Ketu Grah in 9th house | जानिए, कैसा होगा केतु ग्रह का प्रभाव कुंडली के नौवें भाव में

केतु ग्रह

Ketu in 9th house

कुंडली के नौवें भाव में केतु ग्रह 

ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक की जन्म कुंडली के नौवें भाव में केतु ग्रह विराजमान हैं तो ऐसा जातक बहुत आज्ञाकारी और भाग्यशाली माना जाता है। ऐसे लोगों को उचित प्रयास के बाद सफलता मिल ही जाती है। इसके साथ ही यदि चंद्रमा शुभ हो तो ऐसे जातक अपने ,माता के पक्ष(ननिहाल) की मदद करता है। इसके विपरीत यदि इस भाव में केतु अशुभ स्थान पर हो तो जातक को मूत्र विकार, पीठ में दर्द, और पैरों से संबंधित किसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

हमारे वैदिक ज्योतिष में निपूर्ण आचार्य श्री गोपाल जी का कहना है कि, केतु ग्रह, कुंडली के सभी 12 भावों पर अलग-अलग तरह से प्रभाव डालता है। इन प्रभावों का परिणाम जातक को अपने जीवन पर भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से देखने को मिलता है। 

नौवें भाव में केतु ग्रह: शुभ प्रभाव 

ज्योतिष के अनुसार, जब किसी भी जातक के नौवे भाव में केतु ग्रह स्थित होता है, तो वह बुध के कुछ गुणों को प्राप्त कर लेता है। साथ ही इस भाव में केतु के प्रभाव से जातक पराक्रमी होता है। ऐसे जातक सदैव अपनी पूरी तैयारी के साथ चलना पसंद करते हैं। इन जातकों का स्वभाव दयालु और उदार होता है और  धर्म को अधिक महत्व देते हैं। इनके द्वारा किया गया कोई विवाद और कष्ट क्षणिक मात्र होता है। ऐसे जातकों को ज्योतिष की दृष्टि में म्लेक्ष जाति से लाभ होगा और वे उनके कष्टों को दूर करने में भी सहायक होंगे।

हमारे अनुभवी तथा ज्योतिष शास्त्र के ज्ञाता ‘आचार्य श्री गोपाल जी ने इस लेख के माध्यम से जन्म कुंडली के नौवें भाव में केतु ग्रह से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बताया है। क्योंकि किसी भी जातक की  कुंडली के सभी 12 भावों का उसके जीवन पर अलग महत्व होता है।

नौवें भाव में केतु के प्रभाव से जातक को किसी विदेश या विदेशियों से भी लाभ प्राप्त हो सकता है और इसी माध्यम से इनका भाग्योदय भी होगा। ऐसे जातक समाज में विशेष आदरणीय या सम्मान तो प्राप्त नहीं कर पाते लेकिन ये लोग सुखी और और भाग्यवान हो सकते हैं। आपको पुत्र सुख और धन का लाभ होगा।

इस भाव में स्थित केतू ग्रह सरकार के माध्यम से भी जातक को लाभ दे सकता है। 

नौवें भाव में केतु ग्रह: अशुभ प्रभाव 

 नौवें भाव में केतु ग्रह के कारण जातक को विरासत या पैत्रक संपत्ति के मामलों में परेशानी उठानी पड़ सकती हैं या फिर ये भी हो सकता है कि उन्हें अपने पिता या वंश से अपना वैध हिस्सा न मिले क्योंकि अन्य लोग उनके अधिकारों को हड़पने का प्रयास कर सकते हैं। इन जातकों को अपने भाई-बहनों या जीवनसाथी के भाई-बहनों द्वारा धोखा मिलने की सम्भावना हो सकती है। 

केतु के अशुभ प्रभाव के कारण उन्हें दूर के रिश्तेदारों या उन लोगों द्वारा भी धोखा दिया जा सकता है जिसे वो जानते या पहचानते नहीं है। इसके साथ ही ऐसे लोगों की मित्रता कुछ गलत आचरण करने वालों से भी हो सकती है और जातक उनकी गलत संगत में कुछ अनैतिक कार्य करके धन लाभ का सकते हैं।

नौवें भाव में केतु ग्रह  से प्रभावित जातक अपनी लोकप्रियता या ख्याति बढ़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं करते हैं। ऐसे में यह स्थिति बन सकती है कि कुछ शरारती लेखक और प्रकाशक उनके लेखन को चुरा सकते हैं परन्तु नौवें भाव में केतु के द्वारा अशुभ समस्याओं या प्रभावों को कुछ उचित उपायों से दूर किया जा सकता है। 

अशुभ केतु की दशा से जातक को पिता के सुख से वंचित रहना पड़ सकता है। कभी-कभी इन जातकों के द्वारा किए गए धार्मिक कार्य भी महज एक दिखावा मात्र होते हैं। केतु के प्रभाव से जातक के सहोदर या भाइयों के पक्ष से कष्ट मिलता है या सगे भाई भी कष्ट पहुंचाने का प्रयास कर सकते हैं। इसके साथ ही संतान संबंधी चिंता भी रह सकती है।  

नौवें भाव में केतु ग्रह का करियर तथा स्वास्थ्य पर प्रभाव 

  • करियर 

नौवें भाव में केतु ग्रह के साथ यदि कोई शुभ ग्रह मौजूद हो तो ऐसे जातक अपनी अतिरिक्त बुद्धिमत्ता, लेखन के लिए स्वभाव,  धार्मिक,  सामाजिक या धर्मार्थ संगठनों के साथ जुड़ाव, अनाथालयों, वृद्धाश्रमों, बाल कल्याण आश्रयों आदि सहित कल्याणकारी कार्यों में रुचि ले सकते हैं।

इसके अलावा, नौवें भाव में केतु ग्रह की उपस्थिति से जातक, राजनीतिक नेताओं के लिए या अन्य साहित्य के अलावा भाषणों और किताबों जैसे कि घोस्ट राइडर, प्रमुख रूप से बिजनेस टाइकून आदि भी बना सकते है।

  • स्वास्थ्य 

अशुभ केतु के कारण जातक को बाजुओं या कंधों से सम्बंधित कुछ कष्ट हो रह सकता है। हालांकि, यह दुर्भाग्यपूर्ण विषय भी होगा क्युकी घोस्ट राइडिंग करने वाले या उससे जुड़े जातकों को अच्छा भुगतान नहीं किया जाता है।  

केतु ग्रह
कुंडली के नौवें भाव में केतु ग्रह

नौवें भाव में केतु ग्रह का वैवाहिक जीवन पर प्रभाव 

ज्योतिष के अनुसार,  नवम भाव में केतु के प्रभाव से जातक का वैवाहिक जीवन सुखमय होगा। शुरुआत में थोड़ा संघर्ष हो सकता है परन्तु फिर सम्सयाएँ समाप्त हो जाएंगी संतान पक्ष से हो सकता है पुत्र संतान में विलंब हो।

नौवें भाव में केतु: उपाय 

ज्योतिष में किसी भी ग्रह के अशुभ या बुरे प्रभावों को कम करने हेतु कुछ आसान से उपाय बताए जाते हैं जिससे उस ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है, ये उपाय कुछ इस प्रकार है-  

  • अपने घर में सोने(स्वर्ण) का एक आयताकार टुकड़ा रखने से लाभ होगा। 
  • माथे पर केसर का तिलक अवश्य लगाएं।
  • कानों में सोने की बाली पहने।
  • अपने से बड़ों का आदर करें, विशेषकर ससुर का यथावत आदर सत्कार करें।
  • प्रतिदिन कुत्ते को रोटी खिलाएं।

निष्कर्ष 

अंत में हम कह सकते हैं कि नौवें भाव में स्थित केतु ग्रह के प्रभाव से जातकों रूचि परोपकार और धार्मिक कार्यों की ओर हो सकती है। हालांकि, कभी-कभी ऐसे जातक स्वभाव से भोले-भाले हो जाते हैं, जो उन्हें कमजोर बना सकता है। इसलिए ज्योतिष के अनुसार ऐसे जातकों को कोई आर्थिक या अन्य लेनदेन में बहुत सावधानी रखनी चाहिए नहीं तो इनके जीवन में बहुत समस्या आ सकती है।

Must Read: कुंडली के अन्य भाव में केतु ग्रह

पहले भाव में केतु ग्रहदूसरे भाव में केतु ग्रह
तीसरे भाव में केतु ग्रह महत्वचौथे भाव में केतु ग्रह
पांचवें भाव में केतु ग्रह महत्वछठे भाव में केतु ग्रह
सातवें भाव में केतु ग्रह का प्रभावआठवें भाव में केतु ग्रह
कुंडली के दसवें भाव में केतु ग्रह
केतु ग्रह ग्यारहवें भाव मेंकेतु ग्रह बारहवें भाव में प्रभाव

केतु ग्रह नौवें भाव से संबंधित कुछ सवाल तथा उनके जवाब – FAQ


Q- कैसा होता है कुंडली का नौवां भाव?

An- जन्म कुंडली का नौवां भाव जातक के भाग्य को प्रदर्शित है इसलिए इसे ‘भाग्य’ का भाव कहा जाता है।

Q- कुंडली में नवम भाव का स्वामी कारक ग्रह कौन होते हैं?

An- कुंडली में नवम भाव के स्वामी कारक ग्रह बृहस्पति ग्रह होते हैं।

Q- नौवें भाव में केतु ग्रह की क्या भूमिका होती है?

An- जन्म कुंडली के नौवें भाव में केतु ग्रह विराजमान हैं तो ऐसा जातक बहुत आज्ञाकारी और भाग्यशाली माना जाता है। ऐसे लोगों को उचित प्रयास के बाद सफलता मिल ही जाती है।

Q- क्या, कुंडली के नौवें भाव में केतु ग्रह शुभ फल देते हैं?

An- कुंडली के नौवें भाव में केतु ग्रह अधिकांश शुभ फल देते हैं।

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One Reply to “Ketu Grah in 9th house | जानिए, कैसा होगा केतु ग्रह का प्रभाव कुंडली के नौवें भाव में”

  1. बहुत बढीया ज्ञान वर्धक बाते । अच्छा लगा। ९ वे भाव का केतु साथ में ब्रहस्पति से धर्म के अलावा, spiritual field में प्रगति होगी?
    मुझे, आकाशगंगा के बारे में, जानने की बहुत इच्छा है।

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