Mahashivratri | महाशिवरात्रि पूजन सामग्री, जानें महादेव को अर्पित होने वाली पूजा सामग्री

Mahashivratri Pujan Samagri

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महाशिवरात्रि पूजन सामग्री: हिन्दू धर्म में सबसे प्रिय पर्व अब कुछ दिनों में आने ही वाला है। इस दिन सभी शिव भक्त भगवान शिव जी के मंदिरों में जाकर भोलेनाथ की पूर्ण श्रद्धा से पूजा व उपासना करते हैं।

धार्मिक मान्यताओं व अपनी श्रद्धा के अनुसार कोई जातक शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करता है, कोई गाय के दूध से, कोई भांग, धतूरा, बेलपत्र अर्पित करता है,  कोई शहद, शक्कर, भस्म अर्पित करता है. तो कोई भोलेनाथ को प्रसन्न करने ​हेतु उनके प्रिय पुष्प अर्पित करता है। कोई शिवजी को सफेद चंदन के लेप से प्रसन्न करने का प्रयास करता है। इस प्रकार महाशिवरात्रि पूजा व व्रत से जातक के सभी कष्ट दूर हो व रोग दूर तो होते ही हैं, साथ ही भगवान शिव का वरदान भी प्राप्त होता है।

महाशिवरात्रि पर शिवजी का विधि-विधान से पूजन करने पर जातक को अपने जीवन में सौभाग्य की प्राप्ति होती है। खा जाता है कि भोलेनाथ सभी देवों में सबसे अधिक भोले व दयालु होते हैं; जो अपने भक्तों की झोली भरकर उन्हें अपार खुशियाँ प्रदान करते हैं। शिव जी की कृपा से जातक को सुख, समृद्धि, धन, वैभव तथा संतान सुख सब कुछ प्राप्त होता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि पर आप भी भगवान शिव को प्रसन्न करके अपने सभी मनोकामनाओं को पूरा कर सकते हैं।

महाशिवरात्रि पूजा-विधि 

इस दिन सभी व्रत रखने वाले जातक दिनभर शिव जी के मंत्र ‘ॐ नम: शिवाय’ का जाप करें। घर में बुजुर्ग व रोगी दिन में फलाहार लेकर रात्रि में पूजा कर सकते हैं। शिवपुराण में रात्रि के चारों प्रहर में शिव पूजा का विधान बताया गया है। शाम के समय स्नान व शुद्ध होकर शिव मंदिर में जाकर अथवा घर पर ही पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके त्रिपुंड व रुद्राक्ष धारण कर पूजा का संकल्प इस प्रकार लें-

“ममाखिलपापक्षयपूर्वकसलाभीष्टसिद्धये शिवप्रीत्यर्थं च शिवपूजनमहं करिष्ये”

ज्योतिष के अनुसार, भगवान शिव को प्रसन्न करने हेतु शिवरात्रि पूजा में इस प्रकार पूजन सामग्री का होना आवश्यक होता है। तो आइए जानते हैं, महाशिवरात्रि पर शिव जी पूजन-विधि व आराधना हेतु आवश्यक पूजन सामग्री के बारे में जिससे आपको आपकी पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके-

महाशिवरात्रि पूजन सामग्री

इस वर्ष 2023 में महाशिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को 18 फरवरी रात्रि 8 बजकर 2 मिनट से प्रारंभ होकर 19 फरवरी को 4 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी।  ऐसे में आप अपनी पूजा सामग्री शिवरात्रि के पहले ही तैयार कर लें। हमारे ज्योतिष आचार्य श्री भास्कर जी ने यहाँ पूजा हेतु कुछ आवश्यक सामग्री के बारे में बताया है। मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन बेलपत्र नहीं तोड़े जाते हैं, दोष लगता है। महाशिवरात्रि पूजन विधि में सबसे आवश्यक सामग्री कुछ इस प्रकार है-

  • गंगाजल
  • गाय का दूध और दही, शहद (पंचामृत)
  • बेलपत्र, भांग, मदार, धतूरा
  • मदार का फूल या सफेद फूल
  • सफेद चंदन, केसर, इत्र
  • पान-सुपारी, जनेऊ
  • अक्षत, शक्कर, इलायची, लौंग
  • पांच मौसमी फल, बेर, पुष्प व पुष्प हार  
  • शमी का पत्ता
  • शिव जी के लिए वस्त्र (लाल कपडा, पीला कपड़ा)
  • नेवध के लिए पेड़ा, मालपुआ, ठंडाई, लस्सी, हलवा, मखाने की खीर आदि 
  • भस्म, रक्षा सूत्र, शिव चालीसा तथा शिव आरती की पुस्तक
  • महाशिवरात्रि व्रत कथा की पुस्तक, शिव जी की मूर्ति, तस्वीर या छोटा शिवलिंग
  • दक्षिणा हेतु कुछ रुपये व यथाशक्ति दान की सामग्री 
  • बैठने हेतु आसन 
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महाशिवरात्रि पूजन सामग्री

पूजा, अनुष्ठान व मांगलिक कार्य हेतु प्रयुक्त पूजा सामग्री आप हमारे ‘मंगल भवन’ से घर बैठे भी ऑर्डर कर सकते हैं। पूजा संबंधित अन्य जानकारी हेतु हमारे ज्योतिषाचार्यों से अभी संपर्क करें।

इस प्रकार महाशिवरात्रि के अवसर पर आप इन समस्त पूजन सामग्री का प्रयोग कर भगवान शिव का से ​विधि पूर्वक पूजन कर सकते हैं। इनमें से यदि कोई सामग्री उपलब्ध न हों, तो भी आप मात्र बेलपत्र से भी भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं तथा उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार, बेलपत्र कभी अशुद्ध नहीं होता है, शिवलिंग पर अर्पित बेलपत्र को आप दोबारा साफ जल में धोकर भी शिव जी को अर्पित किया जा सकता है।

कुछ सवाल तथा उनके जवाब – FAQ 



Q- महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को क्या अर्पित करना चाहिए?

An- महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर दूध चढ़ाते हैं।

Q- शिवलिंग पर क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?

An- भगवान शिव को तुलसी, हल्दी, सिंदूर व केतकी के पुष्प नहीं चढ़ाना चाहिए।

Q- क्या भगवान शिव को चढ़ा हुआ बेलपत्र दोबारा अर्पित किया जा सकता है?

An- हां भगवान शिव को चढ़ा हुआ बेलपत्र दोबारा अर्पित किया जा सकता है।

Q- पंचामृत में किन- किन चीजों का उपयोग होता है?

An- पंचामृत में कच्चा दूध,  दही, घी, जल, व शहद का उपयोग किया जाता है।

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