बुध ग्रह, सौर मंडल के नौ ग्रहों में से एक है। बुध ग्रह को जिसे ज्योतिष शास्त्र में बुद्धि एवं संवाद का सूचक ग्रह माना जाता है। हालांकि यह एक अत्यंत शुभ ग्रह होता है परन्तु किसी क्रूर ग्रह के साथ होने से यह जातक को अशुभ परिणाम भी प्रदान कर सकता है। जातक की कुंडली में बुध ग्रह का शुभ होना , तीव्र बुद्धि, कौशल व्यवसाय, विद्या, सुंदरता को बढ़ाता है। इसके विपरीत बुध की अशुभ स्थिति से त्वचा संबंधी विकार, शिक्षा में एकाग्रता की कमी, कमजोर अंकगणित और लेखन कार्य में समस्या का कारण बनती है। बुध के अशुभ प्रभावों को कम करने एवं बुध देव को प्रसन्न करने हेतु ज्योतिष में बुध ग्रह शांति के लिए कई ऐसे सुझाव बताए गए हैं जो जातक के लिए निश्चित रूप से कारगर सिद्ध होंगे।
वैदिक शास्त्र में बुध देव की कृपा प्राप्त करने हेतु अनेक उपाय, मंत्र, यंत्र एवं साधारण पूजन का उल्लेख किया गया है। इसके अलावा बुधवार का व्रत, भगवान विष्णु का पूजन और विधारा की जड़ धारण करना इत्यादि प्रमुख हैं। इन उपायों के माध्यम से आप बुध ग्रह के अशुभ परिणामों को कम कर सकते हैं।
बुध ग्रह से संबंधित कुछ विशेष उपाय:
पोषक एवं जीवन शैली से जुड़े बुध ग्रह शांति के उपाय
- बुध ग्रह हरे रंग का प्रतिनिधित्व करता है अतः जातक को हरा रंग ग्रीन शेड्स के वस्त्रों का उपयोग करना चाहिए।
- सदैव बहन, पुत्री अथवा छोटी कन्याओं का आदर करना चाहिए।
- परिवार में अपनी बहन को गिफ्ट देना चाहिए।
- अपने व्यवसाय को पूरी निष्ठा तथा ईमानदारी पूर्वक करना चाहिए।
- किसी मंदिर या धार्मिक स्थान पर दूध व अक्षत का दान करना भी श्रेष्ठ होता है।
- जातक को मदिरा व मांसाहारी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
प्रातः काल किए जाने वाले बुध शांति के उपाय
- प्रातः समय शुद्ध होकर किसी विष्णु मंदिर में भगवान विष्णु जी के समक्ष विधिवत पूजन करें।
- भगवान बुध की नियमसार सेवा तथा पूजा करें।
- विष्णु पूजन पश्चात श्री विष्णुसहस्रनाम स्तोत्र का पाठ पढ़े अथवा सुनें।
- सुबह स्नान के बाद मस्तक पर केसर का तिलक करना भी शुभ होता है।
बुध देव के लिये पूजा एवं व्रत
बुध ग्रह को बुद्धि एवं संचार का सूचक माना जाता है जातक को अपने व्यवसाय की सफलता हेतु बुधवार वाले दिन पवित्र होकर यदि संभव हो तो नजदीकी बुध मंदिर में बुध देव का विधिवत पूजन करना चाहिए इसके अलावा जातक के लिए बुधवार का उपवास करना भी शुभ फलदायी होगा।
बुध शांति हेतु दिए जाने वाले दान
ज्योतिष में बुध ग्रह के अशुभ परिणामों को कम करने हेतु, बुध से संबंधित वस्तुओं का दान करना श्रेष्ठ बताया गया है इन वस्तुओं में आप हरे मूंग, घी, हरे वस्त्र, चाँदी, नीले फूल, कांसे के पात्र, हाथी दांत से निर्मित वस्तुएं और कपूर का दान कर सकते हैं।
बुध ग्रह से सम्बंधित रत्न
बुध ग्रह को शांत करने हेतु हमारे विद्वान ज्योतिषियों ने पन्ना रत्न को धारण करना श्रेष्ठ बताया है क्योकि यह रत्न हरे रंग की आभा को प्रकट करता है और इसे पहनने से जातक को बुध की कृपा प्राप्त होगी। बुध ग्रह की राशि, मिथुन व कन्या के जातकों हेतु यह रत्न शुभ परिणाम प्रदान करने वाला होगा।
श्री बुध यंत्र
यदि किसी जातक की की कुंडली में बुध अशुभ स्थिति में है; तो उसे बुध के शुभ प्रतीक बुध यंत्र को विधान पूर्वक पूजन व अभिमंत्रित कर, बुध के शुभ होरा या नक्षत्र में धारण करना चाहिए। इस यंत्र के प्रभाव से जातक में सकारात्मकता का संचार होता है। आत्मविश्वास प्रबल होता है।
बुध ग्रह हेतु जड़ी
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को प्रसन्न करने हेतु विधारा की जड़ को विशेष फलदायी माना गया है। इस जड़ को बुधवार वाले दिन बुध की होरा अथवा बुध के शुभ नक्षत्र में धारण करें। इस जड़ को धारण करने से बुध के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है।
बुध ग्रह हेतु रुद्राक्ष
बुध ग्रह की शुभता के लिए जातक को चार मुखी रुद्राक्ष एवं दस मुखी रुद्राक्ष धारण करने का प्रावधान दिया है।
दस मुखी रुद्राक्ष धारण करने हेतु मंत्र:
- “ॐ ह्रीं नमः”
- “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्रीं”
बुध मंत्र
- “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः!”
- “ॐ बुं बुधाय नमः अथवा ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः!”
बुध देव को प्रसन्न करने के लिए बुध के बीज मंत्र का जप करना लाभदायक होता है। सामान्य रूप से बुध मंत्र को 9000 बार जपना चाहिए। कलयुग में इस मंत्र को 36000 बार जपने हेतु सुझाव दिया है।
कुछ सवाल व उनके जवाब – FAQ
Q- बुध ग्रह को किसका कारक माना जाता है?
An- बुध ग्रह को बुद्धि, तर्कशक्ति, व मित्रता का कारक ग्रह माना जाता है।
Q- बुध ग्रह के स्वामी कौन है?
An- बुध ग्रह के स्वामी भगवान विष्णु देव कहलाते हैं।
Q- बुध ग्रह से संबंधित धातु कौन सी है?
An- बुध ग्रह से संबंधित धातु कांसा (मिश्रित धातु) है।
Q- कुंडली में बुध ग्रह से कौन सा भाव संबंधित होता है?
An- कुंडली में तृतीय भाव में बुध ग्रह की सर्वश्रेष्ट अवस्था होती है।