Mercury in the 1st house | बुध ग्रह की भूमिका, कुंडली के प्रथम भाव में बुध ग्रह क्या महत्व रखते हैं 

प्रथम भाव में बुध ग्रह

Mercury in the 1st house

प्रथम भाव में बुध ग्रह: ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में प्रथम भाव लग्न यानी स्वयं का भाव। इसके साथ ही बुध ग्रह को मस्तिष्क का कारक ग्रह माना गया है। जातक की जन्म कुंडली के प्रथम भाव में यदि बुध शुभ स्थान में है तो जातक बुद्धि, संचार व निर्णय क्षमता में कुशल होगा। वैसे तो यह एक अत्यंत शुभ ग्रह है; परन्तु किसी क्रूर ग्रह के साथ हो तो यह अशुभ फल भी प्रदान करते हैं। यदि जातक का बुध कमजोर है तो उसे त्वचा संबंधी विकार, शिक्षा में एकाग्रता की कमी व लेखन में कई समस्या आती है। बुध के अच्छे प्रभाव से जातक एक कुशल शोधकर्ता भी साबित होते हैं। आइए अब विस्तार से जानते है कि बुध ग्रह कुंडली के प्रथम भाव में क्या भूमिका निभाते हैं-

प्रथम भाव में बुध ग्रह ( Mercury in 1st house)

‘मंगल भवन’ के ज्योतिष आचार्य श्री भरत जी ने यहां हमें बुध के कुछ सकारात्मक व नकारात्मक प्रभावों के बारे में बताया है। यदि आपकी जन्म कुंडली में बुध ग्रह प्रथम भाव में उपस्थित होंगे तो आपके जीवन में भी जो कुछ इस प्रकार के परिवर्तन देखने को मिलेंगे-

प्रथम भाव में बुध ग्रह: शुभ प्रभाव  

बुध यदि जातक के प्रथम भाव में शुभ स्थान पर है तो; जातक सौम्य स्वभाव व सदैव खुश रहने वाले व्यक्ति होंगे। आप शांत प्रिय तथा चित्त और कुशाग्र बुद्धि वाले व्यक्ति हैं। आप अपनी हाजिरजवाबी, सूझ व समझदारी तथा अपने  मित्रों के साथ किया गया सरल व्यवहार की वजह से काफी प्रशंसा में रहेंगे। बुध का शुभ स्थान में होने से आपको उदारता व सदाचार होने का ज्ञान प्रदान करती है। आप एक आकर्षक व्यक्तित्व और दीर्घायु के व्यक्ति होंगे। 

आपको कई भाषाओं का ज्ञान भी प्राप्त होगा। आप कई विषयों में गहराई से अनुसंधान करेंगे। इन विषयों में  जैसे- ज्योतिष, गणित, जादू या इंजीनियरिंग में आपकी विशेष रुचि हो सकती है। आप एक बड़े निपुण व्यवसायी भी साबित होंगे। इसके साथ ही आप में एक अच्छे वक्ता का भी गुण है। संगीत के क्षेत्र में भी आपकी विशेष रुचि हो सकती है। बुध की शुभ स्थिति से आपको वाणी, लेखन या प्रकाशन के क्षेत्र से जीविकोपार्जन का साधन प्राप्त होगा। आप सभी सुख-सुविधाओं का सुख प्राप्त करेंगे। अपने जीवन के सत्ताइसवें साल में आप कोई धार्मिक स्थान की यात्रा भी कर सकते हैं। यदि यह सारे प्रभाव आपके जीवन में भी आप देख पा रहें हैं तो आपके जन्म कुंडली में बुध शुभ स्थान पर हैं। 

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प्रथम भाव में बुध ग्रह: अशुभ प्रभाव 

यदि जातक की कुंडली में बुध के साथ कोई अशुभ ग्रह है तो; ऐसे व्यक्ति किसी भी बात को बहुत जल्दी आत्मसात कर लेते है। लेकिन बुध ग्रह के अशुभ दशाओं में होने पर आपके स्नायु तंत्र तथा त्वचा से संबंधित रोग भी हो सकते हैं। बुध की अशुभ स्थिति के कारण आप अपने जन्मस्थान से दूर जाकर भी रह सकते हैं; जिसके कारण आप जीवन काल में कई विदेश यात्रा भी कर सकते हैं। 

प्रथम भाव में बुध ग्रह: वैवाहिक जीवन व करियर 

इस भाव में बुध के प्रभाव से जातक के वैवाहिक जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव होता है। इससे बचने हेतु जातक को अपने पार्टनर के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार करना उचित होगा। बुध के प्रभाव से जातक एक कुशल ज्योतिष व गणितज्ञ भी बन सकते हैं।  

प्रथम भाव में बुध
कुंडली के प्रथम भाव में बुध ग्रह

प्रथम भाव में बुध ग्रह: निष्कर्ष 

उपरोक्त गुणों के आधार पर, प्रथम भाव में बुध ग्रह के होने पर जातक दूसरों का प्रिय, ज्ञानवान, कुशल चिंतक, त्यागी, लेखक, गणितज्ञ, कवि, चिकित्सक, तथा अपने धर्म पर मनन करने वाला होता है। इसके अलावा  जातक गंभीर व्यक्तित्व वाला, चरित्रवान, मधुरभाषी तथा संयमी के गुणों वाला भी होता है। ऐसे जातक किसी एक विषय में पारंगत तथा दूसरों को प्रभावित करने की क्षमता भी रखते हैं। 

ज्योतिष के अनुसार, बुध ग्रह, हमारी जन्म कुंडली में स्थित सभी 12 भावों पर अलग-अलग प्रकार से प्रभाव डालता है। ये प्रभाव हमारे जीवन को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं। इसके अतिरिक्त बुध को एक तटस्थ ग्रह के रूप में भी संदर्भित किया गया है। परंतु अन्य ग्रहों से शुभ व अशुभ युति के कारण उसके फलों में भी परिवर्तन की संभावना देखने को मिलती है। आइए आगे के लेख में विस्तार से जानते हैं, बुध ग्रह का अन्य सभी भावों पर किस तरह का प्रभाव पड़ता है –

कुंडली में उपस्थित ग्रहों से सम्बंधित जानकारी व अन्य ग्रह शांति समाधान हेतु आप हमारे अनुभवी तथा ज्योतिष विद्या में निपूर्ण आचार्य से भी संपर्क कर सकते हैं।  

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द्वितीय भाव में बुध ग्रह
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कुछ सवाल तथा उनके जवाब – FAQ 


Q- क्या बुध ग्रह प्रथम भाव में नकारात्मक होगा?

An- नहीं, बुध ग्रह प्रथम भाव शुभ ग्रहों के साथ अच्छे प्रभाव भी प्रदान करेगा।

Q- बुध प्रथम भाव में हो तो क्या होता है?

An- बुध प्रथम भाव में हो तो जातक बेहद बुद्धिमान और मजाकिया स्वभाव का होता है। इसके अलावा और अधिक सीखने व शोध करने की लालसा भी रखता है।

Q- क्या बुध प्रथम भाव का स्वामी है?

 An- नहीं, बुध प्रथम भाव का स्वामी ग्रह नहीं है।

Q- प्रथम भाव में बुध शुभ होता है या अशुभ?

An- प्रथम भाव में शुभ ग्रहों के साथ बुध शुभ फल देता है तथा अशुभ ग्रहों के साथ अशुभ फल प्रदान करते हैं।

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