Taurus and Virgo Compatibility |  वृषभ-कन्या राशि में अनुकूलता, क्या दो पृथ्वी राशियों के बीच, विकसित होंगे समानता के गुण

वृषभ-कन्या राशि में अनुकूलता

वृषभ-कन्या राशि में अनुकूलता- वैदिक ज्योतिष के अनुसार,जब राशियों के बीच अनुकूलता की बात आती है तो, इसका एक सबसे सरल नियम है कि, जहां एक ही तत्व के संकेत समान गुणों के साथ अच्छे से मिलते हैं, तो उन राशियों के बीच में अनुकूलता के पहलू अधिक होते हैं। जबकि विरोधी तत्वों के संकेत, कम गुणों के साथ अनुकूलता को दर्शाते हैं। ज्योतिष के द्वारा बताए गए इस नियम से यह ज्ञात होता है दो, साथी पृथ्वी चिन्ह वृषभ और कन्या अक्सर अपने रिश्तों में सफल होते हैं। फिर चाहे वे पेशेवर हों, आदर्शवादी हों या भावुक हो। आज के इस ‘मंगल भवन’ के लेख हम वृषभ और कन्या राशि के बीच अनुकूलता के बारे में बात करेंगे- आशा करते हैं, लेख में दी गई जानकारी पाठकों हेतु उपयोगी सिद्ध हो।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी पृथ्वी राशियों की तरह, वृषभ राशि के जातक भी बहुत वफादार और व्यवहारिक प्रवृत्ति के होते हैं। वे ऐसे मित्र होते हैं जो, आपकी हर मुश्किल में सहायता करेंगे। फिर चाहे वो, आपको किसी अन्य स्थान पर जाने के लिए घर पैक करने में सहायता हो या, अपनी वृद्ध माँ के लिए नर्सिंग होम विकल्पों का आकलन करने में सहायता की आवश्यकता हो। बैल के चिंह वाले जातक लचीले और मजबूत होते हैं। जो बाधाओं या काम के बोझ के बावजूद आगे बढ़ने से डरते नहीं हैं। वृषभ राशि के बारे में यह कहा जाता है की, एक बार जब वे किसी लक्ष्य पर अपनी नजरें जमा लेते हैं, तो वे पूरी जी-जान से उसे पूरा करने में लग जाते हैं।

अब बात करें, कन्या राशि, की तो, वृषभ के अनुकूल साथी, पृथ्वी राशियों के रूप में, कन्या राशि वाले जातक भी गहराई से बहुत व्यावहारिक होते हैं। ये लोग अपने आस-पास की भौतिक दुनिया से जुड़े होते हैं। हालांकि, कन्या राशि वाले जातक वृषभ राशि की तुलना में अधिक व्यवस्थित और विस्तार-उन्मुख स्वभाव के होते हैं। किसी कार्यक्रम की योजना बनाने का प्रभारी यदि कन्या राशि के जातक को दिया जाए तो, वे बहुत अच्छे से उनका समाकलन कर, एक सामान्य व्यक्ति की तरह ही अपने परिश्रम और तीव्रता का परिचय देंगे। इसलिए, लेकिन, इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि कन्या राशि के लोग इतने महान आपूर्ति-श्रृंखला विश्लेषक, लॉजिस्टिक्स समन्वयक और इवेंट प्लानर होते हैं, जो किसी भी मुश्किल काम से डरते नहीं हैं।

ज्योतिष शास्त्र, के अनुसार, वृषभ एक ऐसी राशि है। जिस पर शुक्र गृह का शासन होता है, जिसे बैल के प्रतीक चिन्ह द्वारा दर्शाया गया है।  वृषभ एक बहुत ही स्थिर पृथ्वी चिन्ह है। वे जीवन में होने वाले परिवर्तनों की सराहना नहीं करते हैं, और चीजों को जैसे-का जैसा ही चलाना पसंद करते हैं, जो उन्हें पसंद हैं। साथ ही वृषभ राशि कोई अधीर राशि नहीं मानी जाती है। जब तक चीजों को सही तरीके से कर न लें तब तक वें धैर्यपूर्वक काम लेना पसंद करते हैं। इसके अलावा, वे कामुक प्राणी होते है, जो जिससे प्यार करते हैं उन्हें खुश करना पसंद करते हैं। इसके साथ ही वे देखभाल करने वाले, समझदार और बहुत अच्छे श्रोता भी होते हैं।

इसके साथ ही, कन्या राशि पर बुध गृह का शासन होता है। जिसे कुंवारी महिला द्वारा दर्शाया गया है। कन्या, एक परिवर्तनशील पृथ्वी राशि है। ज्योतिष के अनुसार, वे भरोसेमंद और देखभाल करने वाले हैं। वे परिवर्तन से घृणा करने की बजाय इसे स्वीकार करने में विश्वास करते हैं। और अपनी समझ के दायरे में रहकर कार्य करना पसंद करते हैं। इसके साथ ही, कन्या राशि वाले लोग बेहद देखभाल और प्यार करने वाले गुण से जाने जाते हैं। एक बार जब वें किसी को अपना मान लेते हैं तो, उनके साथ वें आखिर तक रहते हैं।

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वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब दो पृथ्वी राशियाँ एक साथ आती हैं, तो एक संतुलित और सहज पोषित रिश्ते को जन्म देते हैं की उम्मीद कर सकते हैं। कन्या राशि को राशिचक्र की जननी कहा जाता है। शुक्र गृह का शासन होने से वृषभ व कन्या का रिश्ता स्त्रैण, भावना से प्रभावित होगा। इसका यह अर्थ बिलकुल नहीं है कि रिश्ते में महिला अधिक मजबूत होगी, बल्कि, इसका मतलब यह है कि इस रिश्ते में भावनाओं को बाकी सभी चीजों से अधिक महत्व दिया जाएगा।

इसके अलावा, ज्योतिष के मुताबिक ये राशियाँ कामुक होने और शारीरिक अंतरंगता से प्यार करने के लिए भी जानी जाती हैं। ऐसे में, हम यह कह सकते हैं की, वे दोनों प्यार करने की क्रिया में शामिल होना पसंद करेंगे। साथ ही वे एक-दूसरे के प्रति अधिक कुशलता और प्रेमपूर्ण होंगे। प्रेम में उनकी प्राथमिकताएं दो साथियों के बीच होने वाली मीठी बातों पर अधिक होंगी। यह उनका, बस तरीका है, जिससे वे एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, इन दोनों ही पृथ्वी चिह्नों में (वृषभ एवं कन्या) एक-दूसरे के साथ बहुत कुछ समानता के गुण होते है। जहां एक पर स्त्री गृह, शुक्र का शासन है, वहीं दूसरे पर सबसे गर्म ग्रह, बुध का शासन होता है। जिसके कारण इस इस रिश्ते में गर्मजोशी होने के साथ-साथ उतनी ही देखभाल करने की प्रवृत्ति भी होगी।

वृषभ-कन्या राशि में अनुकूलता

वैसे तो, दोनों ही संकेत बहुत मजबूत और प्रेरित भावना वाले होते हैं। इसके साथ ही, वृषभ पुरुष और कन्या महिला दोनों ही चीजों को एक निश्चित तरीके से चीजों को करना पसंद करते हैं। इस प्रकार, वे एक ऐसा युगल बना सकते हैं, जो लगातार अपने रिश्ते व आत्म-विकास पर काम करता है। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि वे, वह सब कुछ हासिल कर सके, जिसका सपना, वें देखते हैं। और उनमें से अधिकांश रूप से सफल भी हो जाते हैं। दोनों राशि में धैर्यवान होने का विशेष गुण होता है। जिसके कारण वे जरुरत पड़ने पर अपने साथी को अच्छी तरह से सुनते भी हैं।

ज्योतिष के अनुसार, भले ही ये दोनों राशियाँ पृथ्वी राशियां कहलाती हैं।  लेकिन दोनों ही अपनी प्रकृति व मूल में भिन्नता रखने वाली होती है। इसके साथ ही, वृषभ एक स्थिर राशि है और कन्या एक परिवर्तनशील राशि है। ऐसे में, जब भी कन्या राशि वाले अपनी जीवनशैली या दिनचर्या में कोई बदलाव करना चाहेंगे, तो वृषभ राशि वाले जातकों के लिए इसे स्वीकार करना सबसे अधिक मुश्किल कार्य होगा। लेकिन यदि कन्या राशि वाले उनसे, इस बारे में खुलकर, बात करे, तो संभावना है कि वे सहमत हो जाएँ। परन्तु फिर भी उनके लिए परिवर्तन को स्वीकार करने की सम्भावना कम ही होती है।

वहीं दूसरी तरफ, शुक्र की तुलना में बुध सूर्य के बहुत नजदीक होता है, और तेज गति से चलता है। तेज गति के कारण कभी-कभी ऐसा लगता है कि बुध समय में पीछे जा रहा है। हमारे संकेतों के अनुरूप और इस सादृश्य को प्राप्त करने पर, शुक्र के नियमों के साथ कई बार वृषभ को ऐसा महसूस होगा कि, बुध द्वारा संचालित कन्या राशि उनके लीग से बाहर है, और समय में पीछे जा रही है। इस अंतर के कारण दोनों राशियों के धैर्यवान और देखभाल करने वाले स्वभाव पर बुरा असर हो सकता है। क्योंकि उनका लक्ष्य हमेशा पहले खुद की मदद करना होता है और दूसरों को प्राथमिकता वें बाद में देते हैं।

कुल-मिलाकर यह बिल्कुल सत्य है की, दो स्थिर गुण वाली राशियों के बीच का यह रिश्ता बहुत खूबसूरत होगा और अनुकूलता के गुण के साथ, अपने रिश्ते को बखूबी निभाने का गुण भी रखते हैं। हालांकि, कुछ चीजें वास्तव में बहुत प्रतिकूलता को दर्शाती है।  जिससे कुछ महत्वपूर्ण व पेशेवर कार्य में असर हो सकता है। इस प्रकार, दो व्यक्तियों के लिए यह निर्णय लेना महत्वपूर्ण है कि वर्तमान में रहकर वे जीवन में अपने रिश्ते को किस प्रकार, देखना चाहते हैं। अगर ऐसा नहीं है तो एक-दूसरे से दोस्ती के रिश्ते में आगे बढ़ सकते हैं। कन्या राशि का विश्लेषणात्मक कौशल वृषभ के व्यावहारिक ज्ञान का पूरक होता है। वे एक साथ मिलकर सही निर्णय लेने में सक्षम होते हैं। और जीवन के हर मुश्किल कदम पर एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। कन्या और वृषभ एक साथ एक बेहतरीन रिश्ता बनाते हैं; क्योंकि वे एक-दूसरे की ज़रूरतों और मूल्यों को समझते हैं।


Q. वृषभ-कन्या राशि में क्या अनुकूलता है?

An. जब दो पृथ्वी राशियाँ एक साथ आती हैं, तो एक संतुलित और सहज पोषित रिश्ते को जन्म देते हैं की उम्मीद कर सकते हैं। कन्या राशि को राशि, चक्र की जननी कहा जाता है। शुक्र गृह का शासन होने से वृषभ व कन्या का रिश्ता स्त्रैण, भावना से प्रभावित होगा। इसका यह अर्थ बिलकुल नहीं है कि रिश्ते में महिला अधिक मजबूत होगी, बल्कि, इसका मतलब यह है कि इस रिश्ते में भावनाओं को बाकी सभी चीजों से अधिक महत्व दिया जाएगा। इसके अलावा, ये राशियाँ कामुक होने और शारीरिक अंतरंगता से प्यार करने के लिए भी जानी जाती हैं।

Q. क्या, वृषभ और कन्या का साथ मिलता है?

An. वृषभ-कन्या राशि के जातकों के एक-दूसरे के साथ अच्छे संबंध हो सकते हैं। इसके अलावा वे बहुत अच्छे मित्र भी होते हैं और जिसके कारण उनके बीच व्यावहारिक बातचीत अच्छी तरह होती है।

Q. क्या, वृषभ और कन्या का विवाह हो सकता है?

An. यह बिल्कुल सत्य है की, दो स्थिर गुण वाली राशियों के बीच का यह रिश्ता बहुत खूबसूरत होगा।

और अनुकूलता के गुण के साथ, वें अपने रिश्ते को बखूबी निभाने का गुण भी रखते हैं। हालांकि, कुछ चीजें वास्तव में बहुत प्रतिकूलता को दर्शाती है।  जिससे कुछ महत्वपूर्ण व पेशेवर कार्य में असर हो सकता है।

Q. वृषभ राशि वालों को कन्या राशि क्यों पसंद है?

An. ज्योतिष में, कन्या राशि का विश्लेषणात्मक कौशल वृषभ के व्यावहारिक ज्ञान का पूरक है। वे एक साथ मिलकर सही निर्णय लेने में सक्षम होते हैं। और जीवन के हर मुश्किल कदम पर एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। कन्या और वृषभ एक साथ एक बेहतरीन रिश्ता बनाते हैं; क्योंकि वे एक-दूसरे की ज़रूरतों और मूल्यों को समझते हैं।

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