Moon and Mercury Conjunction | चन्द्रमा-बुध की युति, व्यवसाय/नौकरी में सफल बनाए, मिलेगा पारिवारिक सुख

चन्द्रमा-बुध की युति

कुंडली के बारह भावों में चन्द्रमा-बुध की युति- वैदिक ज्योतिष की गणना के अनुसार, जिस भी जन्म कुंडली में चन्द्र व बुध सकारात्मक संयोजन में हो तो ऐसे जातक को अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में उत्कृष्ट परिणाम देखने को मिलते हैं, और ग्रहों की शुभ युति के परिणाम में जातक को अच्छी व्यावसायिक स्थिति, धन, प्रतिष्ठा के साथ-साथ उनके प्रेम जीवन को पोषित करने के कौशल का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

यदि कुंडली में चंद्रमा और बुध एक साथ एक ही भाव में विराजमान हों तो यह जातक के लिए उसके व्यवसाय या नौकरी पक्ष में यात्रा करने का सूचक होता है। इसके साथ ही चंद्र ग्रह जब बुध ग्रह के साथ युति करता है तो जातक बहुत विद्या प्राप्त करने वाला होता है। ज्योतिष में किसी कुंडली में यदि ‘बुध राजयोग’ बनाकर विराजमान हो जाए तो यह जातक को धनवान होने का आशीर्वाद देता है। बुध ग्रह के शुभ प्रभाव से जातक एक अच्छा लेखक, पत्रिका या समाचार पत्र का पत्रकार बन सकता है। 

इसके अलावा यदि यह योग किसी स्त्री की कुंडली में बन रहा हो तो बदनामी देता है। ऐसे जातक का किसी महिला मित्र से संबंध बन सकता है। जातक गैरकानूनी कार्य भी कर सकता है। यदि कोई जातक मिमिक्री का अभ्यास करते हैं तो इस काम से अच्छा खासा धन कमा सकते हैं। ऐसा व्यक्ति कम मेहनत में अधिक सफलता प्राप्त कर धनवान हो सकता है।

Table of Contents

कुंडली के पहले भाव में चंद्रमा और बुध की युति का प्रभाव जातक को सुंदर व आकर्षक बना सकता है। ऐसे जातक स्वभाव से सौम्य होते है। अच्छी शिक्षा और अच्छी मौखिक क्षमता के धनी होते हैं। साथ ही जातकों की कविता और अन्य कलात्मक प्रतिभाओं में अच्छी पकड़ होती है। नकारात्मकता के रूप में जातक झूठे आरोपों से पीड़ित हो सकता है या किसी से धोखा भी मिल सकता है। स्वास्थ्य के मामलों में जातक को फेफड़े और तंत्रिका संबंधी समस्या हो सकती है।

कुंडली के दूसरे भाव में चंद्रमा और बुध की युति से प्रभावित जातक आकर्षक व्यक्तित्व के होते हैं। ऐसे जातक की वाणी बहुत मनमोहक व सुखद अनुभूति देने वाली होती है। ऐसे जातक अपनी वाणी का उपयोग भी बुद्धिमानी से करते हैं। युति के शुभ प्रभाव से जातक में स्वाभाविक कलात्मक प्रतिभा आती हैं। साथ ही वह एक अच्छा अभिनेता, कवि या वक्ता बन सकता है। परन्तु आर्थिक स्थिति अस्थिर रह सकती है। ऐसे जातक को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से अच्छी सहायता मिल सकती है। ऐसे जातक कुछ मानसिक तनाव और अशांत मन से पीड़ित हो सकते हैं। 

तीसरे भाव में चंद्रमा और बुध की युति के प्रभाव से जातक सुंदर और आकर्षक दिखने के साथ-साथ साधारण भी होते हैं। इस अवधि के दौरान जातक स्वभाव से चतुर और बुद्धिमान होते हैं। साथ ही इन जातकों में कल्पनाशील कार्यों के प्रति अच्छी निपुणता होती है। इस दौरान जातक जब तक अपना काम पूरा नहीं कर लेता, तब तक उसकी प्रवृत्ति किसी भी अन्य काम को करने की नहीं होती है। जातक को अपने छोटे भाई-बहनों से सम्मान मिल सकता है। स्वास्थ्य सम्बन्ध में, एलर्जी और फेफड़ों से संबंधित समस्या से पीड़ित हो सकते हैं। 

कुंडली के चौथे भाव में चंद्रमा और बुध की युति वाले जातक को आकर्षक मुस्कान वाले होते हैं। इस दौरान जातक अच्छी सफलता प्राप्त कर प्रसिद्ध होगा। जातक का अपनी माता से अच्छा लगाव हो सकता है। जातक को अच्छा भौतिक सुख प्राप्त हो सकता है। इन्हे मातृ संपत्ति का सुख मिल सकता है। जातक के अच्छे मित्र और रिश्तेदार हो सकते हैं। इनके अपने मित्रों और रिश्तेदार उनके लिए सहायक सिद्ध होंगे। इसके अलावा जातक को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। 

कुंडली के पांचवे भाव में चंद्रमा और बुध की युति वाले जातक को बुद्धिमान और चतुर होते हैं। उनमें सीखने और बोलने की क्षमता अच्छी होती है। कभी-कभी चंचलता के कारण वे अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते। इस दौरान जातक धार्मिक और ईश्वर में अच्छी श्रद्धा रखने वाला हो सकता है। जातक का प्रोफेशन अस्थिर हो सकता है, प्रोफेशन में उतार-चढ़ाव की स्थिति हो सकती है। साथ ही उनकी नौकरी में भी कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। ऐसे जातक को मानसिक तनाव और तंत्रिका संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

कुंडली के छठे भाव में चंद्रमा और बुध की युति वाले जातक दयालु और सम्मानित स्वभाव के होते है। इस दौरान जातक बुरी नजर के प्रभाव में आसानी से आ सकता है। जातक की आर्थिक स्थिति अस्थिर रहेगी। प्रतियोगिताओं में सफलता मिल सकती है। जातक अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। जातक को पेट और पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। 

कुंडली के सातवें भाव में चंद्रमा और बुध की युति वाले जातक भावुक और संवेदनशील प्रवृत्ति के हो सकते हैं। यदि इस दौरान जातक का विवाह होता है तो उसकी पत्नी सुंदर और बुद्धिमान हो सकती है। जातक और उसकी पत्नी को कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि चंद्रमा और बुध अशुभ प्रभाव में हो तो पत्नी से अलगाव की स्थिति भी बन सकती है। नौकरी में परिवर्तन के बाद इनके नाम, यश और समृद्धि में वृद्धि होगी। व्यवसाय \बिजनेस में आपको सफलता मिल सकती है। 

ज्योतिष में, कुंडली के आठवें भाव में चंद्रमा और बुध की युति वाले जातक दयालु होते है। इन जातकों का आध्यात्मिकता के प्रति अधिक रुझान हो सकता है। इस दौरान जातक वाणी में मधुर और अच्छा वक्ता होता है। यदि चंद्रमा और बुध की स्थिति अशुभ फल देने वाली हो तो जातक को मानसिक रोग होता है। कुंडली के इस भाव में चंद्रमा का बुध के साथ होना माता पक्ष के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इस अवधि में आपको पैतृक संपत्ति का सुख मिल सकता है। 

कुंडली के नौवें भाव में चंद्रमा और बुध की युति वाले जातक बुद्धिमान और समझदार स्वभाव के होते हैं। आपको नौकरी और व्यापार/बिजनेस में अच्छी सफलता मिलेगी। जातक के और उसके पिता के बीच मधुर संबंध रहेंगे। जातक को मित्रों, रिश्तेदारों और परिवार का सहयोग मिलेगा। इस दौरान संतान सुख मिलेगा। 

