Shukra Grah in 5th house |  कुंडली के पाचवे भाव में शुक्र (Venus) ग्रह, की स्थिति से बढ़ता है व्यवहार कौशल

शुक्र ग्रह

जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह(venus), यदि पंचम भाव में मौजूद हैं तो ऐसे जातक ईश्वर पर काफी श्रद्धा रखते हैं और उदार स्वभाव के होते है। इसके साथ ही ऐसे लोग दान-धर्म के कार्य में हमेशा अग्रसर रहते है और सरकार द्वारा सम्मान भी पाते है। ज्योतिष के अनुसार, ऐसे लोग कन्या धन प्राप्त करते हैं पर उन्हें पुत्र की कामना रहती है। ऐसे लोग का व्यक्तित्व व्यवहार कुशल व न्यायप्रिय होता है।

पंचम भाव में शुक्र ग्रह(Shukra Grah) के प्रभाव में, जातक के जीवन में रोमांटिक संबंधों के प्रति रुचि युवावस्था से ही प्रारंभ हो जाती है। ऐसे लोग चंचल और कामुक होते हैं! ऐसे लोग रोमांटिक लाइफ पर अधिक ध्यान देते हैं। इनके लिए उनके लिए क्रश या प्रेम के प्रति रुचि होना बहुत आसान और स्वाभाविक है। ऐसे जातक  दिल से सदैव जवान रहते है।

पंचम भाव में शुक ग्रह (Shukra Grah) के सकारात्मक प्रभाव-

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, पांचवें भाव में शुक्र से प्रभावित जातक अत्यधिक कामुक होते हैं और सभी आनंददायक गतिविधियों में शामिल होकर आनंद लेते हैं। ऐसे जातक सुंदर कला और संगीत से घिरे वातावरण में रहना पसंद करते हैं। इनका यह आदर्श और वांछित व्यक्तित्व दूसरों के लिए एक आकर्षक  भूमिका निभाता है। ऐसे जातक आम तौर पर अपने साथी के प्रति बहुत वफादार होते हैं और वे दोनों ही एक-दुसरे के प्रति बहुत आकर्षक होते हैं और आसानी से मंत्रमुग्ध भी हो जाते हैं। 

शुक्र के पंचम भाव में होने से ये जातक जोश से भरे, मजेदार और चंचलता से परिपूर्ण होते हैं। पंचम भाव में शुक्र से प्रभावित लोग स्पॉटलाइट से प्यार करते हैं और मनोरंजन में अच्छे होते हैं, ऐसे लोग सदैव अपने अगले  प्रदर्शन के लिए बड़े दर्शकों को आसानी से आकर्षित कर लेते हैं। ऐसे लोगों की यही ख्वाहिश रहती है कि, लोग अक्सर इन्हें चाहें, तथा वें अपनी पार्टी में मौज-मस्ती बढ़ाएं और चीजों को अधिक दिलचस्प और रोमांचक बनाएं। 

पांचवें भाव में शुक्र वाले जातक के व्यक्तित्व की सबसे बड़ी खुशी यह होती है कि, कैसे? अपने प्रियजनों के लिए एक कार्यक्रम की योजना बनाई जाए या शहर से दूर, अपने साथी के साथ एक रोमांटिक रात की योजना बनाई जाए। इसके अलावा, वे जातक अत्यधिक उदार होते हैं और अपनी भव्य योजनाओं के साथ दूसरों के समक्ष आ सकते हैं।

Shukra Grah  Negative effects (शुक्र ग्रह के नकारात्मक प्रभाव) 

जिस प्रकार पांचवें भाव में शुक्र बहुत से अच्छे प्रभाव देते हैं, उसी प्रकार इस भाव शुक्र जातक को कुछ बुराइयां भी प्रदान करते हैं- जैसे-पांचवें भाव में, शुक्र के अशुभ प्रभाव के कारण इन जातकों के खुशहाल मिलन के रास्ते में आने वाली एकमात्र चीज होगी, उनका ‘अहंकार’ है और यह, तब संभव होगा जब शुक्र इस भाव में कमजोर या पीड़ित अवस्था में हो। जहां, वे लोगों को अपने दिल और आत्मा से प्रेम करते हैं, वहीं वे खुद को भी बहुत अधिक प्रेम व महत्व देते हैं और अन्य लोगों के ध्यान की भी मांग कर सकते हैं। 

इसके साथ ही इन जातकों को सदैव यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपने साथी पर उम्मीदों का अधिक बोझ न डालें। पंचम भाव में शुक्र वाले जातकों को यह भी समझना चाहिए कि दुनिया केवल उनके आस-पास ही नहीं घूमती है और वें दूसरों के द्वारा हर समय और हर जगह पूरा ध्यान नहीं पा सकते हैं। परन्तु बेशक, शुक्र वाले जातक इतने आकर्षक होते हैं, और उनका अक्सर एक बड़ा सामाजिक दायरा भी होता है साथ ही वे विभिन्न प्रकार के लोगों को डेट करना भी पसंद करते हैं। 

कुल मिलाकर,  इसका आशय यह हो सकता है कि इन जातकों को तुरंत घर बसाने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि वे कुछ समय के लिए मौज-मस्ती करना चाहते हैं। लेकिन जैसे-जैसे वे बड़े होते जाते हैं, वे यह भी समझ जाते हैं कि क्या काम महत्वपूर्ण है, और क्या नहीं, और उनका आदर्श रोमांटिक साथी भी यह समझ सकें।   

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paanchaven bhaav mein shukra grah (शुक्र ग्रह) ka raashi aur nakshatr ka prabhaav- 

ज्योतिष के अनुसार, पांचवें भाव में शुक्र ग्रह, कर्क, वृश्चिक या मीन राशि वाले जातकों को अत्यधिक कामुक बनाता है और ये जातक पूरी तरह से आनंददायक और साहसिक गतिविधियों का आनंद लेता है। ऐसे लोग,  विपरीत लिंग, सुंदर कला और संगीत से घिरे रहना पसंद करते हैं ।  इन्हें लेखन, घमंड, आकस्मिक डेटिंग आदि में महारत प्राप्त होता है। ऐसे लोग आमतौर पर बहुत दयालु, समर्पित और अपने साथी के प्रति वफादार होते हैं और ये आकर्षक भी होते हैं और आसानी से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। 

इसके अलावा, पांचवें भाव का शुक्र ग्रह, मेष, सिंह, और तुला राशि के जातकों को आकस्मिक, मज़ेदार, रोमांस और चंचल भोग के लिए झुकाव के साथ देखभाल करने वाला, परोपकारी, गर्म और जोशीला  बनाता है। इनका जीवनसाथी आकर्षक, प्रभावशाली और इनके  प्रति समर्पित होगा।

  • करियर पर प्रभाव (Impact on career)

शुक्र के प्रभाव, से इन जातकों की रूचि कविताओं और लेखन में अच्छी हो सकती है। इसके, साथ ही उनकी रूचि संगीत आदि कलाओं में भी हो सकती हैं। इसके साथ ही ललित कलाओं में भी इनका अच्छा प्रदर्शन होगा और नाटक सिनेमा आदि से भी गहरा लगाव होगा। ऐसे जातक राजनीतिज्ञ मंत्री या न्यायाधीश भी हो सकते हैं। ऐसे जातक व्यवहार कुशल होने के साथ-साथ न्यायप्रिय भी होते हैं। इसके साथ ही इन्हें राज कुल या सरकार से भी सम्मान मिल सकता है।

शुक्र ग्रह

पंचम भाव में शुक्र ग्रह, जातक को स्वरोजगार, व्यापार और सट्टा व्यवसाय के माध्यम से विवाह के बाद खुशी, सुविधा, ग्लैमर और आर्थिक स्थिति प्रदान करता है। इनकी कुछ प्रमुख कमाई वाले क्षेत्र शेयर बाजार, सिनेमा, कलात्मक और लेखन व्यवसाय, मनोरंजन उद्योग, या जुआ भी हो सकता है।

  • निष्कर्ष (Conclusion)

अंत में यह कहा जा सकता है कि पांचवें भाव में शुक्र ग्रह, जीवन के कुछ प्रमुख क्षेत्रों में प्रेम और शांति का प्रतीक हैं। वे चंचल, मौज-मस्ती करने वाले स्वभाव के होते हैं और जहाँ भी जाते हैं उत्साह और आनंद का संचार करते हैं। हालांकि,  कुछ गतिविधियों में ऐसे जातक, बहुत अधिक आत्म-मुग्ध हो सकते हैं और विशेष रूप से ये जातक, अपने जीवन साथी के साथ बहुत अधिक मांग कर सकते हैं। इसके अलावा, इनका अधिक रोमांटिक होना, उन्हें कम उम्र में मज़ा और आनंद की प्राप्ति करा सकता है। लेकिन सम के साथ, जैसे-जैसे वे बड़े होते जाएंगे, उन्हें भौतिक सुखों की निरर्थकता व महत्व का एहसास होगा।

शुक ग्रह पांचवें भाव से संबंधित कुछ सवाल तथा उनके जवाब – FAQ


Q- पांचवें भाव में शुक्र के होने से क्या होता है?

An- ज्योतिष के अनुसार,  शुक्र की स्थिति,  युवावस्था में जातकों पर प्रेम और रोमांटिक भावनाओं के लिए प्रबल मानी जाती है। इसके साथ ही ऐसे जातक मज़ा, उल्लास और आनंद की एक मजबूत भावना को प्रदर्शित करते हैं।

Q- शुक्र ग्रह के अच्छा होने से क्या होता है?

An- जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह का प्रभाव सकारात्मक होता है यानी शुक्र ग्रह बली होते हैं तो ऐसे जातक बहुत ही सुंदर और आकर्षक होते हैं। साथ ही शुक्र ग्रह के कुंडली में मजबूत होने पर जातक का आत्मविश्वास ऊंचा होता है और वह सभी लोगों में काफी लोकप्रिय होता है।

Q- शुक्र के मित्र ग्रह कौन से हैं?

An- शुक्र के मित्र ग्रह बुध-शनि है, सूर्य, चंद्र शत्रु हैं, सम गुरु हैं।

Q- शुक्र की मित्र राशि कौन सी है?

An- शुक्र की मित्र राशि, वृषभ व तुला वाले लोगों की मित्रता, सिंह, धनु व मीन राशि वालों से होती है। मकर व कुंभ राशि वाले जातकों की मित्रता मेष, वृश्चिक, कर्क, धनु व मीन राशि के लोगों से होती है।

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