Mercury Transit 2024| बुध ग्रह कर रहें हैं तुला राशि में गोचर, क्या चुनौतियां आएंगी अन्य राशियों में
ज्योतिष शास्त्र में, बुध ग्रह को जातक के संचार कौशल, विचारशीलता, तर्क वितर्क, क्षमताओं और बुद्धि, वाणी का कारक माना जाता है
ज्योतिष शास्त्र में, बुध ग्रह को जातक के संचार कौशल, विचारशीलता, तर्क वितर्क, क्षमताओं और बुद्धि, वाणी का कारक माना जाता है
वैदिक ज्योतिष में, जातक के हर रिश्तों और जीवन के मुख्य पहलुओं के बारे में जानकारी ज्ञात की जा सकती है। उसी प्रकार विवाह की बात करें तो, कुछ लोग स्वयं को अन्य संस्कृतियों या देशों से जुड़ने के लिए के लिए आकर्षित रहते हैं
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राशि चक्र की कुछ राशियां ऐसी होती हैं जो, अपने हर निर्णय पर सबसे अधिक सोच-विचार करती हैं! यानी कुछ राशि चिन्हों में ऐसे गुण होते हैं जो, उन्हें हर स्थिति को सबसे छोटे विस्तार से समझने की सहज प्रवृत्ति प्रदान करते है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या तिथि या दिन पर जन्म लेने वाले बच्चे को अशुभ माना जाता है। ज्योतिष गणना के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि इस दिन जन्मी संतान की कुंडली में दोष होता है, क्योंकि अमावस्या के दिन सूर्य और चंद्र ग्रह एक ही घर में होते हैं।
प्रत्येक व्यक्ति की इच्छा होती है कि उसके जीवन में उसे एक अच्छी और संस्कारी संतान का सुख मिले! कुंडली में संतान योग एक ऐसा योग है जो ग्रहों और उनके गोचर के कारण बनता है।
किसी भी जातक की जन्म कुंडली के कुल 12 भाव जातक के अतीत, वर्तमान और भविष्य के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। जैसे ही आकाश मंडल में ग्रह अपनी चाल परिवर्तित करते हैं उनका प्रभाव जातक के जीवन पर निश्चित रूप से पड़ता है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य को ग्रहों का राजा कहा गया है! जो कि जातक को शुभ फल देने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है! ऐसे ही, भास्कर योग भी एक बहुत ही, शुभ फलदायी योग माना गया है
चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां भगवती के सातवें रूप मां कालरात्रि देवी की पूजा का विधान है! धार्मिक शास्त्रों और पंचांग के अनुसार नवरात्री के सातवें दिन को महासप्तमी भी कहा जाता है! देवी पुराण के अनुसार, बताया गया है कि माता कालरात्रि की पूजा-उपासना करने से
नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के छठवें स्वरूप मां कात्यायनी देवी की पूजा का विधान है! धार्मिक पुराणों के अनुसार, मां कात्यायनी का जन्म ऋषि कात्यायन के घर हुआ था
नवरात्रि के पांचवें दिन मां भगवती के पांचवे रूप माँ स्कंदमाता माता की उपासना की जाती है! माता का यह रूप ममता और करुणा से परिपूर्ण होता है