कुंडली के दसवें भाव में चंद्रमा और बुध की युति वाले जातक को अच्छा नाम और ख्याति प्राप्त होती है। उनके सामाजिक मान-सम्मान का दायरा भी विस्तृत होता है। रिश्तेदारों और सहकर्मियों की मदद से सफलता मिल सकती है। इस दौरान कारोबार में उतार-चढ़ाव के कारण लाभ-हानि देखने को मिल सकती है। जातक को व्यवसाय के सम्बन्ध में मानसिक तनाव मिल सकता है।

चन्द्रमा-बुध की युति

कुंडली के ग्यारहवें भाव में चंद्रमा और बुध की युति व्यक्ति को आकर्षक व्यक्तित्व प्रदान करती है। इस दौरान चंचल मन कुछ देर के लिए भ्रमित भी हो सकता है। ऐसे जातक धोखा देने की प्रवृत्ति वाले हो सकते हैं। गणना के अनुसार, इन्हें व्यवसाय \बिजनेस या शेयर बाजार से अच्छा लाभ मिल सकता है। नौकरी में पदोन्नति और उच्च पद मिल सकता है। जातकों को अपने शत्रुओं पर विजय मिल सकती है। 

कुंडली के बारहवें भाव में चंद्रमा और बुध की युति वाले की वाणी मन मोहक होती है। इस अवधि में जातक एक अच्छा वक्ता हो सकता है। इसके अलावा आपको अपनी पढ़ाई में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। जातक को व्यवसाय में भी कुछ आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे जातक धार्मिक और आध्यात्मिक विचारों में रूचि रखने वाले होते हैं। नेत्र संबंधी समस्या हो सकती है। 

कुल-मिलाकर हम कह सकते हैं कि कुंडली में बुध के साथ चंद्रमा की युति लाभदायक होती है, क्योंकि दोनों ग्रहों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध है। जब कुंडली में ये दोनों ग्रह एक साथ आते हैं तो जातक को अत्यधिक बुद्धिमान होने का आशीर्वाद देते हैं। 


Q. क्या बुध और चंद्रमा की युति अच्छी होती है?

An. कुंडली में मजबूत या लाभकारी चंद्रमा-बुध संयोजन जातक को अच्छे धन, नाम और प्रसिद्धि, अच्छे सामाजिक जीवन के साथ-साथ पेशे में उच्च पद का आशीर्वाद दे सकता है। अतः बुध और चन्द्र की युति अच्छी है।

Q. बुध और चंद्रमा मित्र हैं?

An. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा बुध के लिए शत्रु के समान भाव में होते है, लेकिन चंद्रमा के लिए बुध मित्र है । ठीक वैसे ही जैसे मंगल ग्रह शनि के साथ शत्रुता के भाव में व्यवहार करता है, लेकिन शनि ग्रह मंगल को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाता है।

Q. कुंडली के दूसरे भाव,में चंद्र-बुध की युति का क्या प्रभाव होता है?

An. कुंडली के दूसरे भाव में चंद्रमा और बुध की युति से प्रभावित जातक आकर्षक व्यक्तित्व के होते हैं। ऐसे जातक की वाणी बहुत मनमोहक व सुखद अनुभूति देने वाली होती है। ऐसे जातक अपनी वाणी का उपयोग भी बुद्धिमानी से करते हैं। युति के शुभ प्रभाव से जातक में स्वाभाविक कलात्मक प्रतिभा आती हैं। साथ ही वह एक अच्छा अभिनेता, कवि या वक्ता बन सकता है।

Q. चंद्र व बुध की युति से कौन सा योग बनता है?

An. कुंडली में जब चन्द्र व मंगल एक साथ ही भाव में होते हैं और बुध शुभ प्रभाव में हो तो ‘बुध राजयोग’ बनता है।

Related Post

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *