केतु गोचर 2025- ज्योतिष शास्त्र की गणना ही इसलिए की जाती है कि, हमें सही समय पर ग्रहों के गोचर और उनका राशि परिवर्तन से होने वाले प्रभाव के बारे जानकारी मिल सके! तो आइए आज के इस ‘मंगल भवन’ के लेख में हम केतु गोचर यानी केतु ग्रह के राशि परिवर्तन के बारे में विस्तार से जानेंगे! साथ ही गोचर का प्रभाव राशि चक्र की बारह राशियों पर किस प्रकार होगा यह भी जानेंगे-
ज्योतिष में, ग्रह और नक्षत्र समय-समय पर अपनी राशि परिवर्तन करते रहते हैं! जिसका प्रभाव मानव जीवन पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से होता है! हमारे धार्मिक ग्रंथों में, राहु और केतु को एक मायावी और पापी ग्रह की संज्ञा दी गई है! इसके अलावा, केतु को छाया ग्रह के रूप में देखा जाता है! वास्तव में सभी को लगता है राहु और केतु जातकों को केवल नकारात्मक प्रभाव ही देते हैं! लेकिन ऐसा है नहीं! आगे लेख में हम आपको बताएँगे कि, केतु का राशि परिवर्तन होने से कौन-कौन सी राशियां प्रभावित होंगी! सबसे पहले हम यह जानेंगें की केतु के प्रभाव कैसे है!
ज्योतिष में- केतु ग्रह
केतु राहु के समान एक अशुभ ग्रह माना गया है, जिसे छाया ग्रह भी कहा जाता है! ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इसका कोई वास्तविक अस्तित्व नहीं है और न ही कोई विशेष राशि है! यह जिस राशि में होता है, उसी के अनुसार इसका प्रभाव भी होता है! यानि हम यह कह सकते हैं कि, राशि के अनुसार, इसके प्रभाव से कुछ विषयों में सकारात्मक तो कहीं नकारात्मक होते हैं! केतु को स्त्री प्रधान ग्रह कहा गया है, यानी केतु से प्रभावित जातकों में, स्त्री के समान गुण होते हैं, और वें स्त्रियों के साथ मित्रता अधिक रखते हैं!
राशियों की बात करें तो, केतु वृश्चिक और धनु राशि में उच्च स्थान के होते हैं! साथ ही वे, अश्विनी, मघा और मूल नक्षत्रों के स्वामी भी हैं! प्रभाव की दृष्टि से केतु रचनात्मक कार्यों में लाभ देने वाले होते हैं! ऐसे जातक रचनात्मक कार्यों में सफलता प्राप्त करते हैं! केतु के शुभ प्रभाव से जल संबंधी व्यापार में लाभ मिलता है! ऐसे जातकों को यात्रा करना अधिक पसंद होता है! साथ ही ये जातक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत मजबूत होते हैं! जिससे वे अनुसंधान के क्षेत्र में, अधिक अच्छा प्रदर्शन करते हैं! इसके अलावा, केतु के प्रभाव से जातक राजनीतिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं!
जन्म कुंडली और केतु का प्रभाव
जन्म कुंडली में केतु के प्रभाव को समझे तो, यदि कुंडली में केतु अशुभ प्रभाव देने वाला है तो, ऐसा जातक जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करता है! कार्यक्षेत्र में हानि होती है, अधिकारियों के साथ विवाद और मन की स्थिति में भी अचानक परिवर्तन होते रहते हैं! यानी ऐसे जातक हमेशा भ्रमित रहते हैं! इन जातकों को, मानसिक चिंता अधिक रहती है, और जीवन के कार्य होने में भी बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है!
केतु गोचर 2025- सिंह राशि में गोचर
इस यानी 2025 में, केतु ग्रह दिनांक 18 मई 2025 को बुध की राशि कन्या से निकलकर सिंह राशि में गोचर करने जा रहे हैं! इस राशि में केतु 18 महीने की अवधि तक संचरण करेंगे! सिंह राशि के स्वामी सूर्य है और केतु छाया ग्रह है! इसलिए सूर्य और केतु एक दूसरे को शत्रु मानते है! अतः गोचर का प्रभाव भी जातकों पर नकारात्मक रहेगा! यानी इस गोचर से जातक को अपने जीवन में, मानसिक तनाव, विवाद, कार्य में बाधा, नौकरी में परेशानी, स्वास्थ्य संबंधी परेशानी और भी बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है! आगे लेख में हम केतु गोचर 2025 का सही समय और राशियों पर प्रभाव जानेंगे!
