बसंत पंचमी 2025 | जानें शुभ मुहूर्त के साथ पूजा की सही विधि और महत्व

हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार, साल 2025 में 14 जनवरी से माघ महीना शुरू हो गया है! जो कि, 12 फरवरी 2025 रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह माह गणेश पूजन, स्नान-दान और पूजा पाठ के लिए बहुत श्रेष्ठ माना जाता है! इसके साथ ही “बसंत पंचमी” कहीं 2 फरवरी तो किसी स्थान पर 3 फरवरी की मनाई जाएगी। तो, आइये हम, ‘मंगल भवन’  आपको इस लेख में, बताएँगे इस वर्ष बसंत पंचमी कब और कैसे मनाएंगे , शुभ मुहूर्त के साथ मां सरस्वती की पूजा विधि  और बसंत पंचमी का पौराणिक महत्व को भी जानेंगे! तो आइए लेख पढ़ते हैं- 

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, सरस्वती पूजन से बसंत ऋतु का आगमन हो जाता है! इसलिए इसे बसंत पंचमी कहते है! ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस साल 2 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी का पवित्र पर्व मनाया जाएगा! और इसी दिन से शिव और सिद्ध योग का भी निर्माण हो रहा है! जिसे पूजा-पाठ और दान के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है! लेकिन शास्त्रों में कुछ ऐसे कार्यों के बारे में बताया है कि, जिन्हें करने से विद्या की देवी ,मां सरस्वती की का आशीर्वाद प्राप्त होता है! सबसे पहले हम बसंत पंचमी के शुभ मुहूर्त के साथ-साथ पूजा विधि बारे में जानेंगे! 

इस साल यानी 2025 में, बसंत पंचमी का पर्व 2 फरवरी को मनाया जाएगा! यह दिन माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आता है! यह तिथि 2 फरवरी को सुबह 9:14 बजे शुरू होगी और 3 फरवरी को सुबह 6:52 बजे समाप्त होगी! चूंकि पर्व और त्योहार सूर्योदय के आधार पर मनाए जाते हैं! इसलिए बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी! 

बसंत पंचमी के शुभ दिन पर विद्या और ज्ञान की देवी माता सरस्वती का पूजन किया जाता है! साल 2025 में, माता सरस्वती देवी की पूजा के लिए सबसे शुभ समय 2 फरवरी को सुबह 7:09 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक रहेगा! ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस शुभ समय पूजा करने से मां सरस्वती की कृपा से ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि की प्राप्त होती है! 

इसके साथ ही, माघ माह विद्यार्थियों के लिए भी बहुत शुभ समय होता है! मान्यता है कि बसंत पंचमी के ही शुभ दिन देवी सरस्वती हाथों में पुस्तक, वीणा और माला लेकर श्वेत कमल पर विराजमान हो कर प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन सरस्वती मां की पूजा का विधान है। विद्या ग्रहण करने वाले जातकों द्वारा इस दिन सच्चे भाव से माता सरस्वती की उपासना करने से उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे परिणामों की प्राप्ति होती हैं।

साल 2025 में करियर के लिए परेशान हो रहें हैं? या सवाल हैं अपने विवाह के लिए? तो आज ही आप हमारे ‘मंगल भवन’ के ज्योतिष आचार्यों से बात कर अपनी परेशानी का निवारण कर सकते हैं-

धार्मिक मान्यताओं में तो, बसंत पंचमी का पर्व बहुत ही शुभ होता है लेकिन साथ ही, हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में भी इस पवित्र पर्व को बहुत ही शुभ मन गया है। इस दिन ज्ञान की देवी माता सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। इसलिए बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। साल 2025 में इसी दिन से ही महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान (शाही स्नान) भी किया जाएगा। अतः इस वर्ष बसंत पंचमी का दिन और भी अधिक पवित्र और शुभ फलदायक माना जा रहा है। महाकुंभ का पर्व 144 साल में एक बार आता है, इसलिए ऐसा शुभ संयोग अब अगले 144 साल बाद ही बनेगा। इसके अलावा, इस वर्ष बसंत पंचमी के दिन कुछ अन्य शुभ संयोग भी बन रहे हैं। तो चलिए आगे इस लेख में हम वे शुभ संयोगो के बारें पढ़ते हैं। 

