Mercury and Venus Conjunction | कुंडली के विभिन्न भावों में बुध-शुक्र की युति, सौन्दर्य व रचनात्मक विधाओं में करें वृद्धि

बुध-शुक्र की युति

कुंडली के विभिन्न भावों में बुध-शुक्र की युति का प्रभाव- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में बुध व शुक्र का संयोजन यह दर्शाता है कि, बुध जातक के लिए बुद्धि का कारक ग्रह है और शुक्र सौंदर्य और रिश्तों का ग्रह है। जब यह दोनों ग्रह एक साथ होते हैं तो बहुत ही शुभ व लाभकारी युति बनाते हैं। क्योंकि दोनों ग्रह एक-दूसरे की ऊर्जा व  रचनात्मकता को बढ़ाने की क्षमता के साथ-साथ कला, कौशल, संगीत और रोमांस जैसे गुणों का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। 

इन दो शुभ ग्रहों के संयोजन से जातक को व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों क्षेत्रों में मनचाही सफलता मिलती है।

 इतना ही नहीं उसकी रचनात्मकता, बुद्धि और संचार की ताकत के आधार पर वे धन कमाने में बहुत अच्छा सहयोग प्राप्त करते हैं। कहने का अर्थ बस इतना है कि; यदि कुंडली के किसी भाव में बुध व शुक्र ग्रह का यह शक्तिशाली युति हो तो ये सभी विशेषताएं व गुण; जातक के जीवन को सुखमय बनाते हैं।

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शास्त्रों में, बुध को, बुद्धि, तर्क व हास्य का कारक माना जाता है। जबकि शुक्र सौंदर्य, भोग और विलासिता का कारक होता  है। इन दोनों ग्रहों का आपसी संयोग, जातक को रोमांटिक और कलात्मक स्वभाव का आशीर्वाद देते हैं। इसके साथ ही बुध और शुक्र की युति से शुभ ‘लक्ष्मी नारायण योग’ बनता है। जिसे शास्त्रों में सुख व सौभाग्य को बढ़ाने वाला माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में  इस लक्ष्मीनारायण योग का विशेष महत्व है। जिन जातकों की कुंडली में इस योग का प्रभाव होता है उन्हें जीवन के सभी प्रकार के सुख, सौभाग्य और वैभव मिलते हैं।

वैदिक ज्योतिष में, बुध व शुक्र की  युति वाले जातक बहुत सुन्दर व आकर्षक व्यक्तित्व के धनी होते हैं। वह स्वभाव से भी मिलनसार और सबके के बीच लोकप्रिय होते हैं। ऐसे जातक विलासितापूर्ण और आरामदायक जीवन शैली को अधिक महत्व देने वाले होते हैं। साथ ही इन जातकों को वस्त्र, वाहन, आभूषण और अन्य सभी भौतिक सुख-सुविधाएं बड़ी ही सरलता से प्राप्त हो जाती हैं। शुक्र व बुध युति के शुभ प्रभाव से इन जातकों के पास एक सुन्दर व आलीशान सर्व सुविधाओं से युक्त घर होता है। जातक की पत्नी बुद्धिमान और सुंदर दिखने वाली हो सकती है। जातक के अपनी पत्नी के साथ अच्छे प्रेम संबंध होते हैं। ऐसे जातक स्वभाव से रोमेंटिक तो होते ही हैं; रचनात्मक दिमाग वाले भी होते हैं।

कुंडली के पहले भाव में बुध व शुक्र की युति हो तो यह जातक को आर्थिक उन्नति देने वाली होती है। ऐसे जातकों को बिजनेस\व्यवसाय में अच्छा लाभ व मुनाफा मिल सकता है। यदि किसी प्रकार के कर्ज की समस्या है तो उससे निजात मिल सकती है। कही से धन रुका हुआ है तो वह वापस मिलने के योग हैं। ऐसे जातक अपनी मधुर व आकर्षक वाणी से दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहते हैं।

कुंडली के यदि दूसरे भाव में शुक्र और बुध की युति हो तो इससे जातक को धन लाभ व सफलता का आशीर्वाद मिलता है। व्यवसाय में जातकों को अचानक मुनाफा मिल सकता है। जो कि आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार करने हेतु सहायक होगा। इस योग से व्यापारिक गतिविधियों से जुड़े जातकों को अच्छा लाभ मिलने के संकेत हैं। किसी भूमि की बिक्री से बहुत धन मिल सकता है। अपने कार्यक्षेत्र में इन जातकों की प्रतिष्ठा व मान-सम्मान बढ़ सकता है।

कुंडली के तीसरे भाव में बुध व शुक्र युति के कारण जातक को उसकी पैतृक संपत्ति से लाभ होगा। साथ ही किसी लंबे प्रोजेक्ट में धन निवेश करना आपके लिए बहुत फलदायी साबित होगा। जो जातक नया व्यवसाय करने के विचार में हैं; उन्हें भी इस समय कुछ अच्छे अवसर मिलेंगे। आपकी वाणी में विनम्रता के कारण लोग आपकी ओर बड़ी ही आसानी आकर्षित होंगे। परिवार में भाई-बहनों और मित्रों के साथ आपके संबंध मधुर होंगे। विद्यार्थियों में भी शिक्षा के प्रति एकाग्रता में वृद्धि देखने को मिलेगी। युति के शुभ प्रभाव से आपके बिजनेस पार्टनर के साथ संबंध मधुर होंगे। जो कि  व्यापार में अच्छी सफलता दिलाने में सहायक होगा।

कुंडली के चौथे भाव में शुक्र और बुध की युति के कारण जातक के आय के स्रोतों में वृद्धि होगी। व्यापारियों के लिए यह योग व्यवसाय में दोगुना लाभ लेकर आएगा। अगर आप पार्टनरशिप में कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो शुभ ग्रह-नक्षत्रों की कृपा से कई शुभ अवसर मिलेंगे। प्रेमी जातकों के लिए यह समय बेहद सुखद रहेगा। क्योंकि इस समय जातक अपने रिश्ते को नई दिशा की ओर आगे बढ़ाएंगे। व अपने पार्टनर के साथ विवाह के पवित्र बंधन में बंध सकते हैं।

कुंडली के पांचवे भाव में शुक्र और बुध की युति हो तो यह बहुत शुभ मानी जाती है। जो ‘लक्ष्मी नारायण योग’ बनाती है। इस दौरान जातकों को शिक्षा, संतान, छुट्टियां आदि से संबंधित शुभ परिणाम मिलेंगे। जीवन में शिक्षा संबंधी सुविधाएं और सफलता स्पष्ट रूप से दिखाई देगी। वैवाहिक जीवन में भी जातकों को जीवनसाथी से अच्छा लाभ मिल सकता है। शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी युति के शुभ प्रभाव से करियर में सफलता मिलेगी।

कुंडली में यदि छठे भाव में बुध व शुक्र की युति हो तो; ऐसे जातक आकर्षक व्यक्तित्व वाला होता है। इन जातकों अतिरिक्त प्रेम सम्बन्ध हो सकते हैं। महिलाओं के कारण कुछ क़ानूनी कार्यों का सामना करना पड़ सकता है। युति से प्रभावित जातक अपने करियर में संगीत, नृत्य, कविता, अभिनय, मॉडलिंग आदि में सफलता से कार्य कर सकते हैं। साथ ही वें किसी परिवहन उद्योग में भी काम कर सकते हैं। आर्थिक दृष्टि से ऐसे जातक सफलता से रहेंगे । कुछ अशुभ प्रभाव के रहते जातक त्वचा संबंधी संक्रमण से पीड़ित हो सकता है।

कुंडली के सातवें भाव में शुक्र और बुध की युति हो तो ऐसे जातक, अपने जीवनसाथी के सहयोग से धन और वैभव प्राप्त करते हैं। साथ ही इन जातकों को अच्छा पारिवारिक सहयोग मिलता है। इन्हें सरकारी क्षेत्रों से भी लाभ मिलने की संभावना है। इस दौरान जातक का जीवनसाथी स्वभाव, गुणों और क्षमताओं में अधिक बेहतर होता है।

यदि कुंडली के आठवें भाव में बुध के साथ शुक्र ग्रह का संयोजन बन रहा हो तो, यह जातक को समृद्ध और विलासितापूर्ण जीवन देने वाला होता है। ऐसे जातक धनवान हो सकता है और जीवन के प्रति भौतिकवादी दृष्टिकोण रखने वाले होते है। आर्थिक द्रष्टि से कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन विवाह के बाद उनकी आर्थिक उन्नति अच्छी होती है। जातक का अपनी पत्नी से अलगाव हो सकता है। इस दौरान मानसिक परेशानी हो सकती है।

कुंडली के नौवें भाव में शुक्र और बुध की युति हो तो, ऐसे जातक जीवन का भरपूर आनंद लेने वाले होते हैं। इन जातकों को कला संबंधी कार्यों में आनंद की अनुभूति होती है। ऐसे जातक ज्ञान और शिक्षा के मामले में विशेष सफलता हासिल कर सकते हैं। युति के शुभ प्रभाव में, जातकों को देश-दुनिया में अपनी प्रतिभा के लिए अच्छी सफलता और सराहना मिलती है। 

