केतु ग्रह ज्योतिष में केतु ग्रह को एक अशुभ ग्रह के रूप में माना जाता है। लेकिन यह सर्वथा सत्य नहीं है कि केतु के द्वारा जातक को सदैव ही बुरे फल प्राप्त हों। केतु ग्रह के द्वारा जातक को शुभ फल भी प्राप्त होते हैं। केतु अध्यात्म, वैराग्य, एवं मोक्ष इत्यादि के कारक ग्रह माने जाते हैं। केतु जातक को उसके जीवन में सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनों तरह के ही परिणाम प्रदान करते हैं। यदि आप केतु के अशुभ प्रभाव को कम कर, शुभ फल की प्राप्ति चाहते हैं तो हमारे विद्वान ज्योतिषियों के माध्यम से सुझाए गए ये उपाय आपके लिए अवश्य ही कारगर सिद्ध होंगे।
‘मंगल भवन’ के ज्योतिषाचार्य श्री भास्कर जी के अनुसार केतु के बुरे प्रभावों से बचने हेतु हम अनेक उपाय कर सकते हैं। केतु से संबंधित दान, केतु यंत्र, मंत्र, केतु जड़ी और मंगलकारी श्री गणेश जी की आराधना करना प्रमुख उपाय है। इन उपायों के माध्यम से केतु को प्रसन्न कर शुभ फल की प्राप्ति की जा सकती है।
केतु ग्रह से संबंधित कुछ विशेष उपाय:
पोषक एवं जीवन शैली से जुड़े केतु ग्रह शांति के उपाय
- केतु ग्रह के लिए शास्त्रों में भूरे या ग्रे रंग के वस्त्रों का प्रयोग शुभ माना जाता है।
- अपने परिवार में बेटे, भतीजा एवं अपने से छोटों के साथ मधुर संबंध बनाए।
- शॉवर में स्नान करें।
- भैरव के रूप कहे जाने वाले, कुत्तों की सेवा या उन्हें रोटी खिलाएं।
- जरूरतमंदों की सेवा करें।
प्रातः काल किए जाने वाले केतु शांति के उपाय
- केतु के शुभ प्रभाव हेतु श्री गणेश जी का पूजन सर्वशुभकारी होता है।
- भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की पूजा करने से भी लाभ की प्राप्ति होगी।
- भगवान गणेश के स्वरूप श्री गणपति अथर्वशीर्ष का विधिपूर्वक पाठ करें।
- गाय व चीटियों को खाना खिलाएं।

केतु ग्रह लिए पूजा एवं व्रत
शास्त्रों में केतु को शनि के प्रतिरूप ही क्रूर माना गया है अतः इसके अशुभ परिणामों से बचने हेतु जातक को शनिवार का व्रत विधि पूर्वक पूजन के साथ धारण करना चाहिए।
केतु की शांति हेतु दिए जाने वाले दान
यदि किसी जातक की कुंडली में केतु की महादशा चल रही हो तो केतु से संबंधित वस्तुओं का दान करना शुभ होता है इन वस्तुओं में केला, तिल के बीज, काला कंबल, लहसुनिया रत्न एवं काले पुष्प एवं काले वस्त्रों का दान करना चाहिए। इसके अतिरिक्त आंवला या आंवले से बने खाद्य पदार्थ, अमचूर, नींबू और चाकू का दान करना शुभ होगा। केतु के दुष्प्रभाव को शांत करने हेतु इन वस्तुओं का दान बुधवार वाले दिन केतु के शुभ नक्षत्र (अश्विनी, मघा, मूल ) सांझ के समय करना चाहिए।
केतु के लिए रत्न
ज्योतिष के अनुसार केतु ग्रह को प्रसन्न करने हेतु लहसुनिया रत्न को धारण करना लाभकारी माना जाता है। यह रत्न केतु के बुरे प्रभावों से जातक को सुरक्षित करता है।
केतु श्री यंत्र
केतु से शुभ फल की प्राप्ति हेतु तथा व्यवसाय में लाभ, शारीरिक स्वास्थ्य व पारिवारिक मामले इत्यादि के लिए केतु के शुभ प्रतीक केतु यंत्र की स्थापना के साथ-साथ धन की देवी मां लक्ष्मी तथा भगवान गणेश की पूजा व उपासना करें। इस यंत्र को आप बुधवार वाले दिन केतु के शुभ नक्षत्र में विधि पूर्वक अभिमंत्रित कर धारण कर सकते हैं।
केतु के लिये जड़ी
केतु के अशुभ परिणामों से बचाव हेतु ज्योतिष में अश्वगंधा या असगंध मूल धारण करना श्रेष्ठ बताया गया है। इस जड़ी को आप केतु के शुभ नक्षत्र में पूजा विधि कर धारण कर सकते हैं।
केतु ग्रह के लिये रुद्राक्ष
केतु ग्रह की कृपा प्राप्त करने हेतु जातक को नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है।
नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करने हेतु मंत्र:
- “ॐ ह्रीं हूं नमः”
- “ॐ ह्रीं व्यं रूं लं”
केतु मंत्र
- “ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः”
- “ॐ कें केतवे नमः”
केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने हेतु जातक केतु बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं। इन मंत्रों को 17000 बार उच्चारित करना शुभ होता है। कलयुग में इस मंत्र को 68000 बार जप करने का प्रावधान है।
कुछ सवाल व उनके जवाब – FAQ
Q- केतु ग्रह को प्रसन्न करने हेतु क्या करें?
An- केतु को प्रसन्न करने हेतु, केतु मंत्र- “ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं केतवे नमः” का जाप 108 बार करें।
Q- केतु ग्रह की उच्च राशि क्या है?
An- केतु की उच्च राशि धनु राशि मानी जाती है।
Q- केतु के लिए कौन सी धातु उपयुक्त मानी गई है?
An- केतु ग्रह के लिए लहसुनिया, सोना या तांबा धातु उपयुक्त मानी गई है।
Q- केतु ग्रह से कौन सी बीमारियां होती है?
An- केतु के अशुभ प्रभाव से गर्भपात, पथरी, असाध्य रोग, खांसी, सर्दी, वात और पित्त विकार आदि रोग हो सकते हैं।