Aries and Capricorn Compatibility | मेष-मकर राशि में प्रेम अनुकूलता, क्या अटूट विश्वास के साथ आगे बढ़ेगा रिश्ता

मेष-मकर राशि

मेष-मकर राशि में प्रेम अनुकूलता-  वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मेष व मकर राशि के जातक साथ में मिलकर एक इकाई के रूप में हर समस्या का निराकरण करने वाले होते हैं। क्योंकि, यह दोनों राशियां एक साथ मिलकर अपने रिश्ते में, बहुत अच्छी तरह से काम करते हैं। इतना ही नहीं, मेष और मकर एक-दूसरे की प्रतिभा, आकांक्षाओं और स्वतंत्रता की चाहत के पूरक हो सकते हैं। दोनों राशियाँ ही वफादार दृष्टिकोण रखने वाली होती हैं और एक साथ होने पर एक पूर्ण भरोसेमंद बंधन बनाने में सक्षम होती हैं। चूंकि ये दोनों ही चिन्ह बहुत लक्ष्य-उन्मुख हैं, इसलिए आप उनसे पेशेवर मोर्चे पर भी एक-दूसरे का समर्थन करने की उम्मीद कर सकते हैं।

आइए अब ‘मंगल भवन’ के इस लेख में आज हम मेष व मकर राशि के बीच प्रेम अनुकूलताओं के कुछ पक्षों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे- 

हमारे ज्योतिष आचार्यों की प्रमुख गणना के अनुसार, मेष राशि,  राशि चक्र की सबसे शक्तिशाली और साहसी राशियों में से एक होती है। यह राशि चक्र का पहला चिन्ह है; जो कि विकास, सहजता और गतिशीलता का प्रतीक कहलाता है। मेष राशि के जातक, स्वाभाविक रूप से नेता प्रवृत्ति के गुण वाले होते हैं। वे अपने निर्धारित किए हर लक्ष्य के लिए लगातार काम करते हैं और अपने आसपास के लोगों के लिए एक सकारात्मक उदाहरण बनने का प्रयास करते हैं।

दूसरी ओर, मकर राशि के जातकों में यह विशेष गुण होता है कि; वे जो कुछ भी करते हैं उसके प्रति उनका दृढ़ संकल्प होता है। उनका जीवन के प्रति दृष्टिकोण, स्थिर होता है। वे हर चीज़ को उसकी योग्यता के आधार पर पूरा करते हैं।

जो व्यावहारिकता और तर्क के उपकरणों के साथ हर समस्या को हल करने के लिए अपनी भावनाओं को किनारे रखने की क्षमता रखते हैं। ज्योतिष में, मकर राशि का प्रतीक चिन्ह बकरी है जो कि एक विश्वसनीय और वफादार साथी के गुण वाले भी माने जाते है।

मकर राशि वाले शांत स्वभाव के होते हैं, जबकि दूसरी ओर, मेष राशि वाले बहुत मिलनसार स्वभाव के होते हैं। हालांकि, देखा जाए तो, एक तरह से मेष और मकर दो जुड़ी हुई राशियां हैं। लेकिन उनके चरित्र में अंतर के कारण उन्हें इसका एहसास नहीं होता है। उनका एक-दूसरे पर विश्वास ही मेष और मकर राशि के रिश्ते को संभवतः सफल बनाता है।

अब बात करते हैं मेष व मकर राशि के प्रेम जीवन की- मेष राशि को एक अग्नि राशि कहा गया है; जबकि मकर राशि को एक पृथ्वी राशि की संज्ञा दी गई है। दोनों ही राशियों का जीवन में चीजों के प्रति, बिल्कुल अलग-अलग दृष्टिकोण होता है। इसके साथ ही, मेष एक बहिर्मुखी और मकर एकांत और मौन पसंद करती है। इसलिए, उनके व्यक्तित्व में कुछ स्पष्ट टकराव दिखाई देते हैं। हालांकि, ऐसे कुछ गुणों के कारण ये विपरीत चीज़ें एक-दूसरे को आकर्षित करने का काम भी कर सकती हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मेष और मकर राशि दोनों के व्यक्तित्व की ताकत ही उन्हें एक-दूसरे की ओर आकर्षित करने का काम करती है। मेष राशि के जातक स्वभाव से अधिक तेज तर्रार व नेता के गुण वाले होते हैं, वहीं मकर राशि वाले चुपचाप, चक्की चलाने व अपने आप में खुश रहने वाले होते हैं। अधिकांश चीज़ों के प्रति उनका दृष्टिकोण अलग-अलग होता है, लेकिन दोनों अपने-अपने तरीके से प्रभावी भी होते हैं। राम के गुण रखने वाली मेष राशि, दौड़ कर आगे आने में रुचि लेते हैं। जबकि बकरी चिन्ह वाली मकर राशि, अपने पैरों को जमीन पर मजबूती से टिकाकर चुपचाप अपने गंतव्य तक चलना पसंद करती है। अपने अपने विशेष गुणों के साथ, उनका प्रेम जीवन बहुत शांतिपूर्ण व सहज होता है।

