Shani Grah | शनि ग्रह की शांति,शनि का प्रभाव, शनि मंत्र एवं समाधान

Shani Grah Shani Shanti

शनि ग्रह वैदिक ज्योतिष के अनुसार एक क्रूर ग्रह के रूप में परिभाषित किए गए हैं। लेकिन ऐसा इसलिए क्योंकि शनि जातक को उसके कर्म के अनुरूप फल प्रदान करते हैं। अतः क्रूर कहना सर्वथा सत्य न होकर शनि को कलयुग के न्यायकर्ता कहना उचित होगा। शनि जातक के कर्म भाव के स्वामी कहलाते हैं। अतः जहां शनि के शुभ प्रभाव से जातक को उसके व्यापार एवं नौकरी में सफलता प्राप्त होती है, वहीं दूसरी ओर जातक की कुंडली में इनके पीड़ित होने से व्यवसाय में समस्या, जॉब छुट जाना, अनचाहा ट्रांसफर, पदोन्नति में रूकावट तथा कर्ज इत्यादि परेशानियां आती हैं।  

ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को शांत करने के लिए कई उपाय सुझाए गए हैं। जैसे-शनिवार का व्रत करना, शनि यंत्र, तेल में छाया दान करना आदि विशेष उपाय हैं। इन सभी उपायों के माध्यम से शनि देव के अशुभ प्रभावों को कम कर, शुभ फल की प्राप्ति की जा सकती है।

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पोशाक एवं जीवन शैली से संबंधित शनि शांति उपाय

  • जातक को काले रंग के वस्त्रों का प्रयोग करना चाहिए।
  • सभी बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें।
  • अपने कर्मचारी वर्ग अथवा घर में कार्यरत सेवकों को हमेशा ख़ुश रखें।
  • मदिरा एवं मांसाहारी भोजन का सेवन नहीं करें।
  • रात के समय दूध का सेवन न करें।
  • शनिवार के दिन रबर, चमड़ा एवं लोहे से बनी वस्तुएं नहीं ख़रीदें।

प्रातः काल किए जाने वाले शनि शांति के उपाय

  • प्रति शनिवार शुद्ध होकर सुबह के समय शनिदेव की पूजा-अर्चना करें।
  • श्री राधा-कृष्ण के मंदिर जाकर उनकी की आराधना करें।
  • प्रति मंगलवार हनुमान जी की विधि-विधान से सेवा तथा पाठ करें।
  • भगवान विष्णु के कूर्म अवतार की उपासना से भी विशेष लाभ प्राप्त होगा।
  • शनिवार के दिन सुबह के समय पीपल वृक्ष की जड़ में जल अर्पित करें।
Shani Grah Shanti
Shani Grah Shanti Upayay

शनिदेव के लिए पूजा एवं व्रत

प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा के पाठ का पठन व श्रवण अत्यधिक शुभ होता है। शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता प्रचलित है कि हनुमान जी के दर्शन और उनकी उपासना करने से शनि देव के कुप्रभावों को कम किया जा सकता है। इसके अलावा ‘दंडाधिकारी’ शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार का व्रत करके शनिदेव की विधि-विधान से पूजा व अर्चना कर, शनि प्रदोष व्रत का पालन करना भी उचित माना जाता है। किसी भी शनि मंदिर में जाकर दीपक का दान कर विधि विधान से पूजा करें। 

शनि शांति हेतु किए जाने वाले दान

 ज्योतिष में शनि को प्रसन्न करने हेतु दान-पुण्य करना महत्वपूर्ण बताया गया है। इसलिए आप शनि ग्रह से संबंधित वस्तुओं जैसे- सात प्रकार का अनाज शनिवार के दिन दान कर सकते हैं। सात प्रकार के साबुत अनाज में गेहूं, चावल, ज्वार, मक्का, बाजरा, चना और काली उड़द सम्मिलित होती हैं। इसके अलावा शनिवार वाले दिन अपंग, विकलांगों, मजदूरों, गरीब तथा जरूरतमंदों में भी अनाज का दान करने से शनि के हर प्रकार के दोष, शनि साढ़ेसाती, शनि की ढैय्या से मिलने वाले अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है। इसके साथ ही लोहा, काले तिल, तेल, काले वस्त्र व पुखराज रत्न का दान करके भी आप शनिदेव को प्रसन्न कर सकते हैं। 

