Mercury in 11th house | बुध ग्रह के एकादश भाव में क्या परिणाम होंगे जानें, कुछ मूलभूत प्रभावों को

बुध

Mercury in 11th house

बुध ग्रह एकादश भाव में : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्म कुंडली में एकादश भाव ‘आमदनी’ और ‘लाभ’ से संबंधित होता है। यह भाव जातक की कामना, आकांक्षा एवं इच्छापूर्ति को दर्शाता है। किसी जातक द्वारा कार्य को पूर्ण किए जाने वाले प्रयासों से जो लाभ प्राप्त होता है; उस लाभ की गणना कुंडली के एकादश भाव में की जाती है। यह भाव जातक के लाभ, आय, प्राप्ति, सिद्धि, वैभव आदि भी संदर्भित करता है। विभिन्न विद्वानों के द्वारा इस भाव को “लाभ, धन और सम्मान के भाव” का नाम भी दिया गया है। 

इस भाव में, बुध के होने से जातक गंभीर (सीरियस) स्वभाव का होता है। ऐसे लोग हमेशा बौद्धिक सहयोग को प्राथमिकता देते हैं। बौद्धिक और वैज्ञानिक ज्ञान से परिपूर्ण लोगों की और इनका अधिक रुझान होता है। इसके अलावा ऐसे लोगों के पास कई तरह के अलग व प्रैक्टिकल अनुभव भी होते हैं। जो दूसरों द्वारा अधिक पसंद किए जाते हैं। बुध के प्रभाव के कारण, आप व्यवसाय में मिलने वाली सफलता के लिए, समाज को प्राथमिकता देते हैं। ज्योतिष शास्त्र में एकादश भाव के स्वामी कारक ग्रह शुक्र, चन्द्र, सूर्य, व गुरु(बृहस्पति) हैं।

बुध ग्रह एकादश भाव में (Mercury in 11th  house) 

हमारे ‘मंगल भवन’ के ज्योतिष आचार्य श्री भरत जी ने यहां आपको, बुध के एकादश भाव में कैसे  शुभ-अशुभ परिणाम प्राप्त होंगे। यह बताने का प्रयास किया है। आशा करते हैं कि आपको इस लेख के माध्यम से आवश्यक जानकारी प्राप्त हो। हम आपको उससे संबंधित कुछ सकारात्मक व नकारात्मक प्रभावों के बारे में बताने जा रहे हैं। यदि आपकी जन्म कुंडली में बुध ग्रह एकादश भाव में उपस्थित होंगे तो आपका जीवन भी कुछ इस प्रकार प्रभावित होगा-

बुध ग्रह एकादश भाव में  

  • शुभ प्रभाव 
  1. इस भाव में स्थित बुध आमतौर पर आपको फल ही शुभ फल ही प्रदान करेगा। जिसके प्रभाव से आप एक दृढ़ चरित्र वाले व्यक्ति होंगे। 
  2. आप एक सदाचारी,  ईमानदार और विनम्र व्यक्ति होंगे। आपके द्वारा अपनी कही हुई बातों को पूरा करने का प्रयास सदैव सफल होता है। आप अपने गुणों के कारण लोकप्रिय होंगे। आपके स्नेही मित्रों में स्त्रियों की संख्या अधिक हो सकती है।
  3. आप, कई प्रकार की विद्याओं का ज्ञान प्राप्त करेंगे। और हमेशा ही कुछ न कुछ नया जानने व सीखने के लिए इच्छुक रहेंगे। 
  4. वेद शास्त्रों व पौराणिक ग्रंथों में आपकी अधिक श्रद्धा होगी। आप अपने जीवन में भाग्यशाली, सफल और सुखी रहेंगे। 
  5. इस भाव में शुभ प्रभाव से आप दीर्घायु तो होंगे ही। साथ ही आपको उत्तम वाहनों का सुख भी प्राप्त होगा। आप हमेशा आनंदित रहेंगे।
  6. आप अपने शत्रुओं पर सदैव विजय प्राप्त करेंगे। शत्रुओं के माध्यम से आपको धन लाभ भी हो सकता है। 
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  • अशुभ प्रभाव 

एकादश भाव में ग्रहों की स्थिति यह तय करती है कि आप धाम कैसे कमाएंगे।  और इस भाव में केवल आपके धन कमाने के पारंपरिक स्रोतों के बारे में ही नहीं है; बल्कि अन्य, जैसे सट्टा, विरासत आदि से धन प्राप्त करना भी है। इसलिए, यह भाव आम तौर पर जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक को संदर्भित करता है। इसलिए एकादश भाव की गणना उपलब्धता,  मौद्रिक और वित्तीय आवश्यकताओं के साथ भागीदारी को दर्शाती है। अशुभ फल तो आमतौर पर इस भाव में कम ही देखने को मिलते हैं-

  1. कुंडली में ‘लाभ’ का भाव होने के साथ-साथ एकादश भाव को ‘बाधा’  का भाव भी कहा जाता है। बद्ध का अर्थ बाधा होता है। 
  2. बुध, ग्यारहवें भाव में मेष, कर्क, तुला और मकर राशियों के लिए बाधक है। 
  3. कुंडली में इस भाव में ग्रहों की स्थिति और चाल से जातक के जीवन में आने वाली बाधाओं का पता लगाया जाता है। 
  4. यहां स्थित बुध आपको भूख में कमी दे सकता है। इसके साथ ही आपको अपनी बुद्धि को कुंठित होने से बचाना होगा।
  • करियर, संतान पक्ष व स्वास्थ्य पर बुध का प्रभाव 

ज्योतिष के अनुसार ऐसे जातक के नेत्र आकर्षक होते हैं। आम तौर पर आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। इसके साथ आप  शिल्पकला, लेखन या व्यापार के माध्यम से भी अत्यंत लाभ व धन कमा सकते हैं। विशेषकर अपनी उम्र के पैंतालीसवें साल में खूब धन कमाएंगे। आपको कन्या संतान अधिक हो सकती हैं। यहां स्थित बुध आपको भूख की कमी दे सकता है। 

निष्कर्ष

ग्यारहवें भाव में का बुध के प्रभाव से जातक,  कलाओं में रुचि लेने वाला, ज्योतिष तथा मस्तिष्क विज्ञान में रुचि रखने वाला होता है। इसके साथ ही वह एक कुशल लेखक, शासन से लाभ प्राप्त करेगा। ऐसे जातक गुप्त विद्याओं में ही अपनी रुचि गहरी कर तथा संगीत कला का अच्छा ज्ञान भी अर्जित करते हैं। 

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बुध ग्रह एकादश भाव में

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ज्योतिष के अनुसार, बुध ग्रह, हमारी जन्म कुंडली में स्थित सभी 12 भावों पर अलग-अलग प्रकार से प्रभाव डालता है। ये प्रभाव हमारे जीवन को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं। इसके अतिरिक्त बुध को एक तटस्थ ग्रह के रूप में भी संदर्भित किया गया है। परंतु अन्य ग्रहों से शुभ व अशुभ युति के कारण उसके फलों में भी परिवर्तन की संभावना देखने को मिलती है। आइए आगे के लेख में विस्तार से जानते हैं, बुध ग्रह का अन्य सभी भावों पर किस तरह का प्रभाव पड़ता है –

Must Read: कुंडली के अन्य भाव में बुध ग्रह के प्रभाव

प्रथम भाव में बुध ग्रहद्वितीय भाव में बुध ग्रह
तृतीय भाव में बुध ग्रहचतुर्थ भाव में बुध ग्रह
बुध ग्रह पंचम भाव मेंबुध ग्रह षष्टम भाव में
बुध ग्रह सप्तम भाव मेंअष्टम भाव में बुध ग्रह
नवम भाव में बुध ग्रहदशम भाव में बुध ग्रह
बुध ग्रह द्वादश भाव में

कुछ सवाल तथा उनके जवाब – FAQ 


Q- क्या, कुंडली के एकादश भाव में बुध ग्रह शुभ होते हैं?

An- हां, कुंडली के इस भाव में बुध ग्रह शुभ ग्रहों के साथ युति में शुभ फल देते हैं।

Q- एकादश भाव के स्वामी कारक ग्रह कौन से हैं?

An- एकादश भाव के स्वामी कारक ग्रह शुक्र, चन्द्र, सूर्य, व गुरु(बृहस्पति) हैं।

Q- ग्यारहवें भाव में बुध के होने से क्या होता है?

An- ग्यारहवें भाव में बुध के होने से जातक अपना करियर विज्ञान से संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्ट बनाता है । इसके साथ ही लोकप्रिय, समृद्ध, सुखी और एक सफल व्यवसायी बनता है।

Q- ग्यारहवें भाव में बुध कौन सी राशियों के लिए बाधक होते हैं?

An- ग्यारहवें भाव में बुध मेष, कर्क, तुला और मकर राशियों के लिए बाधक है।

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