Virgo and Virgo Zodiac Compatibility | कन्या-कन्या राशि में अनुकूलता, कैसा है, दो समान राशियों का मेल

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कन्या-कन्या राशि में अनुकूलता- वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब कन्या और कन्या राशि के जातकों का मेल होता है तो, उनका संबंध अनुकूलता के मामले में बेहतरीन  होता है। क्योंकि, कन्या राशि पर तर्क-वितर्क और बुद्धि के ग्रह बुध का शासन होता है। इसलिए, कन्या और कन्या राशि के प्रेम संबंधों में, यह बिल्कुल भी संभावना नहीं है; कि वे एक-दूसरे के साथ किसी भी प्रकार के झगड़े में सम्मिलित होते है। इसके साथ ही, उनके बीच भावनात्मक सम्बन्ध भी बहुत अच्छा होता है। आज के इस ‘मंगल भवन’ के लेख में, हम कन्या-कन्या राशि अनुकूल संबंधों पर विस्तार से चर्चा करेंगे- आशा करते हैं लेख में, दी गई जानकारी पाठकों हेतु उपयुक्त हो-

कन्या-कन्या राशि का स्वभाव एवं व्यक्तित्व गुण  

  1. शासक ग्रह 

कन्या राशि-बुध ग्रह 

  1. सम्बंधित तत्व 

कन्या राशि-  पृथ्वी तत्व   

  1. विशेष गुण 

कन्या राशि- परिवर्तनशील      

  1. शक्तिशाली गुण 

  कन्या राशि-  विश्लेषणात्मक          

  1. कमजोर गुण  

   कन्या राशि- महत्वकांशी  

  1. अनुकूलता का प्रतिशत-90%

ज्योतिष शास्त्र की प्रमुख गणना के अनुसार, कन्या राशि के जातकों की पहली मुलाकात अक्सर,  किसी ऑफिस संबंधी पार्टी में या फिर नियति यानी की उनके भाग्य यदि मिलना हो तो वें मेल जाते हैं या फिर किसी कारण से वें स्वाभाविक रूप से दोस्त भी बन सकते हैं। इसके अलावा अक्सर हम, उन्हें घर-परिवार, नैतिक मूल्यों या फिर जीवन में सफलता के विषय में, चर्चा करते हुए देख सकते हैं। चूंकि, इस राशि पर सत्तारूढ़ ग्रह, बुध का शासन होता है, इसलिए उनके विचारों में बहुत गहरी तर्कशक्ति भी शामिल होती है; जिससे वे एक-दूसरे से बहुत गहराई से जुड़ते हैं। 

वास्तव में, तो, बातचीत ही एक ऐसा जरिया होता है जो; दो कन्या राशि के लोगों को करीब लाता है। हालांकि, उनकी शुरुआती मुलाकातें भविष्य में एक आशाजनक साझेदारी का संकेत भी देते हैं। आगे लेख में कन्या राशि के भागीदारों के बीच जीवन के कुछ महत्वपूर्ण रिश्तों और उनकी अनुकूलता के बारे में जानेंगे-

कन्या-कन्या राशि में प्रेम अनुकूलता 

प्रेम अनुकूलता के सम्बन्धों में, कन्या राशि के भागीदारों के अच्छे और मजबूत प्रेम सम्बन्ध होते हैं। इसलिए हम, कह सकते हैं कि कन्या राशि के डॉन लोगों के बीच प्रेम अनुकूलता औसत से कहीं अधिक अच्छी होती है। कन्या राशि के प्रेम जीवन में दोनों कन्या राशि के भागीदार एक-दूसरे की सुरक्षा और स्पष्टता का विशेष ध्यान रखते है। जिससे दोनों के बीच एक स्थिर और खुशहाल प्रेम सम्बन्ध बनता है। इसके अलावा, बुद्धि के कारक ग्रह,  बुध की स्थिति भी दोनों को बौद्धिक रूप से रिश्ते निभाने में सहायक होती है। यानी, बौद्धिक रूप से अच्छी बातचीत और पारस्परिक विचारों की स्पष्टता के साथ उनके बीच सहजता से रिश्ता अनुकूल हो जाता है। 

