बुध ग्रह दशम भाव में: ज्योतिष में, कुंडली का दशम भाव महत्वपूर्ण भाव माना जाता है। इस भाव को पिता, व्यापार, उच्च नौकरी, राजनीति, राजसुख, प्रतिष्ठा एवं ख्याति का कारक भाव माना जाता है। इस भाव को हम ‘कर्म भाव’ भी कह सकते हैं। जिसके फलस्वरूप जातक अपने कर्म से विख्यात एवं यशस्वी होने की क्षमता रखता है और अपने पिता का नाम रोशन करता है।
इसके अतिरिक्त कुंडली में दशम भाव जातक के करियर एवं उसके व्यवसाय के बारे में भी बताता है। दशम भाव में बुध ग्रह यदि स्वराशि मिथुन या कन्या में स्थित है तो जातक को पिता से सुख व सहयोग प्राप्त होता है। ऐसे जातक को राज्य तथा व्यवसाय के क्षेत्र में सम्मान व सफलता मिलती है। दशम भाव में स्थित बुध अपनी उच्च राशि कन्या में हो तो व्यक्ति को राजकीय क्षेत्र में सम्मान प्राप्त होता है। दशम भाव में स्वामी कारक ग्रह सूर्य और शनि है।
दशम भाव में बुध ग्रह (Mercury in 10th house)
हमारे ‘मंगल भवन’ के ज्योतिष आचार्य श्री भरत जी ने यहां आपको, बुध के दशम भाव में होने से क्या शुभ-अशुभ परिणाम प्राप्त होंगे। यह बताने का प्रयास किया है। आशा करते हैं कि आपको इस लेख के माध्यम से आवश्यक जानकारी प्राप्त हो। हम आपको उससे संबंधित कुछ सकारात्मक व नकारात्मक प्रभावों के बारे में बताने जा रहे हैं। यदि आपकी जन्म कुंडली में बुध ग्रह दशम भाव में उपस्थित होंगे तो आपके जीवन में भी कुछ इस प्रकार बदलाव देखने को मिलेंगे-
दशम भाव में बुध ग्रह
- शुभ प्रभाव
ज्योतिष में दशम भाव के बुध ग्रह की विद्वानों ने बड़ी ही प्रशंसा की गई है।
- इस भाव में स्थित बुध के कारण आप एक न्यायप्रिय और नीतिनिपुण व्यक्तित्व के धनी होंगे। आप में विवेक, गुण और सत्यवादी के प्रबल योग रहेंगे।
- आप में धैर्य और विनम्रता की पर्याप्त मात्रा होगी। आप ज्ञानी और मधुरभाषी तो होंगे ही। इसके साथ ही आप में जटिल परिस्थिति को सुलझाने का कौशल भी है। आप सत्कर्म और श्रेष्ठ कर्म करने वाले जातक होते हैं।
- आप एक सामाजिक व्यक्ति हैं। आपको यश और सम्मान की प्राप्ति होगी। आप आदरणीय और व्यवहार कुशल व्यक्ति हैं।
- आप लोकमान्य वीर और प्रतापी भी होंगे। आपको सभी प्रकार की भौतिक सुख-सुविधा प्राप्त होगी। इसके साथ ही वाहनों का सुख भी मिलेगा। और आप धनाढ्य होंगे व विभिन्न प्रकार की संपत्ति जुटाएगें।
- आर्थिक रूप से मजबूत होने के कारण आपका जीवन विलासिता पूर्ण रहेगा ।
- आप सरकारी क्षेत्र में कोई बड़ा पद प्राप्त करके भी धनार्जन कर सकते हैं। आप अपने माता- पिता और गुरुजनों का आदर सम्मान करने वाले व्यक्ति होंगे।
- अशुभ प्रभाव
- दशम भाव में विशेषकर जातक के पेशे को नियंत्रित करता है; परन्तु उतना ही सामाजिक मान प्रतिष्ठा, चरित्र, कर्म, महत्वाकांक्षा और राजनीतिक गतिविधियों से भी संबंधित है।
- ऐसे लोग थोड़े खर्चीले स्वाभव के होते हैं। इसका यह मतलब नहीं है कि दशम भाव में बुध वाले लोग फिजूल की चीजों पर पैसा खर्च करते हैं। वे जो कुछ भी खरीदते हैं; उसका एक उद्देश्य होता है। हालांकि धारणा अलग हो सकती है।
- इसके अलावा, इस भाव में जातक बाहरी दिखावा करने में अधिक रुचि लेते हैं। उनके भौतिक भोग-विलास की वस्तुएं जैसे- कपड़े, कार, घर और अन्य सुविधाएं यह दिखाने के लिए हैं कि वे अपने जीवन में कितने स्थिर हैं।
- बुध के वक्री होने पर जातक बाहरी आवरण को महत्व देने लगता है।
दशम भाव में करियर, और स्वास्थ्य पर बुध का प्रभाव
दशम भाव में बुध के प्रभाव से जातक के एक से इससे अधिक कार्य कई वर्षों तक निरंतर एक साथ चल सकते हैं। नौकरी के मामलों में ये जातक अपने करियर की दिशाओं को बार-बार बदल सकते हैं।
जिससे इन्हें गतिमान बने रहने में मदद मिलती है। दशम भाव में बुध के साथ आपको आँखों से संबंधित कोई समस्या आ सकती है। जिन जातकों के दशम भाव में बुध विराजमान होता है, उनके लेखन, शिक्षक और वार्तालाप में करियर चुनने की संभावना सर्वाधिक रूप से होती है।
- निष्कर्ष
इस भाव में बुध का प्रभाव, कुल मिलाकर शुभ ही होता है। क्योंकि अच्छे प्रभाव से ही जातक में बुद्धिमान होने का गुण आता है। जिसके कारण वे बहुत अच्छे लेखक भी बन सकते हैं। हालांकि, उन्हें इस बात से सावधान रहने की भी सलाह दी जाती है कि; बाहरी दिखावा महज जरूरत को कहा जाता है।
ज्योतिष के अनुसार, बुध ग्रह, हमारी जन्म कुंडली में स्थित सभी 12 भावों पर अलग-अलग प्रकार से प्रभाव डालता है। ये प्रभाव हमारे जीवन को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं। इसके अतिरिक्त बुध को एक तटस्थ ग्रह के रूप में भी संदर्भित किया गया है। परंतु अन्य ग्रहों से शुभ व अशुभ युति के कारण उसके फलों में भी परिवर्तन की संभावना देखने को मिलती है। आइए आगे के लेख में विस्तार से जानते हैं, बुध ग्रह का अन्य सभी भावों पर किस तरह का प्रभाव पड़ता है –
Must Read: कुंडली के अन्य भाव में बुध ग्रह के प्रभाव
कुछ सवाल तथा उनके जवाब – FAQ
Q- कुंडली में दशम भाव के स्वामी कारक ग्रह कौन से है?
An- कुंडली में दशम भाव के स्वामी कारक ग्रह सूर्य और शनि है।
Q- दशम भाव में बुध के प्रभाव से क्या होता है?
An- दशम भाव में बुध के प्रभाव से जातक बुद्धिमान होते हैं। जिससे वे एक कुशल लेखक या शिक्षक बनते हैं।
Q- क्या, दशम भाव में बुध के प्रभाव से शुभ फलों की प्राप्ति होती है?
An- हां, यदि दशम भाव कोई ग्रह बुध के साथ अशुभ युति में नहीं है तो, शुभ फल निश्चित रूप से प्राप्त होते हैं।
Q- कुंडली में दशम भाव किसका स्थान होता है?
An- कुंडली में दशम भाव ‘पिता’ का भाव होता है।