विवाह  शुभ मुहूर्त 2024:  जानिए सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त

विवाह शुभ मुहूर्त

विवाह शुभ मुहूर्त 2024 : नये साल 2024 की शुरुआत हो चुकी है। हिन्दू पंचांग के अनुसार अभी पौष का महीना चल रहा है। वहीं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पौष का महिना ख़त्म होते ही विवाह जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। विवाह जैसे कार्यों में शुभ मुहूर्त बहुत ही महत्व रखता है। ज्योतिष आचार्यों के अनुसार, बिना शुभ मुहूर्त के विवाह करना अमंगलकारी माना जाता है। इस साल गुरु ग्रह के अस्त होने के स्थिति के कारण वैशाख के महीने में कोई शुभ मुहूर्त नहीं है। ‘मंगल भवन’ के इस लेख में आज हम ज्योतिषाचार्य से जानेंगे कि इस साल विवाह के लिए किस-किस महीने में कितने शुभ मुहूर्त आने वाले हैं-

प्राचीन समय से, लोगों की यह धारणा रही है कि वर-वधु के मंगल व खुशहाल जीवन के लिए  विवाह सदैव एक शुभ दिन व शुभ समय में संपन्न किया जाना चाहिए। यह सबसे पुराने अनुष्ठानों में से एक है जिसे आज सभी के द्वारा स्वीकार गया है। साल 2024 की शुरुआत  हो चुकी है। ऐसे में शादी -विवाह जैसे बड़े मांगलिक कार्यों को सफल बनाने के लिए सर्वप्रथम कुंडली मिलान किया जाता है और उसके बाद फिर विवाह हेतु, शुभ मुहूर्त देखा जाता है। 

इस प्रकार किसी विशेष मुहूर्त में किया गया विवाह या मांगलिक कार्य पूर्ण रूप से सफल माना जाता है। सर्व मान्य है कि यदि शुभ मुहूर्त और ज्योतिष के नियमों को महत्व देकर किया गया विवाह, जीवन में सदैव सुख-समृद्धि लाने वाला होता है। अब हम इस साल 2024 में आने वाले, विवाह के सभी शुभ मुहूर्त और तिथियों के बारे में आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं। जो इस प्रकार है- 

  • जनवरी माह में शुभ तिथियां : 

दिनांक 16,17,20 से 22,27 से 31 (10 दिन)

  • फरवरी माह में शुभ तिथियां: 

दिनांक 1 से 8,12 से 14,17 से 19,23 से 27,29 (20 दिन) 

  • मार्च माह में शुभ तिथियां: 

दिनांक 1 से 7, 11,12 (9 दिन) 

  • अप्रैल माह में शुभ तिथियां: 

दिनांक 18 से 22  ( 5 दिन) 

  • जुलाई माह में शुभ तिथियां : 

दिनांक 3,9 से 15 (8 दिन) 

  • अक्टूबर माह में शुभ तिथियां : 

दिनांक 3,7,17,21,23,30 (6 दिन) 

  • नवंबर माह में शुभ तिथियां: 

दिनांक 16 से 18, 22 से 26,28 ( 9 दिन) 

  • दिसंबर माह में शुभ तिथियां: 

दिनांक 2 से 5, 9 से 11, 13 से 15 (10 दिन)

विवाह शुभ मुहूर्त

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, खरमास की शुरुआत 16 दिसंबर 2023 से होगी। शास्त्रों में खरमास की अवधि एक माह की मानी गई है। इस अवधि में सूर्य, मीन या धनु राशि में गोचर करते हैं। इस राशि परिवर्तन के कारण खरमास शुरू हो जाता है। खरमास में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार, आदि कार्य करना निषेध होता है। 

विभिन्न ज्योतिष आचार्यों के मतानुसार 15 जनवरी रात्रि 02 बजकर 43 मिनट पर सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस प्रकार 15 जनवरी को मकर संक्रांति का विशेष पर्व मनाया जाएगा। और इस दिन ही खरमास भी समाप्त होगा। इसके अगले दिन से विवाह जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।

इसके अलावा इस वर्ष 2024 में वर्ष 2023 की अपेक्षा 4 दिन, विवाह के शुभ मुहूर्त कम होंगे। विशेष रूप से गर्मी के मौसम में विवाह के अधिक विशेष मुहूर्त नहीं है, क्योंकि मई और जून में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कोई भी विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे। जिसका प्रमुख कारण इन दोनों माह में शुक्र ग्रह का अस्त होना है। जैसे ही शुक्र ग्रह उदय की स्थिति में आएंगे तब, जुलाई में ही विवाह के मुहूर्त शुरू होंगे। वर्ष 2023 में 81 दिन विवाह के लिए मुहूर्त की गणना की गई थी। जबकि नए साल 2024 में 77 दिन विवाह के शुभ मुहूर्त बताए गए हैं। इस वर्ष सबसे अधिक विवाह की शुभ तिथियां फरवरी माह में रहेगी। 

वैदिक ज्योतिष में, गुरु यानी बृहस्पति ग्रह को शुभ फलदायी ग्रह माना गया है। यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति शुभ है तो; वह हर क्षेत्र में सफलता हासिल करता है। वहीं यदि गुरु ग्रह कमजोर अवस्था में है तो; जातक को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।  गुरु ग्रह, धनु व मीन राशि के स्वामी ग्रह माने गए हैं। यह कर्क राशि में उच्च व शनिदेव की राशि, मकर में नीच स्थान के माने जाते हैं।  इसके साथ ही गुरु ग्रह जातक के विवाह के लिए भी उत्तरदायी होते हैं। गुरु की कृपा से ही जातक के जीवन में शुभ मांगलिक कार्य संपन्न होते हैं। 

शीघ्र विवाह या विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए गुरु को प्रसन्न करना बहुत आवश्यक है-

  • प्रति गुरुवार के दिन केले के पेड़ में जल अर्पित करें व पेड़ की पूजा करें। 
  • पेड़ की जड़ के समक्ष घी के पांच दीपक जलाएं व गूढ़-चने का भोग लगाएं। 
  • इसके बाद भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की साथ में विधिवत पूजा करें।

वैदिक ज्योतिष की गणना में, कोई भी मांगलिक कार्य करने के पहले मुहूर्त में गुरु और शुक्र ग्रह के अस्त होने की स्थिति को देखा जाता है। क्योंकि अच्छा शुक्र जातक के भोग विलास का नैसर्गिक कारक है और साथ ही यह दांपत्य सुख को दर्शाता है। वहीं, गुरु ग्रह को कन्या के लिए पति से मिलने वाले सुख का कारक बताया गया है। इन दोनों ग्रहों का शुभ विवाह के मुहूर्त हेतु उदय की स्थिति में होना बहुत महत्वपूर्ण है।

इसके साथ विवाह के लिए भी कुंडली में शुक्र व गुरु ग्रह का उदित होना आवश्यक है; दोनों ही ग्रह विवाह के कारक ग्रह हैं।

इनके अस्त होने पर विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दिनांक 23 अप्रैल 2024 को शुक्र ग्रह दोपहर में अस्त होंगे, जो दिनांक 29 जून तक अस्त अवस्था में रहेंगे। इसके बाद दिनांक 6 मई से गुरु ग्रह भी अस्त हो जाएंगे , जो दिनांक 2 जून को उदित होंगे। परंतु इस दौरान शुक्र ग्रह  अस्त ही रहेंगे; इस कारण से मई व जून माह में विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं बताए गए हैं।  इसके अलावा विवाह मुहूर्त की गणना करते समय शुक्र तारा और गुरु तारा पर भी ज्योतिषों के द्वारा विचार किया जाता है। 


Q. खरमास में क्या नहीं करना चाहिए?

An. इस अवधि में सूर्य, मीन या धनु राशि में गोचर करते हैं। इस राशि परिवर्तन के कारण खरमास शुरू हो जाता है। खरमास में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार, आदि कार्य करना निषेध होता है।

Q. विवाह के लिए कौन सा नक्षत्र शुभ होता है?

An. विवाह हेतु शुभ नक्षत्र- रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र को शुभ माना गया है।

Q. मई और जून में कोई शुभ मुहूर्त क्यों नहीं हैं?

An. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दिनांक 23 अप्रैल 2024 को शुक्र ग्रह दोपहर में अस्त होंगे, जो दिनांक 29 जून तक अस्त अवस्था में रहेंगे। इसके बाद दिनांक 6 मई से गुरु ग्रह भी अस्त हो जाएंगे , जो दिनांक 2 जून को उदित होंगे। परंतु इस दौरान शुक्र ग्रह  अस्त ही रहेंगे; इस कारण से मई व जून माह में विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं बताए गए हैं।

Q. क्या कोई भी मुहूर्त में विवाह करना उचित होता है?

An. नहीं, विवाह के लिए शुभ मुहूर्त पर विचार करके ही विवाह करना सुख-समृद्धि कारक होता है।

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