Jupiter in 10th house | क्या फल देगे, कुंडली के दसवें भाव में बृहस्पति ग्रह जानिए, अच्छे और बुरे प्रभाव

बृहस्पति

Jupiter in 10th house

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बृहस्पति ग्रह का दसवें भाव में होना, जातक के लिए कई प्रकार से लाभ पहुंचाने वाला होता है। इसका मुख्य कारण यह है कि, पीले रंग जो कि शुभता का प्रतीक माना जाता है। और बृहस्पति यानी गुरु ग्रह इस रंग से सम्बंधित होता है। 

यह अपनी शुभता से, जातकों को नैतिक मूल्यों से भर देता है। इसके साथ ही यह जातकों को अपने जीवन के सिद्धांतों के प्रति अवगत कराता है। यह नैतिक मूल्य और जीवन सिद्धांत, जातकों को गौरवपूर्ण जीवन बिताने में सहायक होते हैं।

ज्योतिष में, हम सभी की जन्म कुंडली में,  12 भाव (घर) होते हैं। हमारे जीवन के, लगभग सभी पहलुओं का चित्रण इन 12 भावों में निहित होता हैं। इनमें से प्रत्येक भाव की अपनी अलग भूमिका होती है। लेकिन अगर हम सबकी जन्म कुंडली, जब एक समान है; तो हम सबका स्वभाव अलग क्यों हैं? इसका कारण है हमारी कुंडली के इन भावों में नव ग्रहों की स्थिति। जब ग्रह इन भावों में स्थित होते हैं,  तो हमें शुभ व अशुभ दोनों तरह से प्रभावित करते हैं। 

इसलिए,  इस लेख के माध्यम से हमने आपकी कुंडली के, दसवें भाव में गुरु अर्थात बृहस्पति ग्रह के कुछ सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों के बारे में बताने का प्रयास किया है- 

दशम भाव में बृहस्पति ग्रह ( Jupiter in 10th house ): महत्व 

‘मंगल भवन’ के अनुभवी ‘ज्योतिषाचार्य देविका’ जी इस बारे में बताती है कि- कुंडली में समस्त ग्रहों में से बृहस्पति को ‘गुरु’ का स्थान कहा जाता है। गुरु आध्यात्मिकता, शिक्षक या गुरु की भूमिका निभाते है। यह एक लाभकारी ग्रह है जो उच्च ज्ञान, सीखने, आध्यात्मिक, बौद्धिक जैसे क्षेत्रों से संबंध रखते है। प्रत्येक मनुष्य की जन्म कुंडली में 12 भाव का भी अपना अलग महत्व होता है। दशम यानी दसवें  भाव में गुरु की बहुत ही अहम भूमिका होती है। जिसकी हम इस लेख में विस्तार से चर्चा करते हैं-

ज्योतिष शास्त्र में, कुंडली का दसवां भाव जातक की जन्म कुंडली का महत्वपूर्ण भाव माना जाता है। दसवां भाव पिता, व्यापार, उच्च नौकरी, राजनीति, राजसुख, प्रतिष्ठा और ख्याति का कारक भाव माना जाता है। इस भाव को हम ‘कर्म भाव’ भी कह सकते हैं। इसके अतिरिक्त कुंडली में दसवें भाव जातक के करियर एवं व्यवसाय के बारे में भी बताता है।

Acharya Devika

दसवें भाव में बृहस्पति ग्रह: प्रभावित क्षेत्र

  • जीवन के प्रति दृष्टिकोण
  • व्यवसाय और करियर
  • बुद्धि और स्वभाव 
  • समाज में मान-प्रतिष्ठा 

दसवें भाव में बृहस्पति ग्रह: सकारात्मक प्रभाव 

  • कुंडली के इस भाव में बृहस्पति ग्रह, आपको चरित्रवान और विचारों के लिए स्वतंत्र बनता है। साथ ही आप विवेकी, न्यायप्रिय और सत्यवादी होंगे। 
  • बृहस्पति के प्रभाव से आप सत्कर्म करने वाले पुण्यात्मा और साधु समान सात्विक व्यक्ति होंगे। आपको शास्त्रों का विधिवत ज्ञान अर्जित होगा और आपकी रुचि ज्योतिष शास्त्र में भी हो सकती है। 
  • आप को भूमि तथा भूमि के माध्यम से खूब लाभ व सुख प्राप्त होगा। इसके साथ ही आप उत्तम वाहनों का सुख भी प्राप्त करेंगे।
  • अपने गुणों के कारण समाज में आपको बहुत मान-सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त होगी। आप अपने प्रभाव के कारण सभी जगह खुब वाहवाही कमाएंगे। आपका यश अतुलनीय होगा। 
  • आप अपने पूर्वजों के प्रताप से अधिक प्रतापी होंगे। इसके अलावा, आप अपने माता-पिता का आदर करने वाले व्यक्ति होंगे। आपके पिता से आपको बहुत स्नेह मिलेगा। 
  • आप अच्छा धन अर्जित कर,  ऐश्वर्यवान, सुखी और समृद्ध बनेंगे। इसके साथ ही आपको सुंदर वस्त्र और आभूषणों का सुख भी प्राप्त होगा से।
  • आप जो भी कार्य को आरम्भ करेंगे; उस कार्य में सफलता निश्चित रूप से मिलेगी। आपको भाइयों के माध्यम से भी धन मिल सकता है। 
  • आपके जीवन में स्त्री और पुत्र का सामान्य सुख मिलेगा। अर्थात संतान पक्ष को लेकर या फिर संतान के भविष्य को लेकर आप चिंतित रह सकते हैं। 
  • आपका, स्वास्थ्य भी सामान्य रहेगा। आपके घर पर बहुत लोग(ब्राह्मण, पुरोहित, व गरीब) भोजन करेंगे। आप, प्रवचनकर्ता, जज, और आयात-निर्यात कर्ता हो सकते हैं।

दसवें भाव में बृहस्पति ग्रह: नकारात्मक प्रभाव  

  • इस भाव में ब्रहापति से प्रभावीट जातक को दूसरों के प्रति अधिक उदार होने की आवश्यकता पैदा करता है। इन जातकों को यह नहीं सोचना चाहिए कि वे हर समय सही हैं। बल्कि दूसरों की सलाह और सुझावों को भी लेना चाहिए। यह केवल उनकी सभ्यता और नेतृत्व गुणों को बढ़ाएगा।
  • जन्म कुंडली में दसवें भाव से प्रभावित जातक को सावधान रहना चाहिए कि वे अपनी मर्यादाओं का उल्लंघन न करें। 
  • अपने पेशे, व्यापार और जीवन के अन्य पहलुओं में अग्रसर होते हुए, उन्हें अपने लक्ष्यों के साथ बहुत अधिक व्यस्त नहीं होना चाहिए।
  • इसके साथ ही, स्वार्थ का स्थान बहुत छोटा होना चाहिए। मूल निवासियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि लक्ष्य महत्वपूर्ण हैं, उपलब्धि भी महत्वपूर्ण है। लक्ष्य छोटा परन्तु संभावित रूप से इसमें अहंकार एक बहुत ही खतरनाक मुद्दा होता है।
बृहस्पति
दसवें भाव में बृहस्पति ग्रह

निष्कर्ष  

ज्योतिष में, बृहस्पति ग्रह भव्यता के लिए जाना जाता है। और कुंडली के दसवें भाव में पेशे और व्यवसाय को प्रदर्शित किया जाता है। इसलिए, जब बृहस्पति दसवें भाव में बैठे होते हैं तो, इसका आशय यह हैं कि  पेशे और जीवन के अन्य क्षेत्रों में उच्च सफलता हो हासिल हो सकती है। हालांकि, इन जातकों को दूसरों की कीमत पर स्वयं को अत्यधिक महत्व न देने से सावधान होने की सलाह दी जाती है।

यदि आप भी अपने जीवन में किसी भी समस्या से ग्रस्त हैं, तो आज ही ‘मंगल भवन’ के अनुभवी आचार्यों से परामर्श कर सकते हैं।

Must Read: कुंडली के अन्य भाव में गुरु ग्रह बृहस्पति के प्रभाव

प्रथम भाव में गुरु ग्रह बृहस्पतिद्वितीय भाव में गुरु ग्रह बृहस्पति
तृतीय भाव में गुरु ग्रह बृहस्पतिचतुर्थ भाव में गुरु ग्रह बृहस्पति
गुरु ग्रह बृहस्पति पंचम भाव मेंगुरु ग्रह बृहस्पति षष्टम भाव में
गुरु ग्रह सप्तम भाव मेंअष्टम भाव में गुरु ग्रह
नवम भाव में गुरु ग्रह
ग्यारहवें भाव में गुरु ग्रहगुरु ग्रह बारहवें भाव में

कुछ सवाल तथा उनके जवाब – FAQ 


Q- कुंडली में दसवें भाव में किसका स्थान होता है?

An- कुंडली में दसवां भाव पिता, व्यापार, उच्च नौकरी, राजनीति, राजसुख, प्रतिष्ठा और ख्याति का कारक भाव माना जाता है। इस भाव को हम ‘कर्म भाव’ भी कह सकते हैं।

Q- कुंडली के दसवें भाव में बृहस्पति ग्रह क्या प्रभाव देते हैं?

An- कुंडली के दसवें भाव में बृहस्पति ग्रह, जातकों को अपने जीवन के सिद्धांतों के प्रति अवगत कराता है। यह नैतिक मूल्य और जीवन सिद्धांत, जातकों को गौरवपूर्ण जीवन बिताने में सहायक होते हैं।

Q- कुंडली में दसवें भाव के स्वामी कारक ग्रह कौन से हैं?

An- दसवें भाव के स्वामी कारक ग्रह सूर्य देव और शनिदेव हैं।

Q- क्या, कुंडली के दसवें भाव में गुरु ग्रह शुभ होते हैं?

An- हां, अन्य ग्रहों की शुभ दशाओं के साथ दसवें भाव में गुरु ग्रह शुभ होते हैं।

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