मेष राशि के जातक, विशेष रूप से चीजों की बाहरी चमक पसंद करते हैं, जबकि मकर राशि के जातक अपना जीवन सादगी सहज के बीच जीना पसंद करते हैं। मकर राशि वाले अपनी किसी भी शुरुआत के लिए पहले बहुत सोच-विचार करते हैं। इस प्रकार के अलग-अलग गुण कभी-कभी मेष और मकर राशि के बीच सम्बन्ध में बाधा बन जाते हैं। क्योंकि उन्हें परस्पर एक-दुसरे की बीच  आधार नहीं मिल पाता है। एक-दूसरे की जीवन शैली के साथ तालमेल न बिठाने से अनावश्यक तर्क-वितर्क और झगड़े का कारण नितमित होता है। इस प्रकार ज्योतिषियों के अनुसार, यह अनुशंसा की जाती है कि मेष और मकर राशि के जातक अपने दंपति जीवन के लिए एक आपसी बिंदु की खोज करें जो की, उनके यौन संबंधों सहित कुछ अन्य गुणों में भी अनुकूलता लाने के लिए सहमत हो सके।

ज्योतिष में, मेष राशि का स्वामी, मंगल ग्रह है और मकर राशि का स्वामी शनि ग्रह है। शास्त्रों की दृष्टि में, मंगल और शनि ग्रह एक अच्छा बंधन साझा नहीं करते हैं। वें मेष और मकर राशि की मित्रता में अनुकूलता को भी दर्शाता है। मेष व मकर राशि के लोग अपनी मित्रता को दोनों ओर से निरंतर रखना पसंद करते है। हालांकि, यदि एक बार जब इनका आपसी  संपर्क खत्म हो जाए तो, फिर दोस्ती को जारी रखना बहुत मुश्किल हो जाता है। फिर भी, मेष और मकर राशि वालों के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि वे साझेदारी में समय-समय पर विशिष्टता व परिवर्तन लाते रहते हैं। जब तक उनमें से किसी एक को अपनी पहचान बनाए रखने की अनुमति है, उनका गठबंधन अच्छा काम करता है।

संचार कौशल में मेष राशि वाले जातकों को महारत हासिल होता है। जब मेष राशि वालों के साथ बहस करने की बात आती है तो; अधिकांश राशियाँ अपने हथियार फेंक देते हैं। लेकिन यहां मकर राशि, मेष राशि वालों को कुछ प्रतिस्पर्धा देने में सक्षम होते हैं। अत्यधिक चतुर बनने की कोशिश करने वाले और बातचीत के बीच में लोगों को काटने की कोशिश करने वाले, मेष राशि के जातकों के लिए मकर राशि के जातकों के पास सबसे अच्छा हथियार या उत्तर होता है। संचार करते समय मकर और मेष राशि वालों को गहरे विचारों और राय के बारे में कम साझा करना चाहिए और अपनी बातचीत को अपने करियर, लक्ष्यों व उपलब्धियों तक सीमित रखने की कोशिश करनी चाहिए। आप जितना कम साझा करेंगे, आपका बंधन उतना ही बेहतर व मजबूत होगा।

मेष-मकर राशि

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मेष और मकर का रिश्ता ऐसा नहीं होता है कि वें अधिक समय तक सीमा से आगे बढ़ सके।

