महत्व
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जिस तरह से वास्तु शास्त्र के नियमों के द्वारा बनाया गया घर, जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आता है, उसी प्रकार वास्तु से संबंधित उत्पाद भी जातक के जीवन में खुशहाली और सौभाग्य लाने का काम करता है। वास्तु शास्त्र प्राकृतिक तत्वों जैसे- पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल और वायु को एक स्थान पर संतुलित करने की तकनीक को कहा जाता है, जिसका विस्तृत वर्णन ज्योतिष शास्त्र देखने को मिलता है। और वास्तु शास्त्र, हमे इन तत्वों पर विश्वास बनाए रखने में सहायता करता है। इसके साथ ही, वास्तु शास्त्र के पीछे एक मुख्य कारण विज्ञान भी है। अतः दिशाओं के आधार भी वास्तु को सौभाग्य के लिए उत्तरदायी समझा जाता है। जीवन में सफलता के लिए वास्तु शास्त्र के नियम बहुत महत्वपूर्ण है। आज के इस ‘मंगल भवन’ के लेख में हम वास्तु शास्त्र के मुताबिक सौभाग्य को कैसे बढ़ाया जा सकता है, इस बारें में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे-
ज्योतिष में- वास्तु शास्त्र के नियम
वास्तु शास्त्र में, गोमती चक्र के पेड़, लाफिंग बुद्धा, विंड चाइम्स आदि जैसी वास्तु संबंधित चीजों का घर और जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं इन सभी वस्तुओं के प्रयोग से जातक के जीवन से वास्तु दोष को दूर होता है और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके साथ ही, वास्तु शास्त्र में दिशाओं के आधार पर भी घर में वस्तुओं को रखने के नियम बताए गए हैं जो जीवन में खुशहाली लाते हैं, इन नियमों का पालन कर जातक अपने व्यावसायिक स्थान पर भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकता है। तो आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण नियम-
वास्तु शास्त्र- भाग्य को आकर्षित करने हेतु उपाय
- मोर पंख / Peacock Feathers
हिंदू मान्यताओं में, मोर पंख को बहुत शुभ माना जाता है। मोर पंख का उपयोग घर की नकारात्मक को दूर करने के लिए किया जाता है! साथ ही, मन में सकारात्मकता विचारों के लिए भी मोर पंख शुभ होते हैं। मुख्य रूप से यह सद्भाव और अच्छे भाग्य को आकर्षित करता है। ज्योतिष में, मोर पंख को, कल्याण, उत्सव और रंगों का प्रतीक माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, एक मोर पंख जीवन में सकारात्मकता और सौभाग्य को आकर्षित करता है।
घर में वास्तु के अनुसार मोर पंख को रखने के नियम कुछ इस प्रकार है-
घर में अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए पूर्व-उत्तर दिशा में एक मोर पंख में रखना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, घर में मोर पंख को अपने कमरे की दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। जीवन में सकारात्मकता और शुभता के लिए मोर पंख दक्षिण-पूर्व दिशा में भी रखना शुभ होता है। इसके अलावा, नकारात्मक ऊर्जा और दुर्भाग्य से बचने के लिए घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में मोर पंख लगाना अच्छा होता है।
इसके साथ ही, घर में धन-संपत्ति और भाग्य में वृद्धि के लिए अलमारी में मोर पंख रखना शुभ होता है, क्योंकि यह जीवन में चल रहे प्रयासों और कार्यों में सफलता दिलाता है।
विंड चाइम्स/Wind Chimes
वास्तु शास्त्र के अनुसार, विंड चाइम्स घर की खूबसूरती बढ़ाने के साथ-साथ सकारात्मक और खुशनुमा वातावरण के लिए भी बहुत प्रभावशाली है। इसे घर में लगाने से, जीवन में शांति और सौभाग्य भी लाता है। विंड चाइम्स की मधुर ध्वनि का उपयोग अक्सर, मस्तिष्क को शांत रखने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार दुर्भाग्य की समस्या से निजात के लिए मेटल धातु की विंड चाइम्स सबसे अच्छी मानी जाती है। साथ ही, लकड़ी का विंड चाइम्स भी उपयोग के लिए शुभ होता हैं।
घर में वास्तु के अनुसार विंड चाइम्स लगाने का सबसे अच्छा स्थान
- वास्तु शास्त्र के अनुसार मेटल धातु का विंड चाइम्स उत्तर, पश्चिम या उत्तर-पश्चिम कोण में टांगना चाहिए। इससे न केवल बच्चों के भाग्य में वृद्धि आएगी, बल्कि यह परिवार के लोगों के लिए भी अच्छा होता है। क्योंकि, उत्तर दिशा में विंड चाइम्स को लगाने से नौकरी आयर व्यवसाय जीवन पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और सफलता के लिए नए अवसर मिलते हैं।
- साथ ही, लकड़ी के विंड चाइम्स के लिए दक्षिण, पूर्व सही दिशा मानी जाती है। यह जातक के जीवन में प्रसिद्धि और आर्थिक रूप से स्थिरता को आकर्षित करती है।
- इसके अलावा, विंड चाइम्स को कभी भी दरवाजे पर नहीं लटकाना चाहिए। और मेटल विंड चाइम्स को पेड़ पर नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि, प्रवेश द्वार पर यह लगाने से सकारात्मक ऊर्जा को घर में आने से बाधित होती है।
- साथ ही, यदि रसोई में विंड चाइम्स को लगाते हैं तो, ऐसा करने से खाना बनाने की कला विकसित होती है और आप में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- इसके अलावा, सीढ़ियों के अंत में पांच, छह, या आठ-रॉड वाली विंड चाइम लगाने से जीवन से धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- फिश एक्वेरियम/Aquarium
वास्तु शास्त्र के अनुसार, व्यावसायिक स्थान या घर में फिश एक्वेरियम को रखना वास्तु दोष को दूर करने का एक सर्वोत्तम उपाय माना जाता है। साथ ही, जो जातक मानसिक तनाव, रक्तचाप की समस्याओं से परेशान रहते हैं, उनके लिए घर में फिश एक्वेरियम रखना अच्छा उपाय है। साथ ही, यह प्रेम जीवन में भी सकारात्मक परिणाम लाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, फिश एक्वेरियम को love life के लिए एक सर्वश्रेष्ठ वस्तु भी माना गया है। यदि रसोई में एक्वेरियम को रखा जाए तो, यह परिवारजनों के लिए अच्छा नहीं होता और उनके बीच मतभेद बढ़ते हैं। घर में फिश एक्वेरियम धन और सकारात्मकता को आकर्षित करता है। ज्योतिष की दृष्टि में, वास्तु शास्त्र के अनुसार एक्वेरियम रखने के लिए सबसे सही दिशा उत्तर -पूर्व है। यदि, कोई जातक अपने वैवाहिक जीवन में, चमत्कारी परिवर्तन देखना चाहते हैं तो वें घर के मुख्य द्वार के बाईं ओर एक्वेरियम को रखें। साथ ही, घर में लिविंग रूम में फिश एक्वेरियम रखने की सबसे उत्तम जगह है। लेकिन, एक्वेरियम को हमेशा खुली जगह में रखना शुभ होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, फिश एक्वेरियम के साइज के अनुसार 3 या 9 मछलियां रखना शुभ होता है।
- गोमती चक्र/Gomti Chakra
ज्योतिष में, गोमती चक्र का भी विशेष महत्व होता है, यह एक शैल-पत्थर है, जिसे भाग्य को आकर्षित करने के लिए एक बहुत शुभ और वास्तु शास्त्र के अनुसार, अच्छा माना जाता है। क्योंकि इससे जातक के जीवन में उत्कृष्टता का वास होता है। साथ ही, गोमती चक्र को जातक की वृद्धि और सफलता के लिए सबसे अधिक प्राचीन चिन्ह के रूप में भी जाना जाता है, जो आमतौर पर आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों में उपयोग किया जाता है। कुंडली से वास्तु दोष को दूर करने के लिए कई जातक अपने घर की नींव में गोमती चक्र को दबा देते हैं।
वास्तु के अनुसार-गोमती चक्र के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, अपने भवन की नींव में 11 गोमती चक्र को रखना बहुत शुभ होता है। ज्योतिष उन्हें, घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में दबाने की सलाह देते हैं जो कि, बहुत शुभ होता है। इससे, घर में रहने वाले लोगों का भविष्य सकारात्मक ऊर्जा से भरा रहता है और भाग्य उज्जवल होता है।
- नौकरी और व्यवसाय सम्बन्धी परेशानियों से निपटने के लिए अपनी जेब में 11 गोमती चक्र रखने चाहिए। इससे जातक को नौकरी के नए अवसर प्राप्त होंगे और उस क्षेत्र में सफलता भी मिलेगी।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, गोमती चक्र को धारण करने से जातक का मनोबल मजबूत होता है और साथ ही, यह आत्मविश्वास में वृद्धि के लिए एक प्रभावी उपाय है।
- कल्पवृक्ष / Kalpavṛkṣa
मान्यताओं के अनुसार, कल्पवृक्ष की उत्पत्ति समुद्र मंथन से सम्बन्धित है! इसलिए ज्योतिष शास्त्र में इसे शुभ माना जाता है। साथ ही, जड़ रखने वाले कल्पवृक्ष में दैवीय शक्ति का वास होता है और यह शांति के साथ सकारात्मकता ऊर्जा के लिए जाना जाता है। व्यावसायिक गतिविधियों में अच्छे परिणाम के लिए, कल्पवृक्ष को अपने घर या दफ्तर में रखना शुभ होता है, जिससे व्यवसाय में, फलदायी और भाग्यशाली परिणाम प्राप्त होते हैं।
ज्योतिष में, समृद्धि और सम्पन्नता के लिए पीतल से बना कल्पवृक्ष की स्थापना करना शुभ होता है। जो की, समृद्धि के साथ-साथ जातक की इच्छाओं को प्रकट करने में भाग्य का भी साथ देने में भी सहायक होता है।
वास्तु के अनुसार कल्पवृक्ष के लिए सबसे अच्छा स्थान, उत्तर पूर्व दिशा है। साथ ही, घर के बैठक कक्ष, भोजन कक्ष, ड्राइंग रूम, होटल, अस्पताल, अन्य व्यावसायिक स्थान, कार्यालय और पूजा कक्ष में भी रखना शुभ होता है।
इसके साथ ही, कल्पवृक्ष के पत्ते हरे रंग के अंडाकार, जो कि ऊपर की ओर प्वाइंट वाले होना चाहिए। इस तरह का कल्पवृक्ष को घर में रखने से जीवन में भाग्य और सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
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FAQs
Q. वास्तु शास्त्र के अनुसार, सौभाग्य के लिए क्या करना चाहिए?
An. वास्तु शास्त्र प्राकृतिक तत्वों जैसे- पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल और वायु को एक स्थान पर संतुलित करने की तकनीक को कहा जाता है, जिसका विस्तृत वर्णन ज्योतिष शास्त्र देखने को मिलता है। और वास्तु शास्त्र, हमे इन तत्वों पर विश्वास बनाए रखने में सहायता करता है। इसके साथ ही, वास्तु शास्त्र के पीछे एक मुख्य कारण विज्ञान भी है। अतः दिशाओं के आधार भी वास्तु को सौभाग्य के लिए उत्तरदायी समझा जाता है।
Q. क्या, मोर पंख घर में रखना शुभ होता है?
An. हां, हिंदू मान्यताओं में, मोर पंख को बहुत शुभ माना जाता है। मोर पंख का उपयोग घर की नकारात्मक को दूर करने के लिए किया जाता है! साथ ही, मन में सकारात्मकता विचारों के लिए भी मोर पंख शुभ होते हैं। मुख्य रूप से यह सद्भाव और अच्छे भाग्य को आकर्षित करता है।
Q. घर में फिश एक्वेरियम के लिए कौन सा स्थान शुभ है?
An. यदि, कोई जातक अपने वैवाहिक जीवन में, चमत्कारी परिवर्तन देखना चाहते हैं तो वें घर के मुख्य द्वार के बाईं ओर एक्वेरियम को रखें। साथ ही, घर में लिविंग रूम में फिश एक्वेरियम रखने की सबसे उत्तम जगह है। लेकिन, एक्वेरियम को हमेशा खुली जगह में रखना शुभ होता है।
Q. घर में कल्पवृक्ष रखने का क्या प्रभाव होता है?
An. कल्पवृक्ष की उत्पत्ति समुद्र मंथन से सम्बन्धित है! इसलिए ज्योतिष शास्त्र में इसे शुभ माना जाता है। साथ ही, जड़ रखने वाले कल्पवृक्ष में दैवीय शक्ति का वास होता है और यह शांति के साथ सकारात्मकता ऊर्जा के लिए जाना जाता है। व्यावसायिक गतिविधियों में अच्छे परिणाम के लिए, कल्पवृक्ष को अपने घर या दफ्तर में रखना शुभ होता है।