हमारे ‘मंगल भवन’ के वरिष्ठ आचार्य ‘श्री भास्कर जी’ ने बताया कि, इस वर्ष बसंत पंचमी के दिन सुबह से  उत्तराभाद्रपद नक्षत्र रहेगा और उसके बाद रेवती नक्षत्र लग जाएगा। इन नक्षत्रों को बहुत ही शुभ नक्षत्र मन गया है! साथ ही, नक्षत्र के साथ ‘सर्वार्थ सिद्धि’ नामक शुभ योग बनेगा जिसका शुभ समय सुबह लगभग 7 बजकर 9 मिनट से शुरू होकर देर रात तक रहेगा। इसके साथ ही सुबह 9 बजकर 14 मिनट तक ‘शिव योग’ भी रहेगा। जिसके बाद स्वार्थ सिद्ध योग लग जाएगा। मान्यता है कि, इन शुभ योगों में शुभ कार्य करने से लाभ की प्राप्ति होती है। 

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने माता सरस्वती के प्रति अपनी भक्ति और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए उन्हें यह वरदान दिया था कि बसंत पंचमी के दिन को बहुत ही शुभ मन जाएगा और इसी शुभ दिन पर माता सरस्वती देवी की विधिवत पूजा की जाएगी! तभी से यह परंपरा चलती आ रही है कि, हर साल बसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता की पूजा होती है! सभी विद्यालयों, शिक्षण संस्थान, ऑफिस और अन्य कार्यस्थलों में,  इस दिन का विशेष महत्व होता है! यह पर्व पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है! सभी स्थानों पर सरस्वती माता के पंडाल सजाए जाते हैं और उनका विधिवत पूजन कर आभार व्यक्त किया जाता है! 

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शास्त्रों में, देवी-देवताओं के पूजन का विशेष महत्व होता है! और यदि यह पूजन विधिवत किया जाए तो, उसका दोगुना फल मिलता है! आये जाने, बसंत पंचमी के दिन, माता सरस्वती के पूजन को किस प्रकार शाश्वत किया जाए- 

अब देवी को मिठाई का भोग लगाएं और उनके सम्मुख घी का दीपक जलाएं! इसके बाद देवी सरस्वती के मंत्रों का जाप करें! मंत्र जाप के बाद अंत में देवी की आरती करें! आरती के बाद प्रसाद को अपने परिवार और भक्तों में बांटे!  बसंत पंचमी की यह पूजा विधि बहुत ही, आसान है लेकिन इसे पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करने से पूजा का फल निश्चित रूप से मिलता है! 

सबसे पहले बसंत पंचमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर घर को पवित्र करें!

उसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें क्योंकि बसंत पंचमी के दिन पीला रंग विशेष रूप से उपयोग किया जाता है और यह बसंत के आगमन का भी प्रतीक है! 

इसके बाद पूजा के लिए एक चौकी तैयार करें और उस पर एक पीला साफ वस्त्र बिछाएं! इस पर देवी सरस्वती माता की मूर्ति या चित्र विराजित करें, अब माता सरस्वती को पीले वस्त्र,पीले फूल, रोली, केसर पूजा की सामग्री अर्पित करें! 

साथ ही, माता को केसर, हल्दी, चंदन और अक्षत का तिलक कर पुष्प चढ़ाएं! यह सभी सामग्री पूजा में बहुत शुभ मानी जाती है और देवी को समर्पित की जाती है! 

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जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता.
सद्गुण, वैभवशाली, त्रिभुवन विख्याता ..जय….

चन्द्रबदनी, पद्मासिनि द्युति मंगलकारी.
सोहे हंस-सवारी, अतुल तेजधारी.. जय…

बायें कर में वीणा, दूजे कर माला.
शीश मुकुट-मणि सोहे, गले मोतियन माला ..जय….

देव शरण में आए, उनका उद्धार किया.
पैठि मंथरा दासी, असुर-संहार किया..जय….

वेद-ज्ञान-प्रदायिनी, बुद्धि-प्रकाश करो..
मोह अज्ञान तिमिर का सत्वर नाश करो..जय….

