Green Comet | फिर लौटा धूमकेतु वर्षों बाद प्रगति का प्रतीक, ग्रीन कॉमेट हरा रंग

Green Comet

धूमकेतु फिर एक बार धरती पर आया है। इतिहास में एक बार फिर खगोलीय घटना घटने वाली है। आकड़ों के अनुसार जल्द ही आसमान में एक धूमकेतु नजर आने वाला है। इस धूमकेतु के बारे में बताया जा रहा है कि ये 50 हजार साल बाद पहली बार पृथ्वी के करीब से होकर गुजरेगा। पृथ्वी के करीब आने के पश्चात् यह धूमकेतु हम सभी को जगमगाता हुआ दिखाई देगा। विगत वर्ष में 2 मार्च 2022 को इस धूमकेतु को खगोलविदों के माध्यम से खोजा गया था। इसे कैलिफोर्निया में ज़्विकी ट्रांसिएंट फैसिलिटी के ‘वाइड फील्ड सर्वे कैमरा’ के माध्यम से इसे खोजा गया था। खगोल शास्त्र के अनुसार 12 जनवरी को यह सूर्य के सबसे करीब देखा जाएगा।

क्या है धूमकेतु? 

इस धूमकेतु को ग्रीन कॉमेट कहा जा रहा है। आकड़ों के अनुसार धूमकेतु एक तरह से सूर्य का चक्कर लगा रहा है। सौर मंडल के बाहर काइपर बेल्ट से भी आगे के अंतरिक्ष से यह घूम कर वापस आया है। इसी कारण से पृथ्वी के नजदीक आने में इसे इतना लंबा समय लगा। ये 50 हजार साल पूर्व पुरा पाषाण काल के दौरान हमारे सौर मंडल में अंतिम बार आया था। अर्थ स्काई के मुताबिक 12 जनवरी को मध्यरात्रि से ठीक पहले टेलीस्कोप और दूरबीन द्वारा इसे देखा गया था।

प्रारंभ में धूमकेतु को एक उल्कापिंड बताया जा रहा था। परन्तु धूमकेतु धूल और बर्फ का एक गोला होते हैं। जब वह सूर्य के नजदीक से गुजरते हैं तो बर्फ पिघल कर सीधे गैस में परिवर्तित हो जाती है। यह गैस धूमकेतु के चारों ओर फैली होती है। इसी कारण धूमकेतु के पीछे एक पूंछ जैसी संरचना बनती है।

Green Comet 2023

पृथ्वी के नजदीक, धूमकेतु कब होगा?

खगोल शास्त्र के अनुसार,  धूमकेतु 1 फरवरी को पृथ्वी के सबसे करीब देखा जाएगा; लेकिन दोनों परस्पर  4 करोड़ किमी से अधिक दूरी पर होंगें। खगोलीय दुनिया में लाखों किमी की दूरी को भी नजदीक ही माना जाता है। जब यह धरती के बिल्कुल नजदीक होगा तब इसे बिना किसी विशेष यंत्र के सीधी आंख से देखा जा सकेगा। यह उत्तरी गोलार्ध के देश, जिसमें भारत भी शामिल है; लोगों को यह दिखाई देगा। 

हरे रंग का महत्व 

हरा रंग प्रगति और सद्भाव का प्रतीक माना जाता है। मंगल भवन’ के ज्योतिष आचार्य भास्कर जी का कहना है कि हरा रंग बुध ग्रह का भी प्रतीक कहलाता है। इसी कारण वश इसका उपयोग पूजा पाठ व अनुष्ठान में भी किया जाता है। हरे रंग का महत्व व उपयोग को आयुर्वेद में भी विशेष रूप से बताया गया है। हमारे वातावरण, हमारे आस-पास सभी जगह प्रकृति में हरा रंग विशेष तौर पर उपलब्ध है। इस रंग को प्रसन्नता, अच्छे स्वास्थ्य, खुशहाली व  शांति का कारक मानते हैं। हरा रंग सदैव जीवन के निरंतर परिवर्तन और किशोरावस्था को संदर्भित करता है। ज्योतिष में इस रंग का प्रतिनिधित्व बुध ग्रह करता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति के जीवन में रंगों का अपना महत्व होता है। कई बार वैज्ञानिक भी इस बात को मान चुके हैं कि हर रंग का इंसान के जीवन पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। लेकिन अगर हरे रंग की बात करें तो वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि यह रंग सौभाग्य, विकास और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है। तो वहीं फेंगशुई वास्तु शास्त्र के अनुसार हरा रंग व्यक्ति को उसकी कई बीमारियों से निजात दिलाने में सक्षम माना गया है।

