Mercury in 5th house | यदि कुंडली के पंचम भाव में बुध हैं तो कैसे परिणाम देंगे, शुभ या अशुभ

पंचम भाव में बुध

Mercury in 5th house

पंचम भाव में बुध ग्रह: ज्योतिष की गणना में पंचम भाव, कुंडली में जातक के प्रेम, यानी लव लाइफ तथा लव रिलेशन को संदर्भित करता है। इस भाव को जातक के संतान व शिक्षा से संबंधित कारक भी माना जाता है। पंचम भाव में बुध होने कारण आपको आर्थिक तंगी से जूझना नहीं होगा। आप अपनी बुद्धि तथा विवेक के बल से धनार्जन करते रहेंगे। इसके अलावा आपकी रुचि जुए-सट्टे जैसे व्यसन कार्यों में भी हो सकती है। बुध का सकारात्मक प्रभाव आपको यशस्वी तथा समुदाय में प्रभावशाली व्यक्तित्व प्रदान करेगा।

बुध ग्रह पंचम भाव में (Mercury in 5th house) 

‘मंगल भवन’ के ज्योतिष आचार्य श्री भरत जी ने यहां हमें बताया है कि, बुध के पंचम भाव में होने से यह आपको शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के परिणाम देगा। यहाँ हम आपको उससे संबंधित कुछ सकारात्मक व नकारात्मक प्रभावों के बारे में बताने जा रहें हैं। यदि आपकी जन्म कुंडली में बुध ग्रह पंचम भाव में उपस्थित होंगे तो आपके जीवन में भी जो कुछ इस प्रकार के परिवर्तन देखने को मिलेंगे-

बुध ग्रह पंचम भाव में

  • शुभ प्रभाव 
  1. जन्म कुंडली के पंचम भाव में बुध ग्रह के स्थित होने से जातक का स्वरूप सुंदर होता है। ऐसे जातक अपने स्वभाव से बहुत संस्कारी व नैतिक होते हैं। 
  2. इसके अलावा आप प्रसन्नचित्त, कुशाग्र बुद्धि व अत्यंत बुद्धिमान व्यक्ति भी हैं। आप तर्कसंगत तथा वाद विवाद में कुशल व बेहद मधुरभाषी व्यक्ति साबित होते हैं। आपके अपने सुंदर व पवित्र व्यवहार के कारण दूसरों को अपनी ओर आसानी से आकर्षित कर लेंगे। 
  3. बुध के आपके पंचम भाव में होने से आप सदाचारी, धैर्यशील, चरित्रवान व संतोषी होंगे। आप में उद्यमी और अपने काम को दक्षतापूर्वक करने का गुण होता है। 
  4. आपको अपनी माता तथा विपरीत लिंग से सुख प्राप्त मिलेगा। आप राज दरबार में भी सम्मिलित हो सकते हैं।
  5. चूँकि पंचम भाव संतान पक्ष से संबंधित होता है ;अतः आपको संतान सुख, विशेषकर पुत्र सुख भी मिलेगा। आप विभिन्न प्रकार के मंत्रों के जानकार होंगे। 
  6. इस भाव में बुध आपको किसी प्रकार की आर्थिक तंगी का सामना नहीं करने देंगे। आप अपनी बुद्धि के बल पर धन संचय का मार्ग खोल लेंगे। आप प्रभावशाली और लोक समुदाय में प्रतिष्ठा प्राप्त करेंगे। 
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  • अशुभ प्रभाव 
  1. इस भाव में बुध के अशुभ प्रभाव के कारण आपको किसी स्थिति में कभी-कभी दंभी भी बना सकता है। जिससे आपको बचाव की सलाह दी जाती है। 
  2. इसके अलावा कभी-कभी आपके मन में लोभ की भावना भी पनप सकती है। जिससे आपको बचाव करना जरूरी होगा। 
  3. यद्यपि आपको संतान सुख अवश्य प्राप्त होगा ;परन्तु कुछ समस्याएं भी आ सकती हैं। कन्याओं की संख्या अधिक भी हो सकती है।
  4. पंचम भाव में बुध वाले जातक को केवल एक चीज से सावधान रहने की जरूरत है, वह है अपनी चीजों को बहुत दूर ले जाना। ये जातक अहंकारी स्वभाव के होते हैं। और यदि वे अपने दर्शकों की प्रतिक्रिया पर ध्यान नहीं दे रहे हैं तो वे अपनी सीमा को पार कर सकते हैं। 
  5. इसके अलावा, उनके पास कलात्मक ढंग से बात करने के कौशल में समस्या का सामना करना पड़ता है। नहीं तो उन्हें एक उत्कृष्ट झूठा मान लिया जाता है। 
  6. ये जातक अपनी बात को प्रतिक्रिया हेतु बेहद लचीले ढंग से प्रस्तुत करते हैं। हालांकि वे प्रभाव तथा प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए ऐसा करते हैं। लेकिन यह वास्तविकता को बदल सकता है।
  • पंचम भाव में बुध ग्रह का वैवाहिक जीवन, स्वास्थ्य व करियर पर प्रभाव 

ज्योतिष के अनुसार आपका वैवाहिक जीवन अच्छा होगा। आपको संतान सुख भी प्राप्त होगा।

इसके अलावा आपकी रुचि साहित्य के क्षेत्र में होगी और आप एक अच्छे लेखक, कवि, नाटक रचयिता ,उपन्यासकार या शिक्षक हो सकते हैं। प्रेम के इस भाव में बुध ग्रह आपके जीवन पर बुरा प्रभाव नहीं करेंगे। आपका स्वास्थ्य आमतौर पर अच्छा रहेगा।  

पंचम भाव में बुध
पंचम भाव में बुध ग्रह

निष्कर्ष

बुध ग्रह को बुद्धि का कारक ग्रह माना जाता है। कुंडली का पंचम भाव रोमांटिक रिश्तों, सुखद भावनाओं तथा संतान पक्ष से संबंधित होता है। अतः उनके साथ होने से जातक बेहद जानकार व्यक्ति बनते हैं।

जो बहुत अच्छे शिक्षक साबित होते हैं। हालांकि इन जातकों को अपनी चीजों को ज्यादा दूर नहीं करना चाहिए। उन्हें उन चीजों से अनावश्यक रूप से आसक्त होने से बचाव करना जरूरी होगा। जो उनके अहंकार को बढ़ा सकती हैं तथा उनके जीवन में कष्ट को भर सकती हैं।

ज्योतिष के अनुसार, बुध ग्रह, हमारी जन्म कुंडली में स्थित सभी 12 भावों पर अलग-अलग प्रकार से प्रभाव डालता है। ये प्रभाव हमारे जीवन को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं। इसके अतिरिक्त बुध को एक तटस्थ ग्रह के रूप में भी संदर्भित किया गया है। परंतु अन्य ग्रहों से शुभ व अशुभ युति के कारण उसके फलों में भी परिवर्तन की संभावना देखने को मिलती है। आइए आगे के लेख में विस्तार से जानते हैं, बुध ग्रह का अन्य सभी भावों पर किस तरह का प्रभाव पड़ता है –

अपने जीवन से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या, कुंडली में उपस्थित ग्रहों तथा 12 भावों से सम्बंधित जानकारी, पूजा, हवन, व अन्य ग्रह शांति के समाधान हेतु ‘मंगल भवन’ के अनुभवी आचार्यों से आज ही संपर्क करें। 

Must Read: कुंडली के अन्य भाव में बुध ग्रह के प्रभाव

प्रथम भाव में बुध ग्रहद्वितीय भाव में बुध ग्रह
तृतीय भाव में बुध ग्रहचतुर्थ भाव में बुध ग्रह
बुध ग्रह षष्टम भाव में
बुध ग्रह सप्तम भाव मेंअष्टम भाव में बुध ग्रह
नवम भाव में बुध ग्रहदशम भाव में बुध ग्रह
एकादश भाव में बुध ग्रहबुध ग्रह द्वादश भाव में

कुछ सवाल तथा उनके जवाब – FAQ 


Q- पंचम भाव में बुध क्या फल देता है?

 An- पंचम भाव में बुध ग्रह की स्थिति से जातक बहुत रचनात्मक बनते हैं । वे अच्छे शिक्षक होते हैं क्योंकि वे इस बारे में बहुत उत्सुक हैं कि छात्रों को अपने समृद्ध जीवन हेतु उचित रूप में ढाला जा सकता है।

Q- कुंडली में पंचम भाव के स्वामी कौन हैं?

An- कुंडली में पंचम भाव के स्वामी ग्रह सूर्य देव हैं।

Q- क्या, कुंडली के पंचम भाव में बुध ग्रह अच्छे होते शुभ होते हैं?

An- कुंडली के पंचम भाव में बुध ग्रह शुभ होते हैं; यदि कोई क्रूर ग्रह अशुभ स्थिति में न हो तो।

Q- कुंडली में पंचम भाव किसका स्थान होता है?

An- कुंडली में पंचम भाव जातक के प्रेम, यानी लव लाइफ तथा लव रिलेशन को संदर्भित करता है। इस भाव को जातक के संतान व शिक्षा से संबंधित कारक भी माना जाता है।

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