अद्भुत शक्ति: अमावस्या 2024 को बनाएं सबसे महत्वपूर्ण चंद्र रात्रि

अमावस्या 2024

अमावस्या 2024 : संस्कृत भाषा में, “अमा” का अर्थ होता है “एक साथ” और “वस्या” का अर्थ होता है “निवास करना”। इसका दूसरा अर्थ “ना” + “मा” + “अस्य” से भी लगाया जा सकता है जहां “ना” = “नहीं, “मा” = चंद्रमा, “अस्य” = “वहां” को बताता है, इसका अर्थ यह हुआ कि जहां चंद्रमा नहीं है या चंद्रमा दिखाई नहीं दे मतलब छिपा हुआ है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक साल में 12 महीने होते हैं और प्रत्येक महीने में एक अमावस्या तिथि आती है, जिसके अनुसार पुरे साल में कुल 12 अमावस्या पड़ती है। इस वर्ष 2024 में जनवरी माह में (माघ अमावस्या) माह की पहली अमावस्या तिथि दिनांक 11-01-2024, गुरूवार के दिन पड़ेगी। इसके साथ ही इस लेख में आज हम साल 2024 में पड़ने वाले सभी अमावस्या की तिथि के बारें में भी जानेंगे-कि हर माह में आने वाली अमावस्या की तारीख और तिथि का प्रारंभ और समाप्ति कब होगी।

अमावस्या हिंदू कैलेंडर में एक बहुत ही महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है क्योंकि कई अनुष्ठान केवल अमावस्या तिथि को ही किए जाते हैं। सप्ताह में सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या और शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या को शनिचरी अमावस्या कहा जाता है।

इसके साथ ही यह दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए व श्राद्ध कर्म करने के लिए भी सबसे अधिक  उपयुक्त माना जाता है। इसके अलावा अमावस्या का दिन कालसर्प दोष की पूजा करने के लिए भी उपयुक्त होता है। 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, साल 2024 धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण रहने वाला है। 

क्योंकि इस नए साल में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे। इन्हीं महत्वपूर्ण व्रत में से एक, अमावस्या व्रत भी पड़ता है। जो कि सनातन धर्म की दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या की तिथि के दिन स्नान, दान, पूजा, पाठ व विशेष अनुष्ठान इत्यादि कार्यों करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। 

अमावस्या तिथि के दिन पवित्र नदी में स्नान, पितृ तर्पण, पितृ पूजा, पिंड दान, दान-पुण्य कार्य, हवन करना और ब्राह्मणों को भोजन कराना जैसे धार्मिक कार्य करने विशेष लाभ प्राप्त होते हैं। साल में आने वाली मौनी अमावस्या, सोमवती अमावस्या, शनिचरी अमावस्या, कार्तिक अमावस्या, महालय अमावस्या (सर्व पितृ अमावस्या) हरियाली अमावस्या और वट अमावस्या हिंदू धर्म में मनाई जाने वाली कुछ प्रमुख अमावस्या मानी गई है। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि यह एक शक्तिशाली दिन नहीं माना जाता है क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में यह दिन चंद्रमा को समर्पित है और इस दिन चंद्रमा अपने अस्त काल में होता है। यह अवधि उन जातकों के लिए अशुभ मानी जाती है, जिनकी जन्म कुंडली में चंद्रमा की स्थिति खराब होती है। तो यहां हम कुछ आसान से उपाय बता रहे हैं जिससे चंद्रमा के बुरे प्रभाव से मुक्ति पा सकते हैं। इसके साथ ही अमावस्या चन्द्र माह के शुक्ल पक्ष के प्रारंभ होने का प्रतीक होती है ऐसी धारणा है कि अमावस्या एक ऐसी रात है जो चंद्र माह की पहली तिमाही रात होती है। इसके अलावा अमावस्या तब आती है; जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आता है। यह समय अमावस्या, एक अदृश्य चरण के रूप में होती है। 

ज्योतिषों के अनुसार इस बात पर कोई संदेह नही है कि अमावस्या साल के सबसे अधिक शक्तिशाली व्रत और तिथियों में से एक मानी जाती है। इसलिए लोग इस तिथि के दिन सभी महत्वपूर्ण अनुष्ठानों, दान-पुण्य, ब्राह्मण भोजन पितरों का तर्पण व अन्य धार्मिक कार्यों को संपन्न करते हैं।        

यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में चंद्रमा कमजोर अवस्था में है तो यह निश्चित रूप जातक के मूड, भावनाओं और संवेदनाओं को अधिक प्रभावित करेगा। ऐसे जातक अमावस्या के दिन अच्छा या ऊर्जावान महसूस नहीं करेंगे, अतः इन जातकों को शाम के समय चंद्र देव को जल अर्पित करना चाहिए , साथ ही भगवान शिव को भी जल चढ़ाना व उनकी उपासना करनी चाहिए क्योंकि केवल भगवान शिव ही ऐसे देव हैं जो चंद्र के अशुभ प्रभावों से बचा सकते हैं।

इसके अलावा शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि अमावस्या तिथि के दिन किया गया अनुष्ठान, पूजा-पाठ दान-धर्म इत्यादि करने से कालसर्प दोष, पितृ दोष जैसे दोषों से मुक्ति मिलती है और जीवन में कई सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। इसके साथ अमावस्या तिथि की एक विशेषता यह भी है कि इसी दिन सूर्य ग्रहण भी लगता है। अमावस्या तिथि किस दिन पड़ रही है, आइए जानते हैं-

  • 11 जनवरी 2024

गुरुवार– पौष अमावस्या

  • 09 फरवरी 2024

शुक्रवार- माघ अमावस्या

  • 10 मार्च 2024

रविवार- फाल्गुन अमावस्या

  • 08 अप्रैल 2024

सोमवार- चैत्र अमावस्या

  • 08 मई 2024

बुधवार- वैशाख अमावस्या

  • 06 जून 2024

गुरुवार- ज्येष्ठ अमावस्या

  • 05 जुलाई 2024

शुक्रवार- आषाढ़ अमावस्या

  • 04 अगस्त 2024

रविवार- श्रावण अमावस्या

  • 02 सितंबर 2024

सोमवार- भाद्रपद अमावस्या

  • 02 अक्टूबर 2024

बुधवार- अश्विन अमावस्या

  • 01 नवंबर 2024

शुक्रवार- कार्तिक अमावस्या

  • 01 दिसंबर 2024

रविवार- मार्गशीर्ष अमावस्या

  • 30 दिसंबर 2024

सोमवार- पौष अमावस्या

अमावस्या 2024

वैसे तो ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि व हिन्दू संस्कृति के अनुसार सभी साल में आने वाली सभी अमावस्या महत्वपूर्ण होती हैं, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण अमावस्या की तिथि के दिन व्रत करने और गंगा स्नान करने से भाग्य में वृद्धि होती है और व्रत का दोगुना फल मिलता है।

विशेष अमावस्याअमावस्या तिथिहिंदू माह
मौनी अमावस्याशुक्रवार, 9 फरवरी  2024माघ मास
शनिचरी अमावस्यामंगलवार, 7 मई 2024वैशाख मास

ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या के दिन कुछ कार्यों को करने से अशुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। जो कि जातकों को करना निषेध बताया गया है। वे कार्य इस प्रकार हैं-

  1. हमारे शास्त्रों में बताया गया है की अमावस्या की तिथि वाले दिन जातकों को सूर्योदय से पहले उठना चाहिए और दैनिक कार्य से निवृत्त होकर इस दिन पूजा-पाठ व धार्मिक कार्यों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। 
  2. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के इस विशेष दिन पर अपने पूर्वजों का पिंडदान, तर्पण व स्नान-दान करने से विशेष लाभ मिलता है और पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है।
  3. इसके साथ ही इस दिन तामसिक भोजन अथवा मांस मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। जिससे कई प्रकार के दोष उत्पन्न हो सकते हैं। 
  4. अमावस्या तिथि के दिन पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और किसी से भी अपशब्द और वाद-विवाद नहीं करना चाहिए। 
  5. जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर अवस्था में है, उन जातकों को अमावस्या तिथि के दिन चंद्र देव को जल अर्पित कर उनकी उपासना जरूर करनी चाहिए।


Q. सबसे शक्तिशाली अमावस्या कौन सी है?

An. सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि इस अमावस्या पर व्रत रखने से महिलाओं को विधवा पन से मुक्ति मिलती है और संतान प्राप्ति सुनिश्चित होती है। यह भी माना जाता है कि इस अमावस्या का व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।

Q.अमावस्या पर किसकी पूजा करनी चाहिए?

An. इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है। अमावस्या तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व होता है। नदी में स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण किया जाता है।

Q. अमावस्या के दिन कौन सा दीपक जलाना चाहिए?

An. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन संध्याकाल के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक भी लगाना शुभ होता है। सरसों के तेल का दीपक जलाने से पितृ दोष दूर होता है।

Q. क्या अमावस्या का दिन शुभ नहीं माना जाता है?

An. नहीं, अमावस्या का दिन दान, स्नान जैसे धार्मिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।

Related Post

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *