Panchgavya | पवित्र पंचगव्य तत्व उपयोग, लाभ और महत्व

Panchgavya

पवित्र पंचगव्य हिन्दू धर्म में गाय को देवी के रूप में पूजा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गौ(गाय) के भीतर समस्त देवी देवताओं का वास होता है। हिन्दू पर्व गोवर्धन पूजा के अवसर पर गायों की विशेष रूप से पूजा की जाती है और उनका मोर पंखों व रंगों की विशेष आकृति बनाकर सुसज्जित किया जाता है। 

जहां गाय को इतना पवित्र और पूजनीय माना गया है; वहां गाय से प्राप्त वस्तुएं भी उतनी ही पवित्र एवं महत्वपूर्ण होती हैं। गाय से हमें विशेष रूप से पांच ऐसे तत्व प्राप्त होते हैं, जो कि धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा विधि, एवं अन्य सभी मांगलिक कार्यों में आवश्यक होते हैं। गाय से प्राप्त होने वाली इन पांच पवित्र तत्वों को ही पंचगव्य (panchgavya) कहते हैं। इन पवित्र पांच तत्वों में गाय से प्राप्त दूध, दही, घी, गोबर, एवं गोमूत्र सम्मिलित हैं। आइए जानते हैं, हमारे मंगल भवन के विशेषज्ञ ज्योतिषों का पवित्र पंचगव्य के बारे में क्या कहना है तथा यह हमारे धार्मिक अनुष्ठानों में किस प्रकार महत्वपूर्ण है-

पंचगव्य : शुद्ध व पवित्र 

गाय को हमारे हिन्दू धर्म में माता का दर्जा दिया जाता है। हिन्दू मान्यता में गाय से प्राप्त तत्व भी अत्यंत पवित्र एवं शुभ होते हैं। गाय से प्राप्त होने वाले इन पांच पवित्र तत्वों में दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर के सम्मिश्रण को ही “पंचगव्य (panchgavya)” कहा गया है। गौ माता से प्राप्त इन पांच तत्वों का भारतीय संस्कृति में भी विशेष महत्व है। 

पवित्र पंचगव्य

पंचगव्य : धार्मिक महत्व

ज्योतिष शास्त्र तथा भारतीय संस्कृति में पंचगव्य (गाय से प्राप्त शुद्ध व पवित्र दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर) का बहुत महत्व है। इन तत्वों के प्रयोग बिना कोई भी शुभ तथा मांगलिक कार्य पूरे नहीं माने जाते हैं।  छोटे-छोटे गांव-कस्बों से बड़े-बड़े शहरों तक सभी धार्मिक त्यौहार एवं व्रत, मांगलिक कार्य, पूजा-पाठ एवं शुभ अनुष्ठान(ग्रह प्रवेश) में पंचगव्य के प्रयोग को महत्वपूर्ण माना जाता है।  गाय से प्राप्त इन पवित्र तत्वों (पंचगव्य panchgavya) को आप अपने घर को शुद्ध व पवित्र करने के साथ-साथ अपने शरीर की शुद्धि हेतु भी प्रयोग कर सकते हैं। 

इस विषय को अग्रसर करते हुए, आइए जानते हैं गाय के शुद्ध तत्वों से युक्त पंचगव्य में प्रयुक्त इन पांच तत्वों (दूध, दही, घी, गोबर, एवं गोमूत्र) के महत्व के बारे में- 

  • गाय का दूध- 

गाय का दूध सेहत के लिए जितना गुणकारी होता है; उतना ही पवित्र भी होता है। गाय के शुद्ध व पवित्र दूध के प्रयोग से हम कई प्रकार के मेवे व मिष्ठान के साथ-साथ पूजन में विशेष रूप से प्रयुक्त “पंचामृत” भी बनाया जाता है। इसके अतिरिक्त गाय के पवित्र दूध से भगवान भोलेनाथ के स्वरूप शिवलिंग पर अभिषेक करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।  गाय के पवित्र दूध से बनी खीर और मिठाइयों से भगवान का भोग तैयार किया जाता है।

  • दही-

भारतीय संस्कृति में कोई भी शुभ कार्य से पहले दही (जो की दूध से ही निर्मित होता है) का सेवन किया जाता है।इसके अलावा  दूध से बनी दही से भी शिवलिंग पर अभिषेक करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।

  • घी तथा माखन- 

गाय के घी से पूजा में प्रयुक्त दीप प्रज्वलित किए जाते हैं। यहाँ तक कि सभी विशेष महायज्ञ एवं हवन-पूजन में भी घी प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त सर्वोच्च श्रीकृष्ण भगवान को अति प्रिय माखन व मिश्री का भोग लगाया जाता है।

  • गोबर- 

गाय से प्राप्त गोबर भी अत्यधिक पवित्र होता है आज भी लोग कोई भी हिन्दू पर्व, धार्मिक अनुष्ठान या मांगलिक कार्य में गोबर के लेप की विशेष प्रधानता है। घर में पूजा स्थल को गोबर से लीपा जाता है। इसके अलावा गोबर से गणेश की मूर्ति एवं दीवाली के पश्चात् आने वाला त्यौहार जिसे हम ‘गोवर्धन पूजा’  कहते हैं; पर भी गोबर से श्री कृष्ण के अवतार का निर्माण कर उनकी पूजा की जाती है। इस प्रकार हिन्दी सभ्यता में कई पूजा-पाठ गोबर के बिना अपूर्ण माने जाते हैं।

  • गोमूत्र- 

हिन्दू धर्म एवं ज्योतिष में गोमूत्र को गंगाजल के समान ही शुद्ध व पवित्र माना जाता है। घर में गोमूत्र के छिड़काव से आज भी लोग शुद्धिकरण और पवित्रता का अनुभव करते हैं। गोमूत्र से घर में उपस्थित नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जाता है।

पंचगव्य :  औषधीय महत्व

मंगल भवन’ के ‘ज्योतिषाचार्य श्री भास्कर जी’ कहते है कि जितना महत्व इस पवित्र पंचगव्य का धार्मिक रूप से है; उतना ही अधिक महत्वपूर्ण यह आयुर्वेद में भी माना गया है। गाय से प्राप्त इन पांच तत्वों का प्रयोग कई तरह की औषधियों के निर्माण में भी किया जाता है। पंचगव्य के पवित्र व शुद्ध तत्वों द्वारा शरीर के अनेक रोगों का उपचार संभव हो पाया है। इससे युक्त औषधि से मानव की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने हेतु सहायक माना गया है।

कुछ सवाल व उनके जवाब – FAQ

Q- पंचगव्य तत्वों में क्या-क्या आता है?

An- गाय के पवित्र तत्व- दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर का पानी को सामूहिक रूप से मिश्रण को पंचगव्य कहा जाता है।

Q- पंचगव्य कैसे निर्मित किया जाता है?

An- गोबर व 1.5 लीटर गोमूत्र में 250 ग्राम देशी घी अच्छी तरह मिलाकर मटके या प्लास्टिक की टंकी में, तीन दिन तक लगातार हाथ से हिलाये। चौथे दिन सारी सामग्री को आपस में मिलाकर मटके में डाल दें व फिर से ढक्कन बंद कर दें। इसके बाद जब उसका खमीर बन जाए व सुगंध आने लगे तो पंचगव्य तैयार है।

Q- पंचगव्य क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है?

An- हिन्दू संस्कृति में पंचगव्य के बिना कोई भी शुभ-मांगलिक कार्य पूरे नहीं होते. गांव-कस्बों से लेकर शहरों तक किसी भी धार्मिक उत्सव, मांगलिक कार्य, पूजा-पाठ, अनुष्ठान में पवित्र पंचगव्य का प्रयोग विशेष रूप से किया जाता है।

Q- क्या गाय का गोबर हाईजिनिक है?

An- हां, गाय का गोबर पूर्ण रूप से हाईजिनिक होता है; यह सभी कीटाणुओं और जीवाणुओं को मारता है और घावों को भरता है।

Related Post

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *