तक्षक कालसर्प योग: जब केतु लग्न भाव में, राहु सप्तम भाव में हो तब “तक्षक कालसर्प योग” बनता है। इस कालसर्प योग का शास्त्रों में किसी प्रकार का उल्लेख नहीं हैं। परन्तुं जातक पर इस योग के प्रभाव का नकारात्मक परिणाम देखने को मिलता है। इस योग से प्रभावित जातक को वैवाहिक जीवन में अशांति का सामना करना पड़ता है। व्यवसाय या व्यापार से संबंधित किसी प्रकार की साझेदारी फायदेमंद नहीं होती और मानसिक तनाव देती है।
तक्षक कालसर्प योग: प्रभाव
तक्षक नामक कालसर्प योग से पीड़ित जातकों को उनकी पैतृक संपत्ति का सुख प्राप्त नहीं हो पाता। यदि किसी प्रकार से पैतृक संपत्ति प्राप्त हो भी जाए तो, वह उसे किसी अन्य को दान कर देता है या बर्बाद कर देता है। इस योग से प्रभावित जातक प्रेम प्रसंग में भी असफल पाए जाते हैं। अपने लव लाइफ में भी धोखे का शिकार होते हैं। जातक का वैवाहिक जीवन कभी-कभी इतना तनावपूर्ण हो जाता है कि अलग भी होना पड़ सकता है। ये जातक अपने घर के अन्य सदस्यों द्वारा यथेष्ट सहानुभूति प्राप्त करने में असफल रहते हैं। इनके द्वारा की गई साझेदारी में कई षड्यंत्र का शिकार हो जाते हैं। इन जातकों की प्रवृत्ति जुए, सट्टे व लाटरी जेसी व्यसन पूर्ण होती है, जो उन्हें बर्बाद होने की कगार तक ले आती है। संतानहीनता एवं गुप्त रोग की पीड़ा का सामना भी करना पड़ता है। किसी को दिया गया उधार या धन भी आसानी से प्राप्त नहीं होता। यदि ऐसे जातक अपने जीवन में स्वयं के साथ-साथ दूसरों का भी हित एवं भला करने का विचार करें तो, इस योग के नकारात्मक प्रभाव से बच सकते हैं।
यदि कोई जातक इस योग से अधिक समस्या का अनुभव करते हैं। उन्हें ज्योतिष द्वारा बताए गए निम्न उपाय कर लाभ प्राप्त करना चाहिए। यदि यथार्थ में कालसर्प योग हानिकारक हो तो उसकी शांति जातक को बचपन में ही करवा लेनी चाहिए। जिससे जातक का भविष्य उज्जवल तथा सुखमय व्यतीत हो। इस बात का सदैव ध्यान रखें कि किसी भी ग्रह की शान्ति से उसका पूर्ण दोष समाप्त नहीं होता; बल्कि कुछ आसान से उपायों व पूजा विधि से यह प्रभाव कुछ हद तक कम हो जाता है। अतः थोड़ा संघर्ष तो करना पड़ता है किन्तु सफलता मिल जाती है। आंशिक कालसर्प दोष हेतु पहले छोटे-छोटे उपाय अवश्य कर लेना चाहिए। बहुत से आंशिक काल सर्प दोष को छोटी पूजा या छोटे-छोटे उपाय से भी इसके नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।
तक्षक कालसर्प योग: महत्वपूर्ण उपाय –
- कालसर्प दोष निवारण यंत्र को विधि-विधान से अभिमंत्रित कर अपने घर में स्थापित करें एवं , नियमित पूजन करें।
- सवा महीने तक नियमित रूप से जौ के दाने पक्षियों को खिलाएं।
- देवदारु, सरसों तथा लोहवान – इन तीनों को उबालकर एक बार स्नान करें।
- किसी भी शुभ मुहूर्त में बहते पानी में मसूर की दाल सात बार प्रवाहित करें, उसके बाद लगातार पांच मंगलवार व्रत कर हनुमान जी को चमेली में घुला सिंदूर अर्पित करें। बूंदी के लड्डू का भोग अर्पित कर प्रसाद बांटे। इसके बाद अंतिम मंगलवार को सवा पांव सिंदूर, सवा हाथ लाल वस्त्र, सवा किलो बताशा तथा बूंदी के लड्डू का भोग लगाकर प्रसाद बांटे।
Must Read: अन्य काल सर्प योग व उनके प्रकार-
अनंत कालसर्प योग | कुलिक कालसर्प योग |
वासुकी कालसर्प योग | शंखपाल कालसर्प योग |
पद्म कालसर्प योग | महापद्म कालसर्प योग |
कर्कोटक कालसर्प योग | |
शंखचूड़ कालसर्प योग | घातक कालसर्प योग |
विषधार कालसर्प योग | शेषनाग कालसर्प योग |
कुछ सवाल तथा उनके जवाब – FAQ
Q- कुंडली में कैसे बनता है तक्षक कालसर्प योग?
An- जब केतु लग्न भाव में, राहु सप्तम भाव में हो तब “तक्षक कालसर्प योग” बनता है।
Q- क्या तक्षक काल सर्प दोष की पूजा विधि अलग होती है?
An- हां, ज्योतिष शास्त्र में तक्षक काल सर्प दोष हेतु पूजा विधि अलग होती है।
Q- क्या लक्षण होते हैं तक्षक कालसर्प दोष के?
An- तक्षक नामक कालसर्प योग से पीड़ित जातकों को उनकी पैतृक संपत्ति का सुख प्राप्त नहीं हो पाता।
Q- क्या काल सर्प दोष निवारण यंत्र तक्षक योग में रख सकते हैं?
An- हां, विधि-विधान से अभिमंत्रित किया गया कालसर्प दोष निवारण यंत्र इस योग के प्रभाव को कम करता है।