शनि व बुध की युति: कुंडली में शनि ही नहीं बुध के प्रभाव भी होते हैं परिवर्तनकारी

शनि व बुध की युति

कुंडली के बारह भावों में शनि व बुध की युति: वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जिन जातकों की कुंडली में शनि और बुध  की युति बनती है ऐसे जातकों के लिए यह लाभदायक सिद्ध हो सकती है। यदि यह युति किसी जातक के धन भाव पर बन रही है तो इससे जातक को आकस्मिक धन की प्राप्ति हो सकती है। इसके साथ ही बुध ग्रह के शुभ प्रभाव से जातक की वाणी में प्रभावशाली परिवर्तन देखने को मिलेगा।    

ज्योतिष शास्त्र की द्रष्टि से, शनि और बुध का साथ में योग शुभ फल देने वाला माना जाता है। जन्म कुंडली में शनि व बुध के एक साथ होने पर प्रभावित जातक गहन अध्ययन की प्रवर्ति रखने वाला होता है और साथ ही प्राचीन वस्तुओं, इतिहास और गणनात्मक विषयों में रुचि लेने वाला होता है। ऐसे जातक प्रत्येक बात को तार्किक दृष्टिकोण से देखने का हुनर रखता है, इसलिए कुंडली में शनि व बुध की युति से जातक को बौद्धिक, गणनात्मक और वाणी से जुड़े कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

ज्योतिष के कथन अनुसार, शनि और बुध मित्र ग्रह होते हैं। तो उनका संयोग भी जातक के लिए शुभ फल देता है। इस युति से प्रभावित जातक स्वभाव से सुलझे और विचारों में गहरी सोच वाले होते हैं। कोई भी बात पर अत्यधिक सोच-विचार करना और उसे बार-बार दोहराना इनके स्वभाव में होता है। इसके साथ ही इन जातकों का लेखन कार्य में अधिक मन लगता है। इस संयोजन  से जातक एक श्रेष्ठ उपन्यासकार, इतिहासकार, प्रकाशक, संशोधक, आलोचक, किसी विशेष भाषा का शिक्षक, लेखक आदि की बन सकता है। 

इसके अलावा ऐसे जातकों की बुद्धि, व्यावसायिक होती है। अत: वे लिखित साहित्य प्रकाशित करने के प्रयास में भी कुशलता से कार्यरत रहते हैं। यदि शनि का बुध ग्रह के साथ अच्छा प्रभाव हो तो; इसका लाभ भी श्रेष्ठ होता है। यदि किसी जातक के दसवें भाव में यह युति हो तो ऐसे जातक जमीन-जायदाद से संबंधित कार्य करने में बहुत सफलता प्राप्त करते  है। 

  • कुंडली के पहले भाव में : शनि और बुध 

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कुंडली के पहले भाव में शनि और बुध की युति से प्रभावित जातक ईमानदार व्यक्तित्व वाले होते है। ऐसे जातक अपने कार्यों से दूसरों को अपनी ओर बहुत आसानी से आकर्षित कर लेते हैं। और बहुत ही सरलता से अपने व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ा सकते हैं। कुछ परिस्थितियों में इस दौरान दूसरों से विवाद उत्पन्न हो सकता है। इसके साथ बचपन में कुछ स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आ सकती हैं। 

  • कुंडली के दूसरे भाव में : शनि और बुध 

कुंडली के दूसरे भाव में बुध और शनि की युति से प्रभावित जातक कठोर स्वभाव के होते हैं। इसके साथ ऐसे जातक अच्छा व्यावसायिक कौशल रखने वाले होते हैं। ऐसे जातक अपनी बुद्धि के बल से अपने व्यापार को सफल बनाते हैं। व्यापारिक गतिविधियों के चलते, जातक का दूसरों से विवाद हो सकता है। इन जातकों की रूचि पारिवारिक ज्ञान में भी अधिक होती हैं। इस युति के अशुभ प्रभाव से इस परिवार के सदस्यों के बीच आंतरिक विवाद या मनमुटाव उत्पन्न हो सकते हैं।  

  • कुंडली के तीसरे भाव में : शनि और बुध 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली के तीसरे भाव में बुध और शनि की युति के प्रभाव में जातक अपने कार्य में परिश्रमी  होते हैं। ऐसे जातक में शारीरिक और मानसिक क्षमताएं बहुत अच्छी होती हैं। इस युति के शुभ प्रभाव से जातक मेहनत के बल से अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। साथ ही कुछ अशुभ ग्रहों के साथ भी भाई-बहनों के बीच मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा बुध और शनि की युति के कारण जातक को मानसिक तनाव से भी गुजरना पड़ सकता  है।  

  • कुंडली के चौथे भाव में: शनि और बुध 

जन्म कुंडली के चौथे भाव में बुध और शनि की युति के प्रभाव से जातक, अपने व्यापार-व्यवसाय में चतुर होते हैं। साथ ही ऐसे जातक दिमाग से भी बहुत तेज होते है। जिससे वें अपने व्यापार में बहुत सफलता व प्रसिद्धि हासिल करते है। ग्रहों के अशुभ प्रभाव से जातक का माता पक्ष के साथ मतभेद हो सकता है। साथ ही पास के रिश्तेदारों से भी विवाद की स्थिति देखने को मिल सकती है।  

  • कुंडली के पांचवे भाव में : शनि और बुध 

कुंडली के पांचवे भाव में शनि व बुध की युति के कारण जातक की रुचि अपने परिवार में अधिक होती है। ऐसे जातकों की बोलने की क्षमता बहुत अधिक अच्छी व विकसित होती है। ऐसे जातक को लंबी अवधि के बाद निवेश से धन की प्राप्ति हो सकती है। इसके साथ ही ऐसे जातक थोड़े नकारात्मक दृष्टिकोण रखने वाले हो सकते है। इसके अलावा कुछ जातकों को संतान प्राप्ति में भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।  

  • कुंडली के छठे भाव में : शनि और बुध 

जन्म कुंडली के छठवें भाव में बुध और शनि की युति से प्रभावित जातक अहंकारी प्रवृत्ति के हो सकते हैं। लेकिन इन जातकों का दिमाग तेज होता है और संचार क्षमता भी अच्छी होती है। कुछ अशुभ प्रभाव से जातक को अपने सम्बन्धियों से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही यदि कोई पुराना कर्ज लिया है तो उसे चुकाने में दिक्कतें आ सकती हैं। इसके अलावा ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव में जातक को संतान प्राप्ति में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा जोड़ों में दर्द से जुड़ी समस्या हो सकती है।  

  • कुंडली के सातवें भाव में : शनि और बुध 

कुंडली के सातवें भाव में शनि और बुध की युति से प्रभावित जातक अपने जीवन में बहुत ही सफलता प्राप्त करते है। व्यापार में अपनी अच्छी समझ व सूझबूझ से अच्छी सफलता प्राप्त करते हैं। इसके साथ ही ऐसे जातकों को अपने व्यापार में अकाउंटेंसी का अच्छा ज्ञान होता है। कुंडली के सातवें भाव में बुध और शनि की युति के शुभ प्रभाव से जातक शिक्षा के क्षेत्र में अच्छी रुचि रखने वाले होते हैं।   

  • कुंडली के आठवें भाव में : शनि और बुध 

कुंडली के आठवें भाव में शनि व बुध की युति से प्रभावित जातक किसी बीमारी से पीड़ित हो सकता है। इसके साथ ही कुछ जातकों की वाचाल क्षमता अच्छी होती है जिससे वें एक अच्छे वक्ता बन सकते है। इन जातकों को अपने परिवार की जिम्मेदारी भी अधिक रहती है। साथ ही आय के साधन भी बहुत होते हैं। ज्योतिष की दृष्टि से ऐसे जातक पढ़ाई के मामलों में आलसी हो सकते हैं।  

  • कुंडली के नौवें भाव में: शनि और बुध 

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कुंडली के नौवें भाव में शनि और बुध की युति से प्रभावित जातकों के वैवाहिक जीवन में कुछ परेशानियां आ सकती है। इसके साथ ही संतान के जन्म को लेकर भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। किसी अशुभ ग्रह के प्रभाव से संतान सुख में कमी हो सकती है।

  • कुंडली के दसवें भाव में : शनि और बुध 

कुंडली के दसवें भाव में शनि व बुध की युति के कारण प्रभावित जातक को कम उम्र में ही बहुत बाधाओं और संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे जातक की व्यावसायिक गतिविधियां  भी अस्थिर होती है। परन्तु बहुत मेहनत के बाद सफलता मिल सकती है। ज्योतिष की दृष्टि से इन जातकों को कठिन, बौद्धिक कार्यों या जोखिम भरे कार्यों में सफलता मिल सकती है। 

शनि व बुध की युति
  • कुंडली के ग्यारहवें भाव में : शनि और बुध 

जन्म कुंडली के ग्यारहवें भाव में शनि और बुध की युति से प्रभावित जातक सामाजिक गतिविधियों में अधिक गतिशील होता है। साथ ही इन जातकों की स्मरण शक्ति भी तेज होती है। यदि किसी कारण से परिवार में कुछ विवाद की स्थिति चल रही हो तो वह इस दौरान सुलझ सकती हैं। आर्थिक दृष्टि से यह युति आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगी। जिससे  आपको धन संबंधी समस्या नहीं होगी। व्यापार में वृद्धि के लिए इस युति को शुभ माना जाता है।   

  • कुंडली के बारहवें भाव में शनि और बुध 

जन्म कुंडली के बारहवें भाव में शनि और बुध की युति से प्रभावित जातक को अपने कार्यक्षेत्र में श्रेष्ठ सफलता मिलती है। नौकरी में प्रमोशन होने की संभावना हो सकती है। इसके साथ ही ऐसे जातक शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हैं।  

कुल मिलाकर, ज्योतिष आचार्यों के मतानुसार, कुंडली के विभिन्न भावों में शनि व बुध की युति अच्छे व शुभ परिणाम देने वाली मानी गई है। इस दौरान जातकों को नकारात्मक और सकारात्मक प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है। 


Q. क्या शनि व बुध की युति अशुभ होती है?

An. नहीं, ज्योतिष के अनुसार, शनि व बुध की युति से जातक को सकारात्मक व नकारात्मक दोनों प्रकार से फल प्राप्त होते है।

Q. क्या शनि व बुध परस्पर मित्र ग्रह हैं?

An. हां, शनि व बुध परस्पर मित्र ग्रह कहलाते हैं।

Q. कुंडली के बारहवें भाव में शनि व बुध की युति का क्या प्रभाव होता है?

An. कुंडली के बारहवें भाव में शनि और बुध की युति से प्रभावित जातक को अपने कार्यक्षेत्र में श्रेष्ठ सफलता मिलती है। नौकरी में प्रमोशन होने की संभावना हो सकती है।

Q. क्या शनि के समान बुध भी जातक को अशुभ प्रभाव देते हैं?

An. नहीं, शनि कर्मफल दाता माने जाते हैं जबकि बुध ग्रह को बुद्धि के दाता कहा जाता है।

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