 हर रिश्ते में एक अपवाद तो होते ही हैं। मेष और मकर दो ऐसी राशियां हैं;  जिनमें दृढ़ विश्वास की उच्च शक्ति होती है और लक्ष्य-उन्मुख के मजबूत गुण होते हैं। यदि वे मिलकर काम करने का निर्णय लेते हैं, तो वे वास्तव में सभी अनुबंधित राय और विश्वासों को छोड़कर उन पर एक हमला बोल सकते हैं। यह बात उन लोगों के लिए है जो उन दोनों के काम करने को लेकर संदिग्ध थे। 

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कुल-मिलाकर ज्योतिष की दृष्टि में, यह रिश्ता लम्बे समय तक चलने वाली संभावना को नहीं दिखता है। हालांकि, मेष और मकर दोनों राशियों में दृढ़ विश्वास की उच्च शक्ति होती है, वे अपने एक मजबूत बंधन के लिए खुद ही प्रयास कर खड़े हो सकते हैं। लेकिन ऐसा तभी संभव होगा जब वें, वास्तव में अपना जीवन एक-दूसरे के साथ बिताना चाहते हैं। और यदि वे अपने विपरीत विचारों और विश्वासों के बीच सही संतुलन बनाने में सफल हो जाते हैं तो, वें एक-दुसरे को एक अद्वितीय  व अटूट सूत्र में बांध पाएंगे। इतना ही नहीं बल्कि वे इसे संजोएंगे और इससे जीवन भर की खुशियां भी हासिल करेंगे।


Q.  क्या, मेष और मकर राशि के सभी गुण मिलते हैं?

An. ज्योतिष में, मेष राशि के जातक, स्वाभाविक रूप से नेता प्रवृत्ति के गुण वाले होते हैं। वे अपने निर्धारित किए हर लक्ष्य के लिए लगातार काम करते हैं और अपने आसपास के लोगों के लिए एक सकारात्मक उदाहरण बनने का प्रयास करते हैं।मकर राशि का प्रतीक चिन्ह बकरी है जो कि एक विश्वसनीय और वफादार साथी के गुण वाले भी माने जाते है। मकर राशि वाले शांत स्वभाव के होते हैं, जबकि दूसरी ओर, मेष राशि वाले बहुत मिलनसार स्वभाव के होते हैं। हालांकि, देखा जाए तो, एक तरह से मेष और मकर दो जुड़ी हुई राशियां हैं। लेकिन उनके चरित्र में अंतर के कारण उन्हें इसका एहसास नहीं होता है। उनका एक-दूसरे पर विश्वास ही मेष और मकर राशि के रिश्ते को संभवतः सफल बनाता है।

Q. मकर राशि वालों को मेष राशि से प्यार क्यों होता है?

An. मेष एक बहिर्मुखी और मकर एकांत और मौन पसंद करती है। इसलिए, उनके व्यक्तित्व में कुछ स्पष्ट टकराव दिखाई देते हैं। हालांकि, ऐसे कुछ गुणों के कारण ये विपरीत चीज़ें एक-दूसरे को आकर्षित करने का काम भी कर सकती हैं। मेष और मकर राशि दोनों के व्यक्तित्व की ताकत ही उन्हें एक-दूसरे की ओर आकर्षित करने का काम करती है।

Q. क्या, मेष व मकर राशि एक-दूसरे के लिए अनुकूल होती है?

An. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मेष और मकर का रिश्ता ऐसा नहीं होता है कि वें अधिक समय तक सीमा से आगे बढ़ सके। हर रिश्ते में एक अपवाद तो होते ही हैं। मेष और मकर दो ऐसी राशियां हैं;  जिनमें दृढ़ विश्वास की उच्च शक्ति होती है और लक्ष्य-उन्मुख के मजबूत गुण होते हैं। यदि वे मिलकर काम करने का निर्णय लेते हैं, तो वे वास्तव में सभी अनुबंधित राय और विश्वासों को छोड़कर उन पर एक हमला बोल सकते हैं।

Q. मकर और मेष राशि का साथ क्यों नहीं मिलता?

An. ज्योतिष में, मेष राशि का स्वामी, मंगल ग्रह है और मकर राशि का स्वामी शनि ग्रह है। शास्त्रों की दृष्टि में, मंगल और शनि ग्रह एक अच्छा बंधन साझा नहीं करते हैं।

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