Child Born in Amavasya| कैसे होते हैं अमावस्या तिथि पर जन्मे बच्चे

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या तिथि या दिन पर जन्म लेने वाले बच्चे को अशुभ माना जाता है। ज्योतिष गणना के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि इस दिन जन्मी संतान की कुंडली में दोष होता है, क्योंकि अमावस्या के दिन सूर्य और चंद्र ग्रह एक ही घर में होते हैं। इसके साथ ही, ज्योतिष आचार्यों की ऐसी भी मान्यता है कि अमावस्या के दिन जन्म लेने वाले जातकों के जीवन में कई तरह की समस्यायें होती है  जैसे- स्वास्थ्य संबंधी, आर्थिक समस्याएं, पारिवारिक समस्याएं, करियर में बाधाएं और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आज के इस ‘मंगल भवन’ के लेख में हम “ अमावस्या के दिन जन्म लेने वाले बच्चों के बारे में जानेंगे- 

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चंद्रमा रहित दिन को अमावस्या कहा जाता है। यानी जिस प्रकार पूर्णिमा की रात होती है, उसी प्रकार यह अमावस्या की रात है, जो की एक खगोलीय घटना है। चूंकि, पूरी तरह से अंधेरा होने के कारण इस रात से जुड़ी विभिन्न कहानियां बताई जाती हैं और कहीं-कहीं कुछ लोगों की यह भी धारणा है कि, अमावस्या की रात को भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं का विचरण रहता है। इसके साथ ही, अमावस्या के दिन जन्म के संबंध में भी बहुत सी बातों का उल्लेख मिलता है जो कि, अत्यधिक भ्रमित करने वाली बातें हैं। क्या, वास्तव में  यह एक अच्छा या अपशकुन है? क्या, वाकई अमावस्या के दिन जन्मे बच्चे अशुभ होते हैं? ज्योतिष के अनुसार, सूर्य और चंद्र कुंडली में एक ही भाव में साथ आते हैं तो, इस तिथि को अमावस्या कहा जाता है। आइए अब आगे लेख में हम ‘अमावस्या के दिन जन्म लेने वाले बच्चों के बारें में’ विस्तार से पढ़ते हैं-

हमारे ‘मंगल भवन’ के ज्योतिष आचार्यों का कहना है कि, जन्म के दिन के आधार पर किसी भी जातक का भाग्य या दुर्भाग्य तय नहीं किया जा सकता है; बल्कि यह जातक के कर्म फल पर भी निर्भर करता है। कई लोगों का यह भी कहना है कि, किसी विशेष तिथि के अनुसार जन्मी संतान का भविष्य तय करना अंधविश्वास है। अमावस्या एक चंद्र चरण है, जो तब बनता है जब चंद्रमा पूरी तरह आकाश में लुप्त हो जाता है या छुप जाता है। ज्योतिष शास्त्र में, अमावस्या तिथि पर जन्म लेने वाले बच्चों के जीवन में स्वास्थ्य और समृद्धि से जुड़ी समस्याएं आने का संकेत हो सकता है। लेकिन, अमावस्या के दिन या रात में जन्म लेने वाले बच्चों का अध्यात्म से गहरा संबंध होता है और वे अध्यात्म या मनोविज्ञान से संबंधित क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं।

ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार, किसी जातक के जन्म का दिन और समय उसके जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। वहीं, अमावस्या तिथि पर यदि किसी जातक का जन्म हुआ है तो इसका प्रभाव उसके जीवन पर निशिचित रोप से पड़ेगा! क्योंकि, यह एक चंद्र चरण होता है; जहां चंद्रमा पूरी तरह से लुप्त होता है। और इस चरण में जन्म लेने वाले बच्चे के जीवन में, सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव होंगे।

यदि हम अमावस्या के दिन जन्म लेने वाले बच्चों में सकारात्मक पक्ष को समझे तो, ऐसे बच्चों की रुचि आध्यात्मिकता की ओर अधिक होती है। इसके अलावा, उनके पास सहज ज्ञान और अंतर्ज्ञान भी श्रेष्ठ होता है। ब्रह्मांडीय कामकाज की गहरी समझ रखने वाले होते हैं। साथ ही, वे आध्यात्मिकता और गुप्त विज्ञान से संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। अमावस्या पर जन्मे जातकों के पास अवचेतन मन से जुड़ने की एक अनोखी क्षमता हो सकती है जो उन्हें उपचार या परामर्श में उत्कृष्ट बनाते हैं। हालांकि, यदि हम नकारात्मक पक्ष की बात करें तो, ऐसे जातकों को अपने जीवन में स्वास्थ्य और समृद्धि से संबंधित कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे बच्चे बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं और इनका शारीरिक विकास कमजोर होता है। साथ ही, इन जातकों को, जीवन भर आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।

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वैदिक ज्योतिष में तिथि दोष को एक अवधारणा के रूप में देखा जाता है! जो किसी जातक के जीवन पर कुछ दिनों के नकारात्मक प्रभाव को परिभाषित करता है। इसका अर्थ यह है कि, कोई जातक यदि कुछ विशेष तिथियों के साथ जन्मा है, तो उसे जीवन भर किसी न किसी प्रकार की समस्याओं और बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। इनमें से ही एक तिथि है ‘अमावस्या’  जिसे ज्योतिष में चंद्र चक्र का सबसे काला दिन माना जाता है। 

इसके साथ ही, ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या तिथि को जन्म लेने से जातक के पिछले जन्मों के नकारात्मक कर्मों का फल संचय हो सकता है। जो की, विभिन्न रूपों में प्राप्त होते हैं, जिसमें प्रभावित जातक को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, धन संबंधी वित्तीय समस्याएं और पारिवारिक या व्यावसायिक समस्या हो सकती है। कुछ मामलों में किसी जातक की जन्म कुंडली में तिथि दोष भी देखा जाता है। यह अमावस्या तिथि के नकारात्मक प्रभावों को और अधिक बढ़ा सकता है। 

ज्योतिष, तिथि दोष और अमावस्या तिथि के बीच संबंध बताते हुए कहते हैं कि, अमावस्या तिथि के दिन जन्म होना एक प्रकार का तिथि दोष हो सकता है; जो जातक के जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। लेकिन, सही ज्योतिष परामर्श, उपाय और सकारात्मक दृष्टिकोण से किसी भी प्रकार की चुनौतियों को सफलतापूर्वक दूर किया जा सकता है। आगे हम लेख में अमावस्या तिथि के दिन जन्म लेने वाले बालक (लड़के) और बालिका (लड़की) की कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारें में पढेंगे- 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या तिथि पर जन्म लेने वाली लड़कियों में कुछ विशेष और अद्वितीय गुण और लक्षण होते हैं। जिन्हें वैदिक ज्योतिष पर आधारित बताया गया है! और यह अमावस्या तिथि के दिन जन्म लेने वाले सभी जातकों पर बिल्कुल लागू नहीं हो सकते हैं। 

  • सकारात्मक लक्षण- 

अमावस्या तिथि को जन्म लेने वाली लड़कियां की रूचि अध्यात्म और तांत्रिक विद्याओं में अधिक होती है। साथ ही, उनके पास एक प्राकृतिक अंतर्ज्ञान की क्षमता होती है और उन्हें ब्रह्मांड की गतिविधियों और कार्यप्रणाली को गहरे स्तर पर समझने की क्षमता होती है। साथ ही, इस तिथि पर जन्म लेने वाली कन्याएं अपने अवचेतन मन से अधिक जुड़ी रहती है; और यह उनके अत्यधिक सहज और बोधगम्य होने का अक अच्चा गुण होता है।

  • नकारात्मक लक्षण- 

नकारात्मक गुणों की बात करें तो, अमावस्या तिथि के दिन जन्म लेने वाली लड़कियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, उन्हें जीवन में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अन्य लोगों की तुलना में अधिक संघर्ष करना पड़ता है।

  • सकारात्मक लक्षण 

अमावस्या तिथि को जन्म लेने वाले लड़कों की अंतर्ज्ञान शक्ति अच्छी होती है। और सामान्य लोगों की तुलना, उनका अंतर्ज्ञान अधिक सक्रिय होता है, दूसरे लोगों की तुलना में, ये उन चीजों को महसूस करने में सक्षम होते हैं, जो अक्सर दूसरे महसूस नहीं कर पाते हैं। मानव स्वभाव की गहरी समझ होने के साथ-साथ ये लोग दूसरों के मन को पढ़ने में सक्षम होते हैं। साथ ही, ये लड़के स्वतंत्र और आत्मनिर्भर स्वभाव के होते हैं। अपनी आवश्यकताओं के लिए ये जातक दूसरों पर निर्भर रहना पसंद नहीं करते हैं और अपने बल पर कार्य करने का प्रयास करते हैं।

अमावस्या तिथि पर जन्मे लड़के रचनात्मक, अद्भुत कल्पना शक्ति और प्रखर बुद्धि वाले होते हैं। ऐसे जातक कला संबंधी गतिविधियों के लिए स्वाभाविक प्रतिभा के धनी होते हैं और संगीत, लेखन या अन्य रचनात्मक गतिविधियों की ओर रूचि रखने वाले होते हैं। साथ ही, इन जातकों का व्यक्तित्व मजबूत और प्रखर होता है। भावुक स्वभाव के ये जातक किसी भी प्रकार की परिस्थिति के लिए भावुकता रखने वाले होते हैं और दूसरों के सहायता के लिए सहज सहायक होने की भूमिका निभाते हैं! प्रतिस्पर्धी होने के कारण उन्हें स्वयं को समस्याओं में डालने की प्रवृत्ति हो सकती है; जो कि उनके उनके जीवन में परेशानियों का कारण बनती है।

जहां तक ज्योतिष का मानना है, अमावस्या तिथि पर जन्म लेने वाले बच्चे सिर्फ़ नकारात्मक गुणों वाले ही नहीं होते, बल्कि इसके इसके उन बच्चों के लिए कुछ सकारात्मक पहलू भी होते हैं; जैसा की हमने ऊपर लेख में बताया है।  इसके अलावा, अमावस्या तिथि पर पूर्वजों की आत्माओं को याद करने की तिथि होती है; और इस दिन सूर्य की रोशनी दिवंगत आत्माओं को स्पर्श करती है और उन्हें शांति प्रदान करती है। इसके बदले में वे हमें खुशियाँ और सफलता का आशीर्वाद देते हैं।

साथ ही, यह दिन विष्णु पुराण में, हमारे पूर्वजों के प्रति उनका सम्मान और उन्हें याद करने का दिन होता है जो, कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करता है।

  • अमावस्या पर जन्मे बच्चों के नकारात्मक पहलू 

एस तथ्य में कोई संदेह नहीं है कि, अच्छाई के साथ बुराई भी है। वैज्ञानिक दृष्टि से समझे तो, इस दिन का नकारात्मक पहलू यह है कि अमावस्या की रात को चंद्रमा का खिंचाव अधिक होता है; यानी इस रात, चंद्रमा ऊर्जा को ऊपर की ओर खींचता है, जिससे मानव मस्तिष्क का रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है। यानी, मानव जीव के लिए यह समस्या जनक हो सकता है। साथ ही, अंधेरे के कारण, चंद्रमा मानव की हर भावना पर अत्यधिक दबाव डालता है; जिससे डर महसूस करने की स्थिति बन सकती है! और यह जातक में हमेशा के लिए डर की भावना ला सकता है। 

इसके अलावा, अमावस्या पर जन्मे बच्चों को कुछ नकारात्मक प्रभाव भी मिल सकते हैं, जैसे- अमावस्या की रात को जन्म लेने वाले बच्चे विकलांगता के शिकार हो सकते है। साथ ही, बच्चे के मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव भी हो सकता है। अमावस्या के दिन जन्मे बच्चों की शैक्षिक प्रगति समस्या जनक होती है। ऐसे बच्चों के लिए सौहार्दपूर्ण सामाजिक संबंध भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है और वे अंतर्मुखी व्यक्तित्व के हो जाते हैं। 

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ज्योतिष शास्त्र में, अमावस्या तिथि को जन्म लेने से जातक के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव होता है। यहां हमने कुछ आसान से ज्योतिष उपाय बताए हैं; जिससे अमावस्या पर जन्मे जातकों के लिए नकारात्मक प्रभाव को कम करने में सहायता होगी! ये उपाय इस प्रकार हैं:

हिंदू धर्म में दान करना नवग्रहों को मजबूत करने का एकमात्र सटीक उपाय है, यदि किसी जातक के जीवन में कोई दोष या तिथि के नकारात्मक प्रभाव हैं तो, उन्हें जरूरतमंदों को चावल, गुड़ और दूध जैसी वस्तुओं का दान करना चाहिए। यदि यह दान आप अमावस्या के दिन कर रहें हैं तो, यह अमावस्या की तिथि के के नकारात्मक प्रभाव को कम करने का सर्वश्रेष्ठ उपाय है।तान सुख प्राप्त होने के प्रबल योग बनते हैं।

हिंदू धर्म और ज्योतिष में, मंत्रों का विशेष महत्व होता है। अतः प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप बहुत लाभदायक होता है। इसके अलावा, बच्चे के जन्म के बाद नवग्रह शांति अनिवार्य रूप से करना चाहिए।

प्रतिदिन तुलसी के पौधे की पूजा करें और अमावस्या की रात को तुलसी के पत्ते तोड़ने से बचें। क्योंकि, तुलसी में देवी-देवताओं का वास होता है और, इसकी पत्तियों को तोड़ना बेहद अशुभ होता है।

अमावस्या तिथि पर भगवान भोलेनाथ और देवी काली की पूजा-अर्चना करने से इस तिथि के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। 

अमावस्या तिथि के दिन शनिदेव को काले तिल अर्पित करना चाहिए जिससे इस तिथि के दुष्प्रभाव को कम करने में लाभ मिलता है।

भगवान शिव, मां काली और न्याय के देव शनि से जुड़े मंत्रों का जाप करने से अमावस्या तिथि के नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सकता है। अमावस्या तिथि के दिन महामृत्युंजय मंत्र, काली मंत्र और शनि मंत्र, जैसे शक्तिशाली मंत्रों का जाप कर सकते हैं।

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An. नहीं, अमावस्या एक चंद्र चरण है, जो तब बनता है जब चंद्रमा पूरी तरह आकाश में लुप्त हो जाता है या छुप जाता है। ज्योतिष शास्त्र में, अमावस्या तिथि पर जन्म लेने वाले बच्चों के जीवन में स्वास्थ्य और समृद्धि से जुड़ी समस्याएं आने का संकेत हो सकता है। लेकिन, अमावस्या के दिन या रात में जन्म लेने वाले बच्चों का अध्यात्म से गहरा संबंध होता है।

Q. अमावस्या तिथि पर जन्म लेने वाली लड़कियां कैसी होती हैं?

An. अमावस्या तिथि को जन्म लेने वाली लड़कियां की रूचि अध्यात्म और तांत्रिक विद्याओं में अधिक होती है। साथ ही, उनके पास एक प्राकृतिक अंतर्ज्ञान की क्षमता होती है और उन्हें ब्रह्मांड की गतिविधियों और कार्यप्रणाली को गहरे स्तर पर समझने की क्षमता होती है।

Q. अमावस्या तिथि को नकारात्मक प्रभाव की तिथि क्यों कहा जाता है?

An. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चंद्रमा रहित दिन को अमावस्या कहा जाता है। यानी जिस प्रकार पूर्णिमा की रात होती है, उसी प्रकार यह अमावस्या की रात है, जो की एक खगोलीय घटना है। कहीं-कहीं कुछ लोगों की यह भी धारणा है कि, अमावस्या की रात को भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं का विचरण रहता है।

Q. अमावस्या की तिथि पर जन्म लेने वाले बच्चों में सकारात्मक गुण क्या होते हैं?

An. अमावस्या के दिन या रात में जन्म लेने वाले बच्चों का अध्यात्म से गहरा संबंध होता है और वे अध्यात्म या मनोविज्ञान से संबंधित क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं।

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