपने लिए एक अच्छा जीवन साथी मिल जाता है, तो यह उसके जीवन भर एक शुभ और सुखद का स्थिति संकेत होता है।
क्या होता है ? नक्षत्र पोरुथम
ज्योतिष में नक्षत्र पोरुथम, या नक्षत्र अनुकूलता का बहुत महत्व है। जब विवाह के लिए दो जातकों की कुंडली का मिलान किया जाता है। तब नक्षत्रों को एक महत्वपूर्ण पहलू मानते है, क्योंकि ये चंद्र नक्षत्र विवाहित जोड़े के लिए अनुकूलता निर्धारित करने में मदद करते हैं। ‘मंगल भवन’ के इस लेख में आज हम नक्षत्र पोरुथम, सुखी व संपन्न वैवाहिक जीवन के लिए इसके महत्व और एक सफल वैवाहिक रिश्ते के लिए सबसे उपयुक्त नक्षत्र की गणना कैसे करते हैं, इस विषय पर विस्तार से बातचीत करेंगे।
ज्योतिष में : नक्षत्र क्या होते है व महत्व क्या है ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा आकाश में अपनी 1 माह की मासिक यात्रा के दौरान सत्ताईस ;तारा समूह’ से होकर गुजरता है। इन तारा समूहों को ही नक्षत्र की संज्ञा दी गई है। नक्षत्र ये अपने अद्वितीय गुणों, विशेषताओं और प्रतीकवाद के लिए जाना जाता है। जो कुंडली में राशि और नक्षत्र के द्वारा विवाह मिलान में ज्योतिष शास्त्र का एक विश्लेषण व महत्वपूर्ण हिस्सा माने जाते हैं। ज्योतिष में 12 राशियां और 27 नक्षत्र होते हैं। हर राशि में दो या तीन नक्षत्र आते हैं। हर नक्षत्र के चार भाग होते हैं। नक्षत्र के हर भाग को चरण कहा जाता है और हर चरण में नाम के चार अक्षर होते हैं।
विवाह के लिए शुभ नक्षत्र की अनुकूलता: महत्व
वैदिक काल से ही विवाह के लिए शुभ नक्षत्र मिलान का उपयोग युवक-युवती की अनुकूलता का मिलान करने के लिए किया जाता है। चूंकि ज्योतिष में प्रत्येक नक्षत्र की अपनी विशेषताएँ व अद्वितीय गुण होते हैं, इसलिए विवाह के लिए नक्षत्र मिलान का उपयोग कुंडली मिलान और विवाह के जोड़ों की अनुकूलता की जानकारी करने के लिए किया जाता है।
शुभ व अनुकूल नक्षत्र के आधार पर किया गया विवाह वैवाहिक जोड़ो को एक-दूसरे के लिए बहुत अच्छी समझ, प्रतिबद्धता और आत्मीयता का आनंद लेने में भी सहायक होता हैं। साफ व सरल शब्दों में, कहा जाए तो, तारा समूहों में विवाह मिलान के दौरान नक्षत्र अनुकूलता जितनी अधिक होगी, विवाह में निष्ठा और दीर्घायु भी उतनी ही अधिक होगी। क्योंकि हमारे भीतर कौन से गुण मौजूद हैं क्या-क्या दोष है। जो हमारे जीवन में सुख या दुख जैसी स्थितियों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। हमारा स्वभाव किसके साथ अच्छा मेल खा सकता है, हम किसकी भावनाओं को समझ सकते हैं और भागीदार बन सकते हैं? इस कार्य को ही नक्षत्र मिलान द्वारा किया जाता है; जो कि ज्योतिष में एक विशेष सिद्धांत भी है।
क्यों विवाह के लिए नक्षत्र मिलान महत्वपूर्ण होते है?