बुध-शुक्र की युति

कुंडली के दसवें भाव में बुध व शुक्र की युति के कारण जातक के नौकरी और कामकाज से जुड़े कार्य सफलता से हो जाते हैं। जातक को नई नौकरी के अच्छे ऑफर भी मिल सकते हैं। नौकरी में पदोन्नति और धन लाभ के भी अच्छे संकेत हैं। जो जातक व्यापार से जुड़े हैं या नौकरी कर रहे हैं उन्हें व्यापार में अच्छा लाभ मिलने के संकेत हैं। वे जो भी कार्य में संलग्न  रहेंगे उसमें उन्हें पूर्ण सफलता मिलेगी।

कुंडली के ग्यारहवें भाव में शुक्र और बुध की युति से जातक के मान-सम्मान में वृद्धि का संकेत देती है। जिस योजना पर पिछले कई महीनों से मेहनत व काम कर रहे थे, उसके सफल होने की पूरी सम्भावना है। कुंडली का ग्यारहवां भाव जातक की आय से संबंधित होता है। ऐसे में जातकों को अपनी आय बढ़ाने के अच्छे अवसर मिलेंगे। नौकरी में पदोन्नति और धन लाभ की भी प्रबल संभावना है। आय के नये-नए साधन बनेंगे। साथ ही विदेश यात्रा भी संभव है, जहां कोई अच्छी साझेदारी या डील भी मिल सकती है।

कुंडली में यदि बारहवें भाव में बुध व शुक्र की युति हो तो ऐसे जातक आर्थिक रूप से लेन-देन संबंधी मामलों में संकोची होते हैं। साथ ही उनका मन भ्रष्ट विचारों से भरा हो सकता है। ऐसे जातक को शिक्षा संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उच्च शिक्षा हेतु वें विदेश जा सकते हैं। इन जातकों की रूचि वित्तीय क्षेत्र या फैशन संबंधी कार्यों में हो सकती है। पत्नी से विवाद के कारण जातक के वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं। 

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, बुध और शुक्र दोनों ही बहुत शुभ व लाभकारी प्रभाव देने वाले ग्रह होते हैं। कुंडली में इन शुभ ग्रहों की युति से ‘महालक्ष्मी योग’ बनता है और इस दौरान जातक को विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है। 


Q. कुंडली में बुध-शुक्र की युति से कौन सा योग बनता है?

An. बुध और शुक्र की युति से शुभ ‘लक्ष्मी नारायण योग’ बनता है। जिसे शास्त्रों में सुख व सौभाग्य को बढ़ाने वाला माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में  इस लक्ष्मीनारायण योग का विशेष महत्व है। जिन जातकों की कुंडली में इस योग का प्रभाव होता है उन्हें जीवन के सभी प्रकार के सुख, सौभाग्य और वैभव मिलते हैं।

Q. कुंडली में बुध व शुक्र के संयोजन का क्या अर्थ व महत्व है?

An. कुंडली में बुध व शुक्र का संयोजन यह दर्शाता है कि, बुध जातक के लिए बुद्धि का कारक ग्रह है और शुक्र सौंदर्य और रिश्तों का ग्रह है। जब यह दोनों ग्रह एक साथ होते हैं तो बहुत ही शुभ व लाभकारी संयोग बनाते हैं। क्योंकि दोनों ग्रह एक-दूसरे की जीवंत ऊर्जा व  रचनात्मकता को बढ़ाने की क्षमता के साथ-साथ कला, कौशल, संगीत और रोमांस जैसे गुणों का भी प्रतिनिधित्व करते हैं।

Q. क्या, बुध व शुक्र के युति में होने से जातक को आर्थिक लाभ मिलता है?

An. शास्त्रों में, बुध को, बुद्धि, तर्क व हास्य का कारक माना जाता है। जबकि शुक्र सौंदर्य, भोग और विलासिता का कारक होता  है। इन दोनों ग्रहों का आपसी संयोग, जातक को रोमांटिक और कलात्मक स्वभाव का आशीर्वाद देते हैं। जिससे जातक आर्थिक रूप से भी सफलता प्राप्त करते हैं।

Q. क्या बुध व शुक्र का संयोजन शुभ होता है?

An. हां, बुध व शुक्र का संयोजन बहुत शुभ संयोजन होता है।

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