मंगल ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में पराक्रम और साहस का प्रतीक माना गया है। कुछ लोग इस ग्रह को बेहद हानिकारक तथा पापी ग्रह के रूप में भी मानते हैं। ज्योतिषियों के कथन अनुसार यदि जातक की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह शुभ अवस्था में न हो तो जातक को अपने जीवन में अनेक प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके विपरीत मंगल का शुभ होना जातक के जीवन में शौर्य, साहस एवं बल में वृद्धि करता है। कुंडली में स्थित मंगल अगर जातक को अशुभ फल दे रहा है तो जातक को ज्योतिष द्वारा बताए गए मंगल से संबंधित उपाय अवश्य करना चाहिए। जिसमे मंगल देव की शांति के लिए मंगल यंत्र की स्थापना, मंगलवार को मंगल से संबंधित वस्तु का दान, अनंतमूल की जड़ इत्यादि। इसके अलावा भी वैदिक ज्योतिष में ऐसे अनेक समाधान हैं जिनको करने से मंगल ग्रह को शांत कर, इनके शुभ फल की प्राप्ति की जा सकती है।
मंगल ग्रह को प्रसन्न करने हेतु ‘मंगल भवन’ के विद्वान एवं प्रशिक्षित ज्योतिषों द्वारा कई, शांति मंत्र, यंत्र एवं अन्य महत्वपूर्ण पूजा व उपाय सुझाए गए हैं इनमें मंगल देव के लिए व्रत, हनुमान जी की आराधना एवं सुन्दरकाण्ड का पाठ जैसे विशेष हैं।
मंगल ग्रह से संबंधित कुछ विशेष उपाय:
पोषक एवं जीवन शैली से जुड़े मंगल ग्रह शांति के उपाय
- मंगल ग्रह लाल रंग का सूचक बताया है अतः जातक लाल एवं कॉपर शेड कलर के वस्त्र का उपयोग पहनावे में कर सकते हैं ।
- जहां आप ने जन्म(जन्मभूमि) लिया है और जो आपकी रक्षा करते है(सेना) उनका सदैव सम्मान करें।
- अपने पारिवारिक (भाई-बंधु, साले, मित्र) रिश्तों हेतु मधुरता बनाए रखें।
- मंगलवार वाले दिन धन की उधारी न करें।
- मंगलवार वाले दिन गुड़ व चने बंदर या लाल गौ को खिलाने से मंगल देव प्रसन्न होते हैं।
- स्वयं को क्रोध और अहंकार से दूर रखें।
प्रातः काल किए जाने वाले मंगल शांति के उपाय
- सुबह जल्दी उठकर पवित्र हो बजरंगबली के मंदिर जाकर, उनकी पूजा करे व उन्हें पान का बीड़ा अर्पित करें।
- विष्णु जी के अवतार भगवान नरसिंह देव की विधिवत पूजा करें।
- अपने नजदीकी मंदिर जहां भगवान कार्तिकेय विराजित हो उनकी पूजा तथा उपासना करें।
- बजरंग बलि को बूंदी का प्रसाद चढ़ा कर उनके समक्ष सुंदरकांड का पाठ करें।
मंगल देव के लिये पूजा एवं व्रत
मंगल दोष दूर करने एवं मंगल देव की कृपा प्राप्त करने हेतु मंगलवार वाले दिन स्वच्छ व शुद्ध होकर मंगल या किसी भी हनुमान जी के मंदिर में दर्शन करें। मंगल देव के लिए मंगलवार का व्रत करें।
मंगल शांति हेतु दिए जाने वाले दान
मंगल ग्रह लाल रंग का प्रतिनिधित्व करता है, जो कि क्रोध का सूचक है। ऐसे में मंगल देव की शांति हेतु जातक मंगल से संबंधित वस्तुएं जैसे- लाल वस्त्र, गुड़, मूंगा रत्न, लाल पुष्प, केसर, तांबा, लाल चंदन, मसूर की दाल इत्यादि दान कर सकता है। इन वस्तुओं का दान मंगल ग्रह मंगलवार वाले दिन मंगल देव के विशेष होरा एवं मंगल ग्रह के शुभ नक्षत्रों (मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा) में किया जाना शुभ प्रभावकारी होता है।

मंगल ग्रह हेतु रत्न
ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए मूंगा रत्न धारण करना श्रेष्ठ लाभदायक माना गया है। इस मूंगा रत्न को धारण करने से मंगल देव के सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। यह रत्न को मेष व वृश्चिक राशि के जातकों हेतु विशेष लाभप्रद होता है।
मंगल यंत्र
जातक की कुंडली में यदि मांगलिक दोष हो तो उसके जीवन में विवाह एवं संतान प्राप्ति में समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इन सभी समस्याओं से निजात पाने हेतु आप मंगल देव के श्री यंत्र को विधि-विधान से पूजा व अभिमंत्रित कर, मंगलवार के दिन मंगल देव के शुभ मंगल नक्षत्र के समय स्थापित कर सकते हैं।
मंगल हेतु जड़ी
अनंतमूल की जड़ को ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगलवार वाले दिन मंगल देव को स्मरण कर, मंगल के विशेष शुभ होरा में धारण कर सकते हैं। इस जड़ी के प्रभाव से मंगल देव के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है।
मंगल हेतु रुद्राक्ष
मंगल देव से शुभ फल की प्राप्ति के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करना श्रेष्ठ लाभकारी होता है।
छः मुखी रुद्राक्ष धारण करने हेतु मंत्र:
- “ॐ ह्रीं हूं नमः।”
- “ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं सौं।।”
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने हेतु मंत्र:
- “ॐ ह्रीं हूं नमः”
- “ह्स्फ्रें ख्फ्रें ह्स्रौं ह्स्ख्फ्रें ह्सौं।”
मंगल मंत्र
- “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”
- “ॐ भौं भौमाय नमः”
- “ॐ अं अंगारकाय नमः”
मंगल देव की कृपा प्राप्त करने हेतु जातक मंगल देव के संबंधित मंत्रों का जाप कर सकते हैं इन मंत्रों को आप 1000 बार उच्चारण भी कर सकते हैं। कलयुग में इस मंत्र को 40000 बार जपने का विशेष प्रावधान बताया गया है।
कुछ सवाल व उनके जवाब – FAQ
Q- मंगल दोष के लक्षण क्या होते हैं?
An- अधिक गुस्सा आना, संतान प्राप्ति में समस्या या देरी होना, बड़े भाई से संबंध में मनमुटाव इत्यादि सभी मंगल दोष के लक्षण हैं।
Q- मंगल अशुभ कब होता है?
An- कुंडली में जब सूर्य के साथ केतु पंचम, नवम भाव में, राहु षष्टम व द्वादश भाव में तथा शनि दशम भाव में हो तब मंगल के अशुभ प्रभाव होते हैं ।
Q- मंगल ग्रह से संबंधित धातु कौन सी है?
An- तांबा, मंगल ग्रह से संबंधित धातु है; इसका प्रयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है।
Q- मंगल हेतु किसकी पूजा की जाती है?
An- मंगल हेतु हनुमान जी की पूजा करना शुभ होता है।