Rahu Grah | कैसा है राहु ग्रह, अशुभ राहु की शांति, मंत्र एवं सरल उपाय

राहु ग्रह

राहु ग्रह, वैदिक ज्योतिष में राहु ग्रह को एक अत्यंत क्रूर एवं मायावी ग्रह की संज्ञा दी गई  है। जातक की कुंडली में राहु के अशुभ स्थान पर होने से उसे मानसिक तनाव तथा आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष के अनुसार राहु और केतु को छाया ग्रह माना गया है। 12 भावों में राहु का प्रभाव भी अलग-अलग होता है। इसके अलावा यदि राहु कुंडली में अशुभ अवस्था में हों तो जातक को आजीवन  आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष की धारणा के अनुसार राहु के शुभ प्रभाव से जातक, पलक झपकते ही रंक से राजा बन जाता है, वहीं इसके विपरीत राहु की अशुभता राजा से रंक बनाने में भी देर नहीं करती। यदि आप भी राहु के अशुभ प्रभाव से बचना चाहते है तो राहु ग्रह शांति के लिए इन उपायों को अवश्य करें। विद्वान ज्योतिषियों के द्वारा बताए गए इन उपायों से आप निश्चित ही राहु के शुभ फल प्राप्त करेंगे।

ज्योतिष में राहु ग्रह की शांति हेतु अनेक उपाय बताए गए हैं। जिससे राहु के अशुभ परिणामों को कम किया जा सकता है तथा शुभ फल की प्राप्ति की जा सकती है। इन उपायों में राहु से संबंधित वस्तु का दान, रत्न, राहु यंत्र,  मंत्र और जड़ी धारण करना प्रमुख उपाय हैं।

राहु ग्रह से संबंधित कुछ विशेष उपाय: 

पोषक एवं जीवन शैली से जुड़े राहु ग्रह शांति के उपाय

  • राहु की शुभता हेतु जातक नीले रंग के वस्त्रों का उपयोग करें।
  • जातक को अपने ससुर पक्ष , नाना-नानी तथा मरीज लोगों के प्रति आदर भावना रखना चाहिए।
  • मदिरा तथा मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए।
  • जातक को काले कुत्ते, गौ माता व चीटियों को रोटी खिलानी चाहिए।

प्रातः काल किए जाने वाले राहु ग्रह शांति के उपाय

  • सुबह पवित्र होकर शिव मंदिर जाकर जल में काले तिल डालकर शिवजी का अभिषेक करना चाहिए। 
  • स्नान के पानी में कुश डालकर नहाना श्रेष्ठ माना जाता है।  
  • प्रातः जल्दी उठकर शुद्ध हो पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें व परिक्रमा करें।
  • माँ दुर्गा की विधिवत पूजा तथा पाठ(दुर्गा चालीसा) करें।
  • विष्णु अवतार वराह देव की स्तुति करना भी लाभकारी होगा।
  • संभवत अपने नजदीकी भैरव मंदिर जाकर प्रातः समय उनकी आराधना कर कष्ट निवारण हेतु प्रार्थना करें।

राहु ग्रह के लिये पूजा एवं व्रत

राहु भी केतु के समान ही छाया कहलाते हैं अतः राहु ग्रह की शांति के लिए आप शनिवार का व्रत धारण कर सकते हैं।

राहु ग्रह शांति हेतु दिए जाने वाले दान

शनिवार वाले दिन राहु के शुभ नक्षत्रों (आद्र,स्वाति, शतभिषा) में राहु से संबंधित वस्तुओं का दान जैसे-सात प्रकार के अनाज (जौ, तिल, चावल, साबुत मूंग, कंगुनी, चना, गेहूं ), गोमेद रत्न, काले व नीले वस्त्र, नारियल, मूली, सरसों, नीलम, कोयले, सिक्के और नीले पुष्प किसी अपाहिज या गरीब व्यक्ति को दान करें। इस उपाय से राहु के बुरे प्रभाव से बचा जा सकता है। शनिवार की सांझ को काले कपड़े में एक नारियल और 11 साबुत बादाम बांधकर बहते जल में प्रवाहित करने से राहु ग्रह की कृपा प्राप्त होती है।

राहु ग्रह से सम्बंधित रत्न

राहु की शांति हेतु ज्योतिष में  गोमेद रत्न को धारण करने की सलाह दी गई है। इस रत्न शुभ प्रभाव से जातकों को राहु दोष से मुक्ति मिलती है तथा जातक को शुभ परिणाम की प्राप्ति होती है।

श्री राहु ग्रह यंत्र

राहु को प्रसन्न करने तथा जीवन में  सकारात्मक ऊर्जा, वैभव वृद्धि, आकस्मिक बाधाओं और रोगों से बचाव हेतु जातक को राहु यंत्र को विधिवत पूजन करना चाहिए। तत्पश्चात अभिमंत्रित कर राहु के शुभ नक्षत्र एवं बुधवार वाले दिन धारण करना उचित होता है।

राहु ग्रह हेतु जड़ी

राहु ग्रह दुष्परिणामों  को कम करने एवं राहु की कृपा दृष्टि हेतु बुधवार वाले दिन नागरमोथा की जड़ को राहु के नक्षत्र में विधिवत पूजा के पश्चात धारण करना शुभ माना जाता है।

राहु ग्रह हेतु रुद्राक्ष

राहु ग्रह को प्रसन्न करने हेतु वैदिक ज्योतिष में आठ मुखी रुद्राक्ष को धारण करना लाभप्रद होता है।

आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने हेतु मंत्र:

  • “ॐ हूं नमः”
  • “ॐ ह्रां ग्रीं लुं श्री”

राहु ग्रह मंत्र

  • “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः”
  • “ॐ रां राहवे नमः”

राहु ग्रह की शांति के साथ-साथ राहु के शुभ प्रभाव के लिए राहु के बीज मंत्र का 18000 बार जाप करें। कलयुग में इस मंत्र को अधिकतम 72000 बार जाप करना शुभ फलदायक होता है।

कुछ सवाल व उनके जवाब – FAQ

Q- राहु दोष कितने समय का होता है?

An- एक राशि में राहु काल दोष डेढ़ वर्ष का होता है।

Q- राहु कौन से भाव में शुभ फल प्रदान करता है?

An- कुंडली के नवम भाव में राहु शुभ फल प्रदान करते हैं जिससे जातक ऐश्वर्यवान बनते हैं। इसके साथ ही संतान पक्ष से भी इनको सुख प्राप्त होता है।

Q- राहु के दिन कौन- कौन से हैं?

An- राहु काल का विशेष रूप से रविवार, मंगलवार तथा शनिवार को आवश्यक माना गया है।

Q- राहु के आराध्य देव कौन से हैं?

An- विद्या की देवी मां सरस्वती को राहु की इष्ट देवी माना गया है।

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