शनि ग्रह से संबंधित रत्न

शनिदेव को प्रसन्न करने हेतु नीलम रत्न धारण करना चाहिए। ज्योतिषाचार्यों अनुसार नीलम रत्न को मकर और कुंभ राशि के जातक धारण कर सकते हैं। यह रत्न जातक का शनि के नकारात्मक प्रभावों से बचाव करता है। इसके अलावा ज्योतिष की सलाह से नील मणि, जो की नीलम की ही तरह होती है एवं लोहे के छल्ले को भी पहना जा सकता है।   

शनि यंत्र

शनि यंत्र का उपयोग ज्योतिष में क्रोधित शनि को शांत करने के लिए किया जाता है। जीवन में शांति, सिद्धि और समृद्धि को बढ़ाने हेतु जातक को शुभता का प्रतीक शनि यंत्र की पूजा-अर्चना करना चाहिए। आप इस शनि यंत्र को शनिवार वाले दिन इसका विधि पूर्वक पूजन व अभिमंत्रित कर, शनि के शुभ होरा एवं नक्षत्र में धारण कर सकते हैं।  

शनि हेतु जड़ी

 शास्त्रों के अनुसार शनि के प्रभावों को कम करने एवं शनि देव को प्रसन्न करने हेतु बिच्छू जड़ अथवा धतूरे की जड़ को अपने ज्योतिष की सलाह से  शनिवार वाले दिन शनि केशुभ नक्षत्र में धारण कर सकते हैं।

शनि हेतु रुद्राक्ष

ज्योतिष शास्त्र में शनि शांति के लिए जातक सलाह के अनुसार सात मुखी रुद्राक्ष को विधि पूर्वक शुभ समय अंतराल में धारण कर सकते हैं। 

सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने हेतु मंत्र:

  • “ॐ हूं नमः”
  • “ॐ ह्रां क्रीं ह्रीं सौं”।।

शनि शांति के लिए मंत्र

शनि देव को प्रसन्न करने हेतु शनि बीज मंत्र का जाप करें। कलयुग में इस मंत्र के 92000 बार उच्चारण करने से जातक के जीवन में शनि के प्रभाव को चमत्कारी रूप से कम किया जा सकता है।

  • “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
  • “ॐ शं शनैश्चराय नमः

कुछ सवाल व उनके जवाब – FAQ

Q- क्या शनि देव सदैव ही बुरे परिणाम देते हैं?

An- नहीं , शनि देव सदैव ही बुरे परिणाम नहीं; बल्कि कर्म के अनुरूप फल देते हैं।

Q- क्या नीलम रत्न शनि के दुष्प्रभाव को कम करने हेतु धारण किया जा सकता है?

An- हां नीलम रत्न या नीलमणि शनि के दुष्प्रभाव हेतु धारण कर सकते हैं।

Q- क्या सिर्फ शनिवार को ही शनि देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए?

An- नहीं, वैसे तो आप कभी भी शनि देव के मंत्र का जप कर सकते हैं परन्तु विशेष रूप से शनिवार के दिन मंत्र जाप का शुभ फल प्राप्त होता है।

Q- शनि देव हेतु सबसे अधिक प्रिय वस्तु कौन सी है?

An- शनि देव को सबसे अधिक प्रिय वस्तु सरसों का तेल है; जिससे शनि देव को शीघ्र प्रसन्न किया जा सकता है।

Q- शनि देव की फोटो या मूर्ति घर में रख सकते हैं या नहीं?

An- नहीं, शनिदेव को श्राप दिया गया था कि जिस पर उनकी दृष्टि होगी उनका अनिष्ट ही होगा अतः शनि देव की फोटो या मूर्ति घर में रखना शुभ नहीं माना जाता।

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