धूप-दीप-फल-मेवा-पूजा स्वीकार करो.
ज्ञानचक्षु दे माता, सब गुण-ज्ञान भरो..जय….

माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे.
हितकारी, सुखकारी ज्ञान-भक्ती पावें..जय….

धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों में, किसी भी विशेष पर्व शुभ दिन कुछ शुभ कार्य किए जाते हैं! आये जाने ‘बसंत पंचमी ‘के दिन किए जाने वाले शुभ कार्य…  

  1. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की विधि विधान से पूजा करना बहुत ही शुभ फलदायक होता है! पूजा के दौरान सभी को पीला टीका लगाना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है!  
  2. कहा जाता है कि, मां सरस्वती को पीला रंग बहुत ही प्रिय है, इसलिए उन्हें बसंत पंचमी पर पीले रंग के पुष्प, पीले वस्त्र, हल्दी, पीली मिठाई, पीले फल अर्पित करें। ऐसा करने पर पढ़ाई में आ रही मुश्किलें समाप्त होती हैं।
  3. बसंत पंचमी के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत ही पुण्य दायक होता है! यदि ऐसा कर पाना संभव न हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
  4. बसंत पंचमी के शुभ दिन पर माता सरस्वती की पूजा के बाद शिक्षा सम्बन्धी वस्तुओं का भी पूजन करना चाहिए। ऐसा करने पर करियर में मनचाहे परिणामों के योग बनते हैं।
  5. बसंत पंचमी के दिन, शिक्षा सम्बन्धी वस्तुओं का दान करना बहुत ही शुभ होता है! 
  6. माता सरस्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को केसर का हलवा बनाकर भोग लगाएं। 

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक बसंत पंचमी का पर्व माता सरस्वती देवी की आराधना के लिए मनाया जाता है! जिसमें विद्यार्थी माता से सद्बुद्धि और ज्ञान की अर्चना करते हैं- इस विशेष दिन पर कुछ कार्यों का करना निषेध मन जाता है आइए जाने, क्या कार्य नहीं करना चाहिए..  

  1. बसंत पंचमी के शुभ दिन माता सरस्वती देवी जो श्वेत वर्ण धारण किए किए हुए हैं, इसलिए इस दिन काले रंग के वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए। 
  2. इस शुभ दिन पर प्रकृति की हरियाली को बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
  3. बसंत पंचमी के दिन पर बिना स्नान के पूजा-पाठ या जप-तप न करें।
  4. इस दिन भूलकर भी तामसिक भोजन या अन्य अपवित्र पदार्थों का सेवन न करें।
  5. बसत पंचमी के दिन अपने गुरुजनों या अपने से बढ़े लोगो का अपमान भूलकर भी न करें!

Q.  साल 2025 में, बसंत पंचमी कब मनाई जाएगी?

An. इस साल यानी 2025 में, बसंत पंचमी का पर्व 2 फरवरी को मनाया जाएगा! यह दिन माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आता है! यह तिथि 2 फरवरी को सुबह 9:14 बजे शुरू होगी और 3 फरवरी को सुबह 6:52 बजे समाप्त होगी! 

Q. बसंत पंचमी के दिन कौन से रन के वस्त्र पहनना शुभ होता है?

An. बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है! इस दिन काले रंग के वस्त्र नहीं पहनना चाहिए!

Q. बसंत पंचमी के दिन किन वस्तुओं का दान करना चाहिए?

An. बसंत पंचमी के शुभ दिन पर माता सरस्वती की पूजा के बाद शिक्षा सम्बन्धी वस्तुओं का भी पूजन करना चाहिए। इस दिन, शिक्षा सम्बन्धी वस्तुओं का दान करना बहुत ही शुभ होता है!

 ऐसा करने पर करियर में मनचाहे परिणामों के योग बनते हैं।

Q. साल 2025 में, बसंत पंचमी का दिन क्यों विशेष है?

An. साल 2025 में इसी दिन से ही महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान (शाही स्नान) भी किया जाएगा। अतः इस वर्ष बसंत पंचमी का दिन और भी अधिक पवित्र और शुभ फलदायक माना जा रहा है। महाकुंभ का पर्व 144 साल में एक बार आता है, इसलिए ऐसा शुभ संयोग अब अगले 144 साल बाद ही बनेगा।

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