प्राचीन समय से ही विवाह के लिए नक्षत्र मिलान, ऋषि-मुनियों द्वारा भी किया जाता था। यह युवक व युवती में गुणों की अनुकूलता का मिलान करने का एक बहुत अच्छा और प्रभावी तरीका है। विवाह के लिए नक्षत्र अनुकूलता की जानकारी प्राप्त करके जोड़ों के बीच के गुण-अवगुण व स्वभाव के बारे में अच्छी तरह जांच की जा सकती है। चंद्रमा, सूर्य राशि और लग्न के अलावा, नक्षत्र के आधार पर विवाह अनुकूलता को महत्व दिया जाता है। इससे न सिर्फ वैवाहिक जीवन सुखमय होता है; बल्कि अच्छे नक्षत्र मिलान से जातकों के बीच प्रेम सम्बन्ध और भी गहरा होता है। यहाँ हमने नक्षत्रों के लिए उनके श्रेष्ठ सहभागी नक्षत्र के बारे में जानकारी दी है। जो कुछ इस प्रकार है-
![विवाह के लिए, शुभ नक्षत्र](https://blog.mangalbhawan.com/wp-content/uploads/2024/04/विवाह-के-लिए-शुभ-नक्षत्र-मिलान-ENG.jpg)
विवाह के लिए नक्षत्र मिलान: सहभागी नक्षत्र
ज्योतिष में, विवाह के लिए राशि नक्षत्र मिलान हमेशा युवती (लड़की) के नक्षत्र से युवक (लड़के) के नक्षत्र तक किया जाता है। अतः विवाह के लिए श्रेष्ठ नक्षत्र खोजने के लिए नीचे दिए गए नक्षत्र मिलान तालिका इस प्रकार है- जिससे आपको लड़कियों के जन्म नक्षत्र को लंबवत रूप से नीचे की ओर व पंक्ति के अनुरूप लड़के के जन्म नक्षत्र से उसका मिलान करना चाहिए।
जन्म नक्षत्र | विवाह के लिए श्रेष्ठ नक्षत्र संयोजन |
अश्विनी नक्षत्र के लिए अनुकूलता | अश्विनी, भरणी, रोहिणी, पुष्य, स्वाति, आश्लेषा, अनुराधा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, हस्त, धनिष्ठा, आर्द्रा नक्षत्र |
भरणी नक्षत्र के लिए अनुकूलता | अश्विनी, कृत्तिका, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, उत्तरा आषाढ़, चित्रा, स्वाति, श्रवण, शतभिषा नक्षत्र |
कृतिका नक्षत्र के लिए अनुकूलता | अश्विनी, भरणी, रोहिणी, श्रवण, पुष्य, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, उत्तरा फाल्गुनी, श्रवण, धनिष्ठा |
रोहिणी नक्षत्र के लिए अनुकूलता | रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा आषाढ़, चित्रा, विशाखा, धनिष्ठा, |
मृगशिरा नक्षत्र के अनुकूलता | रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पूर्वाफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, शतभिषा |
आद्रा नक्षत्र के लिए अनुकूलता | रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पूर्वाफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, रेवती, पूर्वा भद्रा नक्षत्र |
पुनर्वसु नक्षत्र के लिए अनुकूलता | अश्विनी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूला, उत्तरा आषाढ़, शतभिषा नक्षत्र |
पुष्य नक्षत्र के लिए अनुकूलता | आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, पूर्वाफाल्गुनी, हस्त, स्वाति, विशाखा, पूर्वा आषाढ, श्रवण, रेवती नक्षत्र |
अश्लेषा नक्षत्र की अनुकूलता | अश्विनी, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, विशाखा, मूल, उत्तरा भाद्र धनिष्ठा, उत्तरा आषाढ़ नक्षत्र |
मघा नक्षत्र के लिए अनुकूलता | भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, आर्द्रा, पुनर्वसु, अश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, श्रवण, शतभिषा नक्षत्र |
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के लिए अनुकूलता | अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, मघा, उत्तरा आषाढ़, शतभिषा, ज्येष्ठा, मूला, धनिष्ठा नक्षत्र |
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के लिए अनुकूलता | अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, हस्त, स्वाति, अनुराधा, पूर्वा आषाढ, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्र नक्षत्र |
हस्त नक्षत्र के लिए अनुकूलता | मृगशिरा, पुनर्वसु, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वा आषाढ़, उत्तरा आषाढ़, धनिष्ठा नक्षत्र |
चित्रा नक्षत्र के लिए अनुकूलता | चित्रा, रोहिणी, आर्द्रा, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, मूल, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्र नक्षत्र |
स्वाति नक्षत्र के लिए अनुकूलता | भरणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वा आषाढ़, पूर्वाभाद्र, रेवती नक्षत्र |
विशाखा नक्षत्र के लिए अनुकूलता | अश्विनी, भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुष्य, मघा, अनुराधा, मूल, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्र नक्षत्र |
अनुराधा नक्षत्र के लिए अनुकूलता | भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वाफाल्गुनी, अनुराधा, ज्येष्ठा, पूर्वा आषाढ, श्रवण, शतभिषा, पूर्वा भाद्र, रेवती नक्षत्र |
ज्येष्ठा नक्षत्र के लिए अनुकूलता | कृतिका, उत्तराफाल्गुनी, धनिष्ठा, पूर्वा भद्रा, उत्तरा भद्रा, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु नक्षत्र |
मूला नक्षत्र की अनुकूलता | भरणी, आर्द्रा, पूर्वाफाल्गुनी, हस्त, पूर्वा आषाढ, श्रवण, शतभिषा नक्षत्र |
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के लिए अनुकूलता | उत्तरा आषाढ़, चित्रा, विशाखा, उत्तरा फाल्गुनी, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्र, रेवती नक्षत्र |
उत्तरा आषाढ़ के लिए अनुकूलता | अश्विनी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, मूल, श्रवण, शतभिषा नक्षत्र |
श्रवण नक्षत्र के लिए अनुकूलता | भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वाफाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, उत्तरा आषाढ़, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्र, रेवती नक्षत्र |
धनिष्ठा नक्षत्र के लिए अनुकूलता | अश्विनी, कृत्तिका, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तरा आषाढ़, हस्त, स्वाति, अनुराधा, मूला, उत्तरा फाल्गुनी, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वा भद्रा, रेवती नक्षत्र। |
शतभिषा नक्षत्र के लिए अनुकूलता | भरणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, पूर्वाफाल्गुनी, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वा आषाढ़, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्र, रेवती। |
पूर्वाभाद्र नक्षत्र के लिए अनुकूल | अश्विनी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूला नक्षत्र। |
उत्तरभाद्र नक्षत्र के लिए अनुकूलता | भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुनर्वसु, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, हस्त, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, श्रवण, पूर्वा आषाढ़, रेवती नक्षत्र। |
रेवती नक्षत्र के लिए अनुकूलता | अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, मूला नक्षत्र। |
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निष्कर्ष
ज्योतिष में, नक्षत्र पोरुथम विवाह के लिए तारा मिलान (नक्षत्र मिलान) की एक पारंपरिक और विश्वसनीय विधि है। इस प्राचीन पद्धति से लड़के और लड़की की अनुकूलता की जांच कर सकते हैं और उनके वैवाहिक सुख का निर्धारण कर सकते हैं। यह गणना, व्यक्तिगत अनुकूलता, पारिवारिक समर्थन और भावनात्मक संबंध के संयोजन के लिए समग्र मूल्यांकन का एक सर्वे श्रेष्ठ माध्यम है। जो कि संभावित विवाह के विभिन्न पहलुओं में मूल्यवान व सटीक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। इसके अलावा यह भी एक सत्यता है कि प्रेम, समझ, सम्मान और आपसी सहयोग एक सफल वैवाहिक जीवन के लिए श्रेष्ठ कुंजी होती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न–FAQ
Q. एक राशि में कितने नक्षत्र होते हैं?
An. ज्योतिष में 12 राशियां और 27 नक्षत्र होते हैं। हर राशि में दो या तीन नक्षत्र आते हैं। हर नक्षत्र के चार भाग होते हैं। नक्षत्र के हर भाग को चरण कहा जाता है और हर चरण में नाम के चार अक्षर होते हैं।
Q. विवाह के लिए कौन से नक्षत्र श्रेष्ठ होते हैं?
An. ज्योतिष में, विवाह हेतु रोहिणी, उत्तरा, मूल, रेवती, स्वाति, मघा, अनुराधा, हस्त, चित्रा, श्रवण, धनिष्ठा, मृगशिरा व अश्विनी श्रेष्ठ नक्षत्र माने गए हैं।
Q. ज्योतिष में, विवाह के लिए नक्षत्र की अनुकूलता का क्या महत्व होता है?
An. वैदिक काल से ही विवाह के लिए शुभ नक्षत्र मिलान का उपयोग युवक-युवती की अनुकूलता का मिलान करने के लिए किया जाता है। चूंकि ज्योतिष में प्रत्येक नक्षत्र की अपनी विशेषताएँ व अद्वितीय गुण होते हैं, इसलिए विवाह के लिए नक्षत्र मिलान का उपयोग कुंडली मिलान और विवाह के जोड़ों की अनुकूलता की जानकारी करने के लिए किया जाता है।
Q. क्या,विवाह के लिए नक्षत्रों का मिलान करना आवश्यक होता है?
An. हां, विवाह के समय सबसे अधिक महत्वपूर्ण स्थान शुभ नक्षत्रों के मिलान का होता है। वैवाहिक जीवन की शुभता के लिए नक्षत्रों का एक साथ शुभ स्थिति में आना भी सुखी दांपत्य का आधार होता है।