Anapha yoga in kundli | ज्योतिष में, अनफा योग, महत्व, प्रभाव और उपाय

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वैदिक ज्योतिष में, कुंडली में, योग विशिष्ट ग्रहों के संयोजन से बनते हैं! जो किसी जातक के जीवन पर प्रत्यक्ष रूप से महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। इसी श्रृंखला में, एक और महत्वपूर्ण और शुभ योग है “अनफा योग”। जो की कुंडली में तब निर्मित होता है जब  सूर्य से चन्द्रमा 12वें भाव में मौजूद होता है। कुंडली में 12वां भाव जो कि, अवचेतन मन, आध्यात्मिकता और आंतरिक प्रतिबिंबों का प्रतिनिधित्व और कारक माना जाता है, और वही, हम बात करें, चंद्रमा की तो, चन्द्रमा जातक की भावनाओं, मानसिक कल्पनाओं और ग्रहणशीलता का प्रतीक है। ज्योतिष में, अनफा योग एक बहुत ही लाभकारी योग माना जाता है! जिस जातक की जन्म कुंडली में इस संयोजन के साथ यह योग यदि बनता है तो, यह जातक के लिए बहुत ही, सकारात्मक प्रभाव और शुभ कारी माना जाता है। आज के इस ‘मंगल भवन’ के लेख में हम ‘अनफा योग’ और उसके प्रभाव के बारे में विस्तार से जानेंगे-

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अनफा योग एक चंद्र योग है यानी, कुंडली में जब चन्द्र के अलावा कोई अन्य ग्रह सूर्य से बारहवें भाव में, होता है तो, कुंडली में यह योग बनता है। मान्यताओं के अनुसार, यह अच्छे स्वास्थ्य, प्रसिद्धि और मान-सम्मान के साथ-साथ जीवन के सभी क्षेत्रों में सौभाग्य और सफलता दिलाता है। साथ ही, अनफा योग से प्रभावित जातक आकर्षक, उदार, तेज तर्रार, श्रेष्ठ व्यक्तित्व और अच्छे वक्ता होते हैं।

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अनफा योग के प्रभाव में जातक के व्यक्तित्व, व्यवहार और जीवन के अनुभवों पर सकारात्मक प्रभाव होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, अनफा योग के होने से जातक के जीवन पर कुछ इस प्रकार के प्रभाव देखे जा सकते हैं- 

  • भावनात्मक संवेदनशीलता का विकास

यह योग जातक में, भावनात्मक संवेदनशीलता को बढ़ाता है। ऐसे जातक सहानुभूतिपूर्ण, दयालु और दूसरों की भावनाओं को आसानी से समझने वाले होते हैं। उनकी, यह भावनात्मक गहराई उन्हें अपने आसपास के लोगों से जुड़ने और मजबूत संबंध बनाने में सक्षम बनाती है।

  • सहजता का भाव

जब कुंडली में, चंद्रमा और सूर्य के नजदीक आते है, तो यह जातक की अंतर्ज्ञान और मानसिकता पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। ऐसे जातक में सूक्ष्म ऊर्जाओं को ग्रहण करने की श्रेष्ठ और गहरी भावनात्मक क्षमता होती हैं! जो उन्हें व्यावहारिक निर्णय लेने में सहायक होती है।

  • रचनात्मकता में वृद्धि 

अनफा योग के शुभ प्रभाव से, जातक में, रचनात्मकता और कल्पनाशीलता में वृद्धि होती है। ऐसे जातकों की रूचि कलात्मक क्षेत्र में जैसे-संगीत, लेखन, पेंटिंग, या रचनात्मक अभिव्यक्ति में अधिक होती है।

  • माता पक्ष से मजबूत सम्बन्ध 

कुंडली में, सूर्य से 12वें भाव में चंद्रमा के साथ एक विशेष बंधन का सूचक होता है। इसलिए ऐसे जातक, का अपनी माँ के साथ गहरा भावनात्मक संबंध होता है और उसे उसका पालन-पोषण समर्थन प्राप्त होता है।ते हैं और यह स्थिति जातक को धन प्राप्ति के लिए जागरूक भी करती है।

  • आध्यात्मिकता में वृद्धि 

यह योग जातक को आध्यात्मिक झुकाव और जीवन के प्रति गहरे अर्थ की खोज में रुचि को बढ़ावा देता है। ऐसे जातकों की रूचि ध्यान, योग या आध्यात्मिक अभ्यास से आंतरिक रूप से जुड़ने में होती है।

  •  पारस्परिक रिश्तों में सफलता 

अनफा योग के प्रभाव से जातकों में दूसरों की भावनाओं को समझने और उनके साथ सहानुभूति रखने की क्षमता में वृद्धि होती है। ऐसे जातकों में, अक्सर दूसरों के सम्बन्ध बनाने में उत्कृष्ट होते हैं, जिससे वे अपने परिवार और समाज में लोकप्रिय हो जाते हैं।

  • करियर में सफलता 

‘अनफा योग’ के शुभ प्रभाव के कारण जातक में, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और संचार कौशल व्यक्ति को परामर्श, मनोविज्ञान, शिक्षण, या सहानुभूतिपूर्ण बातचीत वाले किसी भी पेशे में करियर के लिए उपयुक्त बनाते हैं।

  • विदेश यात्रा 

कुंडली में बारहवां भाव, विदेश यात्रा और विदेशी भूमि का प्रतिनिधित्व करता है, और किसी जातक की कुंडली में ‘अनफा योग’ विदेश यात्रा, विदेश में रहने या विभिन्न संस्कृतियों के लोगों के साथ जुड़ने में अच्छे संकेत दे सकता है।

  • परोपकारी और दयालु स्वभाव 

अनफा योग के प्रभाव में जातकों में, परोपकारी और आध्यात्मिक गतिविधियों की ओर झुकाव बढ़ता हैं इन जातकों की रूचि जरूरतमंद लोगों की मदद करने में होती है।

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वैसे तो, ज्योतिष की दृष्टि में ‘अनफा योग’ स्वाभाविक रूप से एक बहुत लाभकारी योग है! लेकिन, इसके शुभ प्रभावों के लिए यहां, हमने कुछ आसान से ज्योतिषीय उपाय भी बताए हैं जो इस प्रकार हैं-

इसके अलावा, योग और प्राणायाम (सांस क्रिया) इत्यादि क्रियाओं  को अपने दैनिक जीवन में शामिल करने से जातक के भीतर की ऊर्जाओं में अच्छा सामंजस्य स्थापित बनता है! और जातक को भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में सहायता मिलती है।

ज्योतिष में, चंद्र मंत्र और पूजा का बहुत महत्व है! जैसे चंद्र मंत्र या शिव पंचाक्षरी मंत्र का जाप करने से जातक को चंद्रमा से संबंधित प्रभाव में बहुत सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेंगे।

इसके साथ ही, चन्द्र ग्रह को मजबूत करने के लिए नियमित रूप से ध्यान और माइंडफुलनेस का अभ्यास करने से सहज क्षमताओं को और अधिक गहरा किया जा सकता है जिससे जातक को, अपने आंतरिक स्वभाव को मजबूत करने में सहायता मिलेगी।

शास्त्रों में दान का बहुत महत्व है! अतः आध्यात्मिक शांति के लिए धर्मार्थ गतिविधियों में संलग्न होना और दूसरों के प्रति दयालुता और सहजता का भाव  रखना जातक को मानसिक शांति का अनुभव देगा।

ज्योतिष में ‘रत्न के महत्व’ के बारे में बताया गया है- इन रत्नों में, प्राकृतिक और सुंदर रत्न मोती (चंद्रमा से संबंधित) पहनने से चंद्रमा से जुड़ी सभी परेशानियां समाप्त होती हैं और चन्द्र ग्रह के सकारात्मक प्रभाव में वृद्धि होती है।

Q. अनफा योग कैसे निर्मित होती है?

An. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अनफा योग एक चंद्र योग है यानी, कुंडली में जब सूर्य के अलावा कोई अन्य ग्रह चंद्रमा से बारहवें भाव में, होता है तो, कुंडली में यह योग बनता है। मान्यताओं के अनुसार, यह अच्छे स्वास्थ्य, प्रसिद्धि और मान-सम्मान के साथ-साथ जीवन के सभी क्षेत्रों में सौभाग्य और सफलता दिलाता है। 

Q. क्या, अनफा योग शुभ योग है?

An. जैसा कि, ज्योतिष में बताया गया है सूर्य आत्मा, मूल पहचान और चेतन मन का प्रतिनिधित्व करता है, और वहीं, चंद्रमा मन की भावनाओं और अवचेतन प्रक्रियाओं का प्रतिनिधित्व करता है। तो, जब चंद्रमा कुंडली में, सूर्य से बारहवें भाव में स्थित होता है, तो इसका अर्थ यह है कि, चंद्रमा सूर्य के ठीक बाद आ गया है। जिससे कि (सूर्य और चन्द्र) के बीच यह निकटता चेतन और अवचेतन के बीच एक विशेष संबंध को बनाती है, जिसके प्रभाव में जातक अधिक सहज, संवेदनशील और बोधगम्य बन जाता है। इसी कारण अनफा योग को एक शुभ योग कहा जाता है।

Q. ज्योतिष में, अनफा योग के लिए क्या उपाय बताए गए हैं?

An. वैसे तो, ज्योतिष की दृष्टि में ‘अनफा योग’ स्वाभाविक रूप से एक बहुत लाभकारी योग है! लेकिन, इसके शुभ प्रभावों के लिए यहां, हमने कुछ आसान से ज्योतिषीय उपाय भी बताए हैं जो इस प्रकार हैं- ज्योतिष में, चंद्र मंत्र और पूजा का बहुत महत्व है! जैसे चंद्र मंत्र या शिव पंचाक्षरी मंत्र का जाप करने से जातक को चंद्रमा से संबंधित प्रभाव में बहुत सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेंगे।

Q. कुंडली में चंद्र ग्रह किसका कारक होता है?

An. कुंडली में, चंद्रमा मन की भावनाओं और अवचेतन प्रक्रियाओं का प्रतिनिधित्व करता है

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