Venus in 4th house | जानें कुंडली के चौथे भाव में शुक्र ग्रह की क्या भूमिका होगी

शुक्र ग्रह

ज्योतिष में, कुंडली के चतुर्थ यानी चौथे भाव का शुक्र ग्रह जातक के लिए अधिकांश मामलों में अच्छे फल ही देता है। इसके शुभ प्रभाव के कारण जातक शारीरिक रूप से सुंदर होने के साथ-साथ परोपकारी स्वभाव के धनी व्यक्ति माने जाएँगे। ऐसे जातक व्यवहार कुशल, पराक्रमी और प्रसन्न रहने वाले व्यक्ति होते हैं। हालांकि इन जातकों में बाचालता की प्रवृत्ति थोड़ी अधिक हो सकती है। ऐसे जातक मन से उदार और हमेशा दूसरे के हित में सोचने वाले होते हैं। इसके साथ ही धार्मिक कार्यों में भी उनकी अच्छी रुचि होती है। ऐसे जातक सदैव आनंद चित्त रहते हैं।

‘मंगल भवन’ की अनुभवी तथा ज्योतिष शास्त्र की ज्ञाता ‘आचार्य वंदना जीके अनुसार, शुक्र ग्रह कुंडली में स्थित 12 भावों पर अपना प्रभाव अलग-अलग रूप से डालते है। इन परिणामों का मानव जीवन पर अत्यंत घर प्रभाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त शुक्र को एक शुभ ग्रह की संज्ञा दी गई है, अतः यदि शुक्र कुंडली में शुभ स्थान पर है तो यह जातकों को अच्छे परिणाम प्रदान करते हैं; वहीं  कमजोर होने पर यह अशुभ प्रभाव भी देता है। आइए अब विस्तार से जानते हैं कि शुक्र ग्रह,  कुंडली के चतुर्थ भाव को किस प्रकार प्रभावित करते है-

कुंडली में शुक्र ग्रह के सकारात्मक प्रभाव (Venus in 4th house)

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब किसी जातक की जन्म कुंडली के चौथे भाव में शुक्र ग्रह विराजमान हो तो ऐसे जातक के जीवन में वें सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते है। सकारात्मक शुक्र के प्रभाव से जातक को जीवन के सभी सुख, वैभव और विलासिता के साधन प्राप्त होने में सहायता मिलती है। शुक्र ग्रह जातक के घरेलू जीवन में अपने सकारात्मक परिणाम देते हैं, वे जातक को पारिवारिक जीवन और उनके उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए रचनात्मक दृष्टिकोण प्रदान कर सकते है। 

कुंडली के चौथे स्थान पर शुक्र ग्रह के उपस्थित होने से ऐसे जातक आश्चर्यजनक रूप से धन-संपत्ति और दीर्घ आयु प्राप्त कर सकते है। इस भाव में शुक्र की मौजूदगी, जातक को सुन्दर रूप रंग और प्रभावी व्यक्तित्व देने का कार्य कर सकती है। इसके साथ इन जातकों में दूसरों की सहायता करने का भाव होता है और उन्हें इस कार्य से प्रसन्नता प्राप्त होती है। ऐसे जातक कुछ अद्वितीय गुण और क्षमताओं के भी धनी होते है; जो उन्हे अन्य लोगों से भिन्न बनाती है। 

चौथे भाव में शुक्र ग्रह जातक को अधिक संवेदनशील और भावनात्मक रूप से जिम्मेदार व्यक्तित्व प्रदान करने का कार्य करता है और अपने इस अनोखे स्वभाव के कारण ही वें जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करते हैं। इस जातकों का भावनात्मक और संवेदनशील स्वभाव उनके लिए नैतिक समर्थन कि कढ़ी को जोड़ने का कार्य करता है। 

इसके साथ कई बार ये जातक, अन्य मौकों पर स्वयं को दूसरों से भिन्न समझते है। वे अपनी उपलब्धियों को लोगों के सामने प्रदर्शित नहीं करते और सदैव इसे गुप्त रखने का प्रयास करते है। चौथे भाव में शुक्र के प्रभाव से जातक को कम लेकिन, स्पष्ट और सारगर्भित बात की क्षमता मिलती है। शुक्र जातकों को अन्याय और दुराचार के खिलाफ बोलने और उससे लड़ने के लिए प्रेरित करते है। 

चौथे भाव में शुक्र ग्रह के नकारात्मक प्रभाव 

ज्योतिष की गणना में, जहां कुंडली के चतुर्थ भाव में शुक्र ग्रह से जातक को कई सकारात्मक फल मिलते हैं, वहीं कुछ प्रतिकूल परिस्थितियों के चलते,  वे नकारात्मक प्रभावों का भी संचार कर सकते है। कुंडली के इस भाव में प्रतिकूल परिस्थितियों में विराजित,  शुक्र ग्रह जातक के पारिवारिक जीवन को कुछ नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते है। इसके अलावा इन जातकों को अपनी निजी संपत्ति प्राप्त करने में भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 

ऐसे जातक अपने पारिवारिक गतिविधियों में उलझकर निजी संपत्ति प्राप्त करने से चूक सकते है। इसके साथ इन जातकों को विपरीत लिंगी व्यक्ति के सामने अपनी बात रखने में संकोच या परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि ज्योतिष में बताए गए कुछ उपाय व सावधानी के माध्यम से इन परेशानियों को दूर किया जा सकता है। ज्योतिष की सलाह में ऐसे जातकों को अपने परिचित लोगों से किसी भी संबंध में धोखे या  विश्वासघात मिलने की संभावना हो सकती है। 

ऐसे जातक को अपने परिचित और प्रिय लोगों से उचित संवाद न मिलने के कारण, अपने संबंधों पर  नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। और उनका ऐसा स्वभाव अंत में उनके जीवन में गंभीर संघर्ष की स्थिति को जन्म देने का कार्य कर सकता है। इसके साथ ही इन जातकों में अंहाकार का महत्व देने की गंभीर समस्या होती है। वे अपने अहंकार के कारण अपनी सामाजिक ख्याति और नैतिक मूल्यों को भी खो सकते है। 

यदि आप भी अपने जीवन में किसी गंभीर समस्या से जूझ रहें है तो आज ही ‘मंगल भवन’ से संपर्क करें। 

कुंडली के चौथे भाव में शुक्र ग्रह का वैवाहिक जीवन पर प्रभाव 

इसके अलावा, कुंडली के चौथे भाव में शुक्र ग्रह, जातक के वैवाहिक जीवन के लिए भी सकारात्मक परिणाम देते हैं। कुंडली के इस भाव में शुक्र वाले जातक अपना वैवाहिक जीवन सुख और शांति के साथ व्यतीत करते है। साथ ही उनके और उनके साथी के बीच सम्मान और प्रेम का एक मजबूत गठजोड़ देखा जा सकता है। ऐसे जातक अपने जीवन साथी के समर्थन और उनके त्याग की बखूबी सराहना भी करते है।

शुक्र ग्रह

चतुर्थ भाव में शुक्र ग्रह हेतु दान

ज्योतिष में शुक्र ग्रह के अच्छे फल के लिए कुछ वस्तुओं का दान बताया गया है जो कुछ इस प्रकार है-

  1. हीरा अभाव में ( सवा रुपये ), श्वेत वस्त्र, श्वेत अश्व ( अभाव में सवा रुपये ), सवत्स धेनु, चांदी, सुगंधित चावल, सुगंधित द्रव्य, भोज्य सहित दान करें 
  2. शुक्र मंत्र- ॐ ह्रीं शुक्राय का जाप करें। इन जापान की संख्या -21000 हो सकती है , 
  3. देवी भुवनेश्वरी, अधिदेवता इंद्र, प्रत्यधिदेवता शची, भार्गव गोत्र, विप्र, चतुर्भुज, भोजकट, पूर्व दिशा में श्वेतवर्ण चतुष्कोण आकृति, राममूर्ति, पद्मा परिस्थ, परशुराम अवतार, श्वेतवर्ण पुष्प, धूप गुग्गुल, बलि घृतमिश्रित अन्न, समिध गूलर आदि वस्तुओं का दक्षिणा सहित मंत्र द्वारा दान करें।

निष्कर्ष

ज्योतिष के आकड़ों में अंत में हम कह सकते हैं कि, कुंडली के चौथे भाव में शुक्र ग्रह जातक को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही तरह से प्रभावित करते है। इस भाव शुक्र के प्रभाव, जातक की स्थितियों, दृष्टिकोण और उनके कार्यों के अनुरूप बदल सकते है। हालांकि शुक्र ग्रह के कारण जातकों को जीवन की किसी भी स्थिति में आनंद का अनुभव ही प्राप्त होता है। फिर चाहे उसका संबंध जीवन के किसी भी पहलू से क्यों न हो। ऐसे जातकों को जीवन के लगभग सभी क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। जिनमें  जातकों को प्रेम संबंध, शारीरिक सुख, विलासिता, वाहन, घर, आदि क्षेत्रों में अन्य जातकों की अपेक्षा अधिक सुख प्राप्त होते है।

शुक ग्रह चौथे भाव से संबंधित कुछ सवाल तथा उनके जवाब – FAQ


Q- चौथे भाव में शुक्र हो तो क्या होता है?

An- शुक्र ग्रह का इस भाव में होने से प्रभावित जातक, बुद्धि और विद्या दोनों से धनी होता है और हमेशा आनंद में रहता है। इनका स्वभाव काफी परोपकारी होता है और वें माता-पिता की सेवा करता है। धार्मिक कार्यों में भी इन जातकों की रुचि रहती है और जीवनसाथी के साथ अच्छा समय व्यतीत करता है।

Q- कुंडली में चौथा भाव किसका होता है?

An- कुंडली में , चतुर्थ भाव जातक के परिवार का प्रतीक है। इस भाव में जातक के माता से संबंध और घरेलू जीवन के प्रति  दृष्टिकोण को प्रकट किया जाता है।

Q- चौथे भाव का स्वामी ग्रह कौन होता है?

An- कुंडली के चौथे भाव का स्वामी ग्रह चंद्र होता है और कारक भी चंद्र है।

Q- शुक्र कौन सी राशि में उच्च का होता है?

An- ज्योतिष में वृषभ और तुला राशि के स्वामी ग्रह शुक्र ग्रह होते हैं। कन्या शुक्र ग्रह की नीच राशि मानी जाती है जबकि मीन उच्च राशि कहलाती है।

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