इसके अलावा, ये दोनों एक समान गुणों और स्वभाव के कारण एक-दूसरे को बहुत गहराई से समझते हैं। दोनों ही, भागीदार, अपने प्रेम संबंधों में, एक-दूसरे के प्रति समर्पण, विश्वास और जिम्मेदारी के भाव की सराहना करते हैं। वे अपने साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने और एक खुशहाल जीवन बनाने के लिए श्रेष्ठ टीम के रूप में एक साथ मिलकर काम करते हैं। इसलिए, प्रेम अनुकूलता के मामले में दी कन्या राशि के भागीदारों के सम्बन्ध सफल और लंबे समय तक चलते है।

अब, समझते हैं, कन्या और कन्या लग्न में वैवाहिक संबंध की अनुकूलता के बारे में। तो, दो कन्या राशि के भागीदारों में, अवैवाहिक संबंध में अनुकूलता औसत से अधिक होती है। साथ ही, उनका वैवाहिक जीवन सफल माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, कन्या राशि के जातकों के लिए सबसे perfect life partner कन्या राशि का ही हो सकता है। क्योंकि, दोनों के स्वाभाविक गुण और  व्यक्तित्व समान होते हैं। वैवाहिक जीवन को खुशहाल और सफल बनाने के लिए,  जिन गुणों की आवश्यकता होती है, जैसे व्यावहारिकता, संगठन क्षमता और छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना; जिससे कि परिवार भी संयोजित रूप से रह सके।

इसके साथ ही, कन्या और कन्या राशि की जोड़ी के दोनों भागीदार अपने विचारों को खुलकर एक-दूसरे से साझा करते हैं। जिससे उनके बीच भावनात्मक लगाव बहुत अच्छा होता है और वे एक-दूसरे को अच्छी तरह समझते हैं। इन सभी विशेषताओं के साथ वे अपने वैवाहिक जीवन की अनुकूलता को भी श्रेष्ठ बनाते हैं। इतना ही, नहीं; दोनों ही राशियों में अपने साथी के व्यक्तिगत विकास और उनका समर्थन करने का भाव होता है। जिससे वें  एक स्थिर और खुशहाल सम्बन्ध के लिए अनुकूल वातावरण बनाने का प्रयास करती हैं। हालांकि, सभी रिश्तों में कुछ न कुछ हल्की-फुल्की नोक-झोंक बनी रहती है; उसी प्रकार कन्या और कन्या राशि के वैवाहिक जीवन में भी चुनौतियां हो सकती हैं छोटी-मोटी परेशानियां आ सकती हैं। लेकिन वे, मुद्दों को सुलझाने में सक्षम हैं। एक सुखी जोड़े के रूप में यह सबसे अच्छी गुणवत्ता है।  

हम, सभी जानते हैं कि, एक सुखी वैवाहिक जीवन के लिए दोनों भागीदारों के बीच यौन संबंधों (कन्या और कन्या राशि) की अनुकूलता का होना भी बहुत आवश्यक है। कन्या और कन्या राशि के यौन सम्बन्ध की अनुकूलता के बारे में बात करें तो, उनकी जोड़ी के बीच  उन्हें कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि उनके बीच यौन सम्बन्ध का उनका प्रतिशत औसत से कम है। इसका एक मुख्य कारण, दोनों का अत्यधिक आलोचनात्मक स्वभाव होने से भी हो सकता है। जिससे यौन सम्बन्ध में उनकी सहजता और जुनून प्रभावित होता है। 

इसके साथ ही, कन्या राशि के भागीदार अपने यौन सम्बन्ध को लेकर अपने साथी के साथ शर्मीले तो होते हैं; लेकिन वे एक अच्छे जानकार भी होते हैं। उन्हें, अपने यौन सुख के आनंद के बारे में पूरी जानकारी होती है। ज्योतिष की सलाह में, उन्हें अपने यौन संबंध के बारे में, एक-दूसरे से स्वतंत्र बातचीत करने की आवश्यकता है। जिससे उनके बीच किसी प्रकार की कोई  झिझक ना हो। एक-दूसरे पर और सबसे पहले खुद पर भरोसा करना सीखना होगा। क्योंकि, रिश्तों में, विश्वास का निर्माण और एक आरामदायक, गैर-निर्णयात्मक माहौल बनाने से परस्पर संबंध मजबूत होते है।

