Mercury in 9th house | नवम भाव में बुध ग्रह के शुभ प्रभाव से बड़ेगा पराक्रम

बुध

Mercury in 9th house

बुध ग्रह नवम भाव में: ज्योतिष शास्त्र में, जन्म कुंडली का नवम भाव जातक के भाग्य को प्रदर्शित है इसलिए इसे ‘भाग्य’ का भाव कहा जाता है। जिस भी जातक का नवम भाव यदि अच्छा होता है वह भाग्यवान होता है। इसके साथ ही नवम भाव से व्यक्ति के धार्मिक दृष्टिकोण का पता चलता है। अतः इसे ‘धर्म’ का भाव भी कहते हैं।  कुंडली में नवम भाव त्रिकोण स्थान कहलाता है, और यह पंचम भाव से अधिक बलशाली एवं महत्वपूर्ण होता है। नवम भाव गुरु स्थान भी कहलाता है क्योंकि यह गुरु का सूचक भाव होता है। 

बात करें नवम भाव में बुध की तो यह, शुभ फल ही देने वाला कहा गया है। इस भाव में बुध ग्रह का स्थान आपको धर्मात्मा और भाग्यशाली बनाएगा। अत: आप सदाचारी, धर्म को मानने वाले और बुद्धिमान होंगे। इसके साथ ही आपकी संगती सज्जनों के साथ अधिक होगी। आप धर्म के विपरीत जाकर कोई कार्य करना पसंद नहीं करेंगे। जिज्ञासु व्यक्ति होने के साथ-साथ आप दान पुण्य करने में भी अच्छी रुचि रखेंगे।

नवम भाव में बुध ग्रह (Mercury in 9th  house) 

हमारे ‘मंगल भवन’ के ज्योतिष आचार्य श्री भरत जी ने यहां आपको, बुध के नवम  भाव में होने से क्या शुभ-अशुभ परिणाम प्राप्त होंगे। यह बताने का प्रयास किया है। आशा करते हैं कि आपको इस लेख के माध्यम से आवश्यक जानकारी प्राप्त हो। हम आपको उससे संबंधित कुछ सकारात्मक व नकारात्मक प्रभावों के बारे में बताने जा रहे हैं। यदि आपकी जन्म कुंडली में बुध ग्रह नवम भाव में उपस्थित होंगे तो आपका जीवन भी कुछ इस प्रकार प्रभावित होगा-

नवम भाव में बुध ग्रह 

  • शुभ प्रभाव 
  1. नवम भाव में बुध के शुभ प्रभाव में आप अपने जीवन में विभिन्न प्रकार के सुखों का उपभोग करेंगे।
  2. इसके साथ ही आप तीर्थ यात्रा और धार्मिक कार्यों जैसे- पूजा-पाठ, हवन-यज्ञ आदि में आपकी अच्छी रुचि होगी। 
  3. बुध के शुभ प्रभाव से जातक पराक्रमी होंगे और अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करेंगे। 
  4. आपकी रूचि सदैव किसी न किसी शोध, अनुसन्धान  या नई चीजों की खोज में अधिक होगी। इसके साथ ही आप समाज में तथा अपने परिवार में राजा के समान, सम्मान व प्रतिष्ठा प्राप्त करेंगे  होंगे।
  5. आप अपने कुल को अपने सात्विक विचार, ज्ञान, धन और यश से उज्ज्वल और पवित्र बनाएंगे। आप अपने इस उपकारी स्वभाव और विद्या के कारण लोगों के बीच आदरणीय बनेंगे। 
  6. नवम भाव में बुध का अनुकूल होने से आपके कम्युनिकेशन स्किल्स और सोचने की प्रक्रिया तीव्र होती है। बुध ग्रह की शुभता से आप में जटिल समस्याओं का शीघ्र समाधान करने की क्षमता का विकास होगा। 
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  • अशुभ प्रभाव 

नवम भाव में यदि बुध ग्रह शुभ ग्रहों व उच्च राशियों के साथ शुभ स्थान पर होता है तो शुभ फल प्रदान करता है। परन्तु यदि अशुभ ग्रहों के साथ है तो आपके शुभ फल में कमी करता है-

  1. हालांकि,  ये जातक इतने सारे अलग-अलग विषयों के बारे में जाने की लालसा रखते हैं तो उनके धैर्य नहीं होता। जिस पर वे अध्ययन करते हैं इसलिए जब विवरण की बात आती है, तो वे अक्सर कम हो सकते हैं। 
  2. ऐसे जातकों को सावधान रहने की सलाह दी जाती है कि वे सभी तथ्यों को बिना जाने निर्णय न लें।
  3. ऐसे जातक अपने अत्यधिक कॉन्फिडेंस की वजह किसी के कुछ महत्वपूर्ण सुझाव को भी अहमियत नहीं देते हैं। ऐसे में ये अपना सम्मान और विश्वसनीयता खो देंगे। 
  4. आपको आवश्यकता है जो कुछ आप देख रहे हैं उसे पूरी तरह से समझने के लिए तथा राय देने से पहले स्थिति का विश्लेषण करना चाहिए। 
  5. ज्योतिष के अनुसार आपको, आपकी उम्र के उनतीसवें वर्ष में आपकी माता को कष्ट हो सकता है।
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नवम भाव में बुध ग्रह
  • बुध का नवम भाव में करियर, प्रेम सम्बन्ध  तथा स्वास्थ्य पर प्रभाव 

इसके साथ ही इस भाव में एक कुशल कवि, वक्ता, संगीतज्ञ, संपादक, लेखक या ज्योतिषी भी बन सकते हैं। यदि बुध इस भाव में मौजूद है, तो यह आपको ज्ञान और धन अर्जित या प्राप्त करने में मदद करता है। इसके प्रभाव से आप शिक्षा में उच्च रैंक प्राप्त करने में अग्रणी होंगे और बुध की इस शुभ युति के कारण आप अपने जीवन में एक कामयाब करियर का निर्माण कर सकेंगे। प्रेम संबंधों में मामले में भी नवम भाव में विराजित बुध आपको सही जीवनसाथी का चुनाव करने में मदद करता है। और इसके साथ ही आपका वैवाहिक जीवन सदैव सुखी तथा आनंदमय होगा।

निष्कर्ष 

ज्योतिष की गणना में नवम भाव का स्वामी कारक ग्रह गुरु (बृहस्पति) होते हैं। अतः जातक के कुंडली में यदि बुध नवम भाव में विराजित हैं तो ऐसे में व्यक्ति का भाग्योदय 32 वें वर्ष में होता है। बुध का आपके इस ‘भाग्य’ के भाव में शुभ युति से आप एक सफल, कल्पनाशील और श्रेष्ठ लेखक होते हैं। ज्योतिष, गणित एवं पर्यटन व धार्मिक क्षेत्र से आपको लाभ मिलता है। ऐसे लोग बहुत बुद्धिमान होते हैं।

ज्योतिष के अनुसार, बुध ग्रह, हमारी जन्म कुंडली में स्थित सभी 12 भावों पर अलग-अलग प्रकार से प्रभाव डालता है। ये प्रभाव हमारे जीवन को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं। इसके अतिरिक्त बुध को एक तटस्थ ग्रह के रूप में भी संदर्भित किया गया है। परंतु अन्य ग्रहों से शुभ व अशुभ युति के कारण उसके फलों में भी परिवर्तन की संभावना देखने को मिलती है। आइए आगे के लेख में विस्तार से जानते हैं, बुध ग्रह का अन्य सभी भावों पर किस तरह का प्रभाव पड़ता है –

यदि आप भी अपने जीवन में किसी भी समस्या से ग्रस्त हैं, तो आज ही ‘मंगल भवन’ के अनुभवी आचार्यों से परामर्श कर सकते हैं।

Must Read: कुंडली के अन्य भाव में बुध ग्रह के प्रभाव

प्रथम भाव में बुध ग्रहद्वितीय भाव में बुध ग्रह
तृतीय भाव में बुध ग्रहचतुर्थ भाव में बुध ग्रह
बुध ग्रह पंचम भाव मेंबुध ग्रह षष्टम भाव में
बुध ग्रह सप्तम भाव मेंअष्टम भाव में बुध ग्रह
दशम भाव में बुध ग्रह
एकादश भाव में बुध ग्रहबुध ग्रह द्वादश भाव में

कुछ सवाल तथा उनके जवाब – FAQ 


Q- जन्म कुंडली में नवम भाव किसका स्थान होता है?

An- जन्म कुंडली के नवम भाव में गुरु का स्थान स्वामी ग्रह के रूप में है। गुरु का इस स्थान में होना उत्तम माना जाता है। ऐसे जातक को भाग्य का साथ हमेशा मिलता रहता है।

Q- कुंडली का नवम भाव क्या दर्शाता है?

An- वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जन्म कुंडली में नवम भाव व्यक्ति के भाग्य को दर्शाता है इसलिए इसे ‘भाग्य’ का भाव माना जाता है। इसके साथ ही नवम भाव से जातक के धार्मिक दृष्टिकोण का पता चलता है। अतः इसे ‘धर्म’ का भाव भी कहते हैं।

Q- नवम भाव में बुध जातक को कैसे परिणाम प्रदान करते हैं?

 An- नवम भाव में बुध जातक को शुभ परिणाम प्रदान करते हैं।

Q- नवम भाव में बुध के प्रभाव से जातक के करियर पर क्या प्रभाव पड़ता है?

An- नवम भाव में बुध के प्रभाव से जातक एक कुशल कवि, वक्ता, संगीतज्ञ, संपादक, लेखक या ज्योतिषी भी बन सकते हैं।

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