हरे रंग के असाधारण फायदे 

हरा रंग बुद्धि का प्रतीक होता है बुद्धि, हेतु बुध ग्रह को कारक बताया जाता है ज्योतिष व फेंगशुई के अनुसार हरा रंग जातक की बुद्धि व मन पर सीधा प्रभाव डालता है। तो आइए कुछ ऐसे ही आवश्यक प्रयोग के बारे में बात करते है जो हरे रंग से सम्बंधित है-   

  • हरे रंग को ताजगी व प्रकृति का प्रतीक माना जाता है। प्रकृति के माध्यम से हमें कर संदेश प्राप्त होते हैं उसी प्रकार हरा रंग भी वास्तु शास्त्र के अनुसार हमारे जीवन में सकारात्मकता को लाता है।    
  • हरा रंग जातक के  “बुध ग्रह” की शुद्धि को भी दर्शाता है; इसके साथ ही जातक को बुद्धि व  विकास के जीवन में नए आयामों की ओर आकर्षित करता है। 
  • हरे रंग के वस्त्र धारण करने से, हरे रंग की कांच की बोतल से जल का सेवन , हरा भोजन खाएं या पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से जातक में सभी प्रकार के रोग व अवसाद को दूर किया जा सकता है।   
  • वास्तु के अनुसार घर के आस-पास हरे पेड़-पौधे हो तो, आप घर बैठे ही मन की अशांति को दूर कर तरक्की के नए रास्ते खुलते हैं।
  • घर में हरे रंग की घडी का प्रयोग करने से घर में सकारात्मक व खुशियां आती हैं।    
  • इस रंग के प्रयोग से व्यक्ति के नेत्र रोग, कमजोर ज्ञानतंतु, अल्सर, कैंसर व चर्म रोग जैसी बीमारियों में राहत मिलती है। 
  • ज्योतिष में जातक के बौद्धिक विकास हेतु हरे रंग का पन्ना रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।

आध्यात्मिक महत्व 

धार्मिक मान्यता में, रंगों की एक अहम भूमिका होती है। कोई रंग जातक को तनाव व अशांति देता है तो कोई रंग के प्रयोग से जातक के सौभाग्य व विकास का कारण बनते हैं। हरा रंग ज्योतिष व वास्तु शास्त्र दोनों की दृष्टि से अत्यंत शुभ होता है। हरे रंग को भगवान गणेश से जोड़ा जाता है। इसलिए इसे बुद्धि का प्रतीक भी माना जाता है और स्वास्थ्य पर इसका बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है। फेंगशुई और वास्तु के अनुसार हरा रंग सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। इससे व्यक्ति का मानसिक तनाव या डिप्रेशन को कम करने में सहायता मिलती है। हरा रंग जीवन में सुख, समृद्धि, विकास और स्वास्थ्य का भी प्रतीक माना जाता है।

कुछ सवाल व उनके जवाब – FAQ

Q- हरा रंग कितने प्रकार का होता है?

An- ज्योतिष में हरा रंग तीन प्रकार का होता है-
नीलमणि /आसमानी, समुद्री हरा, धानी / पत्ती हरा।

Q- हरे रंग का विरोधी रंग कौन सा है?

An- लाल रंग, हरे रंग का विरोधी रंग होता है।

Q- धूमकेतु का दूसरा नाम क्या है?

An- धूमकेतु भी सौरमंडल का एक सदस्य है जो पृथ्वी से कभी-कभी दिखाई देता है। इसे पुच्छल तारा भी कहते हैं।

Q- धूमकेतु व उल्का पिंड में क्या अंतर है?

An- धूमकेतु एक ऐसी वस्तु है जो पृथ्वी से सैकड़ों-हजारों किलोमीटर दूर से गुजरती है, जबकि उल्कापिंड एक ऐसी घटना है जो हमारे ग्रह के वातावरण में घटित होती है।

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