प्रेम और विवाह से हटकर भी एक रिश्ता मित्रता का होता है। यदि, हम कन्या-कन्या राशि में मित्रता की अनुकूलता को समझें तो, दोनों राशियों में मित्रता के सम्बन्ध अविश्वसनीय रूप से औसत से अधिक अनुकूल है। वे एक-दूसरे की व्यावहारिकता, बुद्धिमत्ता और विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर, उनकी सराहना करते हैं। इसके साथ ही, वे एक-दूसरे की बौद्धिक बातचीत में बहुत ही प्रभावी ढंग से शामिल होते हैं। इस प्रकार, अपने विचारों का आदान-प्रदान करने और रचनात्मक आलोचना को एक-दूसरे से साझा करने का आनंद दोनों अपने मित्रता के सम्बन्ध में लेते हैं। इसलिए, वे एक-दूसरे के निर्धारित लक्ष्य का समर्थन करते हैं और सलाह भी देते हैं। 

इसके अलावा, कन्या राशि के साथ कन्या राशि की मित्रता निस्वार्थ होती हैं और वें एक-दूसरे के लिए सफलता और सर्वश्रेष्ठ की कामना करते हैं। हालांकि, बहुत रशोयों में अधिक समानताएँ, उनके बीच उत्साह को कम कर सकती हैं। लेकिन फिर, कन्या राशि के मित्र संबध सराहनीय पात्रता रखते हैं और कभी भी बोरियत को अपनी मित्रता पर हावी नहीं होने देते। वे हमेशा नइ-नइ गतिविधयों के साथ अपनी रुच्यों को जीवित रखने के तरीके ढूंढते रहेंगे। 

ज्योतिष की दृष्टि से समझे तो, भावनात्मक अनुकूलता में, कन्या और कन्या राशि के भागीदारों को कुछ समस्याओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।  क्योंकि, उनके बीच अनुकूलता के पक्ष कम पाए गए हैं। यदि, वे परस्पर खुलकर बातचीत नहीं करेंगे तो, उनके लिए एक-दूसरे की भावनाओं को पूरी तरह व्यक्त करने और समझने में कठिनाई हो सकती है। इसके साथ ही, उनकी व्यावहारिकता और तथ्यों को अत्यधिक विश्लेषणात्मक रूप से देखने की आदत उनके भावनात्मक संबंध को प्रभावित कर सकती है। इसलिए, उन्हें एक-दूसरे की भावनात्मक जरूरतों के लिए सहानुभूति और आपसी समझ विकसित करने पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

इसके अलावा, दोनों भागीदारों को, अपने रिश्ते में, पूर्ण विश्वास और ध्यान से एक सुरक्षित और समर्थवान स्थान बनाने का प्रयास करना होगा। जहां दोनों ही भागीदार, बिना किसी झिझक के निर्णय या आलोचना के डर के बिना अपनी भावनाओं को एक-दूसरे से साझा कर सकें। इसके साथ ही, वे एक-दूसरे की भावनात्मक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करने वाली गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं, जैसे एक-दूसरे से भावनात्मक और गहरी बातचीत, एक-दूसरे के तर्क-वितर्क को ध्यान से सुनना और एक साथ रुचियों में शामिल होना, भावनात्मक स्तर पर, जुड़ने में सहायता प्रदान करेगा।

  • खूबियाँ 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कन्या पुरुष और कन्या महिला के महत्वपूर्ण संबंधों एक खासियत होती है कि, वे अपने रिश्ते व्यावहारिकता, संगठन और विस्तार की एकाग्रता पर साझा करते हैं। इसके साथ ही, वे अपने परस्पर सम्बन्ध में, खुलकर और वास्तविक बातचीत, और एक-दूसरे की गहरी भावनाओं को समझ कर एक स्थिर और विश्वासपात्र रिश्ता बनाते हैं। यह उनके रिश्ते की विशेषता होती है कि, उनका एक-दूसरे पर विश्वास, ईमानदारी और समर्थन उन्हें एक मजबूत और स्थायी संबंध में जोड़े रखता है।

  • कमजोरियाँ

हर सम्बन्ध में कुछ परेशानियां होती हैं;  कन्या और कन्या राशि के बीच अनुकूलता के सम्बन्ध में सबसे कमजोर पहलू यह है कि वे, अक्सर एक-दूसरे के प्रति आलोचनात्मक हो जाते हैं, और अपनी गतिविधियों में अधिक सोचने और भावनात्मक अभिव्यक्ति की कमी के कारण उनमें, मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जिससे उनके बीच, व्यावहारिकता और विस्तार पर ध्यान देने के मामलों में सहजता और जुनून की कमी हो सकती है। 

कुल-मिलाकर हमने लेख में जाना कि कन्या-कन्या राशि में संबंधों को लेकर अनुकूलता अच्छी मानी जाएगी। ज्योतिष की सलाह में,  उन्हें अति आलोचनात्मक और प्रशंसा को संतुलित करते हुए एक-दूसरे के साथ खुलकर,  ईमानदारी पूर्वक  बातचीत करनी चाहिए। इसके साथ ही, अत्यधिक सोचने और विचार करने के गुण को कम करने की आवश्यकता है। अपने सम्बन्ध में अपने साथी के पूर्ण भावनात्मक रूप से किए गए म वादे निभाकर विश्वास  के साथ आगे बढ़ना महत्वपूर्ण है। 

Q. क्या, कन्या और कन्या का मेल अच्छा है?

An.जब कन्या और कन्या राशि के जातकों का मेल होता है तो, उनका संबंध अनुकूलता के मामले में बेहतरीन  होता है। क्योंकि, कन्या राशि पर तर्क-वितर्क और बुद्धि के ग्रह बुध का शासन होता है। इसलिए, कन्या और कन्या राशि के प्रेम संबंधों में, यह बिल्कुल भी संभावना नहीं है; कि वे एक-दूसरे के साथ किसी भी प्रकार के झगड़े में सम्मिलित होते है। 

Q. क्या, कन्या राशि के जातक कन्या राशि के जातक के साथ विवाह कर सकते है?

An. कन्या और कन्या लग्न में वैवाहिक संबंध की अनुकूलता के बारे में। तो, दो कन्या राशि के भागीदारों में, अवैवाहिक संबंध में अनुकूलता औसत से अधिक होती है। साथ ही, उनका वैवाहिक जीवन सफल माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, कन्या राशि के जातकों के लिए सबसे perfect life partner कन्या राशि का ही हो सकता है।

Q. कन्या के साथ कन्या राशि की मित्रता कैसी होती है?

An. प्रेम और विवाह से हटकर भी एक रिश्ता मित्रता का होता है। यदि, हम कन्या-कन्या राशि में मित्रता की अनुकूलता को समझें तो, दोनों राशियों में मित्रता के सम्बन्ध अविश्वसनीय रूप से औसत से अधिक अनुकूल है। वे एक-दूसरे की व्यावहारिकता, बुद्धिमत्ता और विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर, उनकी सराहना करते हैं।

Q. क्या, दो कन्या राशि के जातकों के बीच भावनात्मक अनुकूलता होती हैं?

An. ज्योतिष की दृष्टि से समझे तो, भावनात्मक अनुकूलता में, कन्या और कन्या राशि के भागीदारों को कुछ समस्याओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।  क्योंकि, उनके बीच अनुकूलता के पक्ष कम पाए गए हैं। यदि, वे परस्पर खुलकर बातचीत नहीं करेंगे तो, उनके लिए एक-दूसरे की भावनाओं को पूरी तरह व्यक्त करने और समझने में कठिनाई हो सकती है। 

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