केतु गोचर 2025- सही समय और तिथि क्या है?
- दिनांक- 18 मई 2025 (रविवार)
- समय- शाम 04 बजकर 30 मिनट
कन्या राशि से निकलकर सिंह राशि में गोचर होगा!
केतु गोचर का बारह राशियों पर प्रभाव
मेष राशि पर प्रभाव
केतु का गोचर मेष राशि के पांचवे भाव में होगा! जिसके प्रभाव से जातक को, मन में असंतोष की भावना आएगी! साथ ही, संतान सम्बन्धी परेशानियों जैसे- सफलता ना मिलना या स्वास्थ्य खराब होगा! लेकिन भाई पक्ष से सुख प्राप्त होगा! कार्यक्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेंगे! विदेश यात्रा होने के योग बनेंगे! लेकिन, बाहरी बाधाओं का भय रहेगा! स्वास्थ्य खराब हो सकता है!
वृष राशि पर प्रभाव
वृषभ राशि के लिए केतु का गोचर उनके चौथे भाव में होगा! जिसके प्रभाव से, उन्हें धन-संपत्ति का लाभ होगा, वाणी में मधुरता रहेगी! लेकिन, आलस्य में वृद्धि होगी! मन चंचल और मां के स्वास्थ्य में समस्या होगी! साथ ही, परिवार में संपत्ति को लेकर विवाद की स्थिति होगी! जिससे आपका कार्य प्रभावित होगा!
मिथुन राशि पर प्रभाव
मिथुन राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर उनके तीसरे भाव में होगा! जिसके प्रभाव से उन्हें धन-संपदा में वृद्धि, शत्रुओं पर जीत, यश-कीर्ति में वृद्धि और विदेश यात्रा का लाभ मिलेगा! हालांकि उन्हें कुछ शारीरिक या बाहरी बाधाओं से परेशानी हो सकती है!
कर्क राशि पर प्रभाव
कर्क राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर उनके दूसरे भाव में होगा! जिसके प्रभाव से, समाज या कुटुंब से मिलने वाले मान-सम्मान या सुख में कमी होगी! लेकिन धन लाभ के अच्छे योग बनेंगे! करियर में सफलता मिलेगी और नौकरी करने वाले जातकों को बड़े अधिकारियों से मान-सम्मान मिलेगा! स्वास्थ्य में कोई समस्या नहीं होगी!
सिंह राशि पर प्रभाव
सिंह राशि के लिए केतु का गोचर उनके पहले यानी भाग्य भाव में होगा! इसलिए यह उनके लिए बहुत ही शुभ प्रभाव लेकर आएगा! लेकिन मेहनत अधिक करनी पड़ सकती है! मन चंचलता से भरा रहेगा! व्यापार में नए अवसर मिलेंगे लेकिन कार्य क्षेत्र में समस्या होगी! पारिवारिक जीवन अच्छा होगा!
कन्या राशि पर प्रभाव
कन्या राशि के लिए राहु का गोचर उनके बारहवें भाव में होगा! जिससे उनके धार्मिक कार्यों में वृद्धि होगी! खर्च बढ़ेंगे! शत्रुओं पर जीत हासिल होगी! स्वभाव में परिवर्तन होगा! जो जातक विदेश जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, उनके लिए अवसर का समय है! स्वास्थ्य की दृष्टि से, पेट से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं!
तुला राशि पर प्रभाव
तुला राशि के लिए केतु का गोचर उनके ग्यारहवें भाव में होगा! जिसके प्रभाव से उनके व्यवहार में परिवर्तन आएगा, खर्च बढ़ेंगे, समाज में प्रतिष्ठा और मान-सम्मान बढ़ेगा! अनुचित साधनों से धन मिलेगा और व्यापार में लाभ होगा! प्रेम संबंधों में कमी होगी!
वृश्चिक राशि पर प्रभाव
वृश्चिक राशि के लिए केतु का गोचर उनके दसवें भाव में होगा! जिसके प्रभाव से समाज में रुतबा बढ़ेगा, शत्रुओं पर जीत हासिल होगी! आय के नए रास्ते खुलेंगे और व्यापार में भी अच्छी सफलता मिलेगी! पिता के साथ संबंधों में तनाव हो सकता है! नौकरी में समस्या का सामना करना पडेगा!

धनु राशि पर प्रभाव
धनु राशि के लिए केतु का गोचर उनके नौवें भाव में होगा! जिसके प्रभाव में उन्हें कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी! धार्मिक कार्यों में रूचि बढ़ेगी! विदेश यात्रा करने के इच्छुक जातको को अवसर मिलेंगे! भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा और सरकारी कार्यों से लाभ मिलेगा!
मकर राशि पर प्रभाव
मकर राशि के लिए केतु का गोचर उनके आठवें भाव में होगा! जिससे उनके पराक्रम में वृद्धि होगी! धन लाभ नहीं होगा! कार्यस्थल पर सहकर्मियों का सहयोग नहीं होगा! गुप्त रोगों से आपको परेशानी हो सकती है!
कुम्भ राशि पर प्रभाव
कुम्भ राशि में केतु का गोचर उनके सातवें भाव में होगा! जिससे उनके संबंध प्रभावित होंगे! दांपत्य जीवन में तनाव की स्थिति होगी! व्यापार में लाभ के अच्छे योग हैं! मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव रहेगा! गलत संगत से समस्याएं आएंगी! आर्थिक रूप से समस्या होंगी!
मीन राशि पर प्रभाव
मीन राशि में केतु का गोचर उनके छठे भाव में होगा! जिससे उनके पराक्रम में वृद्धि होगी, लेकिन विवाद भी अधिक होंगे! साथ ही, क़ानूनी कोर्ट-कचहरी सम्बन्धी परेशनियाँ होंगी! जिससे धन की हानि होगी! प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता के योग बनेंगे!
करें ये आसान उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वैसे तो, केतु के गोचर से सभी राशियां प्रभावित होंगी, लेकिन केतु से होने वाले नकारात्मक प्रभाव के लिए आप ये आसान उपाय कर सकते हैं जिससे केतु से होने वाली समस्याएं आपको प्रभावित नहीं करेंगी-
- केतु की शांति के लिए, आप भगवान गणेश की विधिवत पूजा व आराधना करें! संभव हो तो, गणेश द्वादश नाम स्तोत्र का पाठ भी आपके लिए लाभदायक होगा!
- सफेद या काले कुत्ते को भोजन कराने से केतु से प्राप्त नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं!
- प्रत्येक शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाने से केतु के बुरे प्रभाव दूर हो जाते हैं!
- केतु को मजबूत करने के लिए आपको मुख्य रूप से भूरे और स्लेटी रंग के वस्त्रों का उपयोग नहीं करना चाहिए! ये रंग जीवन में समस्याएं ला सकते हैं।
- केतु से अच्छे प्रभाव के लिए आप जरूरतमंदों को यथाशक्ति काली वस्तुएं, जैसे- काले कंबल, काले तिल, फल (केले), काली दाल आदि का दान कर सकते हैं!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न–FAQ
Q- साल 2025 में केतु का गोचर कब और कौन सी राशि में होगा?
An- साल 2025 में, केतु का गोचर दिनांक- 18 मई 2025 (रविवार) को समय- शाम 04 बजकर 30 मिनट पर होगा!
यह गोचर कन्या राशि से निकलकर सिंह राशि में होगा!
Q- क्या, केतु का गोचर सभी राशियों के लिए नकारात्मक होगा?
An- नहीं, धनु, सिंह, वृषभ राशि इ लिए केतु का गोचर अच्छे प्रभाव लेकर आएगा!
Q- कौन सी राशि में केतु धन लाभ देते हैं?
An- मिथुन राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर उनके तीसरे भाव में होगा! जिसके प्रभाव से उन्हें धन-संपदा में वृद्धि, शत्रुओं पर जीत, यश-कीर्ति में वृद्धि और विदेश यात्रा का लाभ मिलेगा!
Q- केतु के बुरे प्रभाव को कैसे दूर किया जा सकता है?
An- केतु की शांति के लिए, आप भगवान गणेश की विधिवत पूजा व आराधना करें! संभव हो तो, गणेश द्वादश नाम स्तोत्र का पाठ भी आपके लिए लाभदायक होगा! सफेद या काले कुत्ते को भोजन कराने से केतु से प्राप्त नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं!